राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता 2022 -23 Rashtriya Ekta Diwas Poem in Hindi – National Unity Day Poem

राष्ट्रीय एकता दिवस पर कविता

राष्ट्रीय एकता दिवस 2022: भारत में राष्ट्रीय एकता दिवस भारत के स्वतंत्रता सेनानी सरदार वल्ल्भ भाई पटेल के जन्मदिन के उपलक्ष में मनाया जाता है | सरदार वल्लभ भाई पटेल ने देश के लिए कई योगदान दिए हैं | सरदार पटेल द्वारा ही 562 रियासतों का एकीकरण विश्व इतिहास का एक आश्चर्य था क्योंकि भारत की यह रक्तहीन क्रांति थी। इसी एकीकरण के लिए उन्हें लोह पुरुष की उपाधि मिली थी | राष्ट्रीय एकता दिवस की शुरुआत केंद्र सरकार द्वारा 2014 में दिल्ली में की गयी थी, जिसका उद्घाटन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा किया गया | यह आप अपने स्कूल में राष्ट्रीय एकता दिवस के लिए प्रतियोगिता, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये कविता खासकर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

राष्ट्रीय एकता दिवस कविता

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इस राष्ट्र की एकता को हमेशा बनाए रखें
दिल में इस जज्बे को हमेशा जगाए रखें
एकता के परिवेश में, जब वह रूप हमने पाया
अपना भारत देश ही, सोने की चिड़िया कहलाया
भारत माता के सपूतों क्यों
एक दूसरे पर वार करते हो
क्यों देश की अखंडता को, तार तार करते हो
राष्ट्र के महापुरुषों ने, एकता का प्रचार किया था
सांप्रदायिक विचार का, बहिष्कार किया था
सब में प्रेम बांटना ही, अपनी पहचान होनी चाहिए
इसी धारणा की सभी के मन में
ऊंची आवाज होनी चाहिए
ईश्वर के बच्चों में भेद मत होने दीजिए
हर मजहब एक दिखें, सीख सब को दीजिए

Hindi Poem on Rashtriya Ekta

राष्ट्रीय एकता है ऐसी भावना
जो लोगों में पैदा करती है सदभावना

हमारा भारत देश है राष्ट्रीय एकता की
जीती जागती मिशाल

मेरा भारत है धर्मों का देश
फिर भी पिरोया हुआ राष्ट्रीय एकता
के सूत्र में यह देश

Hindi Poem on Rashtriya Ekta

मेरे देश भारत की शक्ति है
इसकी राष्ट्रीय एकता की पहचान

जब भी मेरे देश की एकता है टूटी
तभी वहां के लोगों की किस्मत है फूटी

अखंडता और शांति को बनाये रखना है जरूरी है
इसीलिए देश के लोगो में राष्ट्रीय एकता है बहुत जरूरी

आईये सभी मिलकर एकता के सूत्र में बंध जाएं
गीले सिक्वे भुलाकर एक दूसरे के गले लग जाएं

Rashtriya Ekta Poem in Hindi

देखता हूं जब भी कभी में इन खिलती हुई बहारों को
याद आ जाते हैं वो सपने में स्वर्ग के सभी नज़ारे

मेरा देश है बड़ा विशाल इसमें तो हैं सभी ही सितारे
हैं कहीं विशाल पर्वत तो कहीं हैं नदियां नालें

यहां वसतें हैं ऐसे जवान गाती है दुनिया जिनके गुणगान
है नहीं किसी की हिम्मत जो कर सकें उनका अपमान

यहां है भाषा अलग अलग और पहनावा है अलग अलग
फिर भी अपने देश के प्रति उठती है उनमें उमंग

कितना विशाल है मेरा देश यह देखकर होता है मुझे मान
मेरी सदा यही है कामना वसदा रहे मेरा देश भारत महान

Rashtriya Ekta Diwas Poem in Hindi

राष्ट्र की एकता ही हैं उसका आधार
न थोपों उस पर सांप्रदायिक विचार
क्यूँ करते हो भेद ईश्वर के बन्दों में
हर मज़हब सिखाता हैं प्रेम बाँटो सब में
क्यूँ करते हो वैचारिक लड़ाई
बनता हैं यह भारत माँ के लिए दुखदाई
एक भूमि का टुकड़ा नहीं हैं मेरा देश
मेरी माँ का हैं यह सुंदर परिवेश
इसके उद्धार में ही हैं अलौकिक प्रकाश
सबके साथ में ही हैं सबका विकास
एकता ही हैं अंत दुखों का
एकता में ही हैं कल्याण अपनों का

National unity day poem

देखता हूं जब भी कभी में इन खिलती हुई बहारों को
याद आ जाते हैं वो सपने में स्वर्ग के सभी नज़ारे
मेरा देश है बड़ा विशाल इसमें तो हैं सभी ही सितारे
हैं कहीं विशाल पर्वत तो कहीं हैं नदियां नालें
यहां वसतें हैं ऐसे जवान गाती है दुनिया जिनके गुणगान
है नहीं किसी की हिम्मत जो कर सकें उनका अपमान
यहां है भाषा अलग अलग और पहनावा है अलग अलग
फिर भी अपने देश के प्रति उठती है उनमें उमंग
कितना विशाल है मेरा देश यह देखकर होता है मुझे मान
मेरी सदा यही है कामना वसदा रहे मेरा देश भारत महान

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