Ujjwala Yojana in Hindi Essay – प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना पर निबंध – PMUY Nibandh Pdf Download

Ujjwala Yojana in Hindi Essay

प्रधानमंत्री उज्वला योजना भारत सरकार द्वारा लॉन्च की गई एक लाभदायक योजना है जो की भारत के गरीब वर्ग के लोगो को मुफ्त में एलपीजी गैस के कनेक्शन की सुविधा प्रदान करेगी| उज्‍ज्‍वला योजना श्री नरेंद्र मोदी सरकार की महिला सशक्‍तिकरण की दिशा में एक महत्‍वकांक्षी समाज कल्‍याण की योजना है। इस योजना की शुरुवात 1 मई 2015 में अंतरास्ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर की गई थी| इस योजना के अंतर्गत सभी गरीब वर्ग के परवार को एलपीजी के कनेक्शन से जोड़ना है| आज के इस पोस्ट में हम आपको उज्ज्वला योजना एस्से इन हिंदी, pradhan mantri ujjwala yojana in hindi essay आदि की जानकारी देंगे| ये निबंध खासकर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

उज्ज्वला योजना पर निबंध

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प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना नरेंद्र मोदी जी की भारत सरकार द्वारा शुरू की गयी एक बहुत ही महत्त्वाकांक्षी योजना है। उज्ज्वला योजना के अंतर्गत भारत सरकार एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराएगी। एलपीजी कनेक्शन केवल गरीबी रेखा से नीचे के परिवारों से सम्बंधित महिलाओं को दिया जाएगा।

योजना के अंतर्गत भारत सरकार अगले 3 साल में 5 करोड़ BPL परिवारों को मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराएगी। वर्तमान वित्तीय वर्ष (2016-17) में 1.5 करोड़ BPL (गरीबी रेखा से नीचे) परिवारों को एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है।

प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना का उद्देशय
उज्ज्वला योजना का मुख्य उद्देश्य पूरे भारत में स्वच्छ ईंधन के उपयोग को बढ़ावा देना है जो कि मुफ्त में एलपीजी कनेक्शन वितरित करके पूरा किया जा सकता है। योजना के लागू करने का एक उद्देशय यह भी है कि इससे महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा मिलेगा और महिलाओं के स्वास्थ्य कि भी सुरक्षा कि जा सकती है।

वर्तमान में उपयोग में आने वाले अशुद्ध जीवाश्म ईंधन के उपयोग को कम करना और शुद्ध ईंधन के उपयोग को बढाकर प्रदुषण में कमी लाना भी योजना के प्रमुख लक्ष्यों में से एक है।

जो बीमारियाँ खाना बनाने के लिए उपयोग में आने वाले अशुद्ध जीवाश्म ईंधन के जलने से होती हैं, उज्ज्वला योजना के लागू होने के बाद उनमें भी कमी आने की सम्भावना है। इस प्रकार यह योजना महिलाओं और बच्चों को स्वस्थ रखने में भी सहायक सिद्ध होगी।

प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना के लिए कैसे आवेदन करें
योजना के लिए आवेदन करना बहुत ही आसान है। जो भी इच्छुक उम्मीदवार योजना का लाभ उठाना चाहते हैं उन्हें योजना का आवेदन पत्र भरकर अपने नजदीकी LPG वितरण केंद्र में जमा कराना है।

उज्ज्वला योजना का आवेदन पत्र LPG वितरण केंद्र से मुफ्त में प्राप्त किया जा सकता है अथवा ऑनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है। 2 पन्ने के आवेदन पत्र में मांगी गयी सभी जानकारी जैसे कि नाम, पता, आधार कार्ड नंबर, जन धन / बैंक खाता संख्या इत्यादि भरना आवश्यक है।

आवेदन पत्र के अंदर ही आवेदक यह चयन कर सकता ही कि उसे 14.2 किलो वाला गैस सिलिंडर चाहिए या फिर 5 किलो वाला।

प्रधान मंत्री उज्ज्वला योजना के लिए आवेदन पत्र
उज्ज्वला योजना के लिए आवेदन करने के लिए निर्धारित आवेदन पत्र अपने नजदीकी एलपीजी वितरण केंद्र से मुफ्त में प्राप्त किया जा सकता है। आवेदन पत्र ऑनलाइन भी डाउनलोड किया जा सकता है उसके बाद प्रिंट लेकर भरा जा सकता है।

योजना के लिए आवश्यक दस्तावेजों की सूची
योजना के लिए आवश्यक दस्तावेजों की प्रतिलिपि आवेदन पत्र के साथ ही जमा करानी होगी। जरूरी दस्तावेजों की सूची इस प्रकार है।

पंचायत अधिकारी या नगर पालिका अध्यक्ष द्वारा अधिकृत BPL प्रमाणपत्र
BPL राशन कार्ड
एक फोटो ID जैसे की आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र
एक पासपोर्ट साइज फोटो
ड्राइविंग लाइसेंस
लीज करार
टेलीफोन, बिजली या पानी का बिल
पासपोर्ट की प्रति
राजपत्रित अधिकारी द्वारा सत्यापित स्व-घोषणा पत्र
राशन कार्ड
फ्लैट आवंटन / कब्ज़ा पत्र
आवास पंजीकरण दस्तावेज
LIC पालिसी
बैंक / क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट
उपर दिए गए सभी दस्तावेजों को आवेदन पत्र के साथ संलग्न करने की जरूरत नहीं है। इस बारे में सटीक जानकारी के लिए अपने नजदीकी LPG वितरण केंद्र से ही संपर्क करें।

Ujjwala Yojana Essay in Hindi

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Pradhan Mantri Ujjwala Yojana Essay in Hindi

प्रधानमंंत्री उज्‍ज्‍वला योजना श्री नरेंद्र मोदी सरकार की महिला सशक्‍तिकरण की दिशा में एक महत्‍वकांक्षी समाज कल्‍याण की योजना है।जिसकी शुरूआत 1मई, 2016 को अंतर्राष्‍ट्रीय श्रमिक दिवस के अवसर पर उत्‍तरप्रदेश के बलिया जिले से बीपीएल परिवारों की10 महिलाओं को निशुल्‍क एलपीजी कनेक्‍शन प्रदान कर की गई। प्रधानमंत्री उज्‍ज्‍वला योजना का उद्देश्‍य देश के सभी बीपीएल परिवारों को रसोई गैस कनेक्‍शन उपलब्‍ध कराना है।

योजना का मुख्‍य कार्य ग्रामीण्‍ा भारत मेें खाना पकाने के लिए इस्‍तेमाल होने वाले अशुद्ध ईंधन की जगह स्‍वच्‍छ और अधिक कुशल रसोई गैस (एलपीजी) का उपयोग करना है। यह योजना देश भर में पांच करोड़ बीपीएल परिवारों की महिला सदस्‍यों को एलपीजी कनेक्‍शन उपलब्‍ध करना और योजना के पहले साल करीब 1.5 करोड़ गरीब परिवारों को उज्‍ज्‍वला योजना के तहत मुफ्त गैस कनेक्‍शन देेेेने का लक्ष्‍य निर्धारित किया गया है।

इस योजना के मुख्‍य उद्देश्‍य हैं- 1.महिलाओं को सशक्‍त बनाना और उनके स्‍वास्‍थ्‍य की रक्षा करना। 2. जीवाश्‍म ईंधन से खाना पकाने से होने वाले गंभीर स्‍वास्‍थ्‍य खतरों को कम करना। 3. अशुद्ध ईंधन के कारण भारत में होने वाली मौतों की संख्‍या को कम करना। 4. जीवाश्‍म ईंधन के धर के अंदर जलने से वायु प्रदूषण के कारण तीव्र श्‍वसन की वजह से युवा बच्‍चों की बिमारियों से रोकथाम।
इस योजना के लिए वित्‍त वर्ष 2016-2017 के लिए 2000 करोड़ रूपये आवंटित किए हैैं और सरकार चालू वित्‍त वर्ष के भीतर लगभग 1.5 करोड़ बीपीएल परिवारों को एलपीजी करनेक्‍शन वितरित करने का लक्ष्‍य रखे हुए है। इसके तहत प्रत्‍येक परिवार को लगभग 1600 रूपये की वित्‍तिय सहायता दी जाएगी और कनेक्‍शन परिवार की महिला मुखिया के नाम पर दिया जाएगा। इस योजना की टैग लाईन है-स्‍वच्‍छ ईंधन, बेहतर जीवन। इस योजना के तहत 1800 266 6696 एक टोल फ्री नंबर भी जारी किया गया है। जो योजना से संबंंधित समस्‍याओं का समाधान करने के 24 घंटे उपलब्‍ध है।
इस योजना के क्रियांवयन के लिए सरकार ने तीन वर्षों में आठ हजार करोड़ रूपये का कुल बजटीय आवंटन किया है। ‘Give-It-Up’ अभियान के माध्‍यम से एलपीजी सब्‍सीडी में बचाए पैसे का उपयोग कर इस योजना को घर-घर तक पहुँचाया जाएगा।

Pradhan Mantri Ujjwala Yojana Essay in Hindi

देश के पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस क्षेत्र के इतिहास में नरेंद्र मोदी सरकार ने अपने शासनकाल के पहले तीन वर्षों के दौरान उज्ज्वला योजना, सब्सिडी छोड़ो योजना, ऊर्जा गंगा योजना सहित कई नई पहल शुरू करने के साथ ही अंतरराष्ट्रीय तेल बाज़ार में उतार-चढ़ाव जैसी परिस्थितियों का सामना किया।

ऊर्जा सुरक्षा के उद्देश्य को पूरा करने की दिशा में निश्चित कदम उठाते हुए सरकार ने एलपीजी नेटवर्क को फैलाकर इस क्षेत्र को समृद्ध बनाने की योजना पर काम किया। ऊर्जा सुरक्षा के लिए रास्ता तैयार करने की दिशा में निम्न, मध्य और उच्च वर्गों के लिए कई पहलों की शुरुआत की गई और कई अन्य पहल अभी विचाराधीन हैं। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना (पीएमयूवाई) के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली 2 करोड़ से अधिक महिलाओं को गैस सिलेंडर वितरित किए गए। सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत अगले तीन सालों में गरीबी रेखा से नीचे रहने वाली 5 करोड़ से अधिक महिलाओं को नए एलपीजी कनेक्शन उपलब्ध कराने के लिए 8000 करोड़ रुपये को मंज़ूरी दी है।

अन्य प्रमुख योजनाओं में से एक प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना नए कनेक्शन जारी करने के मामले में वित्त वर्ष 2016-17 में निर्धारित लक्ष्य को पार गई है। बीपीएल परिवारों के लिए शुरू की गई उज्ज्वला योजना के अंतर्गत पहले ही साल में 2.20 करोड़ से ज्यादा एलपीजी कनेक्शन वितरित किए जा चुके हैं। केन्द्रीय पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) धर्मेन्द्र प्रधान के अनुसार वित्त वर्ष के लिए निर्धारित किए गए 1.5 करोड़ के लक्ष्य को पार कर लिया गया है। प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत पिछले वर्ष 1 मई को उत्तर प्रदेश के बलिया में की गई थी।

वित्त वर्ष 2016-17 में तेल विपणन कंपनियों (ओएमसी) ने 3.25 करोड़ नए एलपीजी कनेक्शन जारी किए हैं। किसी भी एक वित्त वर्ष में जारी यह सबसे अधिक एलपीजी कनेक्शन हैं। अब देशभर में कुल एलपीजी उपभोक्ताओं की संख्या 20 करोड़ के पार पहुंच गई है। यह साल 2014 में 14 करोड़ एलपीजी उपभोक्ताओं की तुलना में काफी लंबी छलांग है। एलपीजी की मांग में 10% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है। पिछले तीन वर्षों में 4600 नए एलपीजी वितरकों को जोड़ा गया है, इनमें से ज्यादातर वितरक ग्रामीण या उससे सटे हुए क्षेत्रों में जोड़ गए हैं। सरकारी आंकड़े बताते हैं कि नए उपभोक्ताओं में से 85 फीसदी से भी अधिक उपभोक्ताओं ने सिलेंडर को दोबारा भरवाने के लिए गैस एजेंसियों से संपर्क किया है। पीएमयूवाई के अंतर्गत करीब 38 फीसदी लाभार्थी अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति से हैं। ‘पहल’ नामक विश्व की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना ने बिचौलियों को खत्म कर, उपभोक्ताओं को दी जाने वाली सब्सिडी की राशि को उपभोक्ता के पंजीकृत बैंक खाते में सीधे स्थानांतरित करना सुनिश्चित किया है। योजना शुरू होने के बाद, 40,000 करोड़ रुपये से भी अधिक सब्सिडी राशि, 204 करोड़ लेनदेन के माध्यम से एलपीजी उपभोक्ताओं के बैंक खातों में सीधे हस्तांतरित की जा चुकी है। पहल योजना की सफलता का अंदाज़ा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि इस योजना को विश्व की सबसे बड़ी प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण योजना के रूप में गिनीज़ बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल किया गया है।

इस योजना के परिणामस्वरूप, पिछले दो वर्षों में 21,000 करोड़ रुपये अथवा 3.2 बिलियन अमरीकी डॉलर की अनुमानित बचत भी हुई है। देशभर में सब्सिडी छोड़ने की पहल का डंका भी खूब गूंजा। 1.05 करोड़ परिवारों ने स्वैच्छिक रूप से अपनी एलपीजी सब्सिडी को त्याग दिया, ताकि इस सब्सिडी का लाभ ज़रूरतमंद उपभोक्ताओं को मिल सके। वित्त वर्ष 2015-16 में करीब 64 लाख ऐसे नए बीपीएल परिवारों को गैस कनेक्शन जारी किए गए, जिन्होंने स्वैच्छा से सब्सिडी न लेने का निर्णय लिया। वाराणसी के निवासियों को आगामी दो वर्षों में पाइप लाइन के जरिए रसोई गैस मुहैया कराने के उद्देश्य से सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी “गंगा ऊर्जा” योजना की शुरुआत की गई। यह योजना वाराणसी के बाद, झारखंड, बिहार, ओडिशा और पश्चिम बंगाल के लोगों की ज़रूरतों को भी पूरा करेगी। यह योजना पांच राज्यों के 40 ज़िलों और 26 गांवों की ऊर्जा ज़रूरतों को पूरा करेगी। यह योजना तीन बड़े उर्वरक संयंत्रों के पुनरुत्थान के लिए मार्ग प्रशस्त करेगी। यह 20 से अधिक शहरों में औद्योगिकीकरण को बढ़ावा देगी और 7 शहरों में गैस नेटवर्क का विकास करने में मदद करेगी, जिसके परिणामस्वरूप, बड़ी संख्या में नौकरियों की संभावना बढ़ेगी। पिछले कुछ सालों के दौरान देश में रिफाइनिंग क्षमता में काफी अधिक वृद्धि हुई है। पारादीप रिफाइनरी के चालू से वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान रिफाइनिंग क्षमता में 15 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) की क्षमता का विस्तार हुआ है। इस वृद्धि के साथ, अब रिफाइनिंग क्षमता 230.066 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष पर पहुंच गई है। सरकार ने घरेलू स्तर पर मांग को पूरा करने के लिए देश में तेल और गैस का उत्पादन बढ़ाने के लिए कई नीतिगत पहल और प्रशासनिक उपाय किए हैं। सरकार ने विभिन्न चरणों के अंतर्गत 01 अप्रैल 2017 से देशभर में बीएस-4 ऑटो ईंधन के कार्यान्वयन को अधिसूचित कर दिया है। यह निर्णय लिया गया है कि देश बीएस -4 से सीधे बीएस -6 ईंधन के मानकों पर पहुंचेगा और बीएस -6 मानकों को 1 अप्रैल, 2020 से लागू कर दिया जाएगा।

Ujjwala Yojana Nibandh

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना का सबसे बड़ा फायदा गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों के लिए है। अगर उनके घर में रसोई गैस (एलपीजी) का कनेक्शन नहीं है तो वह प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन ले सकते हैं। अगर प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन लेते हैं तो उन्हें सरकार की तरफ से 1600 रुपए की मदद मिलती है।

पहले गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले लोगों को भी गैस कनेक्शन लेने के लिए उतना ही खर्च करना पड़ता था जितने खर्च बाकि लोगों को करने पड़ते थे। लेकिन अब गरीबों को गैस कनेक्शन सस्ते में मिल पाएगा। असल में गैस कनेक्शन लेने में थोड़े खर्च उठाने पड़ते हैं और उस खर्च में गैस चूल्हा और सिलेंडर का दाम भी होता है। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना में मिलने वाले रकम से गरीबों को कम खर्च में ही गैस कनेक्शन मिल जाएगा।

अब देखते हैं कि उज्ज्वला योजना के अंतर्गत गैस कनेक्शन कैसे ले सकते हैं तो सबसे पहले तो परिवार गरीबी रेखा से नीचे होना चाहिए। इसके लिए पंचायत से एक सर्टिफिकेट लेना पड़ता है और परिवार के पास BPLकार्ड भी होना चाहिए और जिनके नाम पर गैस कनेक्शन लेगें, उनका बीपीएल कार्ड में नाम होना जरूरी है। BPL राशन कार्ड भी चल सकता है। इसके लिए एक फोटो ID जैसे कि आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र और एक पासपोर्ट साइज फोटो चाहिए। इन सब डाक्यूमेंट्स को लेकर गैस एजेंसी के पास जाना चाहिए और वह आपको एक एप्लीकेशन फॉर्म देगा। फॉर्म भरने के बाद और उसे जमा करने के बाद उन्हें गैस कनेक्शन मिल जाएगा।

प्रधानमंत्री उज्जवला योजना की सबसे खास बात यह है कि यह कनेक्शन परिवार के प्रधान महिला के नाम पर ही लिया जाता है। इसलिए परिवार की जो सबसे प्रमुख महिला है उसके पास अपना बैंक अकाउंट होना चाहिए। सिलेंडर पर मिलने वाला सब्सिडी उनके बैंक खाते में जमा हो जाएगा। प्रधानमंत्री उज्जवला योजना के नियम समय के साथ बदल भी सकते हैं, इसलिए इसकी पूरी और सही जानकारी के लिए अपने नजदीकी गैस एजेंसी से संपर्क करना ना भूलें।

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