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भोले बाबा की आरती – Om Jai Shiv Omkara Aarti – Shiv Bhajan Aarti

भोलेनाथ की आरती 1

आरती शिव जी महाराज की : शिव जी उनके भक्त को भोलेनाथ , शिवशंकर , भोलेबाबा , महादेव आदि कई नामों से पुकारते है । शिव जी अपने भक्तों का सदैव ध्यान रखते हैं और उनके कष्टों को दूर करते है । जो व्यक्ति पूरी आस्था से शिव आरती भजन या shiv ki chalisa करता है उसके जीवन में कभी दुख -दर्द नहीं आते । महाशिवरात्री के पावन पर शिवभक्तों में एक अलग ही उत्साह देखने को मिलता है ।

इस दिन शिव मंदिरों में भक्तों का तांता लगा रहता है । लोग शिव जी पर जल चढ़ाने और शिवजी की आरती करने के लिए मंदिरों में बहुत भीड़ होती है । घर में भी आरती ओम जय शिव ओंकारा के द्वारा Shiv Shankar ki Aarti की आरती की जाती है ।

हम आपके लिए लाएँ है शिव आरती संग्रह जिनमे आपको जय शिव ओंकारा आरती, आरती शिव शंकर भोलेनाथ की, Shiv Aarti Marathi lyric, Shiv Ki Aarti in Gujarati जिसे आप Youtube video पर देख सकते है और Mp3 सुन सकते है ।आप शिव की poem भी पढ़ सकते हैं ।

आरती शिव शंकर की

जय शिव ओंकारा, ॐ जय शिव ओंकारा ।
ब्रह्मा, विष्णु, सदाशिव, अर्द्धांगी धारा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।
हंसासन गरूड़ासन वृषवाहन साजे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

दो भुज चार चतुर्भुज दसभुज अति सोहे ।
त्रिगुण रूप निरखते त्रिभुवन जन मोहे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

अक्षमाला वनमाला मुण्डमाला धारी ।
त्रिपुरारी कंसारी कर माला धारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

श्वेतांबर पीतांबर बाघंबर अंगे ।
सनकादिक गरुणादिक भूतादिक संगे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

कर के मध्य कमंडलु चक्र त्रिशूलधारी ।
सुखकारी दुखहारी जगपालन कारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

ब्रह्मा विष्णु सदाशिव जानत अविवेका ।
प्रणवाक्षर में शोभित ये तीनों एका ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

लक्ष्मी व सावित्री पार्वती संगा ।
पार्वती अर्द्धांगी, शिवलहरी गंगा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

पर्वत सोहैं पार्वती, शंकर कैलासा ।
भांग धतूर का भोजन, भस्मी में वासा ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

जटा में गंग बहत है, गल मुण्डन माला ।
शेष नाग लिपटावत, ओढ़त मृगछाला ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी ।
नित उठ दर्शन पावत, महिमा अति भारी ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

त्रिगुणस्वामी जी की आरति जो कोइ नर गावे ।
कहत शिवानंद स्वामी सुख संपति पावे ॥
ॐ जय शिव ओंकारा

Om Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara
Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara
Ekanan Chaturanan Panchanan Raajey
Hansanan Garurasan Vrishvaahan Saajey

Om Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara
Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara
Do Bhuj Chaar Chaturbhuj Das Bhuj Te Sohey
Teeno Roop Nirakhta Tribhuvan Jan Mohey

Om Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara
Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara
Akshmala Banmala Mundmala Dhaari
Chandan Mrigmad Sohay Bholay Shubhkari

Om Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara
Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara
Shwetambar Pitambar Baagambar Angey
Sankadik Brahmadik Bhutadik Sangey

Om Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara
Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara
Karkey Madhya Kamandal Chakra Trishul Dharta
Jagkarta Jagbharta Jagsanhaarkarta

Om Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara
Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara
Brahma Vishnu Sada Shiv Jaanat Aviveka
Pranvaakshar Madhye Ye Teeno Eka

Om Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara
Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara
Trigun Shivji Ki Aarti Jo Koi Nar Gaavey
Kahat Shivanand Swami Manvaanchit Phal Paavey

Om Jai Shiv Omkara Har Jai Shiv OmKara
Brahma Vishnu Sadashiv Ardhaangi Dhaara

Shiv Aarti MP3 Songs

शिव आरती को एमपी3 में सुनने के लिए नीचे जाएँ और डाउनलोड करे :

ऊपर दी हुई शिव शंकराची आरती को आप PDF में भी Download कर सकते है और शिवरात्रि के पावन पर्व पर Aarti Shiv Ji गाकर शिव महिमा में लीन हो सकते है । इसके अलावा कुछ शिव भजन भी है जिनके माध्यम से महाकाल की भक्ति की जाति है । अगर आपको शिवतांडव पसंद है तो वो भी सुन सकते हैं ।

भोलेनाथ की आरती 2

शिव शंकर के भक्तों को पता रहता है की शिवरात्रि किस दिन है और वो इसस दिन को बड़ी धूम धाम से मनाते हैं । Aghori इस दिन पूजा करते हैं । और लोग आपस मे एक दूसरे को wish करते हैं ।

भजन 1

जटा में सूंदर गंग विराजे गले में सर्पो की माला,
आक धतूरा खाने को और शिव ओडन को है मृग शाळा,
भोले बाबा सा नहीं कोई दयालु,
भोले बाबा सा नहीं कोई दानी,
हर हर हर महादेव हर हर हर महादेव

दक्श था जब अभिमान में आया,
शिव को यग में नहीं बुलाया उमा को देख सती होते शिव ने तीसरा नेत्र जगाया,
देवो ने तब की प्राथना शिव किरपा दृष्टि को टाला,
अर्धागनी की विरहा में भी दकश राज जीवट कर डाला,
भोले बाबा सा नहीं कोई दयालु,
भोले बाबा सा नहीं कोई दानी,
हर हर हर महादेव हर हर हर महादेव

सोने की बनवाई लंका पारवती के कहने पे,
रावण को दे डाली लंका ग्रह प्रवेश की दक्षिणा पे,
भागी रथ को गंगा देदी सब जग ने इशनान किया,
बड़े बड़े पाइयो का तुमने पल भर में कल्याण किया,
भोले बाबा सा नहीं कोई दयालु,
भोले बाबा सा नहीं कोई दानी,
हर हर हर महादेव हर हर हर महादेव

हर प्राणी मन तूने जाना हर प्राणी मन पहचाना
सच्चे मन जो शरण आया जिसने जो माँगा वो पाया ,
कर्म काण्ड जिसके हो अच्छे सब कुछ तुमने उसे दियां,
अपने तन न वस्र्ट रखा तीनो लोक में बाँट दियां,
भोले बाबा सा नहीं कोई दयालु,
भोले बाबा सा नहीं कोई दानी,
हर हर हर महादेव हर हर हर महादेव

भजन 2भोलेनाथ की आरती 3

मेरा भोला है भण्डारी,करे नंदी की सवारी,
शम्भुनाथ रे, शंकर नाथ रे॥

मेरा भोला है भण्डारी, करे नंदी की सवारी
सबना दा रखवाला ओ शिवजी,
डमरूवा वाला जी, डमरूवा वाला,
ऊपर कैलाश रेहंदा भोले नाथ जी॥
शम्भो……

धर्मिया जो तारदे शिवजी,पापिया जो मारदा जी,
पापिया जो मारदा,बड़ा ही दयाल मेरा भोले अमली॥

ॐ नमः शिवाय शम्भो, ॐ नमः शिवाय॥
ॐ नमः शिवाय शम्भो, ॐ नमः शिवाय॥

धर्मियो जो तारदे शिवजी – ॐ नमः शिवाय शम्भो
महादेवा तेरा डमरू डम डम,
डम डम बजतो जाए रे,
हो….. महादेवा….॥

ॐ नमः शिवाय शंभू, ॐ नमः शिवाय॥
ॐ नमः शिवाय शंभू, ॐ नमः शिवाय॥

सर से तेरे बहती गंगा,काम मेरा हो जाता चंगा,
नाम तेरा जब लेता॥
महादेवा…. शंभो

मां पिया दे घरे ओ गोरा,
महला च रेहंदी जी,महला च रेहंदी,
विच समसाना रहंदा भोलेनाथ जी॥

काम मेरा हो जाता चंगा, नाम तेरा जब लेता
कालेया कुंडला वाला,मेरा भोले बाबा,
किधर कैलाशा तेरा डेरा ओ जी॥

सर पे तेरे ओ गंगा मैया विराजे,
मुकुट पे चंदा मामा ओ जी॥

ॐ नमः शिवाय,
ॐ नमः शिवाय शंभू, ॐ नमः शिवाय॥

सर पे तेरे ओ गंगा मैया विराजे – ॐ नमः शिवाय शम्भो
भंग जे पिन्दा ओ शिवजी,
धुनी रमांदा जी,धुनी रमांदा,
बड़ा ही तपारी मेरा भोले अमली॥

मेरा भोला है भंडारी,करता नंदी कि सवारी
भोले नाथ रे, ओ शंकर नाथ रे॥

भंग जे पिन्दा ओ शिवजी, धुनी रमांदा – शम्भुनाथ रे
गौरा भांग रगड़ के बोली,तेरे साथ है भूतो की टोली,
मेरे नाथ रे, शम्भु नाथ रें॥

ओ भोले बाबा जी,दर तेरे मैं आया जी,
झोली खाली लाया जी,खाली झोली भरदो जी॥

कालेया सर्पा वाला,मेरा भोले बाबा,
शिखरे कैलाशा विच रहंदा ओ जी॥

भोले भोले भोले भोले…..
महादेवा…. शम्भो
ॐ नमः शिवाय शम्भो, ॐ नमः शिवाय॥
ॐ नमः शिवाय शम्भो, ॐ नमः शिवाय॥

भजन 3

शिव नाम से है जगत में उजाला।
हरी भक्तो के है, मन में शिवाला॥

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,
तीनो लोक में तू ही तू।

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,तीनों लोक में तू ही तू।
श्रद्धा सुमन, मेरा मन बेलपत्री,जीवन भी अर्पण कर दूँ॥

हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ,तीनो लोक में तू ही तू।

जग का स्वामी है तू,अन्तर्यामी है तू,
मेरे जीवन की अनमिट कहानी है तू।

तेरी शक्ति अपार,तेरा पावन है द्वार,
तेरी पूजा ही मेरा जीवन आधार।

धुल तेरे चरणों की ले कर,
जीवन को साकार किया॥
हे शंभू बाबा मेरे भोलेनाथ,
तीनो लोक में तू ही तू।

मन में है कामना,कुछ मैं और जानू ना,
ज़िन्दगी भर करू तेरी आराधना।

सुख की पहचान दे,तू मुझे ज्ञान दे,
प्रेम सब से करूँ ऐसा वरदान दे।

तुने दिया बल निर्बल को,
अज्ञानी को ज्ञान दिया॥

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,
तीनो लोक में तू ही तू।
श्रद्धा सुमन, मेरा मन बेलपत्री,
जीवन भी अर्पण कर दूँ॥

हे शम्भू बाबा मेरे भोले नाथ,
तीनो लोक में तू ही तू।

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