Ravidas Jayanti quotes in Hindi- संत रविदास जी महान कवि, समाज सुधारक और ईश्वर के भक्त थे। वह अपनी महान कविताओं, शायरी और उद्धरणों के लिए जाने जाते हैं। उनका जन्म वर्ष 1450 में हुआ था।रविदास जी को एक शिक्षक के रूप में पंजाब, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश और अन्य राज्यों में सम्मानित किया जाता था| वह एक कवि-संत, समाज सुधारक और एक आध्यात्मिक व्यक्ति थे जिनके भक्ति गीतों का भक्ति आंदोलन पर काफी प्रभाव पढ़ा| यदि आप सर्वश्रेष्ठ संत रविदास के विचार, ravidas vani hindi, ravidas jayanti quotes in hindi, sant ravidas jayanti quotes, guru ravidas jayanti 2023 quotes in hindi की तलाश में हैं, हम इस लेख में उनके सर्वश्रेष्ठ उद्धरण साझा करेंगे।
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संत रविदास जी के अनमोल वचन
ब्राह्मण मत पूजिए जो होवे गुणहीन। पूजिए चरण चंडाल के जो होने गुण प्रवीन।। Click To Tweet हमें हमेशा कर्म करते रहना चाहिए और साथ साथ मिलने वाले फल की भी आशा नहीं छोड़नी चाहिए, क्योंकि कर्म हमारा धर्म है और फल हमारा सौभाग्य। Click To Tweetravidas quotes
रविदास जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच। नकर कूं नीच करि डारी है, ओछे करम की कीच।। Click To Tweet मोह-माया में फंसा जीव भटकता रहता है। इस माया को बनाने वाला ही मुक्ती दाता है। Click To Tweet मन चंगा तो कठौती में गंगा संत परंपरा के महान योगी और परम ज्ञानी संत श्री रविदास जी को कोटि कोटि नमन हैप्पी गुरु रविदास जयंती Click To Tweetguru ravidass ji quotes in punjabi
किसी का भला नहीं कर सकते तो किसी का बुरा भी मत करना, फूल जो नहीं बन सकते तुम तो कांटा बनकर भी मत रहना. हैप्पी गुरु रविदास जयंती 2023 Click To Tweetguru ravidas quotes in english
गुरु जी मैं तेरी पतंग हवा में उड़ जाऊंगी, अपने हाथों से न छोड़ना डोर वरना मैं कट जाऊंगी संत रविदास जयंती की बधाईयां Click To Tweet यह दिन है खुशियों भरा आप और आपके परिवार को, संत रविदास जयंती की बहुत-बहुत बधाईयां Click To Tweetसंत रविदास के विचार pdf
हर दिन एक नई शुरुआत है, सूर्योदय और सूर्य अस्त है। जीवन चलता रहता है। हमारे आसपास के लोग भी गायब हो जाते हैं। मौत से कोई नहीं बच सकता। गुरु रविदास जयंती की हार्दिक बधाइयाँ। Click To Tweet मोह-माया में फंसा जीव भटकता रहता है... इस माया को बनाने वाला ही मुक्ती दाता है।... आप सभी को गुरु रविदास जयंती की शुभकामनाएं। Click To Tweetravidas vani hindi
चारि बेद जाकै सुमृत सासा, भगति हेत गावै रैदासा।। Click To Tweet जा देखे घिन उपजै, नरक कुंड मेँ बास। प्रेम भगति सों ऊधरे, प्रगटत जन रविदास।। Click To Tweet जाति-जाति में जाति हैं, जो केतन के पात। रैदास मनुष ना जुड़ सके जब तक जाति न जात।। Click To Tweetसंत रविदास जी के दोहे
कह रैदास तेरी भगति दूरि है, भाग बड़े सो पावै। तजि अभिमान मेटि आपा पर, पिपिलक हवै चुनि खावै। Click To Tweet प्रभु जी तुम चंदन हम पानी तो हाय मोही मोही तो अंत कैसा तुझे सुजंता कच्छू नहीं चल मन हर छत्सल पाराहूं। !! हैप्पी गुरु रविदास जी जयंती !! Click To Tweetsant ravidas jayanti quotes
वर्णाश्रम अभिमान तजि, पद रज बंदहिजासु की। सन्देह-ग्रन्थि खण्डन-निपन, बानि विमुल रैदास की।। Click To Tweet जा देखे घिन उपजै, नरक कुंड मेँ बास। प्रेम भगति सों ऊधरे, प्रगटत जन रैदास।। Click To Tweet गुरु मिलीया रविदास जी दीनी ज्ञान की गुटकी। चोट लगी निजनाम हरी की महारे हिवरे खटकी।। Click To Tweet भला किसी का नहीं कर सकते तो बुरा किसी न मत करना फूल जो नहीं बन सकते तुम कांटे बनकर मत रहना! हैप्पी गुरु रविदास जयंती! Click To Tweetसंत रविदास जी के दोहे अर्थ सहित
रविदास’ जन्म के कारनै, होत न कोउ नीच, नर कूँ नीच करि डारि है, ओछे करम की कीच Click To Tweetअर्थ- सिर्फ जन्म लेने से कोई नीच नही बन जाता है बल्कि इन्सान के कर्म ही उसे नीच बनाते हैं।
अर्थ- जिस प्रकार केले के तने को छिला जाये तो पत्ते के नीचे पत्ता फिर पत्ते के नीचे पत्ता और अंत में कुछ नही निकलता है आैर पूरा पेड़ खत्म हो जाता है ठीक उसी प्रकार इंसान भी जातियों में बांट दिया गया है इन जातियों के विभाजन से इन्सान तो अलग अलग बंट जाता है और इन अंत में इन्सान भी खत्म हो जाते है लेकिन यह जाति खत्म नही होती है इसलिए रविदास जी कहते है जब तक ये जाति खत्म नही होंगा तब तक इन्सान एक दूसरे से जुड़ नही सकता है या एक नही हो सकता है।
कृस्न, करीम, राम, हरि, राघव, जब लग एक न पेखा वेद कतेब कुरान, पुरानन, सहज एक नहिं देखा Click To Tweetअर्थ- राम, कृष्ण, हरी, ईश्वर, करीम, राघव सब एक ही परमेश्वर के अलग अलग नाम है वेद, कुरान, पुराण आदि सभी ग्रंथो में एक ही ईश्वर का गुणगान किया गया है, और सभी ईश्वर की भक्ति के लिए सदाचार का पाठ सिखाते हैं।
हरि-सा हीरा छांड कै, करै आन की आस ते नर जमपुर जाहिंगे, सत भाषै रविदास Click To Tweetअर्थ-हीरे से बहुमूल्य हरी यानि भगवान है उसको छोड़कर अन्य चीजो की आशा करने वालों को अवश्य ही नर्क जाना पड़ता है अर्थात प्रभु की भक्ति को छोडकर इधर उधर भटकना व्यर्थ है।