नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती २०२२ – Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti in Hindi 2022

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती २०१८

Netaji Subhash Chandra Bose Jayanti in Hindi: सुभाष चंद्र बोस का जन्म 23 जनवरी 1897 को कट्टक, उड़ीसा में हुआ था| उनको सब नेताजी नाम से भी जानते थे| नेताजी को अपने समय के सबसे महान व कारगर नेता व लीडर मन जाता था जिहोने अंग्रेजो के खिलाफ हमारी आज़ादी के लिए युद्ध लड़ा था| उन्होंने जापानी समर्थन के साथ भारतीय राष्ट्रीय सेना का निर्माण किया था| आज हम उनको उनकी जयंती पर याद करते हैं व भारत माता के इस सच्चे सपूत को शत-शत नमन करते हैं|आज हम आपके सामने नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती 2022 के बारे में संक्षेप में जानकारी प्रदान करने वाले हैं| इस जयंती को Netaji Jayanti के नाम से भी जाना जाता है जिसकी जानकारी आप निचे देख सकते हैं|

Subhash Chandra Bose Jayanti Date 2022

इस साल नेताजी सुभाष चंद्र बोस जी की 125वीं जन्म वर्षगांठ हैं यानी की जयंती है| इस साल नेताजी की जयंती 23 जनवरी 2022 ( को मनाई जाएगी| नेताजी को हमारा शत-शत नमन, जय हिन्द! जय भारत! भारत माता की जय!

Subhash Chandra Bose Jayanti Date 2018

Subhas Chandra Bose Birthday – Desh Prem Divas 2022

सुभाष चंद्र बोस जन्मदिन – देश प्रेम दिवस 2022

नेताजी ने हमारे भारत देश की आज़ादी के लिए अपनी जान की बाज़ी लड़ा दी थी | वे भारत के उन शूरवीरो में से थे जिन्होंने अंग्रेज़ो को मुँह तोड़ जवाब दिया था| नेताजी सुभाष चंद्र बोस ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में एक महत्वपूर्ण ज़िम्मेदारी निभा के देश युवाओं को अत्यंत प्रेरित कर विरासत को छोड़ दिया है। भारत को पूर्ण स्वतंत्रता दिलाने के उनके समर्पण में उन्होंने राजनीति में सक्रिय भूमिका निभाई जिसके कारण आज हम आज़ादी की सांस ले रहे हैं| भारत में नेताजी की जयंती हर वर्ष 23 जनवरी को मनाई जाती है| नेताजी के जन्मदिन को parakram diwas (पराक्रम दिवस) के नाम से अब जाना जाएगा| नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर उनको शत शत नमन!

नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जीवनी

Netaji subhash chandra bose ki Jivani: सुभाष चंद्र बोस जी के जन्मदिवस को हर साल सरकारी व गैर सरकारी संगठनों में मनाया जाता है|वे स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान सबसे प्रसिद्ध भारतीय नेताओं में से एक थे जिन्होंने आज़ादी की लड़ाई में हैं भूमिका निभाई थी| इस दिन को नेताजी के देश के प्रति उनके महान बलिदान को याद रखने के लिए “देश प्रेम दिवस” के रूप में मनाया जाता है| भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी नेताजी जयंती पर नेता जी को श्रद्धांजलि समर्पित करते हैं|

“नेताजी सुभाष चन्द्र का जन्म 23 जनवरी, 1897 में कटक ( उड़ीसा ) में हुआ । वह एक मध्यम वर्गीय परिवार से सम्बन्ध रखते थे । 1920 में वह उन गिने – चुने भारतीयों में से एक थे, जिन्होंने आई.सी.एस. परीक्षा उत्तीर्ण की । 1921 में वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सदस्य बने । पुन: 1939 त्रिपुरा सेशन कांग्रेस के अध्यक्ष चुने गये ।

नेताजी सुभाष चन्द्र बोस भारतीय राष्ट्रीय संग्राम में सबसे अधिक प्रेरणा के स्रोत रहे हैं । यह वह व्यक्ति हैं जिन्होने कहा था, ” तुम मुझे खून दो मैं तुम्हें आज़ादी दूँगा।” और इस नारे के तुरन्त बाद सभी जाति और धर्मों के लोग खून बहाने के लिए आ खड़े हो गए । इतना अधिक वह लोग अपने नेता से प्रेम रखते थे और उनके मन में नेताजी के लिए श्रद्धा थी ।

उनके पिता जानकीनाथ एक प्रसिद्ध वकील थे और ऊनकी माता प्रभा देवी धार्मिक थीं। सुभाष चन्द्र बोस बचपन से ही मेधावी छात्र थे । उन्होंने कलकत्ता के प्रेसीडेंसी कॉलेज में प्रवेश लिया । कॉलेज में रहते हुए भी वह स्वतन्त्रता संग्राम में भाग लेते रहे जिसके कारण उन्हें कॉलेज से निकाल दिया ।

एक बार तो उन्होंने अपने इग्लिश अध्यापक की भारत के विरूद्ध की गयी टिप्पणी का कड़ा विरोध किया । जब उनको कॉलेज से निकाल दिया गया तब आशुतोष मुखजीं ने उनका दाखिला ‘ स्कोटिश चर्च कॉलेज ‘ में कराया । जहाँ से उन्होंने दर्शनशास्त्र में प्रथम श्रेणी में बी.ए. पास किया ।

उसके बाद वह भारतीय नागरिक सेवा की परीक्षा में बैठने के लिए लंदन गए और उस परीक्षा में चौथा स्थान प्राप्त किया । साथ ही साथ उन्होंने कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से दर्शनशास्त्र में एम.ए. किया । क्योंकि वह एक राष्ट्रवादी थे इसलिए ब्रिटिश अंग्रेजों के राज्य में काम करने से इनकार कर दिया ।

उसके तत्पश्चात् उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय संग्राम में भाग लेना प्रारम्भ कर दिया । उन्होंने महात्मा गाँधी के नेतृत्व में देशबंधु चितरंजनदास के सहायक के रूप में कई बार स्वयं को गिरफ्तार कराया । कुछ दिनों के बाद उनका स्वास्थ्य भी गिर गया । परन्तु उनकी दृढ इच्छा शक्ति में कोई अन्तर नहीं आया ।

उनके अन्दर राष्ट्रीय भावना इतनी जटिल थी कि दूसरे विश्वयुद्ध में उन्होंने भारत छोड़ने का फैसला किया । वह जर्मन चले गए और वहाँ से फिर 1943 में सिंगापुर गए जहाँ उन्होंने इण्डियन नेशनल आर्मी की कमान संभाली ।
जापान और जर्मनी की सहायता से उन्होंने अंग्रेजों के विरुद्ध लड़ने के लिए एक सेना का गठन किया जिसका नाम उन्होंने ” आजाद हिन्द फौज ” रखा । कुछ ही दिनों में उनकी सेना ने भारत के अण्डमान-निकोबार द्वीप समूह नागालैण्ड और मणिपुर में आजादी का झण्डा लहराया ।

किन्तु जर्मनी और जापान की द्वितीय विश्वयुद्ध में हार के बाद आजाद हिन्द फौज को पीछे हटना पड़ा । किन्तु उनकी बहादुरी और हिम्मत यादगार बन गयी । आज भी हम ऐसा विश्वास करते हैं कि भारत को आजादी आजाद हिन्द फौज के सिपाहियों की बलिदानों के बाद मिली है ।

ऐसा माना जाता है कि 18 अगस्त, 1945 को उनकी मृत्यु एक विमान दुर्घटना में हो गयी । लेकिन आज तक नेताजी की मौत का कोई सुबूत नहीं मिला । आज भी कुछ लोगों का विश्वास है कि वह जीवित हैं ।”

सुभाष चन्द्र बोस का व्यक्तित्व और कृतित्व – Biography of Netaji

आप चाहे तो हमारे द्वारा दी हुई नेताजी सुभाष चंद्र बोस पर कविता भी पढ़ सकते हैं|

सुभाष चंद्र बोस हमारे भारत देश के एक महान राष्ट्रवादी और प्रसिद्ध नेता थे इसलिए उनका नाम नेताजी रखा गया था| उनका जन्म 23 जनवरी 1897 को बंगाल प्रांत के कटक, उड़ीसा में हुआ था। ऐसा माना जाता है की जब वे सिर्फ 48 साल के थे, तब 18 अगस्त 1945 में उनका निधन हो गया था । उनकी मां का नाम श्रीमती प्रभाती देवी था और पिता का नाम श्री जानकीनाथ बोस था। उनके पिता एक वकील थे। वह चौदह भाई-बहनों के बीच अपने माता-पिता की नौंवी संतान थी।  भारत की स्वतन्त्रता पर नेताजी का प्रभाव अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है|

आजादी की लड़ाई के दौरान सुभाष चंद्र बोस जी ने ‘आजाद हिंद फौज’ का गठन किया और ‘भारतीय राष्ट्रीय सेना’ का नेतृत्व किया। उन्होंने महात्मा गांधी द्वारा अपनाये हुए अहिंसक दृष्टिकोण के विरोध में एक क्रांतिकारी तरीके की वकालत की थी। उनका मानना था की अहिंसक तरीके से अंग्रेज हम पर और हावी होते जाएंगे| यही मुख्या कारण तह की उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से अलग होकर अपनी पार्टी ‘ऑल इंडिया फॉरवर्ड ब्लॉक’ की स्थापना की थी। वे भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के सबसे प्रमुख नेताओं में से एक थे। उन्होंने जनता के बीच राष्ट्रीय एकता, बलिदान और सांप्रदायिक सौहार्द की भावना को फैलाने का काम किया था |

नेताजी सुभाष चंद्र बोस जयंती – Subhash Chandra bose jayanti images

निचे दी हुई जानकारी में सुभाष बाबू की इमेजेज, image, pics, wallpapers,फोटो, (photos) को save कर download भी कर सकते हैं|

Subhash Chandra bose jayanti images

साथ ही आप सुभाष चंद्र बोस के नारे – सुभाष चंद्र बोस के नारे व सुभाष चंद्र बोस पर शायरी 2022भी देख सकते हैं |

Subhash Chandra bose Jayanti in hINDI

Speech on Subhash Chandra bose Jayanti in English – Hindi

Subhash Chandra Bose was a great nationalist and famous leader of our country, hence he was named as Netaji. He was born on 23 January 1897 in Cuttack, Bengal province of Orissa. It is believed that when he was just 48, he died on 18 August 1945. His mother’s name was Mrs. Prabhati Devi and the father’s name was Mr. Jankinath Bose. His father was a lawyer. He was the ninth child of his parents among the fourteen siblings. Netaji’s influence on India’s independence is considered very important.

During the freedom struggle, Subhash Chandra Bose ji formed the ‘Azad Hind Fauj’ and led the ‘Indian National Army’. He had advocated a revolutionary approach against the nonviolent attitude adopted by Mahatma Gandhi. He believed that the British would be overwhelmed by us in a non-violent manner. The main reason for this was that he had set up his party ‘All India Forward Block’ after separating from the Indian National Congress. He was one of the most prominent leaders of the Indian independence movement. He had worked to spread the spirit of national unity, sacrifice and communal harmony among the people.

साथ ही आप नेताजी सुभाष चन्द्र बोस पर निबंधभी देख सकते हैं |

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