Hindi Poem On Nature | प्रकृति पर कविता

Prakriti Par Kavita Bachon Ke Liye

नेचर का हमारे जीवन में बहुत महत्व है नेचर की मदद से ही हम अपना जीवन व्यतीत करते है नेचर भगवान के द्वारा दिया गया वह अनोखा उपहार है | प्रकृति एक बहुत खबसूरत चीज़ है है जिसमे की कई चीज़े आती है और जो हमें भगवान के द्वारा दी गयी है | इसीलिए कई महान लोगो व कविजयो द्वारा उनके दिमाग में कुछ न कुछ प्रकार के विचार दिमाग में आते रहते है इसीलिए हम आपको उन्ही के द्वारा लिखी गयी कुछ कविताओं के बारे में बताते है जिन कविताओं के माध्यम से आप प्रकृति की खूबसूरती के बारे में जान सकते है |

प्रकृति पर हिन्दी कवितायेँ

कलयुग में अपराध का बढ़ा अब इतना प्रकोप आज फिर से काँप उठी देखो धरती माता की कोख !! समय समय पर प्रकृति देती रही कोई न कोई चोट लालच में इतना अँधा हुआ मानव को नही रहा कोई खौफ !! Share on X

Prakriti Par Kavita Bachon Ke Liye

जय भारत माँ जय गंगा माँ जय नारी माँ जय गौ माँ ।। माँ तुम्हारा ये प्यार है हम लोगो का संस्कार है ।। माँ तुम्हारा जो आशीर्वाद है हमारे दिल मे आपका वास है ।। माँ हमारे दिल की धङकन मे तुम्हारे जीवन की तस्वीर है ।। माँ हम तुम्हे अवश्य बचायेंगे माँ तुम्हारे… Share on X
ह्बायों के रुख से लगता है कि रुखसत हो जाएगी बरसात बेदर्द समां बदलेगा और आँखों से थम जाएगी बरसात . अब जब थम गयी हैं बरसात तो किसान तरसा पानी को बो वैठा हैं इसी आस मे कि अब कब आएगी बरसात . दिल की बगिया को इस मोसम से कोई नहीं रही आस आजाओ तुम इस बे रूखे… Share on X

प्रकृति प्रेम पर कविता

ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे ये हवाओ की सरसराहट ये पेड़ो पर फुदकते चिड़ियों की चहचहाहट ये समुन्दर की लहरों का शोर ये बारिश में नाचते सुंदर मोर कुछ कहना चाहती है हमसे ये प्रकृति शायद कुछ कहना चाहती है हमसे ये खुबसूरत चांदनी रात ये तारों की… Share on X
धरती माँ कर रही है पुकार । पेङ लगाओ यहाँ भरमार ।। वर्षा के होयेंगे तब अरमान । अन्न पैदा होगा भरमार ।। खूशहाली आयेगी देश में । किसान हल चलायेगा खेत में ।। वृक्ष लगाओ वृक्ष बचाओ । हरियाली लाओ देश में ।। सभी अपने-अपने दिल में सोच लो । सभी दस-दस वृक्ष खेत… Share on X
नदियों के बहाव को रोका और उन पर बाँध बना डाले जगह जगह बहती धाराएँ अब बन के रह गई हैं गंदे नाले जब धाराएँ सुकड़ गई तो उन सब की धरती कब्जा ली सीनों पर फ़िर भवन बन गए छोड़ा नहीं कुछ भी खाली अच्छी वर्षा जब भी होती हैं पानी बाँधो से छोड़ा जाता है वो ही तो फ़िर… Share on X
Hindi Poem On Nature

प्रकृति की सुन्दरता पर कविता | प्रकृति के सौंदर्य पर कविता

हे भगवान् तेरी बनाई यह धरती , कितनी ही सुन्दर नए – नए और तरह – तरह के एक नही कितने ही अनेक रंग ! कोई गुलाबी कहता , तो कोई बैंगनी , तो कोई लाल तपती गर्मी मैं हे भगवान् , तुम्हारा चन्दन जैसे व्रिक्स सीतल हवा बहाते खुशी के त्यौहार पर पूजा के वक़्त पर हे… Share on X
क्यूँ मायूस हो तुम टूटे दरख़्त क्या हुआ जो तुम्हारी टहनियों में पत्ते नहीं क्यूँ मन मलीन है तुम्हारा कि बहारों में नहीं लगते फूल तुम पर क्यूँ वर्षा ऋतु की बाट जोहते हो क्यूँ भींग जाने को वृष्टि की कामना करते हो भूलकर निज पीड़ा देखो उस शहीद को तजा जिसने… Share on X

प्रकृति पर आधारित कविता

लो आ गया फिर से हँसी मौसम बसंत का शुरुआत है बस ये निष्ठुर जाड़े के अंत का गर्मी तो अभी दूर है वर्षा ना आएगी फूलों की महक हर दिशा में फ़ैल जाएगी पेड़ों में नई पत्तियाँ इठला के फूटेंगी प्रेम की खातिर सभी सीमाएं टूटेंगी सरसों के पीले खेत ऐसे लहलहाएंगे सुख… Share on X
बाग़ में खुशबू फैल गई , बगिया सारी महक गयी, रंग-बिरंगे फूल खिले, तितलियाँ चकरा गईं, लाल ,पीले ,सफ़ेद गुलाब ,गेंदा , जूही ,खिले लाजवाब , नई पंखुरियां जाग गयी, बंद कलियाँ झांक रही . चम्पा , चमेली , सूर्यमुखी , सुखद पवन गीत सुना रही महकते फूलों की क्यारी ,… Share on X
हे ईस्वर तेरी बनाई यह धरती , कितनी ही सुन्दर नए – नए और तरह – तरह के एक नही कितने ही अनेक रंग ! कोई गुलाबी कहता , तो कोई बैंगनी , तो कोई लाल तपती गर्मी मैं हे ईस्वर , तुम्हारा चन्दन जैसे व्रिक्स सीतल हवा बहाते खुशी के त्यौहार पर पूजा के वक़्त पर हे… Share on X

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