Top 50 Mirza Ghalib Shayari – मिर्जा ग़ालिब शायरी

टॉप 50 मिर्जा गालिब शायरी

प्रसिद्ध शायर मिर्जा गालिब को देश का एक एक इंसान जनता है । कहा जाता है मिर्जा गालिब मुगल सल्तनत के आखिरी बादशाह बहुदुर शाह जाफ़र के दरबारी थे । हिन्दी , उर्दू और फारसी भाषा में उन्होंने Romantic, कविताएं About Life और शेर लिखे है । ग़ालिब के शेर जीवन हर पड़ाव के लिए सही बैठते है । उन्होंने शेरो शायरी On Friendship For Friends, On Sharab, On God को Urdu Language के साथ साथ हिन्दी और फारसी में भी लिखा है जिन्हे हम With Meaning भी देख सकते है । उनकी Famous शायरी Hazaron Khwahishen Aisi बहुत ही सुन्दर रचना है ।

आज हम आपके लिए लाए है सबसे अच्छी Ghalib Shayari Book का कलेक्शन  जिनमे आपको Shayari on Dosti, on Taj Mahal की Pic भी मिलेगी जिन्हे आप PDF में भी डाउनलोड कर सकते है । इसके साथ ही Wallpaper on Ishq शायरी के साथ देख सकते है । fgjhjhgjkfjkh

Mirza Ghalib Shayari in Hindi

#1

चंद तस्वीर-ऐ-बुताँ , चंद हसीनों के खतूत . बाद मरने के मेरे घर से यह सामान निकला Click To Tweet

#2

न था कुछ तो ख़ुदा था कुछ न होता तो ख़ुदा होता डुबोया मुझ को होने ने न होता मैं तो क्या होता Click To Tweet

#3

रगों में दौड़ते फिरने के हम नहीं क़ायल जब आँख ही से न टपका तो फिर लहू क्या है Click To Tweet

#4

हमको मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन, दिल के खुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है Click To Tweet

#5

रंज से ख़ूगर हुआ इंसाँ तो मिट जाता है रंज मुश्किलें मुझ पर पड़ीं इतनी कि आसाँ हो गईं Click To Tweet

#6

जो कुछ है महव-ए-शोख़ी-ए-अबरू-ए-यार है, आँखों को रख के ताक़ पे देखा करे कोई !! Click To Tweet

#7

फ़िक्र-ए-दुनिया में सर खपाता हूँ मैं कहाँ और ये वबाल कहाँ !! Click To Tweet

#8

क़ासिद के आते आते ख़त इक और लिख रखूँ, मैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में !! Click To Tweet

#9

इस सादगी पे कौन न मर जाए ऐ ख़ुदा लड़ते हैं और हाथ में तलवार भी नहीं Click To Tweet

#10

भीगी हुई सी रात में जब याद जल उठी, बादल सा इक निचोड़ के सिरहाने रख लिया !! Click To Tweet

Mirza Ghalib Shayari in Urdu

 #11

क़र्ज़ की पीते थे मय लेकिन समझते थे कि हां रंग लावेगी हमारी फ़ाक़ा-मस्ती एक दिन Click To Tweet

#12

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले Click To Tweet

#13

हर एक बात पे कहते हो तुम कि तू क्या है तुम्हीं कहो कि ये अंदाज़-ए-गुफ़्तगू क्या है Click To Tweet

#14

दिल ही तो है न संग-ओ-ख़िश्त दर्द से भर न आए क्यूँ रोएँगे हम हज़ार बार कोई हमें सताए क्यूँ Click To Tweet

#15

बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना आदमी को भी मयस्सर नहीं इंसाँ होना Click To Tweet

#16

हुई ताख़ीर तो कुछ बाइस-ए-ताख़ीर भी था आप आते थे मगर कोई अनागीर भी था Click To Tweet

#17

इन आबलों से पाँव के घबरा गया था मैं, जी ख़ुश हुआ है राह को पुर-ख़ार देख कर !! Click To Tweet

#18

ये फ़ित्ना आदमी की ख़ाना-वीरानी को क्या कम है हुए तुम दोस्त जिस के दुश्मन उस का आसमाँ क्यूँ हो Click To Tweet

#19

क़तरा में दजला दिखाई न दे और जुज़्व में कुल खेल लड़कों का हुआ, दीदा ए बीना न हुआ Click To Tweet

Mirza Ghalib Shayari in Hindi 2 Lines

#20

इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना Click To Tweet

#21

वो आए घर में हमारे, खुदा की क़ुदरत हैं! कभी हम उमको, कभी अपने घर को देखते हैं Click To Tweet

#22

बिजली इक कौंध गयी आँखों के आगे तो क्या, बात करते कि मैं लब तश्न-ए-तक़रीर भी था। Click To Tweet

#23

हम को मालूम है जन्नत की हक़ीक़त लेकिन दिल के ख़ुश रखने को 'ग़ालिब' ये ख़याल अच्छा है Click To Tweet

#24

मुहब्बत में उनकी अना का पास रखते हैं, हम जानकर अक्सर उन्हें नाराज़ रखते हैं !! Click To Tweet

#25

फिर देखिए अंदाज़-ए-गुल-अफ़्शानी-ए-गुफ़्तार, रख दे कोई पैमाना-ए-सहबा मिरे आगे !! Click To Tweet

#26

है एक तीर जिस में दोनों छिदे पड़े हैं वो दिन गए कि अपना दिल से जिगर जुदा था Click To Tweet

Mirza Ghalib Shayari Images

#27मिर्जा गालिब शायरी इमेज 1

हज़ारों ख़्वाहिशें ऐसी कि हर ख़्वाहिश पे दम निकले बहुत निकले मिरे अरमान लेकिन फिर भी कम निकले Click To Tweet

#28मिर्जा गालिब शायरी इमेज 2

दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है आख़िर इस दर्द की दवा क्या है हमको उनसे वफ़ा की उम्मीद है जो नहीं जानते वफ़ा क्या है ।। Click To Tweet

#29

मिर्जा गालिब शायरी इमेज 3

किसी की क्या मजाल थी हमे खरीद सकता गालिब, हम तो खुद ही बिक गए खरीददार देखकर ।। Click To Tweet

Mirza Ghalib Shayari on Love

#30

उन के देखे से जो आ जाती है मुँह पर रौनक़ वो समझते हैं कि बीमार का हाल अच्छा है Click To Tweet

#31

इश्क़ पर जोर नहीं है ये वो आतिश 'ग़ालिब', कि लगाये न लगे और बुझाये न बुझे Click To Tweet

#32

इशरत-ए-क़तरा है दरिया में फ़ना हो जाना दर्द का हद से गुज़रना है दवा हो जाना Click To Tweet

#33

तुम न आए तो क्या सहर न हुई हाँ मगर चैन से बसर न हुई मेरा नाला सुना ज़माने ने एक तुम हो जिसे ख़बर न हुई Click To Tweet

#34

ज़रा कर ज़ोर सीने में कि तीरे-पुर-सितम निकले, जो वो निकले तो दिल निकले, जो दिल निकले तो दम निकले !! Click To Tweet

#35

हो उसका ज़िक्र तो बारिश सी दिल में होती है वो याद आये तो आती है दफ’तन ख़ुशबू Click To Tweet

#36

तेरे वादे पर जिये हम तो यह जान,झूठ जाना कि ख़ुशी से मर न जाते अगर एतबार होता .. गा़लिब Click To Tweet

#37

गैर ले महफ़िल में बोसे जाम के हम रहें यूँ तश्ना-ऐ-लब पैगाम के खत लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया वरना हम भी आदमी थे काम के Click To Tweet

Mirza Ghalib Shayari in English

#38

God manifests even in emptiness and nothingness, Question of my humble existence seems meaningless. Click To Tweet

#39

Now What effect it would bring to fore? When my desires become ashes and are no more. Click To Tweet

#40

The game of power even of true & mighty Kings, Do not effect me much like miracles of holy beings. Click To Tweet

#41

Ghalib, Do not feel low if preacher calls you bad, This is the way of the world so why feel sad ? Click To Tweet

#42

The notion of death always lingered in my mind, It deterred me to push my limits for new to find. Click To Tweet

#43

Life no matter how I claim to be mine, fact remains every breath I do take is Thine, Vanity no matter how I extol of mine, fact remains my inability to repay Thine. Click To Tweet

Mirza Ghalib Shayari on Life

#44

ज़िन्दग़ी में तो सभी प्यार किया करते हैं, मैं तो मर कर भी मेरी जान तुझे चाहूँगा !! Click To Tweet

#45

हैं और भी दुनिया में सुख़न-वर बहुत अच्छे कहते हैं कि 'ग़ालिब' का है अंदाज़-ए-बयाँ और Click To Tweet

#46

ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता Click To Tweet

#47

जी ढूँडता है फिर वही फ़ुर्सत कि रात दिन, बैठे रहें तसव्वुर-ए-जानाँ किए हुए !! Click To Tweet

#48

नसीहत के कुतुब-ख़ाने* यूँ तो दुनिया में भरे हैं, ठोकरें खा के ही अक्सर बंदे को अक़्ल आई है !! Click To Tweet

#49

कुछ लम्हे हमने ख़र्च किए थे मिले नही, सारा हिसाब जोड़ के सिरहाने रख लिया !! Click To Tweet

#50

न सुनो गर बुरा कहे कोई, न कहो गर बुरा करे कोई !! रोक लो गर ग़लत चले कोई, बख़्श दो गर ख़ता करे कोई !! Click To Tweet

Mirza Ghalib Sad Shayari

#51

आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक Click To Tweet

#52

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले Click To Tweet

#53

निकलना ख़ुल्द से आदम का सुनते आए हैं लेकिन बहुत बे-आबरू हो कर तिरे कूचे से हम निकले Click To Tweet

#54

हुई मुद्दत कि 'ग़ालिब' मर गया पर याद आता है, वो हर इक बात पर कहना कि यूँ होता तो क्या होता Click To Tweet

#55

यही है आज़माना तो सताना किसको कहते हैं, अदू के हो लिए जब तुम तो मेरा इम्तहां क्यों हो Click To Tweet

#56

जला है जिस्म जहाँ दिल भी जल गया होगा कुरेदते हो जो अब राख जुस्तजू क्या है Click To Tweet

#57

ग़ालिब बुरा न मान जो वाइ’ज़ बुरा कहे ऐसा भी कोई है कि सब अच्छा कहें जिसे … Click To Tweet

#58

अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा जिस दिल पे नाज़ था मुझे वो दिल नहीं रहा Click To Tweet

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