CV Raman Information in Hindi – Life History of CV Raman – सीवी रमन की जीवनी

सी वी रमन का जीवन परिचय

भारत में अनेकों महान वैज्ञानिक का जन्म हुआ है। जिसमे से आधुनिक भारत के महान वैज्ञानिकों में से एक वैज्ञानिक चन्द्रशेखर वेंकटरमन रह चुके है। जिनका जन्म tamilnadu शहर मे हुआ था । उन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में अपना सबसे अधिक योगदान दिया है। सी वी रमन द्वारा की गयी रमन इफ़ेक्ट की खोज के कारण राष्ट्रीय विज्ञान दिवस (National Science Day) भी मनाया जाता है। आज हम इस लेख में Dr CV Raman Biography के माध्यम से C V Raman ki Khoj (Inventions of CV Raman) और Raman Effect in Hindi Language में प्रस्तुत कर रहे है।

आप Internet के जरिये Sir CV Raman Biography या Chandrasekhar Venkataraman Information in Hindi को in English और in Telugu में पढ़ सकते है। इसके साथ ही आपको इस Article और Internet पर CV Raman ka Jivan Parichay  उनके Thoughts तथा CV Raman ke Bare Mein English Mein सभी प्रकार की Information मिल जाएगी।

Facts about C.V. Raman in Hindi

CV Raman ke Baare Mein कुछ Facts इस प्रकार है:-

  • Capital of India Delhi में एक सड़क का नाम CV Raman Marg रखा गया है।
  • Dispersion of Light के कारण C V Raman का प्रयास ‘Raman Effect’ एवं ‘Raman Scattering’ तक पंहुचा था।
  • CV Raman को Year 1934 के अंतर्गत Indian Institute of Science in Bangalore में Director बनाया गया था।
  • मात्र 13 Year की आयु में ही C V Raman ने Intermediate Exam Clear कर लिया था।
  • सूरी भागवंतम एवं रमन ने Quantum photon spin को Year 1932 में Discover किया था।
  • CV Raman का यह भी मानना था कि Science के क्षेत्र में Gents की Comparison में महिलाएं अच्छा और अधिक कार्य कर सकती है।
  • वर्ष 1954 में सी.वी रमन को Bharata Ratna अवार्ड प्रदान किया गया था।
  • सी.वी. रमन के 125 वीं Birth Anniversary पर Google के द्वारा C V Raman का Doodle Ready किया गया था।
  • C V Raman एक पहले ऐसे Indian Person थे जिनको Field of Science में Nobel Award से सम्मानित किया गया था।
  • C V Raman Science में Nobel Award को हासिल करने वाले पहले Indian Person होने के साथ ही वह एक अश्वेत व्यक्ति भी थे।

सी वी रमन

प्रारंभिक जीवन | Early life of CV Ramam

भारत के एक Great Scientist C V Raman का जन्म एक सामान्य से ब्राह्मण परिवार में South India के तमिलनाडु राज्य के तिरुचिरापल्ली नामक स्थान पर 7 November 1888 सन में हुआ था। CV Ramam अपनी माता पार्वती अम्मल तथा पिता चंद्रशेखर अय्यर की दूसरी संतान थे। सी. वी . रमन के पिता चंद्रशेखर अय्यर एक A V Narasimharao नाम के College, Visakhapatnam (आधुनिक आंध्र प्रदेश) में Mathematics तथा Physics के एक Eminent Spokesperson रहे और वहीं दूसरी ओर उनके पिता चंद्रशेखर अय्यर को किताबों से अत्यंत लगाव था। CV Ramam के पिता को पढ़ना इतना ज्यादा पसंद था कि चंद्रशेखर अय्यर ने अपने घर के अन्दर ही एक Small Library का ही निर्माण कर दिया। तथा आने वाले समय में इस Small Library का फायदा आगे चलके CV Ramam को प्राप्त हुआ और इस कारण सीवी रमन अपने जीवन काल में एक अच्छे लिखायी और पढ़ाई के माहौल में पलकर बढ़े हुए। सीवी रमन ने अपनी छोटी सी उम्र में ही English Literature एवं विज्ञान की किताबों के साथ एक अच्छा सम्बन्ध बना लिया था। और फिर सीवी रमन ने इसके उपरांत Science एवं Field of Research में अनेकों Records को स्थापित किया। इसके साथ विज्ञान के क्षेत्र में भारत को एक International Level पर अच्छी पहचान प्रदान की।

शिक्षा | Education

CV Raman बहुत ही तेज बुद्धि के साथ-साथ एक काबिल व् होनहार एवं Talented Student थे तथा उनकी शुरुआत दौर से ही पढ़ाई लिखायी में अत्यंत गहरा Interest रहा। वहीं दूसरी ओर उनको कोई भी चीज या काम को समझने और सीखने की क्षमता भी बहुत तेज थी। इसी कारण वह सिर्फ 11 years की आयु में ही विशाखापत्तनम में स्थित St. Aloysius Anglo-Indian High School से अपनी 10th की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली और 13 years की Age में उन्होंने 12th की परीक्षा भी उत्तीर्ण कर ली। CV Raman Beginning से ही पढाई में बहुत अच्छे रहे, और इस वजह से उन्होंने अपनी 12th Class की पढ़ायी Scholarship के साथ पूर्ण की थी। 12th pass करने के बाद वह Year 1902 में Presidency College Madras (Chennai) में Admission ले लिया और उस College में Year 1904 में उन्होंने प्रथम श्रेणी के साथ ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की और इसके दौरान CV Raman ने 1st Time Physics में Gold Medal प्राप्त किया था। Year 1907 में Master’s Degree प्राप्त करने हेतु उन्होंने Madras University में M.Sc में Admission ले लिया। उन्होंने Physics को मुख्य Subject के रूप में चयन किया। हालांकि वह उस दौरान Class में बहुत कम ही उपस्थित हुआ करते थे क्योंकि उन्हें Theory Knowledge से अधिक Lab में नये-नये प्रयोग करना ज्यादा पसंद आता था। CV Raman ने अपनी M.Sc की पढ़ायी के चलते ही प्रकाशिकी एवं ध्वनिकी (Optics & Acoustics) की Field में अलग-अलग Researchs को करना शुरु कर दिया। और वह इस दौरान केवल 18 years की Age के थे।

डॉ सी. वी . रमन का कैरियर | Dr. CV Raman Career

CV Raman के Amazing Talent को देखते हुए उनके Master’s Degree प्राप्त करने के बाद कुछ Professors उनके पिता को Higher Studies करने के लिए सी. वी . रमन को England भेजने हेतु सलाह दी पर CV Raman का स्वास्थ्य की स्थिति ठीक न होने के कारण वह अपनी आगे की Studies के लिए विदेश तो नहीं जा पाए। किन्तु सी. वी . रमन ने British Government की तरफ से आयोजित एक परीक्षा में प्रतिभाग किया और वह उस Exam में सफल हो गए। और इस परीक्षा में सफल होने के उपरांत उन्हें Government के Financial Department में Job करने का मौका प्राप्त हुआ और फिर उन्हें एक सहायक लेखापाल के पद पर कोलकाता में अपनी First Government Job को Join किया। लेकिन सी. वी . रमन ने अपने Experiments and Research को करना बंद नहीं किया। वह Indian Association for Cultivation of Science Lab कोलकाता में अपने Research को किया करते रहते थे और नौकरी के दौरान भी उन्होंने Experiments and Research को जारी रखा।

सी वी रमन

पुरस्कार व् उपलब्धियाँ | Awards and Achievements

India में Science के क्षेत्र में Great Scientist C V Raman को उनके प्रभावशाली योगदान के कारण अनेकों Awards से नवाजा गया है और उनकी पुरस्कार व् उपलब्धियाँ निम्नलिखित है :-

  • Scientist CV Raman को London की Royal Society के सदस्य के रूप में Year 1924 के अंतर्गत चुना गया।
  • 28 February 1928 को सीवी रमन के द्वारा ‘रमन प्रभाव’ की खोज की गयी थी। इसी वजह से भारत सरकार के द्वारा इस दिन को
    ‘National Science Day’ के रूप में मनाने की घोषणा की गयी।
  • Indian Science Congress की 16 वे Session में Year 1929 में अध्यक्षता प्राप्त की।
  • सीवी रमन को Year 1957 के दौरान Lenin Shanti Award से पुरस्कृत किया गया था।
  • Year 1929 में सीवी रमन को उनके द्वारा किये गए अलग-अलग Experiments एवं खोजों Researches के कई University से Honorary Degree, With Knighthood अनेकों Medals भी प्रदान किये गये।
  • Year 1954 में CV Raman के द्वारा Field of Science में Significant Contribution के लिए उन्हें India’s Highest सम्मान (Honors) ‘भारत रत्न’ के साथ सम्मानित किया गया था।

चन्द्रशेखर वेंकटरमन जी का निजी जीवन | Personal Life of Chandrashekhar Venkatraman

विवाह से पहले लोकसुंदरी नाम की एक कन्या को CV Raman ने वीणा वधान करते हुए सुना और जिसे सुनने के उपरांत सीवी रमन उसमे मंत्रमुग्ध हो गये। इसके उपरांत CV Raman ने अपने परिवार को लोकसुंदरी के बारे में बताते हुए लोकसुंदरी से विवाह करने हेतु अपनी इच्छा जताई और कहा कि वह उस कन्या से विवाह करना चाहते है एवं परिवार के सदस्यों की रजामंदी से वह दिनांक 6 मई वर्ष 1907 में लोकसुंदरी अम्मल से विवाह के गठबंधन में बंध जाते है। तथा अपना जीवन व्यतीत करते है। शादी के बाद लोकसुंदरी अम्मल से उन्हें दो पुत्रों की प्राप्ति होती है उनके दोनों पुत्रों का नाम राधाकृष्णन और चंद्रशेखर है जिसमे से उनका एक पुत्र राधाकृष्णन आगे चलकर एक Famous Astronomer के रुप में प्रसिद्ध हुआ।

सी वी रमन विवाद | C V Raman Controversy

CV Raman के जीवन में एक विवाद का विषय यह भी बन गया। जब कृष्णन को उनके साथ में Nobel Award नहीं मिला था। जबकि कृष्णन CV Raman के बहुत ही अच्छे उनका साथ देने वाले Professional Friend (व्यावसायिक मित्र) थे। इस बात की चर्चा Raman Spectroscopy में की गयी थी और साथी ही इस विषय को Ernest Rutherford कहा गया। सी वी रमन ने अपने Royal Society के President’s House में सन 1929 के दौरान एक अभिभाषण में भी इस विषय के बारे में बोला था।

मृत्यु | Death

भारत के Great Scientist चंद्रशेखर वेंकट रामन जी ने अपनी जिंदगी का अधिकतर Time Lab में ही रहकर नई-नई खोज एवं प्रयोग करने में बिताया है वह अपनी 82 year की Age में भी अपनी लैब रमन रिसर्च इंस्टिट्यूट Bangalore में अपना काम कर रहे थे और तभी उसी समय के दौरान उन्हें अचानक से दिल का दौरा (Heart Attack) आया, जिसके कारण वह जमीन पर नीचे गिर गए और तभी उन्होंने 21 November 1970 को अपनी Life की आखिरी सांस ली और उनका निधन हो गया। भले ही भारत को Science के क्षेत्र में International Level पर एक अच्छी पहचान दिलाने वाले Great Scientist Sir Chandrashekhar Venkatraman मौजूद नहीं रहे हो पर उनके द्वारा की गयी महत्पूर्ण खोजें हमेशा हम सभी के बीच रहेंगी। लेकिन आज के समय में भी उनके द्वारा की गयी अद्भुत खोजों का Use बड़े स्तरों पर किया जाता है।

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