स्वच्छता दिवस पर भाषण 2022 -23 Rashtriya Swachhta Diwas Speech in Hindi for WhatsApp & Facebook with Images

Rashtriya Swachhta Diwas Speech in Hindi

स्वच्छता दिवस 2022: भारत एक ऐसा देश है जिसकी जनसँख्या दिन प्रतिदिन बढ़ती जा रही है| इसके कारण से भारत में दिन प्रति दिन गन्दगी एवं कूड़ा कचरे की संख्या बढ़ती जा रही है| 2014 में निखळी एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रदुषण मात्रा खतरे के निशान पर है| इसी के कारण 2014 में अपने भाषण पर प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हर वर्ष 2 अक्टूबर को स्वछता दिवस मनाने का फैसला किया| उन्होंने 2020 तक भारत को स्वच्छ बनाने का लख्श्य निर्धारित किया| इस दिन का लक्ष्य भारत को स्वच्छ बनाने के लिए लोगो में जागरूकता फैलाना है| ये निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है

स्वच्छता दिवस पर स्पीच

Swachhta Diwas Date: जो लोग यह जानना चाहते हैं की राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस कब मनाया जाता है? उनके लिए हम बताते हैं की राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस हर साल 2 अक्टूबर को मनाया जाता है| अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है राष्ट्रीय स्वछता दिवस पर निबंध लिखें| आइये अब हम आपको swachata diwas speech, Swachh Bharat Abhiyan Slogan in Hindi, swachh bharat abhiyan divas, स्वच्छता दिवस पर निबंध, Swachhta divas par speech, स्वच्छ भारत अभियान पर भाषण आदि की जानकारी किसी भी भाषा जैसे Hindi, हिंदी फॉण्ट, मराठी, गुजराती, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017,2018,2019,2020,2021 का full collection whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं

आदरणीय प्राचार्य महोदय, अध्यापक एंव अध्यापिकाएं और मेरे प्यारे साथियों, आप सभी को नमस्कार। मैं कक्षा…….में पढ़ने वाला/वाली विद्यार्थी हूँ जो इस अवसर पर स्वच्छता पर भाषण देना चाहता/चाहती हूँ। स्वच्छता एक बहुत ही अच्छी आदत है, यह हमें शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और बौद्धिक रुप से खुश रखती है। यह बिल्कुल सत्य तथ्य है कि स्वच्छता घर से शुरु होती है। स्वच्छता एक बहुत अच्छे प्रबंध का प्रतीक है, चाहे वो घर, कार्यस्थल, स्कूल, कॉलेज, सरकारी या निजी भवन, होटल, रेस्टोरेंट, हवाई अड्डा, रेलवे स्टेशन आदि क्यों न हो। स्वच्छता का स्तर बहुत ऊंचा होना चाहिए, जो केवल तभी संभव है, यदि सभी मिलकर प्रयास करें। यह केवल एक व्यक्ति का कार्य नहीं है। इसके लिए निरंतर समर्थन और सभी व्यक्तियों के बीच उचित समझदारी की आवश्यकता है।

स्वच्छता अपनी ओर सकारात्मक ऊर्जा को आकृषित करती है और यह प्रत्येक को प्रभावित कर सकती है। विकसित देशों में अच्छे नागरिकों, कड़े सरकारी नियमों, उच्च शिक्षा स्तर और लोगों के बीच में पर्याप्त समझ होने के कारण सफाई का स्तर सामान्य तौर पर बहुत ऊंचा होता है। एक अच्छी आदतों वाला व्यक्ति घर के वातावरण को बदल सकता है हालांकि, अच्छे नागरिकों वाला देश अपने भविष्य के साथ-साथ पूरे ग्रह के वातावरण को बदल सकता है। पूरे संसार में अपनी वास्तविक क्षमता दिखाने के लिए, हमें पूरे देशभर में स्वच्छता को बनाये रखना चाहिए। यह ही केवल वो शक्ति है, जिसके द्वारा सम्मान प्राप्त किया जा सकता है क्योंकि एक बड़ा भू-भाग, शक्ति, और समृद्ध प्राकृतिक संसाधन सफाई के अभाव में बिल्कुल भी मायने नहीं रखता।

किसी भी देश में स्वच्छता को बनाये रखना, शिक्षा के स्तर, गरीबी, देश की जनसंख्या आदि पर निर्भर करता है। सबसे महत्वपूर्ण कारक शिक्षा है क्योंकि अच्छी शिक्षा गरीबी के स्तर को कम कर सकती है और बढ़ती हुई जनसंख्या से राहत प्रदान कर सकती है। यदि देश का नागरिक शिक्षित होगा तो वो पूरे देश में स्वच्छता को बनाये रखेगा। वो अगली पीढ़ी में अपनी अच्छी आदतों को भी हस्तान्तरित कर सकता है। भारत में सरकार द्वारा बहुत से स्वच्छता अभियानों को चलाया जा रहा है हालांकि, निरक्षरता की दर बहुत ज्यादा होने के कारण किसी में भी अधिक सफलता नहीं मिली है। अभी हाल ही में, भारतीय प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी, ने स्वच्छ भारत अभियान नाम से, सफाई अभियान चलाया जो काफी सफल रहा है।

यह बहुत गंभीर विषय है और यदि हम भारत का वास्तव में विकास चाहते हैं, तो हमें अपने देश में स्वच्छता बनाई रखनी पड़ेगी जिसे हम अपने घर से बेहतर ढंग से शुरु कर सकते हैं। हमें यह समझना होगा कि हमारा देश ही हमारा घर है और उसके बाद कोई भी समस्या नहीं होगी। देश का नागरिक होने के नाते, हम सभी उस गंदे स्थान को साफ करने के लिए जिम्मेदार है, जो भी हम देखते हैं। हमें अपनी सड़कों, यात्रा स्थलों, ऐतिहासिक स्थलों, स्कूलों, कॉलेजों, ऑफिसों आदि को बहुत साफ सुथरा रखना चाहिए।

स्वच्छता ही अच्छे स्वास्थ्य की कुंजी है।

धन्यवाद।

Speech on Rashtriya Swachhta Diwas

सभी को सुबह की नमस्ते। मेरा नाम…………..और मैं कक्षा….में पढ़ता/पढ़ती हूँ। जैसा कि हम सभी इस महान अवसर पर इकट्ठा हुए हैं, मैं अपने शब्दों में, इस बहुत भारी भीड़ के सामने स्वच्छ भारत अभियान पर कुछ कहना चाहता/चाहती हूँ। ये विषय मैंने विशेषरुप से पूरे भारत में हमारे चारों ओर साफ-सफाई की बढ़ती हुयी आवश्यकता के कारण चुना है, जिसे केवल देश के सभी और प्रत्येक नागरिक के एक दूसरे के सहयोग और प्रयासों से ही सफल बनाया जा सकता है। भारत के महान व्यक्ति, महात्मा गाँधी ने कहा था कि,“स्वतंत्रता से ज्यादा स्वच्छता कहीं अधिक महत्वपूर्ण है।” भारत गरीबी, शिक्षा की कमी, स्वच्छता की कमी और अन्य सामाजिक मुद्दों के कारण आज भी विकासशील देश है। हमें समाज से उन सभी कारणों का उन्मूलन करने की आवश्यकता है जो देश के विकास और वृद्धि में बाधा डालते हैं।

और मैं समझती हूँ स्वच्छता अभियान, समाज से सभी बुराईयों को खत्म करने के साथ ही नागरिकों की वैयक्तिक वृद्धि के साथ देश की वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए सबसे अच्छी शुरुआत है। केवल स्वच्छता मिशन की सफलता ही भारत में बहुत बड़े बदलाव को ला सकती है। ये भारत में रहने वाले सभी नागरिकों की आन्तरिक और बाहरी वृद्धि और विकास से जुड़ी हुआ है जो इसके नारे की सम्पूर्णता में दिखायी देता है कि, “स्वच्छ, खुश और स्वस्थ्य नागरिक, स्वस्थ्य और विकसित राष्ट्र के निर्माण में भाग लेते हैं।” स्वच्छ भारत अभियान या क्लीन इंडिया कैंपेन भारत के प्रधानमंत्री, नरेंद्र मोदी के द्वारा 2014 में, महात्मा गाँधी के जन्मदिन (145वीं सालगिरह पर), 2 अक्टूबर को शुरु किया गया था।

महात्मा गाँधी भारतीय शासकों की कमजोरी से बहुत अच्छे से वाकिफ थे। उन्होंने इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने के लिए सपना देखा था और यहाँ तक कि उन्होंने ग्रामीण लोगो के बीच बहुत से साधनों के माध्यम से जोर दिया लेकिन लोगों की अधूरी भागीदारी के कारण इसे पूरा नहीं कर सके। स्वतंत्रता के बहुत सालों बाद भी, हम आज भी गन्दे वातावरण में रहते हुए अपने जीवन को हर एक क्षण खतरे में डाल रहे हैं। आँकड़ों के अनुसार, 30% ग्रामीण लोगों की स्वच्छ शौचालय तक पहुँच नहीं है और मैदानों में खुले शौच प्रणाली का प्रयोग करते हैं। भारत के राष्ट्रपति, प्रणब मुखर्जी ने जून 2014 में, संसद को संबोधित करते हुए कहा था कि, “स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए, देश भर में कचरा प्रबंधन और स्वच्छता के लिए “स्वच्छ भारत अभियान” को शुरु किया गया है। ये महात्मा गाँधी के लिए, 2020 में, उनकी 150वीं वर्षगांठ को मनाते समय हमारी तरफ से श्रद्धांजलि होगी।”

पूरे देश में स्वच्छता को सुनिश्चित करने के लिए, स्वच्छता, सुरक्षित शौचालय और उचित अपशिष्ट प्रबंधन के तरीकों की समस्या को सुलझाने की बहुत आवश्यकता है। भारत के प्रधानमंत्री, नरेंन्द्र मोदी ने, 2014 में भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण के दौरान ‘स्वच्छ भारत’ पर जोर दिया था, हालांकि, ये मिशन 2 अक्टूबर 2014 के सफलतापूर्वक शुरु किया था। इस मिशन को 2020 तक, बापू की 150वीं वर्षगांठ तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस मिशन का लक्ष्य स्वच्छता सुविधाओं को उपलब्ध कराने के साथ ही 2020 तक लोगों के लिए अस्वथ्यकारी प्रथाओं को खत्म करना है। भारत के प्रधानमंत्री के द्वारा 25 सितम्बर 2014 को, पहला स्वच्छता कार्य शुरु किया गया था। ये भारत में सबसे बड़े अभियान के रुप में गिना जाता है जो अब चारों तरफ फैल (वायरल) गया है।

ये उचित स्वास्थ्य और स्वच्छता भारत के बारे में वैश्विक धारणा को बदलने की क्षमता रखता है और हर साल बहुत से पर्यटकों को भारत में आने के लिए प्रभावित कर सकता है, जिससे एक अर्थ में भारत की बड़े स्तर पर आर्थिक वृद्धि होगी। इस अभियान के दौरान, प्रत्येक भारतीय नागरिक से हर साल अपने 100 घंटे भारत की सफाई के लिए देने का अनुरोध किया गया। सुरक्षा और स्वास्थ्य के लिए, 15 अगस्त 2015 तक, पूरे भारत के प्रत्येक स्कूल और कॉलेज में लड़कों और लड़कियों के लिए अलग शौचालय बनाने का नियम बनाया गया है। एक विद्यार्थी के रुप में, इससे भी अधिक एक भारतीय नागरिक के रुप में, यहाँ एकत्र हुए सभी लोगों से इस अभियान को 2022 तक सफल बनाने के लिए, मैं भी अनुरोध करता/करती हूँ।

जय हिन्द, जय भारत

स्वच्छ भारत, सशक्त भारत।

राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस पर भाषण

स्वच्छता दिवस पर भाषण

मेरा नाम…….है। मैं कक्षा….में पढ़ता/पढ़ती हूँ। सबसे पहले मैं सभी आदरणीय अध्यापकों को सुबह की नमस्ते कहना चाहती हूँ। मैं अपनी कक्षा अध्यापिका का/की बहुत आभारी हूँ कि, उन्होंने मुझ पर विश्वास किया और मुझे आप सभी के सामने भाषण देने की कला को प्रदर्शित करने का अवसर दिया। मैंने इस अवसर पर भाषण देने के लिए स्वच्छ भारत अभियान, ए क्लीन इंडिया कैंपेन को इसकी आवश्यकता और हम सबके लिए एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी के लिए चुना है। ये भारत को 2020 तक, स्वच्छ भारत बनाने के लिए सरकार द्वारा चलाया जाने वाला सामूहिक आन्दोलन है। महात्मा गाँधी, जिन्हें बापू और राष्ट्र का पिता कहा जाता है, ने हमेशा लोगों के स्वस्थ्य और समृद्ध जीवन के लिए स्वच्छता पर जोर दिया हालांकि, लेकिन लोगों के उचित तरह से सहयोग न कर पाने के कारण ज्यादा प्रभावशाली नहीं बना पाये।

भारत की स्वच्छता और स्वास्थ्य को ध्यान में रखते हुए, भारत की सरकार ने स्वच्छ भारत अभियान को 2 अक्टूबर 2014 को (बापू की 145वीं जयंती पर), 2 अक्टूबर 2022 (बापू की 150वीं जयंती) तक पूरा करने के लक्ष्य के साथ शुरु किया गया। ये अभियान सभी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों को लेकर पूरे भारत में स्वच्छता को बनाये रखने के लिए शुरु किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने अभियान को शुरु करते समय कहा था कि, “मैं ये दावा नहीं करता कि नव-निर्वाचित सरकार ही सब कुछ कर रही है। सभी सरकारों ने देश में कुछ ना कुछ स्वच्छता के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए अवश्य किया है; मैं उन सबकी इसके लिए प्रशंसा करता हूँ। स्वच्छ भारत अभियान राजनीति से परे है। ये देशभक्ति से प्रेरित है, न कि राजनीति से।”

सफाई केवल एक व्यक्ति या स्थान से जुड़ी हुयी नहीं है, अपने साथ ही निकट भविष्य में अपने चारों ओर वास्तव में भारत को स्वच्छ बनाने की सभी की जिम्मेदारी है। ये देश में रहने वाले 12 अरब लोगों की सामूहिक जिम्मेदारी है। इस अभियान को सफल और प्रभावशाली मिशन बनाने के लिए, भारत के प्रधानमंत्री ने 9 भारतीय व्यक्तित्वों को अभियान में शामिल करने के उद्देश्य से नामांकित किया ताकि, वो अपने क्षेत्र में इस अभियान को शुरु करके जागरुकता फैला सके और इस श्रृंखला को आगे इसी तरह बढ़ाया जाये जब तक स्वच्छ भारत का संदेश सभी तक न पहुँच जाये।

इस अभियान का उद्देश्य, पूरे देश में खुले में शौच को पूरी तरह से खत्म करके साफ-सफाई और स्वच्छता को बनाये रखना है। भारत में साफ-सफाई और स्वच्छता को बनाये रखने से देश में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ ही इसके नागरिकों को स्वस्थ्य और खुश रखने के लिए आर्थिक स्तर में बढ़ावा देने में महान अवसर लायेगा। साफ-सफाई बीमारियों के होने के अवसरों को कम करने के द्वारा सभी को सारे आयामों शारीरिक, मानसिक, सामाजिक और आन्तरिक रुप से खुश और स्वस्थ्य रखती है।

जय हिन्द, जय भारत

स्वच्छ भारत, बीमारीमुक्त और आर्थिकरुप से मजबूत भारत।

धन्यवाद।

Swachhta Diwas par Bhashan

मानद न्यायाधीश, आदरणीय प्रधानाचार्य, उपाध्यक्ष, शिक्षकगण और मेरे प्रिय छात्रों – आप सभी को नमस्कार!

भारत के पर्यावरण मंत्रालय में मुख्य सलाहकार के पद सेवा देने वाले हमारे सबसे प्रतिष्ठित जजों की उपस्थिति के बीच आज स्वच्छ भारत अभियान के आयोजन की मेजबानी करते हुए मुझे बहुत खुशी हो रही है। मुझे उम्मीद है कि हमारे स्कूल परिसर के साथ-साथ बुनियादी ढांचे की देखभाल और रखरखाव के हमारे प्रयासों को हमारे न्यायाधीशों द्वारा प्रशंसा मिलेगी। इसके अलावा आज मैं स्वच्छ भारत अभियान पर एक छोटा सा भाषण देने की भी इच्छा रखता हूं ताकि अधिक से अधिक लोगों को इसके बारे में पता चल सके और अपने आस-पास के परिवेश में स्वच्छता रखे और दूसरों को भी ऐसा करने के लिए प्रोत्साहित करें।

स्वच्छ भारत अभियान या यूँ कहे कि यह वाक्य सभी के लिए आम हो गया है भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा शुरू की गई सबसे सम्मानित परियोजनाओं में से एक है। वर्ष 2014 में 2 अक्तूबर अर्थात महात्मा गांधी जयंती के दिन इस विशेष अभियान की आधिकारिक घोषणा की गई थी। यह वास्तव में एक ऐसा अभियान है जिसने लाखों लोगों का ध्यान आकर्षित किया और राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त की। इस अभियान के पीछे मुख्य उद्देश्य भारत के हर क्षेत्र को, चाहे वह ग्रामीण हो या शहरी, खुले में शौच मुक्त करना था। इसके अलावा इस प्रतिष्ठित अभियान का उद्देश्य सभी सार्वजनिक और निजी स्थानों पर सफाई और स्वच्छता के रखरखाव की आदत को प्रोत्साहित करना – चाहे वह देश भर की गलियों, सड़कों, कार्यालयों, घरों या सार्वजनिक बुनियादी ढांचा ही क्यों ना हो। इस अभियान का सबसे अच्छा पहलू सभी महाविद्यालयों, विद्यालयों और सार्वजनिक स्थानों में स्वच्छता और सार्वजनिक शौचालयों के निर्माण का दबाव डालना है।

एक ऐसा अंतर है जिसका मुझे यकीन है कि सभी को पता है वह है भारत और अन्य पश्चिमी देशों के बीच का स्वच्छता स्तर। हमें कई बार इस चीज़ पर आश्चर्य होता है कि क्यों उनके शहर स्वच्छ और सुव्यवस्थित रहते हैं? बेशक हमें उनसे बहुत कुछ सीखना है और यदि हम चाहते हैं कि हमारे देश को दुनिया के विकसित देशों के बीच गिना जाए तो हमें उसी रास्ते पर चलना होगा।

स्वच्छ भारत अभियान राष्ट्रीय स्वच्छता अभियान और तमाम दूसरे स्वच्छता अभियानों में से एक है जिसे राष्ट्रीय स्तर पर चलाया जा रहा है और सबसे अच्छी बात यह है कि स्कूल और साथ ही कॉलेज के लगभग दस लाख से अधिक सार्वजनिक कर्मियों ने इसमें भाग लिया है। स्वच्छ भारत अभियान का मुख्य लक्ष्य हमारे देश के 4,041 शहरों और नगरों को 1.96 लाख करोड़ के बजट के साथ साफ करना है जो अब लगभग 31 अरब डॉलर तक पहुँच गया है।

इस अभियान का सबसे अच्छा हिस्सा यह है कि कोई भी क्षेत्र अपने प्रभाव से अनजान नहीं रहा है और भारतीय फिल्म मनोरंजन उद्योग ने भी इस परियोजना को काफी गंभीरता से लेना शुरू कर दिया है। वास्तव में इस विषय पर एक सुपरहिट फिल्म “टॉयलेट:एक प्रेम कथा” भी बन चुकी है जिसमें अक्षय कुमार और भूमि पेडनेकर ने काम किया है। इसके शीर्षक से ही अनुमान लगाया जा सकता है कि किस तरह भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाली महिलाओं को समस्याओं का सामना करना पड़ता है जिनके पास अधिक शौचालयों की सुविधा ना होने की स्थिति में खुले में शौच करने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचता। यह देखना वास्तव में अच्छा है कि स्वच्छता अभियान में लोगों के बीच भारी दिलचस्पी उत्पन्न हो रही है और हमारे समाज में व्यापक बदलाव लाया जा रहा है।

मुझे बस इतना ही कहना था।

धन्यवाद।

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