World Thalassaemia Day 2022: विश्व थलसेमिया दिवस हर साल आम जनता के बीच इस बीमारी के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 8 मई को मनाया जाता है। 8 मई को विश्व थलसेमिया दिवस का दिन जागरूकता के लिए मनाया जाता है ताकि इस बीमारी, रोकथाम उपायों और इसके संचरण से बचने के उपायों के बारे में जन जागरूकता बढ़ाने के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा स्थापित किया जा सके। इस बीमारी के बारे में बहुत काम लोग जानते है| यह बीमारी जन्म से ही हो जाती है और मरते दम तक पीछा नहीं छोड़ती| आज के इस पोस्ट में हम आपको थलसेमिया दिवस हिंदी निबंध, थलसेमिया दिवस पर निबंध, हिंदी एस्से ओन थलसेमिया दिवस, आदि की जानकारी देंगे|
विश्व थैलेसीमिया डे हिंदी निबंध
प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है। थैलेसिमिया रोग के बारे में बहुत कम लोग जानते हैं। यह बीमारी आनुवांशिक है, रिश्तेदारी के साथ पीढ़ी दर पीढ़ी चलती है। बीमारी का जन्म शिशु के साथ होता है, जो उम्रभर साथ नहीं छोड़ती। इसका सिर्फ एक समाधान है, रिश्तों में सावधानी। यह बीमारी कुछ विशेष समुदायों में है। उन समुदायों के रिवाज ही इस बीमारी को रोक सकते हैं।
थैलेसिमिया एक आनुवांशिक बीमारी है, जो माता-पिता से संतान को होती है। इस बीमारी से ग्रस्त शरीर में लाल रक्त कण बनने बंद हो जाते हैं। इससे शरीर में रक्त की कमी आ जाती है। बार-बार खून चढ़ाना पड़ता है। रंग पीला पड़ जाता है। इस रोग से बच्चों में जिगर, तिल्ली और हृदय की साइज बढ़ने, शरीर में चमड़ी का रंग काला पड़ने जैसी विकट स्थितियां पैदा होती हैं। इस रोग को लेकर महिला के प्रसव से पूर्व ध्यान रखने की ज़रूरत है। एक शोध के मुताबिक भारत में प्रति वर्ष लगभग 8 से 10 थैलेसिमिया रोगी जन्म लेते हैं। वर्तमान में भारत में लगभग 2,25,000 बच्चे थैलेसिमिया रोग से ग्रस्त हैं। बच्चे में 6 माह, 18 माह के भीतर थैलेसिमिया का लक्षण प्रकट होने लगता है। बच्चा पीला पड़ जाता है, पूरी नींद नहीं लेता, खाना-पीना अच्छा नहीं लगता है, बच्चे को उल्टियां, दस्त और बुखार से पीड़ित हो जाता है। आनुवांशिक मार्गदर्शन और थैलेसिमिया माइनर का दवाइयों से उपचार संभव है। थैलेसिमिया रोग से बचने के लिए माता-पिता का डीएनए परीक्षण कराना अनिवार्य होता है। साथ ही रिश्तेदारों का भी डीएनए परीक्षण करवाकर रोग पर प्रभावी नियंत्रण संभव है। विवाह से पूर्व जन्मपत्री मिलाने के साथ-साथ दूल्हे और दुल्हन का एचबीए- 2 का टेस्ट कराना चाहिए।रोगी को बार-बार खून चढ़ाने से शरीर में लौह तत्त्व की मात्रा बढ़ जाती है। इसलिए रोगी को हरी पत्तेदार सब्जी, गुड़, मांस, अनार, तरबूज, चीकू कम देना चाहिए।
Essay on World Thalassaemia Day
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‘विश्व थैलिसीमिया दिवस’ प्रत्येक वर्ष 8 मई को मनाया जाता है। इस दिवस के आयोजन का उद्देश्य थैलिसीमिया रोग के प्रति लोगों को जागरूक करना है। विश्व थैलिसीमिया दिवस की स्थापना विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा की गई थी।
थैलिसीमिया एक आनुवांशिक रोग है, जिसमें शरीर मेँ रक्त की कमी हो जाती है। माता-पिता या दोनो मेँ से किसी एक को अगर यह समस्या होती है तो शिशु को थैलिसीमिया हो सकता है। डाक्टरों के अनुसार इस रोग से बचाव बेहद आसान है। थैलिसीमिया के लिये जागरूक रहने की आवश्यकता है। इसकी रोकथाम के लिए राष्ट्रीय स्तर पर कार्यक्रम चलाने की आवश्यकता है।
सम्पूर्ण विश्व में थैलिसीमिया से ग्रसित लोगों की मदद के लिये विश्व थैलिसीमिया दिवस मनाया जाता है। इस दिन अनेक गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं। विभिन्न स्वास्थ्य संगठनों एवँ गैर सरकारी संगठनों द्वारा जगह-जगह थैलिसीमिया के प्रति जागरूकता के लिये गोष्ठियों का आयोजन किया जाता है। विशेषज्ञों द्वारा थैलिसीमिया के प्रति बच्चों को जागरूक करने के उद्देश्य से विद्यालयों मेँ प्रभावी गतिविधियाँ की जाती हैं।
World Thalassaemia Day Essay 2022-23
वर्ल्ड थैलेसीमिया डे हर वर्ष पूरे विश्व में 9 मई को मनाया जाता है| यह बुधवार को मनाया जा रहा है| आज हम आपके लिए लाये हैं विश्व थैलेसीमिया डे एस्से इन हिंदी, थैलेसीमिया डे पर विचार, थैलेसीमिया डे का महत्व व शायरी, थैलेसीमिया डे पर स्लोगन, Essay on World Thalassaemia Day in Hindi, World Thalassaemia Day Nibandh यानी की वर्ल्ड थैलेसीमिया डे पर निबंध हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|
World Thalassemia Day is celebrated every year on 8th of May to increase the awareness about this disease among common public all through the world. Celebrating World Thalassemia Day on 8th of May was established by the World Health Organization in order to raise the public awareness about this disease, prevention measures and measures to avoid its transmission.
According to the statistics, around 19% of the total population is the carrier of Thalassemia gene in the Saudi Arabia Kingdom. Thus world thalassemia day is celebrated there as a big event by organizing variety of preventive programs to increase awareness and reduce spread of this genetic disease. This event celebration promotes and encourages the common public for the pre-marriage test to reduce the genetic problems among families.
8th of May has become a very special day for the people suffering from the thalassemia as it brings a chance for them to get diagnosed earlier. The day is dedicated to commemorate the thalassemia patients and give them a special chance to live like a normal person as well as prevent this disease to spread in the community, society, state, country and finally world.
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