वसंत पंचमी सरस्वती पूजा 2022 – Vasant Panchami 2022 – बसंत पंचमी पूजा विधि – Date & Time

वसंत पंचमी सरस्वती पूजा 2018

बसंत पंचमी का त्यौहार भारत देश का हर शहर मे मनाया जाता हैं| 2022 वर्ष मे यह त्यौहार 05 february के दिन हैं | इस त्यौहार का हिन्दू धर्म मे बहुत महत्व हैं| यह हर साल बड़ी धूम धाम से भारत मे हर जगह बनाया जाता है | हिन्दू धर्म मे इस त्यौहार का महत्व इसलिए भी बढ़ जाता है क्योकी इस दिन माता सरस्वती जो ज्ञान की देवी भी कहलाती हैं उनकी पूजा होती है| इस दिन से बसंत ऋतू का आगमनं होता हैं| इस दिन पर सभी घर, स्कूल, ऑफिस तथा कॉलेजो को पीले पुष्पों से सजाया जाता हैं और रंगोली भी बनाई जाती हैं| आप हमारे द्वारा इस पूजा का महत्व तथा पूजा की विधि के बारे मे जान सकता हैं|

बसंत पंचमी की पूजा – Basant panchami 2022

Vasant panchami 2022 : बसंत पंचमी की पूजा का हिन्दू धर्म मे बहोत महत्त्व है| इस दिन पर सभी लोग मिलकर माँ सरस्वती की पूजा करते हैं क्योकी यह माना जाता है की इस दिन माँ सरस्वती अवतरित हुई थी| बसंत पंचमी के दिन शीत ऋतू की समाप्ति का और बसंत ऋतू के आगमन का दिन होता हैं| कहा जाता हैं की माता सरस्वती की पूजा सर्वप्रथम भगवान श्री कृष्ण ने की थी| इस दिन सब लोग पीले वस्त्र धारण करके माँ सरस्वती को पीला पुष्प चढ़ाते हैं|

Vasant panchami 2022 date – Shubh Mahurat

ज्योतिषों के अनुसार इस बार बसंत पंचमी 5 february 2022 प्रातःकाल सुबह 10 बजकर 45 मिनट से प्रारम्भ होकर 5 february 2022 दोपहर 1 बजकर 19 मिनट तक रहेगी । इस दिन पर माँ सरस्वती की पूजा करने का शुभ महूर्त  प्रातः काल 10  बजकर 47  मिनट से प्रारंभ होकर दोपहर 12: 34 तक रहेगा ।  शिभ महूर्त का समय १ घंटे 49 मिनट तक सीमित है|

Vasant Panchami 2018 - बसंत पंचमी पूजा विधि - Date & Time

सरस्वती पूजा का महत्व

बसंत पंचमी वाले दिन लोग माँ सरस्वती की पूजा (सरस्वती वंदना)और अर्चना करते हैं| माँ सरस्वती ज्ञान की देवी हैं इसलिए भी लोग उनकी पूजा करते हैं ताकि उन्हे ज्ञान प्राप्ति हो सके और माँ सरस्वती का आशीर्वाद  सदैव बना रहे| पूरे भारत मे सभी स्कूलों तथा विद्यालयों मे सुबह पूजा होती है ताकि माँ सरस्वती का आशीर्वाद हर विध्यार्ती पर सदैव बना रहे| यह दिन हिन्दू धर्म मे बच्चो की पढाई की शुरुवात करने का अच्छा दिन माना जाता है |बसंत पंचमी का त्यौहार पूरना काल मे मनाया जाता हैं |

vasant panchami 2022 tithi

पूरन काल सूर्योदय और दोपहर के बीच का समय कहलाया जाता हैं| बसंत पंचमी पंचमी तिथि वाले दिन मे बनाई जाती हैं जो पुरवा काल के दौरान होती हैं|ज्योतिशो का मुताबिक बसंत पंचमी के पूरे दिन ही सरस्वती माता की पूजा करने के लिए विशेष दिन हैं|अगर कोई भी शुभ काम या नया काम आरम्भ करना हो तो बसंत पंचमी का दिन सबसे शुभ दिन माना जाता हैं

बसंत पंचमी 2022 पूजन विधि ऑफ़ माँ सरस्वती

हिन्दू धर्म मे माँ सरस्वती को कला एवं ज्ञान की देवी के नाम से भी जाना जाता हैं| बसंत पंचमी वाले दिन पूरे विधि विधाम के साथ माँ सरस्वती की पूजा की जाती हैं| पूजा के लिए सबसे पहले प्रातकाल सूर्यौदय से पहले स्नान करना होता है|

वसंत पंचमी पूजन विधि

पूजा करने वाले व्यक्ति को अलग प्रकार से सस्नान करने होता हैं| नीम अथवा हल्दी के पानी से सनान करना होता हैं जिससे शरीर की शुद्धि होती हैं| सनान करने के बाद भगवान् श्री गणेश का नमन करना होता है| माता सरस्वती की पूजा सफ़ेद पुष्प, श्वेत वस्त्र,चन्दन आदि से करनी होती हैं | पूजा के दौरान माँ सरस्वती के नाम का जाप करना होता हैं|

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