हिंदी में वर्षा रितु निबंध 200 शब्दों में: भारत में बरसात का मौसम जुलाई की शुरुआत में होता है और सितंबर तक चलता है। यह अत्यधिक गर्मी से बहुत राहत दिलवाता है। पक्षियों, जानवरों, पौधों और मनुष्य सभी बारिश के मौसम का स्वागत करते हैं, क्योंकि यह उन्हें भी यह मौसम बहुत जरूरी राहत देता है| अक्सर लोग वर्षा ऋतू एस्से in hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 की तलाश करते हैं जो की हमने निचे दिया हुआ है| आप इन बसंत के मौसम पर एसेज, anuched, short paragraphs, Composition, Paragraph, Article हिंदी, यानी की निबंध को हिंदी, गुजराती (gujarati), sanskrit, मराठी आदि भाषा के अलावा englis pdf में भी डाउनलोड कर सकते हैं|
बारिश यानी वरशाही हर किसी को पसंद है| निचे बारिश यानी बरसात के मौसम के कुछ निबंध हमने दिए हुए हैं| इसके अलावा आप Short Essay on Sardar Vallabhbhai Patel भी देख सकते हैं
बरसात पर निबंध
ग्रीष्म ऋतु के पश्चात् ‘वर्षा ऋतु’ आती है। जुलाई और अगस्त के मास में वर्षा का जोर रहता है।
वर्षा ऋतु में आकाश पर काली घटायें हर समय छाई रहती हैं। नदी, नाले और तालाब सब पानी से भर जाते हैं। ऐसा प्रतीत होता है, मानो सूखी भूमि के भाग्य उदय हुए हों। भूमि हरे वस्त्र पहन लेती है।
इस मौसम में जंगल में मंगल हो जाता है। पक्षी प्रसन्न हो आकाश पर मंडराते हैं। कोकिला राग अलापती है। मेंढक टर्राते हैं। साँप, बिच्छु, कीड़े-मकोड़े भी बड़ी संख्या में बाहर निकल आते हैं। मक्खियाँ डंक मारती हैं। मच्छर सताते हैं। मलेरिया ज्वर एवं अन्य अनेक बीमारियाँ फ़ैल जाती हैं।
वर्षा ऋतू पर निबंध हिंदी में
हमारे देश में प्रत्येक ऋतु का अपना -अपना महत्व है। भीषण गर्मी के चलते तापमान बढने लगता है धरती पर रहने वाला हर प्राणी इस भीषण गर्मी से व्याकुल हो जाता है।
तभी वर्ष का मौसम इस तपती गर्मी से राहत दिलाता है वर्षा की बूंदे धरती के बढ़े हुए तापमान को मानो अपने अंदर समा लेती हैं।
गरजते हुए मेघ , कडकडाती हुई आसमानी बिजली और घनी काली घटाएं जब अपने पूरे शबाब पर होती है तभी आगमान होता है वर्षा ऋतु का। छम -छम करता हुआ पानी देख सबके चेहरे पर रौनक आ जाती है। सभी ख़ुशी में झूमने लगते हैं।
इस मौसम का सभी लुतुफ़ उठाते हैं और वर्षा ऋतु (Varsha Ritu) सबको अच्छी लगती है। बारिश की बूंदों से टकराती हुई ठंडी हवा मानों जन्नत का एहसास दिलाती है चारों तरफ हरियाली छाने लगती है बारिश की बूंदों से पेड़ -पौधे सभी अपनी प्यास बुझा लेते है। इस मौसम में धरती मोहक रूप धारण कर लेती है इस ऋतु में मोर नाचने लगते हैं। किसान ख़ुशी में झुमने लगते हैं।
वर्षा बंद होने पर आसमान पर रंग-विरंगे रंगों की एक छड़ी सी बन जाती है जिसे इन्द्रधनुष कहा जाता है सावन के महीने में ज्यादा बारिश होती है सावन मॉस को उत्सव की तरह मनाया जाता है।
परन्तु ज्यादा बारिश होने पर नदी -नाले , झीलें , तालाब आदि भर जाते हैं चारों तरफ जल ही जल दिखाई देने लगता है बाढ़ का खतरा बढ़ जाता है जन जीवन खतरे में पड़ जाता है सड़कें टूट जाती हैं परन्तु वर्षा ना होने पर सूखा पड़ जाता है प्यास के मारे कई पशु -पक्षी मरने लगते हैं फसलें सूख जाती हैं इसीलिए वर्षा का अधिक जा कम होना दोनों ही नुकसानदायक हैं।
इन दोषों के चलते हुए भी वर्षा ऋतु (Varsha Ritu) का अपना अलग ही महत्व हैं सभी को इसके आने का बेस्वरी से इंतज़ार रहता है।
Short Hindi Essay on Varsha Ritu
कड़कड़ाती गर्मी के बाद जून और जुलाई के महीने में वर्षा ऋतु का आगमन होता है और लोगों को गर्मी से काफी राहत मिलती है। वर्षा ऋतु एक बहुत ही सुहाना ऋतु है। वर्षा ऋतु आते ही लोगों में खासकर के किसानों में खुशियों का संचार हो जाता है। वर्षा ऋतु सिर्फ गर्मी से ही राहत नहीं देता है बल्कि यह खेती के लिए वरदान है। बहुत सारे फसल अच्छी वर्षा पर निर्भर करता है। अगर अच्छी वर्षा नहीं हुई तो ज्यादा उपज नहीं हो पाएगा, जिससे लोगों को सस्ते में अनाज नहीं मिल पाएगा।
वर्षा ऋतु भारत के बहुत सारे जगह पर पानी की किल्लत को दूर करता है। बहुत सारे लोग ऐसी जगह है जो पानी की कमी से जूझते रहते हैं। वर्षा होने से तालाबों में, नहरों में पानी भर जाता है और लोगों को खुलकर पानी का इस्तेमाल करने का मौका मिलता है। बारिश होते ही चारों ओर हरियाली छा जाती है, पेड़ पौधे तेजी से बढ़ते हैं और वातावरण खुशनुमा हो जाता है।
ज्यादा बारिश सिर्फ खुशियां ही नहीं लाता है बल्कि कभी-कभी जल प्रलय का कारण भी बनता है। कई जगह बहुत ज्यादा बारिश होने की वजह गाँव के गाँव डूब जाते है और जन-धन की हानि भी होती है। बहुत ज्यादा बारिश होने के कारण बहुत सारे खेत डूब जाते हैं और उसमें लगे फसल भी नष्ट हो जाते हैं। तेज आंधी तूफान में बहुत सारे घर गिर जाते हैं और बहुत से जानमाल को नुकसान पहुंचता है। तेज बारिश के कारण यातायात में भी असुविधा का सामना करना पड़ सकता है।
बारिश की ऋतु में रोगों के संक्रमण की संभावना अधिक हो जाती है और लोग अधिक बीमार पड़ने लगते हैं। इसलिए इस ऋतु में लोगों को सावधानी से रहना चाहिए और बारिश का मजा लेना चाहिए और जहां तक हो सके बारिश के पानी को संचित करने का उपाय ढूंढना चाहिए।
यह एस्से 300 words का है|
Rainy season essay in Hindi
हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।
हमारे देश में चार मुख्य ऋतुओं में वर्षा ऋतु एक है। यह ऐसी ऋतु है जो लगभग सभी लोगों की पसंदीदा होती है क्योंकि झुलसा देने वाली गर्मी के बाद ये राहत का एहसास लेकर आती है। वर्षा ऋतू जुलाई से शुरू होती है अर्थात सावन भादों के महीनों में होती है। यह मौसम भारतीय किसानों के लिए बेहद ही हितकारी एवं महत्वपूर्ण है।
वर्षा ऋतू में आकाश में बादल छा जाते हैं, वे गरजते हैं और सुंदर लगते हैं। हरियाली से धरती हरी-हरी मखमल सी लगने लगती है। वृक्षों पर नये पत्ते फिर से निकलने लगते हैं। वृक्ष लताएँ मानो हरियाली के स्तम्भ लगते हैं। खेत फुले नहीं समाते, वास्तव में वर्षा ऋतु किसानों के लिये ईश्वर के द्वारा दिया गया एक वरदान है। वर्षा ऋतू में जीव जन्तु भी बढ़ने लगते हैं। ये हर एक के लिये शुभ मौसम होता है और सभी इसमें खुशी के साथ ढ़ेर सारी मस्ती करते है। इस मौसम में हम सभी पके हुये आम का लुफ्त उठाते है। वर्षा से फसलों के लिए पानी मिलता है तथा सूखे हुए कुएं, तालाबों तथा नदियों को फिर से भरने का कार्य वर्षा के द्वारा ही किया जाता है। इसीलिए कहा जाता है कि जल ही जीवन है।
वर्षा ऋतु का आनंद लेने के लिए लोग पिकनिक मनाते हैं। गांवों में सावन के झूलों पर युवतियां झूलती हैं। वर्षा ऋतु में ही रक्षा बंधन, तीज आदि त्योहार आते हैं। यदि वर्षा बहुत अधिक हो तो बाढ़ भी आ जाती है जिससे बहुत नुकसान होता है। इस ऋतु में अनेक बीमारियां भी फैल जाती हैं। इसके कारण डायरिया, पेचिश, टाईफॉइड और पाचन से संबंधित परेशानियाँ सामने आती है।
मानव जीवन में जल का अत्यंत महत्व है। इसीलिए अच्छी वर्षा के लिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ पौधे लगाने चाहिए ताकि हमारा पर्यावरण स्वच्छ और हरा भरा बना रहें। हमें वर्षा के जल को भी संचित करके रखना चाहिए ताकि हमें कभी सूखे का सामना ना करना पड़े।
वर्षा ऋतू एस्से इन संस्कृत
वर्षा ऋतु पर निबंध संस्कृत में: वसन्तः रमणीयः ऋतुः अस्ति । इदानीं शीतकालस्य भीषणा शीतलता न भवति । मन्दं मन्दं वायुः चलती । विहंगाः कूजन्ति । विविधैः कुसुमैः वृक्षाः आच्छादिताः भवन्ति । कुसुमेषु भ्रमराः गुज्जन्ति । धान्येन धरणी परिपूर्णा भवति । कृषकाः प्रसन्नाः दृश्यन्ते । कोकिलाः मधुरं गायन्ति । आम्रेषु मज्जर्यः दृश्यन्ते । मज्जरीभ्यः मधु स्रवति ।
हिन्दी अनुवाद :
वसन्त एक सुन्दर ऋतु है । इस समय शीत काल की तरह भीषण ठंडा नहीं रहता है । धीरे-धीरे हवा वहती है । पनी गाते है । विभिन्न प्रकार के फूलों से वृक्ष भर जाते हैं । फूलों पर भौरा गुंजते हैं । पृथ्वी धान से भर जाता है । किसान प्रशन्न रहते हैं । कोयल मधुर गाते है । आमों में मंजर देखे जाते है । मजरों से मधु तैयार होता है ।