Shayari in Urdu | Urdu Shayari on Love | Latest Urdu Shayari

उर्दू शायरी इन हिन्दी

उर्दू शायरियाँ शायरों की समृद्ध Tradition है और इसके अनेकों प्रकार है। अपने एहसास को अल्फाज़ों के एक समूह के जरिये २ पंक्तियों में व्यक्त कर देने हुनर को ही शायरी कहा जाता है। आज के वक्त में यह Cultures of South Asia का एक Important Part बन गया है। According to Naseer Turbi मीर अनीस, मिर्ज़ा ग़ालिब, मीर तकी मीर, जोश मलीहाबादी और अल्लामा इकबाल उर्दू के 5 मुख्य शायर/कवि है। जो कि Ishq, Comedy, Dard और Sad Love जैसे विषयों पर शायरियाँ लिखते थे।

आज हम इस Article में Latest Urdu Shayari on Life के जरिये आपके लिए Urdu Shayari Zindagi, Yaad Shayari in Urdu, Urdu Shayari Good Morning और Top Urdu Shayari on Maa , for Girlfriend पर कुछ बेहतरीन शायरियाँ प्रस्तुत कर रहे है। जिन्हे आप अपने Friends को for Birthday व् Dua देने के लिए shero shayari, image ke sath उन्हें send कर सकते है और आप इन्हे DP एवं Wallpaper के तौर पर Use कर सकते है।

Urdu Shayari About Love

आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है भूल जाता है ज़मीं से ही नज़र आता है - वसीम बरेलवी Share on X दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं - जिगर मुरादाबादी Share on X हम भी क्या ज़िंदगी गुज़ार गए दिल की बाज़ी लगा के हार गए - दाग़ देहलवी Share on X बक रहा हूँ जुनूँ में क्या क्या कुछ कुछ न समझे ख़ुदा करे कोई - मिर्ज़ा ग़ालिब Share on X मेरे रोने की हक़ीक़त जिसमें थी एक मुद्दत तक वो काग़ज़ नम रहा - मीर Share on X इस रास्ते के नाम लिखो एक शाम और या इस में रौशनी का करो इंतिज़ाम और - दुष्यंत कुमार Share on X हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते - गुलज़ार Share on X आज देखा है तुझ को देर के बाद आज का दिन गुज़र न जाए कहीं - नासिर काज़मी Share on X कुछ फैसला तो हो कि किधर जाना चाहिए पानी को अब तो सर से गुज़र जाना चाहिए - परवीन शाकिर Share on X

Urdu Sad Shayri

उर्दू_शायरी _1

वो दिल ही क्या तेरे मिलने की जो दुआ न करे मैं तुझे भूल के ज़िंदा रहूं ख़ुदा न करे - क़तील शिफ़ाई Share on X आप की याद आती रही रात भर चश्म-ए-नम मुस्कुराती रही रात भर - मख़दूम मुहिउद्दीन Share on X आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है - जाँ निसार अख़्तर Share on X

Urdu Shayari Judai

और भी दुख हैं ज़माने में मोहब्बत के सिवा राहतें और भी हैं वस्ल की राहत के सिवा - फ़ैज़ अहमद फ़ैज़ Share on X देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से चेहरे तमाम लगने लगे हैं अजीब से - साहिर लुधियानवी Share on X दर्द ऐसा है कि जी चाहे है ज़िंदा रहिए ज़िंदगी ऐसी कि मर जाने को जी चाहे है - कलीम आजिज़ Share on X और तो क्या था बेचने के लिए अपनी आँखों के ख़्वाब बेचे हैं - जौन एलिया Share on X धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो ज़िंदगी क्या है किताबों को हटा कर देखो - निदा फ़ाज़ली Share on X चाहिए ख़ुद पे यक़ीन-ए-कामिल हौसला किस का बढ़ाता है कोई - शकील बदायुनी Share on X अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो - मुनव्वर राना Share on X मैं आज भी रखती हूँ अपने दोनों हाथो का ख्याल न जाने उसने कौन सा हाथ पकड़ कर कहा होगा मुझे तुम से मुहब्बत है ..!! Share on X

 

Urdu Shayari in Hindi

आसान नहीं है हमसे यूँ शायरी में जीत पाना ….. हम हर एक लफ्ज़ मोहब्बत में हार कर लिखते हैं . Share on X हो सकती है मोहब्बत ज़िन्दगी में दोबारा भी बस हौसला हो एक दफा फिर बर्बाद होने का Share on X यादें उन्ही की आती हैं जिन से कुछ तालुक हो हर शख्स मोहब्बत की नज़र से देखा नहीं जाता … Share on X इतना आसान नहीं शहर-ऐ -मोहब्बत का पता खुद भटकते हैं यहां राह बताने वाले … Share on X मैं अश्क़ हूँ मैं अश्क़ हूँ मेरी आँख तुम हो मैं दिल हूँ मेरी धडकन तुम हो मैं जिस्म हूँ मेरी रूह तुम हो मैं जिंदा हूँ मेरी ज़िन्दगी तुम हो मैं साया हूँ मेरी हक़ीक़त तुम हो मैं आइना हूँ मेरी सूरत तुम हो मैं सोच हूँ मेरी बात तुम हो मैं मुकमल हूँ जब मेरे साथ… Share on X मोहब्बत की आग करते है मोहब्बत और जताना भूल जाते है पहले खफा होते हैं फिर मनना भूल जाते है भूलना तो फितरत सी है ज़माने की लगाकर आग मोहब्बत की बुझाना भूल जाते है Share on X किस्मत हम ने भी मोहब्बत की थी मगर कुछ भी न मिला हसरत के सिवा तुम ने भी हमें इलज़ाम दिया क्या कहें इसे किस्मत के सिवा Share on X मुहब्बत की जुबां जुबां तो कह नहीं सकती , तम्हें एहसास तो होगा मेरी आँखों को पढ़ लेना मुझे तुम से मुहब्बत है Share on X

 

Urdu Shayari Image

उर्दू_शायरी _5

उर्दू शायरी 10

chandni raat badi…

Urdu Shayari on Dosti

उसे मोहब्बत कहते हैं आसानी से कोई मिल जाये तो वो किस्मत का साथ है ,”दोस्तों ” सब कुछ खो कर भी , जो न मिली उसे मोहब्बत कहते हैं . Share on X मुहब्बत और दर्द इस बहते दर्द को मत रोको यह तो सजा है किसी के इंतज़ार की लोग इन्हे आंसू कहे या दीवानगी पर यह तो निशानी हैं किसी के प्यार की …! Share on X मुहब्बत का अंजाम प्यार का अंजाम कौन सोचता है , चाहने से पहले नियत कौन देखता है . मुहब्बत है एक अँधा एहसास , करते हैं सब पर मुकाम कौन जानता है Share on X मुहब्बत और ग़म माना की तुम्हें मुझसे ज्यादा ग़म होगा , मगर रोने से यह ग़म कभी न काम होगा , जीत ही लेंगे दिल की नाकाम बाजियां हम , अगर मुहब्बत में हमारी दम होगा … Share on X मुहब्बत के दीवाने जिस बस में बैठी हो हसीनाएं उस बस के सीसे चिटक ही जाते है ड्राइवर चाहे जितनी तेज़ चलाये बस दीवाने तो फिर भी लटक ही जाते है Share on X मुहब्बत और किस्मत किस्मत से अपनी मुझको हमेशा शिकायत रहेगी , जो न मिल सका उससे मुहब्बत रहेगी , कितने ही क्यों न आ जाएं रहो में , फिर भी दिल को उसी से चाहत रहेगी Share on X गुरूर तो होना था उनको हमारी मोहब्बत की शिद्दत देख कर मगर वो इस गरूर की सोच में हमारी कीमत भूल गए … Share on X अजीब हालात होते हैं इस मुहब्बत में दिल के , उदास जब भी यार हो क़सूर अपना लगता है .. Share on X मुझे छोड़ के वो खुश है तो शिकायत कैसी …!! अब मैं उसे खुश भी न देख सकूँ तो मोहब्बत कैसी …!! Share on X

Romantic Urdu Shayari

उर्दू_शायरी _4

क्या बुरा है के मैं मोहब्बत कर लूँ , लोग वैसे भी तो कहते हैं गुनहगार हूँ में .. Share on X वो मेरी मोहब्बत से इंकार कर देता तो अच्छा होता .., . ऐ दोस्त . वरना बर्बाद तो उसके इज़हार ने भी कर दिया Share on X कहना ही पड़ा उसे यह खत पढ़कर हमारा … कमबख्त की हर बात मोहब्बत से भरी है …. Share on X हम ने आगोश-ऐ -मोहब्बत से ये सीखा है सबक , जिस को ज़िंदा नहीं रहना वो मुहब्बत कर ले … Share on X क्या फर्क है दोस्ती और मोहब्बत में .. .. .. .. .. . . रहते तो दोनों दिल में ही हैं लेकिन , फर्क बस इतना है .. .. . . बरसों बाद मिलने पर मोहब्बत नज़र चुरा लेती है .. .. .. .. और दोस्ती .. सीने से लगा लेती है ..!! Share on X तुझी को पूछता रहा बिछड़ के मुझ से , हलक़ को अज़ीज़ हो गया है तू , मुझे तो जो कोई भी मिला , तुझी को पूछता रहा Share on X न जाने कौन न जाने कौन सा आसब दिल में बसता है के जो भी ठहरा वो आखिर मकान छोड़ गया … Share on X मेरे दिल में घर बना कर वो मेरे दिल में छोड़ गया है न खुद रहता है न किसी और को बसने देता है Share on X मेरे हम-सकूँ मेरे हम-सकूँ का यह हुक्म था के कलाम उससे मैं कम करूँ .. मेरे होंठ ऐसे सिले के फिर उसे मेरी चुप ने रुला दिया …… Share on X

 

Urdu Shayari on Mohabbat

उर्दू_शायरी_2

tum chaho ya na chaho…

न आना तेरा ले चला जान मेरी रूठ के जाना तेरा ऐसे आने से तो बेहतर था न आना तेरा Share on X यह शब-ऐ-हिजर यह शब-ऐ-हिजर तो साथी है मेरी बरसों से जाओ सो जाओ सितारों के मैं ज़िंदा हूँ अभी Share on X ज़रा ठहर जाओ थकी थकी सी फ़िज़ाएं , बुझे बुझे से तारे बड़ी उदास गहरी रातें है , ज़रा ठहर जाओ Share on X दस्तक की तमन्ना उजड़े हुए घर का मैं वो दरवाज़ा हूँ “मोहसिन” दीमक की तरह खा गयी जिसे तेरी दस्तक की तमन्ना Share on X बहलाया था दिल मौजूद थी उदासी अभी पिछली रात की बहलाया था दिल ज़रा सा के फिर रात हो गयी Share on X वो कितना मेहरबान था वो कितना मेहरबान था के हज़ारों ग़म दे गया “मोहसिन” हम कितने खुदगर्ज निकले कुछ न दे सके “मुहब्बत ” के सिवा Share on X पैग़ाम -ऐ -शौक पैग़ाम -ऐ -शौक को इतना तवील मत करना ऐ “क़ासिद” बस मुकतसर उन से कहना के आँखें तरस गयी हैं Share on X यकीन दिल दो तुम मेरे हो इस बात में कोई शक नहीं तुम किसी और के नहीं होंगे इस बात का यकीन दिल दो Share on X ख्वाहिशों का काफिला ख्वाहिशों का काफिला भी अजीब ही है ग़ालिब अक्सर वहीँ से गुज़रता है जहाँ रास्ता नहीं होता हो चुकी ‘ग़ालिब’ बलायें सब तमाम कोई , दिन , गैर ज़िंदगानी और है अपने जी में हमने ठानी और है . आतशे – दोज़ख में , यह गर्मी कहाँ , सोज़े -गुम्हा -ऐ… Share on X

 

Urdu Shayari in English

Somebody's memory has filled the wound Now every breath is suspect Share on X It can increase pain even more Comfort the gals while you are Share on X Wanted flowers but stones in hand, We put stones in Agosh-e-Mohabbat .. Share on X There should be no one like me foolish Do what love says do not harm Share on X God is found, humans are not found, This thing is something that I have seen somewhere .. Share on X Got up and kissed a few withered buds, Neither did you celebrate like this - I have done it .. Share on X Your days are passing by your innocent family Neither Gila nor friends, nor complaint-e-zamana Share on X In the courtyard of the emir, there is a shirir of richness, Every time of theirs is also a skill in the past… Share on X I am in your party Do not change even after me Mojo-e-Guptagu I'm gone yet i'm in your party Share on X Merchant You will be separated from me .. You will be auctioned by the merchant .. Share on X Tujhi ko puchta raha Bichar ke mujh se, halaq ko aziz ho geya hai tu Mujhe to jo koi mila, tujhi ko puchta raha Share on X Na jane kaun Na jane kaun sa aasaab dil mein basta hai Ke jo bhi thehra wo aakhir makaan chod gaya Share on X

 

Urdu Shayari by Allama Iqbal

उर्दू_शायरी _3

कोई दिन गर ज़िंदगानी और है कोई दिन गर ज़िंदगानी और है अपने जी में हमने ठानी और है आतिश -ऐ -दोज़ख में ये गर्मी कहाँ सोज़-ऐ -गम है निहानी और है बारह देखीं हैं उन की रंजिशें , पर कुछ अब के सरगिरानी और है देके खत मुँह देखता है नामाबर , कुछ तो पैगाम -ऐ -ज़बानी… Share on X फितरत -ऐ -इंसान गुफ़्तुगू कीजिये के यह फितरत -ऐ -इंसान है “शाकेब” जाले लग जाते हैं जब बंद मकान होता है Share on X इश्क़ ने ग़ालिब निकम्मा कर दिया गैर ले महफ़िल में बोसे जाम के हम रहें यूँ तश्ना-ऐ-लब पैगाम के खत लिखेंगे गरचे मतलब कुछ न हो हम तो आशिक़ हैं तुम्हारे नाम के इश्क़ ने “ग़ालिब” निकम्मा कर दिया वरना हम भी आदमी थे काम के Share on X बाद मरने के मेरे चंद तस्वीर-ऐ-बुताँ , चंद हसीनों के खतूत . बाद मरने के मेरे घर से यह सामान निकला Share on X दिया है दिल अगर दिया है दिल अगर उस को , बशर है क्या कहिये हुआ रक़ीब तो वो , नामाबर है , क्या कहिये यह ज़िद की आज न आये और आये बिन न रहे काजा से शिकवा हमें किस क़दर है , क्या कहिये ज़ाहे -करिश्मा के यूँ दे रखा है हमको फरेब की बिन कहे ही उन्हें सब खबर है ,… Share on X दिल-ऐ -ग़म गुस्ताख़ फिर तेरे कूचे को जाता है ख्याल दिल -ऐ -ग़म गुस्ताख़ मगर याद आया कोई वीरानी सी वीरानी है . दश्त को देख के घर याद आया Share on X कोई दिन और मैं उन्हें छेड़ूँ और कुछ न कहें चल निकलते जो में पिए होते क़हर हो या भला हो , जो कुछ हो काश के तुम मेरे लिए होते मेरी किस्मत में ग़म गर इतना था दिल भी या रब कई दिए होते आ ही जाता वो राह पर ‘ग़ालिब ’ कोई दिन और भी जिए होते Share on X बज़्म-ऐ-ग़ैर मेह वो क्यों बहुत पीते बज़्म-ऐ-ग़ैर में या रब आज ही हुआ मंज़ूर उन को इम्तिहान अपना मँज़र इक बुलंदी पर और हम बना सकते “ग़ालिब” अर्श से इधर होता काश के माकन अपना Share on X

 

Sher o Shayari in Urdu

उर्दू शायरी 7

dil ke kone se…

हसरत दिल में है सादगी पर उस के मर जाने की हसरत दिल में है बस नहीं चलता की फिर खंजर काफ-ऐ-क़ातिल में है देखना तक़रीर के लज़्ज़त की जो उसने कहा मैंने यह जाना की गोया यह भी मेरे दिल में है Share on X सारी उम्र तोड़ा कुछ इस अदा से तालुक़ उस ने ग़ालिब के सारी उम्र अपना क़सूर ढूँढ़ते रहे Share on X साँस भी बेवफा मैं नादान था जो वफ़ा को तलाश करता रहा ग़ालिब यह न सोचा के एक दिन अपनी साँस भी बेवफा हो जाएगी Share on X

New Urdu Shayari About Life

जवाब क़ासिद के आते -आते खत एक और लिख रखूँ मैं जानता हूँ जो वो लिखेंगे जवाब में Share on X इश्क़ में बे-वजह नहीं रोता इश्क़ में कोई ग़ालिब जिसे खुद से बढ़ कर चाहो वो रूलाता ज़रूर है Share on X जन्नत की हकीकत हमको मालूम है जन्नत की हकीकत लेकिन दिल के खुश रखने को “ग़ालिब” यह ख्याल अच्छा है Share on X शब-ओ-रोज़ तमाशा बाजीचा-ऐ-अतफाल है दुनिया मेरे आगे होता है शब-ओ-रोज़ तमाशा मेरे आगे Share on X बेखुदी बेसबब नहीं ‘ग़ालिब फिर उसी बेवफा पे मरते हैं फिर वही ज़िन्दगी हमारी है बेखुदी बेसबब नहीं ‘ग़ालिब’ कुछ तो है जिस की पर्दादारी है Share on X कागज़ का लिबास सबने पहना था बड़े शौक से कागज़ का लिबास जिस कदर लोग थे बारिश में नहाने वाले अदल के तुम न हमे आस दिलाओ क़त्ल हो जाते हैं , ज़ंज़ीर हिलाने वाले Share on X

 

Urdu Shayari Funny

उर्दू_शायरी _6

खुदा के वास्ते खुदा के वास्ते पर्दा न रुख्सार से उठा ज़ालिम कहीं ऐसा न हो जहाँ भी वही काफिर सनम निकले Share on X वो निकले तो दिल निकले ज़रा कर जोर सीने पर की तीर -ऐ-पुरसितम् निकले जो वो निकले तो दिल निकले , जो दिल निकले तो दम निकले Share on X तेरी दुआओं में असर तेरी दुआओं में असर हो तो मस्जिद को हिला के दिखा नहीं तो दो घूँट पी और मस्जिद को हिलता देख Share on X लफ़्ज़ों की तरतीब लफ़्ज़ों की तरतीब मुझे बांधनी नहीं आती “ग़ालिब” हम तुम को याद करते हैं सीधी सी बात है Share on X जिस काफिर पे दम निकले मोहब्बत मैं नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का उसी को देख कर जीते है जिस काफिर पे दम निकले Share on X काफिर दिल दिया जान के क्यों उसको वफादार , असद ग़लती की के जो काफिर को मुस्लमान समझा Share on X तमाशा थी खबर गर्म के ग़ालिब के उड़ेंगे पुर्ज़े , देखने हम भी गए थे पर तमाशा न हुआ Share on X तनहा लाज़िम था के देखे मेरा रास्ता कोई दिन और तनहा गए क्यों , अब रहो तनहा कोई दिन और Share on X नज़ाकत इस नज़ाकत का बुरा हो , वो भले हैं तो क्या हाथ आएँ तो उन्हें हाथ लगाए न बने कह सके कौन के यह जलवागरी किस की है पर्दा छोड़ा है वो उस ने के उठाये न बने Share on X

 

Urdu Shayari Friendship

रक़ीब कितने शिरीन हैं तेरे लब के रक़ीब गालियां खा के बेमज़ा न हुआ कुछ तो पढ़िए की लोग कहते हैं आज ‘ग़ालिब ‘ गजलसारा न हुआ Share on X मेरी वेहशत इश्क़ मुझको नहीं वेहशत ही सही मेरी वेहशत तेरी शोहरत ही सही कटा कीजिए न तालुक हम से कुछ नहीं है तो अदावत ही सही Share on X तो धोखा खायें क्या लाग् हो तो उसको हम समझे लगाव जब न हो कुछ भी , तो धोखा खायें क्या Share on X ग़ालिब दिल से तेरी निगाह जिगर तक उतर गई दोनों को एक अदा में रजामंद कर गई मारा ज़माने ने ‘ग़ालिब’ तुम को वो वलवले कहाँ , वो जवानी किधर गई Share on X अपने खत को हो लिए क्यों नामाबर के साथ -साथ या रब ! अपने खत को हम पहुँचायें क्या Share on X ऐसा भी कोई “ग़ालिब ” बुरा न मान जो वैज बुरा कहे ऐसा भी कोई है के सब अच्छा कहे जिसे Share on X उल्फ़त ही क्यों न हो उल्फ़त पैदा हुई है , कहते हैं , हर दर्द की दवा यूं हो हो तो चेहरा -ऐ -गम उल्फ़त ही क्यों न हो . Share on X आशिक़ का गरेबां हैफ़ उस चार गिरह कपड़े की किस्मत ग़ालिब जिस की किस्मत में हो आशिक़ का गरेबां होना Share on X तमन्ना कोई दिन और नादान हो जो कहते हो क्यों जीते हैं “ग़ालिब “ किस्मत मैं है मरने की तमन्ना कोई दिन और Share on X

 

Urdu Shayari Status

शमा गम -ऐ -हस्ती का असद किस से हो जूझ मर्ज इलाज शमा हर रंग मैं जलती है सहर होने तक .. Share on X इश्क़ आया है मुझे बेकशी इश्क़ पे रोना ग़ालिब किस का घर जलाएगा सैलाब भला मेरे बाद Share on X जोश -ऐ -अश्क ग़ालिब ‘ हमें न छेड़ की फिर जोश -ऐ -अश्क से बैठे हैं हम तहय्या -ऐ -तूफ़ान किये हुए Share on X ‘ ग़ालिब ‘ कौन है पूछते हैं वो की ‘ग़ालिब ‘ कौन है ? कोई बतलाओ की हम बतलायें क्या Share on X शब -ऐ -महताब “ग़ालिब” छूटी शराब पर अब भी कभी कभी , पीता हूँ रोज़ -ऐ -अबरो शब -ऐ -महताब में Share on X तग़ाफ़ुल-ऐ-ग़ालिब करने गए थे उस से तग़ाफ़ुल का हम गिला बस एक ही निगाह की बस ख़ाक हो गए Share on X आरज़ू रही न ताक़त -ऐ -गुफ्तार और अगर हो भी , तो किस उम्मीद पे कहिये के आरज़ू क्या है .. Share on X दरो -ओ -दीवार – Mirza Galib रात है ,सनाटा है , वहां कोई न होगा, ग़ालिब चलो उन के दरो -ओ -दीवार चूम के आते हैं Share on X खमा -ऐ -ग़ालिब बहुत सही गम -ऐ -गति शराब कम क्या है गुलाम -ऐ-साक़ी -ऐ -कौसर हूँ मुझको गम क्या है तुम्हारी तर्ज़ -ओ -रवीश जानते हैं हम क्या है रक़ीब पर है अगर लुत्फ़ तो सितम क्या है सुख में खमा -ऐ -ग़ालिब की आतशफशनि यकीन है हमको भी लेकिन अब उस में दम क्या है Share on X

 

Urdu Shayari for Friends

उर्दू शायरी 8

dil se khayal…

कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद तेरे हुस्न को परदे की ज़रुरत नहीं है ग़ालिब कौन होश में रहता है तुझे देखने के बाद Share on X वफ़ा के ज़िक्र में ग़ालिब मुझे गुमाँ हुआ वो दर्द इश्क़ वफाओं को खो चूका होगा , जो मेरे साथ मोहब्बत में हद -ऐ -जूनून तक था वो खुद को वक़्त के पानी से धो चूका होगा , मेरी आवाज़ को जो साज़ कहा करता था मेरी आहोँ को याद कर के सो चूका होगा , वो मेरा प्यार , तलब और… Share on X क्या बने बात – Mirza Galib नुक्ता चीन है , गम -ऐ -दिल उस को सुनाये न बने क्या बने बात , जहाँ बात बनाये न बने मैं बुलाता तो हूँ उस को , मगर ऐ जज़्बा -ऐ -दिल उस पे बन जाये कुछ ऐसी , के बिन आये न बने खेल समझा है , कहीं छोड़ न दे , भूल न जाये काश ! यूँ भी हो… Share on X काश ! यूँ भी हो के बिन मेरे सताए न बने ग़ैर फिरता है लिए यूँ तेरे खत को कह अगर कोई पूछे के ये क्या है , तो छुपाये न बने इस नज़ाकत का बुरा हो , वो भले हैं , तो किया हाथ आएं , तो उन्हें हाथ लगाये न बने कह सकेगा कौन , ये जलवा गारी किस की है पर्दा छोड़ा है वो… Share on X उग रहा है दर-ओ -दीवार पे सब्ज़ा “ग़ालिब “ हम बयाबान में हैं और घर में बहार आई है .. Share on X निकलना खुद से आदम का सुनते आये हैं लकिन बहुत बेआबरू हो कर तेरे कूचे से हम निकले Share on X यहाँ अब मेरे राज़दान और भी हैं सितारों से आगे जहाँ और भी हैं अभी इश्क़ के इम्तेहाँ और भी हैं ताही ज़िंदगी से नहीं यह फिज़ाएँ यहाँ सैंकड़ों कारवाँ और भी हैं अगर खो गया एक नशेमन तो किया गम मक़ामात-ऐ-आह-ओ-फ़िगन और भी हैं तू शाहीन है , परवाज़ है काम तेरा तेरे… Share on X फूल की पती फूल की पती से कट सकता है हीरे का जिगर मर्दे नादाँ पर कलाम-ऐ-नरम-ऐ-नाज़ुक बेअसर Share on X

 

Urdu Shayari Mirza Ghalib

उर्दू शायरी 9

aisa kyun na dun…

अपनी फितरत में अमल से ज़िन्दगी बनती है , जन्नत भी जहनुम भी यह कहा की अपनी फितरत में न नूरी है न नारी है Share on X जो लहू से तामीर हुए थे देख कैसी क़यामत सी बरपा हुई है आशियानों पर इक़बाल जो लहू से तामीर हुए थे , पानी से बह गए Share on X हमराज़ बदल डालो तस्कीन न हो जिस से वो राज़ बदल डालो जो राज़ न रख पाए हमराज़ बदल डालो तुम ने भी सुनी होगी बड़ी आम कहावत है अंजाम का जो हो खतरा आग़ाज़ बदल डालो पुर-सोज़ दिलों को जो मुस्कान न दे पाए सुर ही न मिले जिस में वो साज़ बदल डालो दुश्मन के इरादों को है… Share on X इश्क़ क़ातिल से इश्क़ क़ातिल से भी मक़तूल से हमदर्दी भी यह बता किस से मुहब्बत की जज़ा मांगेगा सजदा ख़ालिक़ को भी इबलीस से याराना भी हसर में किस से अक़ीदत का सिला मांगेगा Share on X इक़बाल दुनिया तुझ से नाखुश है बड़े इसरार पोशीदा हैं इस तनहा पसंदी में . यह मत समझो के दीवाने जहनदीदा नहीं होते . ताजुब क्या अगर इक़बाल दुनिया तुझ से नाखुश है बहुत से लोग दुनिया में पसंददीदा नहीं होते . Share on X बड़ा बे-अदब हूँ तेरे इश्क़ की इन्तहा चाहता हूँ मेरी सादगी देख क्या चाहता हूँ भरी बज़्म में राज़ की बात कह दी बड़ा बे-अदब हूँ , सज़ा चाहता हूँ Share on X मुहब्बत की तमना है तो फिर वो वस्फ पैदा कर जहाँ से इश्क़ चलता है वहां तक नाम पैदा कर अगर सचा है इश्क़ में तू ऐ बानी आदम निग़ाह -ऐ -इश्क़ पैदा कर मैं तुझ को तुझसे ज़्यादा चाहूँगा मगर शर्त ये है के अपने अंदर जुस्तजू तो पैदा कर अगर न बदलू तेरी खातिर हर एक चीज़… Share on X आज फिर तेरी याद मुश्किल बना देगी सोने से काबिल ही मुझे रुला देगी आँख लग गई भले से तो डर है कोई आवाज़ फिर मुझे जगा देगी Share on X

 

Urdu Shayari Bewafa

फूल को उड़ा ले गयी हवा जब एक एक फूल को उड़ा ले गयी हवा उस दिन बहार को मेरे घर का पता चला Share on X जब उठा ले चले हमें चार लोग उस दिन मेरे यार को मेरे प्यार का पता चला Share on X दो जहाँ है ज़िन्दगी के दो जहाँ एक यह जहाँ एक वो जहाँ Share on X इन दोनों जहाँ के दरम्यिान बस फासला एक साँस का Share on X जो चल रही तो यह जहाँ जो रुक गई तो वो जहाँ Share on X काश उन्हें भी कभी हमपे ऐतबार तो होता काश उनका दिल इतना शख्त न होता , प्यार हमसे भी कभी उन्होंने किया होता .. एक हम भी थे उनके चाहने वाले , काश उन्हें भी कभी हमपे ऐतबार तो होता .. Share on X हमे तो मोहब्बत हो गयी आप के साथ रहते रहते हमे चाहत सी हो गयी आप से बात करते करते हमे आदत सी हो गयी Share on X एक पल न मिलो बेचैनी सी लगती है दोस्ती निभाते निभाते हमे तो मोहब्बत हो गयी Share on X जिंदगी ऐ जिंदगी मुझसे यूँ दग़ा न कर , मैं जिन्दा राहु ऐसी दुआ न कर , Share on X कोई छूता है उन्हें तो होती है जलन , ऐ हवा तू भी उन्हें छुआ न कर .. Share on X मुझको अच्छा नहीं लगता मुझको अच्छा नहीं लगता तेरा हर एक से मिलना .. हर एक से मिलोगे तो आम हो जाओगे … Share on X जान देने की इजाज़त जान देने की इजाज़त भी नहीं देते हो वरना मर जाएँ और मर के मना लें तुम को Share on X

 

2 Line Urdu Shayari

इस दौर की ज़ुल्मत में हर कल्बे परेशान को वो दाग़े मुहब्बत दे जो चाँद को शर्मा दे Share on X हंसी आती है मुझे हसरते इंसान पर गुनाह करता है खुद और लानत भेजता है सैतान पर Share on X मिटा दे अपनी हस्ती को अगर खुद मुर्तबा चाहे की दाना खाक में मिलकर गुल ओ गुलज़ार बनता है Share on X किसी के इश्क़ के हम-ओ-ख्याल थे हम भी कभी गुजरे ज़माने में बहुत बा-कमाल थे हम भी कभी Share on X

Small Urdu Shayari

उसकी फितरत परिंदों सी थी मेरा मिज़ाज दरख़्तों जैसा उसे उड़ जाना था और मुझे कायम ही रहना था Share on X ढूंढ़ता फिरता हूँ ऐ इक़बाल अपने आप को आप ही गोया मुसाफिर आप ही मंज़िल हूँ मैं Share on X आसमान से दिल लगा बैठे हुई हम से ये नादानी के तेरी महफ़िल में आ बैठे हो के ज़मीन की खाक आसमान से दिल लगा बैठे Share on X मिसल-ऐ-खुशबु सुना है जिन की बातें मिसल-ऐ-खुशबु फैला जाती हैं बहुत बिखरे हुए होते हैं ऐसे लोग अंदर से Share on X वफ़ा सारा शहर उस के “जनाज़े ” में था शरीक ” वफ़ा “निभाते नभते जो शख्स मर गया Share on X

 

Urdu Shayari for Teachers

कलंदर की वो बात पानी पानी कर गयी मुझको कलंदर की वो बात तू झुका जो ग़ैर के आगे न तन तेरा न मन तेरा Share on X ऐ बेखबर सौदागरी नहीं , यह इबादत खुदा की है ऐ बेखबर ! जज़ा की तमन्ना भी छोड़ दे Share on X ज़ख्मो से भर दिया सीना किसी की याद ने ज़ख्मो से भर दिया सीना हर एक सांस पर शक है के आखरी होगी Share on X इक़रार -ऐ-मुहब्बत इक़रार -ऐ-मुहब्बत ऐहदे-ऐ.वफ़ा सब झूठी सच्ची बातें हैं “इक़बाल” हर शख्स खुदी की मस्ती में बस अपने खातिर जीता है Share on X तेरी खिदमत के क़ाबिल उम्र भर तेरी मोहब्बत मेरी खिदमत रही मैं तेरी खिदमत के क़ाबिल जब हुआ तो तू चल बसी Share on X दीदार -ऐ -यार ज़माना आया है बे – हिजबी का , आम दीदार -ऐ -यार होगा ; सकूत था पर्देदार जिसका वो राज़ अब आशकार होगा . Share on X दर्द में इज़ाफ़ा और भी कर देता है दर्द में इज़ाफ़ा तेरे होते हुए गैरों का दिलासा देना Share on X कोई ऐसा शख्स जो पुकारता था हर घड़ी , जो जुड़ा था मुझसे लड़ी लड़ी कोई ऐसा शख्स अगर कभी , मुझे भूल जाये तो क्या करूं Share on X उम्र भर के साथ उस मरहले को मौत भी कहते हैं दोस्तों एक पल में टूट जाएँ जहाँ उम्र भर के साथ Share on X

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