उगादी एक महान त्योहार है जो देश के विभिन्न राज्यों में मनाया जाता है। इस त्योहार को आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक के नए साल के रूप में जाना जाता है। इस साल हम उगादी 2 अप्रैल को मनाएंगे। लोग अपने घर में आम के पत्ते की सजावट करते हैं, दान करते हैं और पचड़ी नामक एक विशेष भोजन तैयार करते हैं और साझा करते हैं।पचड़ी एक उल्लेखनीय उत्सव का भोजन है जो सभी स्वादों को जोड़ता है – मीठा, खट्टा, नमकीन, कड़वा, कसैला और तीखा। लोग पूजा के लिए हिंदू मंदिरों में भी जाते हैं। Ugadi Speech in Hindi के लिए पूरा लेख पढ़ें|
Ugadi Speech 2022- उगादी त्यौहार पर भाषण
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Ugadi Speech in Hindi for Students
भारत में सभी त्योहार बहुत ही धुमधाम से हर्ष और उल्लास के साथ मनाए जाते हैं। उगादी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है जो कि विशेष रूप से महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में मनाया जाता है। उगादी पर्व को नव वर्ष की तरह ही मनाया जाता है और हिंदु लोग इस दिन को साल का पहला दिन मानते है। उगादी को गुड़ी पाड़वा के नाम से भी जानते हैं जिसका अर्थ है विजय पताका। उगादी पर्व हर वर्ष चैत्र माह के शुक्ल प्रतिपद को मनाया जाता है।
उगादी पर्व की कहानी- हर पर्व की तरह उगादी पर्व से भी बहुत सी कहानियाँ जुड़ी हुई है। माना जाता है कि इस दिन ही ब्रहमा जी ने ब्रहमांड की स्थापना की थी और तभी से हर वर्ष उगादी पर्व को नए वर्ष के रूप में मनाया जाता है। कहा जाता है कि इस दिन रामचंद्र औक युधिष्ठिर का राज्यभिषेक हुआ था। इस दिन ही महाराज नरेश विक्रमादित्य ने भारत भूमि की रक्षा शंको से की थी। इस पर्व को असत्य पर सत्य की विजय के रूप में भी मनाया जाता है।
उगादी पर्व पर विभिन्न प्रकार की तैयारियाँ की जाती है और लोगो में खुशी और उत्साह की लहर होती है। इस दिन घरों की साफ सफाई की जाती है और रंगोली बनाई जाती है। घर के दरवाजों को आम के पत्तों से सजाया जाता है। इस दिन घर के सभी लोग काम से छुट्टी लेकर साथ में समय व्यतीत करते है और मस्ती करते हैं। इस दिन हास्य कवि सम्मेलन आदि का आयोजन किया जाता है। सुबह सुबह भगवान से प्रार्थना की जाती है और घरों में तरह तरह के व्यंजन बनाए जाते हैं। उगादी के दिन गुड, कच्चे आम, मीम के फूल और इमली के प्रयोग से उगादी पच्चडी नामक विशेष व्यंजन बनाया जाता है।
Ugadi Speech in Hindi for teachers
उगादी या युगादी नव वर्ष की ख़ुशी में मनाया जाता है। यह त्यौहार डेक्कन राज्यों में बहुत ही धूम धाम से मनाया जाता है। यह माना जाता है ब्रह्मा जिन्होंने इस श्रष्टि को रचा उन्होंने इसी दिन इस ब्रह्माण्ड को बनाना शुरू किया था।इस दिन को तेलुगु और कन्नड़ नव वर्ष की शुरुवात भी माना जाता है। यह त्यौहार भारत में कर्नाटक, महाराष्ट्र, आन्ध्र प्रदेश, और तेलन्गाना में प्रसिद्ध रूप से मनाया जाता है।चैत्र माह के प्रथम अर्ध चन्द्रमा के दिन उगादी के महोत्सव को बहुत ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। यह दिन प्रतिवर्ष मार्च से अप्रैल महीने के बीच आता है।
इस त्यौहार के समय वसंत ऋतु का आगमन अच्छे से हो चूका होता है और हर जगह त्योहारों का रंग नज़र आता है। पेड़ों में नए पत्ते लहराते हुए सुन्दर दीखते हैं और उगादी का त्यौहार मनाने वाले लोगों के मन में उमंग दीखता है।वैसे तो शिवजी ने ब्रह्मा जी को शाप दिया था कि उनकी पूजा नहीं होगी। परंतु आंध्र प्रदेश में Ugadi का त्यौहार खासकर भगवान ब्रह्मा जी को समर्पित किया जाता है। हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार यह भी माना जाता है कि इस दिन भगवान् विष्णु जी ने मतस्य अवतार लिया था।यह आन्ध्र प्रदेश का एक बहुत ही मुख्य त्यौहार है। इस दिन लोग अपने घरों और आस पास की अच्छे से सफाई करते हैं और अपने घरों के प्रवेश द्वार में आम के पत्ते लगाते हैं।
लोग इस दिन अपने लिए और अपने परिवार जनों के लिए सुन्दर कपडे खरीदते हैं। इस दिन सभी लोग सवेरे से उठते हैं और तिल के तेल को अपने सर और शारीर में लगाते हैं और उसके बाद वे मंदिर जाते हैं और प्रार्थना करते हैं।लोग इस दिन बहुत ही स्वादिष्ट खाना और मिठाइयाँ बनाते हैं और अपने परिवार और आस पास के लोगों को बाँटते भी हैं। तेलन्गाना में इस त्यौहार के दिन को 3 दिन तक लगातार मनाया जाता है।इस दिन को लोग बहुत ही शुव अवसर मानते हैं और नव वर्ष के साथ-साथ खुशियों की शुरुवात भी मानते हैं। लोग इस दिन भगवान् को सुन्दर सुगन्धित चमेली के फूलों का हार चड़ाते हैं और उनकी पूजा आराधना करते हैं। मंत्रों के गूंज से वातावरण पवित्र हों जाता हैं।
कुछ लोग अपने घरों की दीवारों को सफ़ेद रंग से पुताई करते हैं और ताज़ा आम के पत्तों से सजाते हैं। घरों को फूलों से सजाते हैं। लोग अपने घरों के दरवाजों पर कलश और उस पर नारियल और आम के पत्तों को रखते हैं।
Ugadi Speech in Hindi, English , Telugu, Kannada
उगादी या फिर जिसे समवत्सरदी युगादी के नाम से भी जाना जाता है दक्षिण भारत का एक प्रमुख पर्व है। इसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों में नववर्ष के रुप में मनाया जाता है। यह पर्व चैत्र माह के पहले दिन मनाया जाता है। ग्रागेरियन कैलेंडर के हिसाब से यह पर्व मार्च या अप्रैल में आता है। दक्षिण भारत में इस पर्व को काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है क्योंकि वसंत आगमन के साथ ही किसानों के लिए यह पर्व नयी फसल के आगमन का भी अवसर होता है।उगादी का पर्व दक्षिण भारत के सबसे महत्वपूर्ण पर्वों में से एक है, इसे नववर्ष के आगमन के खुशी में मनाया जाता है। उगादी के पर्व को लेकर कई सारी मान्यताएं प्रचलित हैं, ऐसी ही एक मान्यता के अनुसार जब शिवजी ने ब्रम्हा जी को श्राप दिया था कि कही भीं उनकी पूजा नही कि जायेगी, लेकिन आंध्रप्रदेश में उगादी अवसर पर ब्रम्हाजी की ही पूजा की जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इसी दिन ब्रम्हा जी ब्रह्माण्ड की रचना शुरु की थी।
यही कारण है कि इस दिन को कन्नड़ तथा तेलगु नववर्ष के रुप में भी मनाया जाता है। इसके साथ ही पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु मतस्य अवतार में अवतरित हुए थे।
उगादी को लेकर कई सारे ऐतहासिक तथा पौराणिक वर्णन मिलते हैं। ऐसा माना जाता है कि उगादि के दिन ही भगवान श्री राम का राज्याभिषेक भी हुआ था। इसके साथ ही इसी दिन सम्राट विक्रमादित्य ने शकों पर विजय प्राप्त की थी। यदि सामान्य परिपेक्ष्य से देखा जाये तो उगादि का यह त्योहार उस समय आता है जब भारत में वसंत ऋतु अपने चरम पर होती है और इस समय किसानों को नयी फसल भी मिलती है और क्योंकि भारत एक कृषि प्रधान देश है। इसलिए प्रचीन समय से ही किसानों द्वारा इस पर्व को नयी फसल के लिए ईश्वर को दिये जाने वाले धन्यवाद के रुप में मनाया जाता है।
Ugadi speech in English
When Chaitra Navratri begins on the first day of Chaitra month, a festival called Ugadi is celebrated on the first day of Chaitra month in South Indian states like Karnataka, Andhra Pradesh, Telangana. This festival is celebrated as the new year of these regions.This festival is considered one of the most important festivals of Karnataka, Andhra Pradesh and Telangana.
People are very excited about this day and on this day they get up in the morning and start cleaning their houses, after cleaning the houses, people decorate the entrance of their houses with mango leaves.Along with this, it is also customary to make a special drink on this day, which is known as Pachadi. This drink called Pachadi is made in a pot by mixing things like new tamarind, mango, coconut, neem flowers, jaggery. Along with drinking this drink by the people, it is also distributed in the neighborhood.
In Karnataka on the day of Ugadi, apart from Pachadi, another thing is also eaten by the people, which is known as Bevu-Bella. It is made of a mixture of jaggery and neem, which makes us aware that in life we have to go through both sweet and bitter experiences. The following Sanskrit shloka is recited by people while eating this sweet-bitter mixture.
Ugadi Speech in Kannada
ದಕ್ಷಿಣ ಭಾರತದಲ್ಲಿ ಈ ಯುಗಾದಿ ಹಬ್ಬಕ್ಕೆ ವಿಶೇಷ ಮಹತ್ವವಿದೆ. ಈ ಹಬ್ಬವನ್ನು ಚೈತ್ರ ಮಾಸದ ಮೊದಲ ದಿನದಂದು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತದೆ, ಇದು ಅದರ ಪ್ರಾಮುಖ್ಯತೆಯನ್ನು ಇನ್ನಷ್ಟು ಹೆಚ್ಚಿಸುತ್ತದೆ. ಏಕೆಂದರೆ ಈ ಹಬ್ಬದ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ವಸಂತ ಋತುವು ಉತ್ತುಂಗದಲ್ಲಿದೆ. ಹವಾಮಾನವು ತುಂಬಾ ಆಹ್ಲಾದಕರವಾಗಿರುತ್ತದೆ, ಅದರ ಸಹಚರರು ಈ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಹೊಸ ಬೆಳೆಯ ಬಗ್ಗೆ ಸಂತೋಷಪಡುತ್ತಾರೆ.
ಈ ಯುಗಾದಿಯ ಹಬ್ಬವು ನಮ್ಮನ್ನು ನಿಸರ್ಗಕ್ಕೆ ಇನ್ನಷ್ಟು ಹತ್ತಿರವಾಗಿಸುವ ಕೆಲಸ ಮಾಡುತ್ತದೆ ಏಕೆಂದರೆ ಈ ಹಬ್ಬದ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ನಾವು ಸೇವಿಸುವ ಪಚಡಿ ಎಂಬ ಪಾನೀಯವನ್ನು ಪರಿಗಣಿಸಿದರೆ ಅದು ದೇಹಕ್ಕೆ ತುಂಬಾ ಆರೋಗ್ಯಕರವಾಗಿರುತ್ತದೆ. ಇದು ಹವಾಮಾನ ಬದಲಾವಣೆಯ ವಿರುದ್ಧ ಹೋರಾಡಲು ನಮ್ಮ ದೇಹವನ್ನು ಸಿದ್ಧಪಡಿಸುತ್ತದೆ ಮತ್ತು ನಮ್ಮ ದೇಹದ ರೋಗನಿರೋಧಕ ಶಕ್ತಿಯನ್ನು ಹೆಚ್ಚಿಸುತ್ತದೆ.ಇದರೊಂದಿಗೆ, ಈ ದಿನದಂದು ಯಾವುದೇ ಹೊಸ ಕೆಲಸವನ್ನು ಪ್ರಾರಂಭಿಸುವುದು ಯಶಸ್ವಿಯಾಗುತ್ತದೆ ಎಂದು ನಂಬಲಾಗಿದೆ. ಆದ್ದರಿಂದ, ಯುಗಾದಿಯ ದಿನ, ದಕ್ಷಿಣ ಭಾರತದ ರಾಜ್ಯಗಳಲ್ಲಿ ಜನರು ಅಂಗಡಿಗಳನ್ನು ತೆರೆಯುವುದು, ಕಟ್ಟಡ ನಿರ್ಮಾಣವನ್ನು ಪ್ರಾರಂಭಿಸುವುದು ಮುಂತಾದ ಹೊಸ ಕೆಲಸಗಳನ್ನು ಪ್ರಾರಂಭಿಸುತ್ತಾರೆ.
ಯುಗಾದಿ ಹಬ್ಬದ ಇತಿಹಾಸ ಸಾಕಷ್ಟು ಪುರಾತನವಾಗಿದ್ದು, ಹಲವು ಶತಮಾನಗಳಿಂದ ದಕ್ಷಿಣ ಭಾರತದ ರಾಜ್ಯಗಳಲ್ಲಿ ಈ ಹಬ್ಬವನ್ನು ಆಚರಿಸಲಾಗುತ್ತಿದೆ. ದಕ್ಷಿಣ ಭಾರತದಲ್ಲಿ, ಚಂದ್ರನ ಕ್ಯಾಲೆಂಡರ್ ಅನ್ನು ನಂಬುವ ಜನರು ಇದನ್ನು ಹೊಸ ವರ್ಷ ಎಂದು ಆಚರಿಸುತ್ತಾರೆ. ಚಕ್ರವರ್ತಿ ಶಾಲಿವಾಹನ ಆಳ್ವಿಕೆಯಲ್ಲಿ ಅಥವಾ ಗೌತಮಿಪುತ್ರ ಶಾತಕರ್ಣಿ ಎಂದು ಕರೆಯಲ್ಪಡುವ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಈ ಹಬ್ಬವನ್ನು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಲಾಯಿತು ಎಂದು ಇತಿಹಾಸಕಾರರು ನಂಬುತ್ತಾರೆ. ಇದರೊಂದಿಗೆ, ಈ ಹಬ್ಬದ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ವಸಂತವು ಪೂರ್ಣವಾಗಿ ಇರುತ್ತದೆ, ಈ ಕಾರಣದಿಂದಾಗಿ ಹವಾಮಾನವು ಸಾಕಷ್ಟು ಆಹ್ಲಾದಕರವಾಗಿರುತ್ತದೆ.
ಪುರಾಣಗಳ ಪ್ರಕಾರ, ಈ ದಿನ ಬ್ರಹ್ಮನು ಬ್ರಹ್ಮಾಂಡದ ಸೃಷ್ಟಿಯನ್ನು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಿದನು ಮತ್ತು ಈ ದಿನ ಭಗವಾನ್ ವಿಷ್ಣುವು ಮತ್ಸ್ಯ ಅವತಾರವನ್ನು ತೆಗೆದುಕೊಂಡನು. ಇದರೊಂದಿಗೆ ಹಿಂದಿನ ಕಾಲದಲ್ಲಿ ರೈತರಿಗೆ ಇದು ವಿಶೇಷ ಸಂದರ್ಭವಾಗಿತ್ತು ಏಕೆಂದರೆ ಈ ಸಮಯದಲ್ಲಿ ಅವರು ಹೊಸ ಬೆಳೆಯನ್ನು ಪಡೆಯುತ್ತಿದ್ದರು, ಅವರು ತಮಗೆ ಬೇಕಾದ ವಸ್ತುಗಳನ್ನು ಮಾರಾಟ ಮತ್ತು ಖರೀದಿಸುತ್ತಿದ್ದರು. ಈ ಯುಗಾದಿ ಹಬ್ಬಕ್ಕೆ ಇಂದಿಗೂ ರೈತರು ಹೆಚ್ಚಿನ ಗೌರವ ನೀಡುತ್ತಿರುವುದು ಇದೇ ಕಾರಣಕ್ಕೆ.
ಯುಗಾದಿಯು ನಾವು ಹಿಂದಿನದನ್ನು ಬಿಟ್ಟು ಭವಿಷ್ಯದತ್ತ ಗಮನಹರಿಸಬೇಕು ಮತ್ತು ಯಾವುದೇ ರೀತಿಯ ವೈಫಲ್ಯದ ಬಗ್ಗೆ ದುಃಖಿಸಬಾರದು ಆದರೆ ಸಕಾರಾತ್ಮಕತೆಯಿಂದ ಹೊಸದನ್ನು ಪ್ರಾರಂಭಿಸಬೇಕು ಎಂಬುದನ್ನು ಅರಿತುಕೊಳ್ಳುವ ಹಬ್ಬವಾಗಿದೆ.
Ugadi speech in Telugu
దక్షిణ భారతదేశంలో ఈ ఉగాది పండుగకు ప్రత్యేక ప్రాముఖ్యత ఉంది. ఈ పండుగ చైత్ర మాసం మొదటి రోజున జరుపుకుంటారు, ఇది దాని ప్రాముఖ్యతను మరింత పెంచుతుంది. ఎందుకంటే ఈ పండుగ సమయంలో వసంత రుతువు ఉచ్ఛస్థితిలో ఉంటుంది. వాతావరణం చాలా ఆహ్లాదకరంగా ఉండటం వల్ల, దాని సహచరులు కూడా ఈ సమయంలో కొత్త పంట గురించి సంతోషంగా ఉన్నారు.
ఈ ఉగాది పండుగ మనల్ని ప్రకృతికి మరింత చేరువ చేసేలా పనిచేస్తుంది, ఎందుకంటే ఈ పండుగ సమయంలో తాగే పచ్చడి అనే పానీయాన్ని పరిగణనలోకి తీసుకుంటే, అది శరీరానికి చాలా ఆరోగ్యకరమైనది. ఇది మన శరీరాన్ని వాతావరణ మార్పులతో పోరాడటానికి సిద్ధం చేస్తుంది మరియు మన శరీరంలోని రోగనిరోధక శక్తిని కూడా పెంచుతుంది.
దీనితో పాటు, ఈ రోజున ఏదైనా కొత్త పనిని ప్రారంభించడం విజయం సాధిస్తుందని నమ్ముతారు. అందువల్ల, ఉగాది రోజున, దక్షిణ భారత రాష్ట్రాల్లోని ప్రజలు దుకాణాలు తెరవడం, భవన నిర్మాణాలు ప్రారంభించడం వంటి కొత్త పనులను ప్రారంభిస్తారు.ఉగాది పండుగ చరిత్ర చాలా పురాతనమైనది మరియు అనేక శతాబ్దాలుగా దక్షిణ భారతదేశంలోని రాష్ట్రాల్లో ఈ పండుగను జరుపుకుంటారు. దక్షిణ భారతదేశంలో, చాంద్రమానాన్ని విశ్వసించే ప్రజలు దీనిని కొత్త సంవత్సరంగా కూడా జరుపుకుంటారు. శాలివాహన చక్రవర్తి కాలంలో లేదా గౌతమీపుత్ర శాతకర్ణిగా పిలువబడే కాలంలో ఈ పండుగ ప్రారంభమైందని చరిత్రకారులు భావిస్తున్నారు. దీనితో పాటు, ఈ పండుగ సమయంలో వసంతకాలం పూర్తి స్థాయిలో ఉంటుంది, దీని కారణంగా వాతావరణం చాలా ఆహ్లాదకరంగా ఉంటుంది.
పురాణాల ప్రకారం, ఈ రోజున బ్రహ్మ విశ్వం యొక్క సృష్టిని ప్రారంభించాడు మరియు ఈ రోజున విష్ణువు మత్స్య అవతారం తీసుకున్నాడు. దీనితో పాటు, పూర్వ కాలంలో రైతులకు ఇది ఒక ప్రత్యేక సందర్భం, ఎందుకంటే ఈ సమయంలో వారు కొత్త పంటను పొందారు, వారు తమకు అవసరమైన వస్తువులను విక్రయించి కొనుగోలు చేసేవారు. ఈ ఉగాది పండుగను నేటికీ రైతులు ఇంతగా గౌరవించటానికి కారణం ఇదే.
ఉగాది అంటే మనం గతాన్ని వదిలి భవిష్యత్తుపై దృష్టి పెట్టాలని, ఎలాంటి అపజయాలకు దిగులు చెందకుండా సానుకూలతతో మళ్లీ కొత్తగా ప్రారంభించాలని మనకు తెలియజేసే పండుగ ఉగాది.
Ugadi Festival Speech in Hindi Language
उगादी पर्व का भारतीय दर्शन में विशेष महत्व है, क्योंकि यह बहुत सी पौराणिक और प्राकृतिक घटनाओं का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसा माना जाता है की इसी दिन भगवान ब्रह्मा ने सृष्टि की रचना की थी। पौराणिक कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने भगवान ब्रह्मा को श्राप दिया था की भगवान ब्रह्मा की पूजा नहीं होगी। लेकिन दूसरी ओर उगादी के दिन भगवान ब्रह्मा की पूजा होती है। इसका मूल कारण यह बताना था किसी भी परिस्थिति में परिवर्तन और नव सृजन रुकना नहीं चाहिए यानी इंसान को समय के साथ खुद में परिवर्तन लाते रहना चाहिए।
दक्षिण भारत में इस पर्व को काफी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है क्योंकि वसंत ऋतू के आगमन का समय नजदीक होता है और किसानों के लिए नई फसल का समय होता है।भारतीय दर्शन में पर्वों के द्वारा एक साथ अनेक सीख और सलाह देने की परंपरा है। चाहे वह होली हो या दिवाली चाहे वह गणेश चतुर्थी हो या उगादी।सभी त्योहारों के पीछे एक गूढ़ ज्ञान छिपा होता है। उगादी त्योहार मनाने के पीछे भी उसी ज्ञान को शिरोधार्य करना मुख्य है।
उगादी पर्व के पीछे हिन्दू समूह को एकत्रित और संगठित करने का प्रयास मुख्य है। उगादी त्योहार के दिन प्राकृतिक परिवर्तन भी होता है। इसलिए एक विशेष काढ़ा पिने की परंपरा सदियों से चलती आई है। कई जगहों पर नीम और गुड़ के लड्डू भी बाटें जाते हैं क्योंकि इसके पीछे स्वास्थ्य विज्ञान के साथ अध्यात्म विज्ञान भी कार्य करता है जो जीवन के दोनों पहलुओं पर स्थिर रहने का ज्ञान देता है।
उगादी त्योहार मनाये जाने के पीछे पौराणिक तर्क यह है की लोगों में इस भावना का निर्माण हो की ब्रह्मा विष्णु और महेश उसी परमपिता परमात्मा के तीन अलग काम भर हैं। पौराणिक कथाओं के माध्यम से इंसानी मस्तिष्क के लिए एक सरल और समझ में आ सकने वाली घटनाओं का निर्माण किया गया है और घटनाओं पर ध्यान देने के बजाय घटनाओं के पीछे के ज्ञान को शिरोधार्य करना एक मुख्य वजह है। उगादी त्योहार मनाये जाने के पीछे का ऐतिहासिक वजह यह है की श्री राम से लेकर सम्राट विक्रमादित्य के शौर्य और पराक्रम से हम कुछ सीखें और अपने मातृभूमि के लिए जीने का प्रण लें।
Speech for Ugadi Festival for School in Hindi
उगादी या युगादी यह दक्षिण भारत का एक मुख्य त्योहार है। इसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों नए साल के प्रतिक के रूप में मनाया जाता है। उगादी पर्व चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। आम तौर पर यह हर साल मार्च या अप्रैल महीने में पड़ता है।
इस साल उगादी 2 अप्रैल दिन शुक्रवार को पड़ रहा है।भारतीय त्योहारों के अनेक आयामों से मानव को लाभ ही लाभ प्राप्त होते हैं इसलिए कुछ त्योहारों का शारीरिक, आध्यात्मिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्व दोगुना हो जाता है।
जैसे की प्राकृतिक दृष्टि से उगादी पर्व के समय हमारे शरीर में बहुत से बदलाव होते हैं जिसके कारण रोग व्याधियों के पनपने की गुंजाईश बेहद अधिक रहती है इसलिए उगादी के माध्यम से हमें कुछ विशेष व्यंजन खिलाए जाते हैं जिससे हमारा शरीर इन रोगों और ऋतू परिवर्तनों को आसानी से झेल सके।
आध्यात्मिक दृष्टि से उगादी का महत्व बेहद गूढ़ है लेकिन इसमें हिन्दू संस्कृति का मर्म भी छुपा हुआ है। अगर ध्यान से देखा जाए तो हमें हिन्दू पौराणिक कथाओं में कुछ स्थान पर मतभेद दिखाई देते हैं। अगर हमारे ऋषि-मुनियों ने चाहा होता तो हमारे मतभेद वालें अध्यायों कुछ अन्य धर्मों की तरह कर्णप्रिय बदलाव कर दिया होता लेकिन उनकी दूरदर्शिता के पीछे लोगों को सत्य का दर्शन करवाना था इसलिए उन कथाओं को ज्यों का त्यों छोड़ दिया ताकि लोग अपने विवेकानुसार सत्य खोज सकें।
उगादी पर्व का एक पौराणिक और ऐतिहासिक महत्व और भी है। ऐसा माना जाता है की इसी दिन भगवान राम का राज्याभिषेक हुआ था। ऐसा भी माना जाता है की महाभारत काल में धर्मराज युधिष्ठिर का राज्याभिषेक भी इसी दिन ही हुआ था। इसके साथ ही पौराणिक कथाओं के अनुसार इस दिन भगवान विष्णु मतस्य अवतार में अवतरित हुए थे। ऐतिहासिक तथ्यों के अनुसार सम्राट विक्रमादित्य ने इसी दिन शकों पर विजय पाई थी।
Short Ugadi Speech in Hindi
उगादी पर्व के कई दिन पहले से ही लोगों के घरों में रौनक का माहौल रहता है। कुछ दिनों पहले से ही लोग अपने घरों की साफ़ सफाई करना शुरू कर देते हैं तथा जिन्हें नया व्यापार करना होता है वे इस दिन पर शुभारम्भ करने की बात सोचते रहते हैं। इस दिन लोग जल्दी उठ तथा स्नान कर अलसी के तेल को सिर में लगाते हैं तथा मिष्ठान को प्रसाद के रूप में लोगों में बाँटते हैं तथा प्रसाद को ग्रहण कर ख़ुशियाँ मनाते हैं। प्रातः ब्रम्हा जी की पूजा होती है जिसमें गीत और आरती मुख्य रहती है।
इस दिन को कन्नड़ तथा तेलगु नववर्ष के रुप में भी मनाया जाता है। इस दिन एक विशेष पेय बनाने की भी प्रथा है, जिसे पच्चड़ी नाम से जाना जाता है। पच्चड़ी यह इमली, आम, नारियल, नीम के फूल, गुड़ जैसे चीजों को मिलाकर मटके में बनायी जाती है। इस पेय पदार्थ को प्रसाद के रूप में पास-पड़ोस के लोगों को भी बाटा जाता है।
उगादी या युगादी यह दक्षिण भारत का एक मुख्य त्योहार है। इसे कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना जैसे राज्यों नए साल के प्रतिक के रूप में मनाया जाता है। उगादी पर्व चैत्र महीने के पहले दिन मनाया जाता है। आम तौर पर यह हर साल मार्च या अप्रैल महीने में पड़ता है। इस साल उगादी 2 अप्रैल दिन शुक्रवार को पड़ रहा है।
Long Ugadi Speech in Hindi
हमरा देश को त्योहारों का देश है | इस देश में बहुत सारे त्यौहार मनाये जाते है | हमारे भारत देश में होली, नवरात्रि, गणपति उत्सव, महाशिवरात्रि, दिवाली, दशहरा इत्यादि अनेक प्रकार के त्यौहार मनाये जाते है | इन अनेक त्योहारों में से एक त्यौहार है ‘उगादी’ | यह देश में लोकप्रिय त्यौहार है |उगादी त्यौहार हमारे देश के संस्कृति का एक मुख्य त्यौहार है | उगादी त्यौहार हमें सच्चाई और साहसी जीवन जीने को प्रेरित करता है |
शालिवान नामक के एक कुमार पुत्र ने मिट्टी के सैनिकों के सेना से प्रभावी शत्रुओं का पराभव किया था | विजय प्राप्त करने के कारण उस पुत्र ने इस त्यौहार की शुरुवात उगादी दिन से की थी |यह एक हिन्दू धर्म का मुख्य त्यौहार है | उगादी त्यौहार को ‘गुढी पाडवा’ भी कहा जाता है | गुढी पाडवा का अर्थ होता है – विजय पताका | इस दिन को शुभ दिन मन जाता है |
उगादी यह त्यौहार बहुत ख़ुशी से मनाया जाता है | इस दिन पर घरों में रंगोली बनाते है और उस रंगोली की सुंदरता कुछ अलग ही दिखाई देती है | इस दिन सभी लोग को छुट्टी मिलती है | उगादी त्यौहार हम सहस और वीरता का परीभाषा सिखाता है | उगादी त्यौहार हर साल देश में चैत्र माह के शुक्ल प्रतिपदा को मनाया जाता है |
उगादी त्यौहार को हिन्दू धर्म में नव वर्ष के रूप में मनाया जाता है | इस त्यौहार को बड़े उत्साह से मनाया जाता है |हिन्दू धर्म में इस त्यौहार को बहुत मान्यता है | यह त्यौहार पुरे परंपरा के नुसार मनाया जाता है | इस दिन को हिन्दू धर्म में शुभ दिन माना जाता है | उगादी के दिन हर किसी के घर में मूर्तियों की पूजा की जाती थी | पूजा की जगह को साफ किया जाता है उसके बाद बड़े लोग के हाथ से मूर्तियों की पूजा की जाती है | यह पूजा घर के शांति की कामना करने के लिए की जाती है | पुरे घर की इस दिन सजावट की जाती है |
उगादी फेस्टिवल मनाने के पीछे का इतिहास काफी प्रचीन है और इस त्योहार को कई सदियों से दक्षिण भारत के राज्यों में मनाया जा रहा है। दक्षिण भारत में चंद्र पंचाग को मानने वाले लोगो द्वारा इसे नव वर्ष के रुप में भी मनाया जाता है। इतिहासकारों का मानना है कि इस पर्व की शुरुआत सम्राट शालिवाहन या जिन्हें गौतमीपुत्र शतकर्णी के नाम से भी जाना जाता है, उनके शासनकाल में हुआ था। यह दिन किसानों के लिए एक खास अवसर होता था क्योंकि इस समय उन्हें नयी फसल की प्राप्ति होती थी। यही कारण है कि उगादी के इस पर्व को कृषकों द्वारा आज भी सम्मान दिया जाता है। उगादी वह पर्व है जो हमें दर्शाता है कि हमें अतीत को पीछे छोड़कर आने वाले भविष्य पर ध्यान देना चाहिए और किसी तरह के असफलता पर उदास नही होना चाहिए बल्कि सकारात्मकता के साथ नयी शुरुआत करनी चाहिए। इस पर्व के दौरान वसंत अपने पूरे चरम पर होता है, जिससे मौसम काफी सुहावना रहता है। कई कथाओं के अनुसार इसी दिन ब्रम्हा जी सृष्टि की रचना शुरु की थी और इसी दिन भगवान विष्णु ने मतस्य अवतार धारण किया था।
चैत्र माह के पहले दिन में चैत्र नवरात्रि का आरंभ होता है, तो दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, कर्नाटक जैसे राज्यों में चैत्र माह के पहले दिन उगादी त्योहार मनाया जाता है। इस त्योहार को इन क्षेत्रों के नववर्ष के रुप में मनाया जाता है। यह त्योहार आंध्र प्रदेश, कर्नाटक तथा तेलंगाना का प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है। इस दिन को लेकर लोगो में काफी उत्साह रहता है और इस दिन वह सुबह उठकर अपने घरों की साफ-सफाई करते हैं तत्पश्चात अपने घरों के प्रवेश द्वार को आम के पत्तों से सजाते हैं। उगादी के उत्सव पर लोग भगवान की मूर्तियों पर चमेली के फूल तथा मालाएं चढ़ाते हैं और विशेषकर ब्रम्हा जी की पूजा अवश्य करते हैं। इस दिन एक विशेष पेय बनाने की भी प्रथा है, जिसे पच्चड़ी नाम से जाना जाता है। पच्चड़ी नामक यह पेय नई इमली, आम, नारियल, नीम के फूल, गुड़ जैसे चीजों को मिलाकर मटके में बनायी जाती है। लोगों द्वारा इस पेय को पीने के साथ ही इसे आस-पड़ोस में भी बांटा जाता है। उगादी के दिन कर्नाटक में पच्चड़ी के अलावा बेवु-बेल्ला को भी लोगों द्वारा खायी जाती है। यह गुड़ और नीम के मिश्रण से बना होता है, जो हमें हमारे जीवन में दर्शाता है कि जीवन में हमें मीठेपन तथा कड़वाहट भरे दोनो तरह के अनुभवों से गुजरना पड़ता है। इस दिन घरों में पुरणपोली तथा लड्डू जैसे कई स्वादिष्ट व्यंजन बनाये जाते हैं।
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