स्वतंत्रता पुकारती कविता जयशंकर प्रसाद – हिमाद्रि तुंग श्रृंग से सारांश व पोएम समरी इन हिंदी PDF

हिमाद्रि तुंग श्रृंग से सारांश व पोएम समरी इन हिंदी PDF

जयशंकर प्रसाद भारत वर्ष के एक बहुत ही प्रचिलित और महान कविकार थे| वे कविकार होने के साथ साथ नाटककार , कहानीकार, निबंधकार और उपन्यासकार भी थे| जयशंकर प्रसाद जी हिंदी के छायावादी युग के प्रमुख चार स्तंभों में से एक थे| उनका जन्म 30 जनवरी 1889 में उत्तर प्रदेश के वाराणसी जिले में हुआ था| उन्होंने ही हिंदी कविता के छायावादी युग की रचना की थी| स्वतंत्रता पुकारती उनकी एक बहुत ही प्रसिद्ध कविताओं में से एक है जिसे उन्होंने भारत के स्वतंत्रता सेनानिओ को समर्पित करि थी| आज के इस पोस्ट में हम आपको स्वतंत्रता पुकारती कविता की व्याख्या, स्वतंत्रता पुकारती पोएम समरी इन हिंदी, स्वतंत्रता पुकारती कविता समरी, आदि की जानकारी देंगे|

स्वतंत्रता पुकारती कविता जयशंकर प्रसाद pdf

यहाँ से आप Swatantrata Pukarti Poem – Jaishankar Prasad in Hindi language & Hindi Font स्टूडेंट्स के लिए (शब्दों) में देख व pdf डाउनलोड कर सकते हैं| साथ ही class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चे इन्हे अपने स्कूल फंक्शन celebration व प्रोग्राम में सुना सकते हैं जो की 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017, 2018 का पूर्ण कलेक्शन है जिसे आप WhatsApp, Facebook व Messenger इंस्टाग्राम आदि पर सेंड करके अपनी विशेष भेज सकते हैं|

स्वतंत्रता पुकारती कविता जयशंकर प्रसाद

स्वतंत्रता पुकारती कविता बय जयशंकर प्रसाद

हिमाद्रि तुंग शृंग से
प्रबुद्ध शुद्ध भारती–
स्वयं प्रभा समुज्ज्वला
स्वतंत्रता पुकारती–
‘अमर्त्य वीर पुत्र हो, दृढ़- प्रतिज्ञ सोच लो,
प्रशस्त पुण्य पंथ है, बढ़े चलो, बढ़े चलो!’
असंख्य कीर्ति-रश्मियाँ
विकीर्ण दिव्यदाह-सी,
सपूत मातृभूमि के–
रुको न शूर साहसी!
अराति सैन्य–सिंधु में, सुवाड़वाग्नि से जलो,
प्रवीर हो, जयी बनो – बढ़े चलो, बढ़े चलो!

स्वतंत्रता पुकारती कविता जयशंकर प्रसाद का सारांश

इन Message, SMS, Quotes, MSG, Messages,मेस्सगेस, संस, इमेजेज, पिक्स, Whatsapp Status, Saying, Slogans, शायरियों को आप Hindi, English, Prakrit, Urdu, sindhi, Punjabi, Marathi, Gujarati, Kannada व Malayalam hindi language व hindi Font में जानना चाहे जिसमे की Two Lines Shayari के साथ हर साल 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017, 2018 के लिए शायरियां मिलती है जिन्हे आप Facebook, व Instagram पर post व शेयर कर सकते हैं| स्वतंत्रता पुकारती सारांश व स्वतंत्रता पुकारती summary इस प्रकार है:

आज संपूर्ण देश में जातिवाद, प्रांतीयतावाद आदि से अनेकानेक समस्याएँ पनप रही हैं। इस संदर्भ में ‘चंद्रगुप्त’ का अधोलिखित उद्धरण हमें अब भी नव-संदेश प्रदान करने में समर्थ है – ‘मेरा देश मालव ही नहीं, गांधार भी है। यही क्या, समग्र आर्यावर्त है।’11 इससे प्रसाद जी राष्ट्र की अनिवार्यता को ही व्यंजित करते हैं।’प्रसाद जी ने नारी पात्रों के माध्यम से राष्ट्रीय-भावना को आर्य-संस्कृति की ठोस जमीन पर प्रस्तुत किया है। इस राष्ट्रीय-भावना के अंतर्गत एकता, त्याग और आत्मोत्सर्ग की भावना पाई जाती है। प्रसाद जी की कमला, रामा, जयमाला और अलका स्वेदशानुरागिनी नारियाँ हैं। अलका, मल्लिका जैसी नारियाँ आज के परिप्रेक्ष्य में पथ-भ्रष्ट युवकों तथा व्यक्तियों को अपनी कोमल एवं मधुर वाणी से सन्मार्ग पर अवतरित कर सकती है। आज नारी विभिन्न सामाजिक समस्याओं का शिकार बनती है। वह अपनी अस्मिता के लिए संघर्षशील है, फिर भी स्वार्थलोलुप समाज में कहीं उसे भोग्या मात्र माना गया है, तो कहीं उसका जीवन दग्ध होता है।

About the author

admin