शहीद दिवस पर भाषण – Shaheed Diwas Speech In Hindi – Speech on Martyr’s Day 2022

शहीद दिवस भाषण

Shaheed Diwas 2022 : देश में अनेकों दिवस मनाये जाते है। जिसमे से एक दिवस शहीदी दिवस है। भारत में यह दिवस भारत के उन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए मानते है। देश में अनेकों कार्यक्रमों के माध्यम से Shahido Par Speech भी दी जाती है। जिन्होंने भारत के कल्याण, प्रगति और आजादी के लिए लड़ते हुए भारत देश और भारत वासियों के लिए अपने प्राणों को न्योंछावर तक कर दिया।

इसलिए आज भारत देश के उन शहीद-ए-आज़म को एक बार फिर से याद करने लिए और उन शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए हम इस Article में Speech on Shahid Jawan in Hindi, shahid diwas par speech में प्रस्तुत कर रहे है। जिसे आप Internet पर Whatsapp और Instagram के जरिये अपने Friends के साथ Share कर सकते है।

23 मार्च शहीद दिवस क्यों मनाया जाता है?

भारत देश की आजदी के लिए लड़ने वाले शहीद जवान शिवराम राजगुरु, सुखदेव थापर और भगत सिंह को श्रद्धांजलि देने तथा उनके बलिदान को याद रखने के लिए पूरे भारत देश में 23 मार्च के दिन Martyrs Day मनाया जाता है। शिवराम राजगुरु, सुखदेव थापर एवं भगत सिंह ने British शासन से आजादी प्राप्त करने के लिए लोहा लिया था। भारत के स्वतंत्रता सेनानी Bhagat Singh का जन्म Punjab के लायलपीर के एक सिख परिवार में 28 September 1907 Year में हुआ था। इसके पिता एक ग़दर पार्टी नामक संगठन के Member थे। यह संगठन भारत की स्वतंत्रता के लिए कार्य करता था।

इस दौरान Bhagat Singh ने अपने कुछ साथियों Shivram Rajguru, Sukhdev Thapar और Jay Pal के साथ मिलकर लाला लाजपत की हत्या के बदले के लिए लड़ाई लड़ी थी। 8 April 1929 में Bhagat Singh ने अपने सभी साथियों के साथ ‘इंकलाब जिंदाबाद’ के नारे लगते हुए केंद्रीय विधान सभा (Central Legislative Assembly) में बम फेंके थे। इसके उपरांत उन्हों को गिरफ्तार (Arrested) कर लिया और Year 1931 में 24 March के दिन उन्हें फाँसी की सजा दी जानी थी लेकिन 24 March से एक दिन पहले ही 23 march को शाम के 7:30 बजे उन्हें फाँसी दे दी गयी। अतः इसलिए यह Shahid Diwas Date 23 march की मानी जाती है।

शहीद दिवस स्पीच

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शहीद दिन 2022 पर विशेष

शहीद दिवस को कई अलग-अलग दिन मनाया जाता है क्यूंकि शहीद दिवस को अलग-अलग दिन मनाने के पीछे कई कारण है। भगत सिंह, सुखदेव थापर और शिवराम राजगुरु आजाद को 23 मार्च के दिन फ़ासी की सजा हुई थी। वहीं दूसरी ओर 30 January के दिन गोडसे (Godse) ने महात्मा गाँधी को गोली मारकर उनकी हत्या कर दी थी। गाँधी स्मृति नामक जगह पर बिरला हाऊस में शाम को प्रार्थना के समय महात्मा गाँधी की हत्या हुयी थी। गाँधी की उस समय 78 वर्ष की आयु थी। ऐसे ही कई अन्य महान स्वतंत्रता सेनानियों की मृत्यु व् हत्या भिन्न-भिन्न दिवस पर होने के कारण शहीद दिवस को अलग-अलग दिन मनाया जाता है।

Bhagat Singh ने अपनी फाँसी लगने से पहले आखिरी समय के दौरान अपने सभी देशवासियों हेतु एक पत्र भी लिखा था यह पत्र भगत सिंह के द्वारा 23 March 1931 से एक दिन पहले यानि 22 March को लिखा था। जिसमे उन्होंने लिखा कि वह पाबंद ओर कैद होकर नहीं जीना चाहते है। वह क्रांतिकारी दल के आदर्शों के कारण वह बहुत ऊँचा उठ चुके थे। उन्हें लगता था कि वह अगर जीवित रहे तो वह उस स्तिथि में ऊँचा नहीं रह सकेंगे और इस कारण वह हँसते-हँसते अपने भारत देश के लिए फांसी पर चढ़कर कुरवान हो गए।

निष्कर्ष

Bhagat Singh का यह हिम्मत का काम आज के इस युग के लिए एक बड़ी प्रेरणा बन चुका है। ऐसे ही कई अनेकों देश के वीर है। जिन्होंने देश के लिए अपना बलिदान देकर देश को झुकने नहीं दिया और वीर गति को प्राप्त हुए। अतः इससे यही Conclusion निकलता है कि हमें कभी उन सभी वीरों को नहीं भूलना चाहिए एवं उन सभी को श्रद्धांजलि देकर उनका सम्मान करना चाहिए।

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