My School Essay in Hindi – Mera Vidyalaya par Nibandh

Mera school essay in hindi

इस लेख में हम विद्यालय पर निबंध लिख रहे है ।हम  सभी के लिए यह कितना महत्वपूर्ण है यही हम आपको यहाँ बताएंगे । हमें सदैव निबंध लिखते समय अपने स्कूल को ध्यान में रखना चाहिए इससे हमे निबंध लिखने में बहुत मदद मिलेगी ।

Essay on मेरा विद्यालय in Hindi (800 शब्द)

प्रस्तावना

मनुष्य जन्म से ही सब कुछ सीखकर नहीं आता । इस धरती पर आने के बाद ही धीरे-धीरे वह सब कुछ सीखता है । स्कूल एक ऐसी ही जगह है जहां व्यक्ति जीवन को सफल बनाने की शिक्षा प्राप्त करता है ।  प्राचीन काल से ही विद्यालय को शिक्षा का मंदिर कहा जाता है । पुराने समय में गुरु अपने शिष्यों को गुरुकुलों में ले जाकर शिक्षा देते थे वहाँ उनको बौद्धिक तथा शारीरिक संस्कार ग्रहण कराए जाते थे । आज के समय में विद्यालय गुरुकुलों से भिन्न है किन्तु आज भी स्कूल को ज्ञान का मंदिर ही माना जाता है ।

मेरे स्कूल की इमारत

मेरे स्कूल की इमारत तीन मंजिल की है और यह सफेद रंग की बनी हुई है । इसमें लगभग 60 कक्षाएँ है और हर कक्षा में 4 खिड़कियां है जहां से प्रतिदिन तरोताजा हवा तथा रोशनी आती है । मेरा विद्यालय बहुत अधिक स्थान में  हुआ है, इसके चारों ओर की दीवारें ऊँची-ऊँचीहैं। स्कूल का पर्यावरण बहुत ही आकर्षक और स्वच्छ  है । ये एक बहुत शांतिपूर्ण  वातावरण  में स्थित है जो  शोर, गंदगी तथा प्रदूषण से दूर है। मेरे घर से मेरा विद्यालय लगभग 4 किलोमीटर की दूरी पर बना  है ।  मै रोज सुबह 7 बजे अपनी साइकिल से स्कूल जाता हूं । स्कूल पहुंचने पर सबसे पहले  प्रार्थना करते है  और इसके बाद सभी अध्यापकों को प्रणाम करके अपनी कक्षा में जाते है

मेरे स्कूल की सुख-सुविधाएँ

हमारे विद्यालय में बहुत सी सुख-सुविधाएँ है जिनमे से कुछ निम्नलिखित है –

  1. विद्यालय में प्रवेश करते ही एक मंदिर है जहाँ हम रोज जाकर ईश्वर की प्रार्थना करते हैं और पढ़ाई शुरू करते हैं।
  2. दूर रहने वाले छात्र छात्राओ के आने जाने के लिए बस की सुविधा भी उपलब्ध कारवाई जाती है ।
  3. हमारे विद्यालय में कंप्यूटर का भी  एक बड़ा कक्ष है, जिसमें लगभग 50 कंप्युटर है, जहां इस विषय पर अनुभवी शिक्षकों  द्वारा पाठ पढ़ाया जाता है।
  4. हमारे स्कूल में एक प्रयोगशाला भी है जहां अनेक प्रकार के प्रयोग किए जाते है ।
  5. सभी अध्यापकों के लिए एक स्टाफ रूम भी है जहा सभी अध्यापक भोजन करते है और बातों पर विचार करते है।
  6. प्रत्येक कक्षा के बाहर कूड़ा करकट फेकने के लिए एक कूड़ेदान भी रखा रहता है।
  7. विद्यालय के मेधावी और गरीब विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति भी प्रदान की जाती है ।
  8. विद्यालय छात्र छात्राओं के लिए अलग-अलग 5-5 शौचालयों का भी प्रबंध  है।
  9. मेरे विद्यालय में पीने के पानी की भी उचित व्यवस्था है जहां से सभी को पीने के लिए साफ और स्वच्छ पानी मिलता है ।
  10. मेरे विद्यालय में तैराकी करने के लिए भी तरणताल है , जहां सही निर्देशों के साथ तैरना सिखाया जाता है ।

पुस्तकालय

मेरे विद्यालय में में एक बहुत बड़ा और उपयोगी पुस्तकालय है । जहां छात्रों को पढ़ने के लिए हर प्रकार की पुस्तक मिल जाती है । पुस्तकालय का वातावरण बहुत ही शांतिमय है, यहाँ बैठने के लिए कुर्सियों और बेंचों की बहुत अच्छी व्यवस्था है । यहाँ छात्र घंटों बैठकर किताबों को पढ़ते है तथा अपना कार्य भी करते है । पुस्तकालय से किताबें हम घर भी ले जा सकते है उसके लिए हमे पुस्तकालय निरीक्षक की आज्ञा लेनी पड़ती है ।

खेल का मैदान

मेरे स्कूल में एक  बड़ा उद्यान है जिसमें रंगबिरंगे फूल, सजावटी पेड़, हरी घास के साथ एक तालाब भी है जिसमें कई सारी मछलियाँ, मेंढक आदि रहते हैं। इसके साथ ही बड़ा खेल का मैदान, बड़ा खुला स्थान मेरे स्कूल को एक प्राकृतिक सुंदरता प्रदान करने का कार्य करता है। मेरे स्कूल में क्रिकेट नेट, बास्केट बॉल कोर्ट और स्केटिंग मैदान की भी सुविधा उपलब्ध है। मेरा स्कूल सीबीएसई बोर्ड के नियमों का अनुसरण करता है। मेरा स्कूल नर्सरी से कक्षा 12 तक की सुविधा उपलब्ध कराता है। मेरे स्कूल के प्रधानाचार्य स्कूल में अनुशासन और स्वच्छता को लेकर काफी गंभीर है।

निष्कर्ष

हमारा स्कूल हमारे लिए एक मंदिर के समान है, जहां हम दैनिक रुप से कुछ ना कुछ नया सिखते हैं। विद्यालय सार्वजनिक संपत्ति होते हैं, यह हमारे लिए राष्ट्रीय निधि के समान हैं। इसलिए छात्रों को इसके रक्षा के लिए सदैव जागरूक रहना चाहिए। हमारा विद्यालय हमारे लिए एक ऐसा स्थान होता है जहां हमारे समग्र विकास के लिए तमाम तरह की सुविधाएं उपलब्ध होती हैं। यहीं कारण है कि हमें विद्या ग्रहण करने के पश्चात अपने जीवन में कुछ ऐसे कार्य करने चाहिए, जिसके द्वारा हम अपने साथ-साथ अपने विद्यालय का नाम भी रोशन कर सकें।

मेरा विद्यालय पर निबंध  New Essay on My School in Hindi (500 Words)

मेरे विद्यालय का नाम राजकीय सहशिख्या माध्यमिक विद्यालय, किर्ति नगर है । यह एक आदर्श विद्‌यालय है । यहाँ शिक्षा खेल-कूद तथा अन्य शिक्षेतर गतिविधियों की उत्तम व्यवस्था है । यहाँ का वातावरण शांत एवं मनोरम है ।

मेरे विद्‌यालय में छठी से लेकर दसवीं कक्षा तक की पढाई होती है । प्रत्येक कक्षा में दो या तीन सेक्सन (अनुभाग) हैं । विद्‌यालय का भवन दुमंजिला है । इसमें लगभग पचास कमरे हैं । कक्षा के सभी कमरे, फर्नीचर, पंखे आदि से सुसज्जित एवं हवादार हैं । प्रधानाचार्य का कक्ष विशेष रूप से सजा हुआ है । इसके अलावा स्टाफ रूम पुस्तकालय कक्ष, हॉल, कंप्यूटर कक्ष प्रयोगशाला कक्ष आदि भी सभी प्रकार की उत्तम व्यवस्था से युक्त हैं । विद्‌यालय में पेयजल और शौचालय का भी समुचित प्रबंध है ।

मेरे विद्‌यालय में लगभग ढाई हजार विद्‌यार्थी पढ़ते हैं । अध्यापक- अध्यापिकाओं की संख्या पचास है । इनके अतिरिक्त दस अन्य स्टॉफ भी हैं । इनमें तीन क्लर्क एक माली एवं पाँच चपरासी हैं । एक दरबान है जो रात्रिकाल में विद्‌यालय की चौकीदारी करता है ।

शिक्षा के मामले में मेरा विद्‌यालय शहर में अग्रणी स्थान रखता है । प्राय : सभी विद्‌यार्थी अच्छे अंकों से पास होते हैं । शिक्षकगण विद्‌यार्थियों की प्रगति का पूरा लेखा-जोखा रखते हैं । अधिकांश शिक्षक विद्वान, अनुभवी एवं योग्य हैं । हमारी प्रधानाचार्या सुसंस्कृत एवं अनुशासनप्रिय हैं । उनके नेतृत्व में विद्‌यालय दिन-दूनी रात-चौगुनी उन्नति कर रहा है । वे विद्‌यालय के चहुंमुखी विकास के लिए कटिबद्ध दिखाई देती हैं । विद्‌यार्थी प्रधानाचार्या के प्रति बहुत आदरभाव रखते हैं ।

आजकल तकनीकी शिक्षा का महत्त्व बढ गया है । मेरे विद्‌यालय में तकनीकी शिक्षा के रूप में कंप्यूटर सिखाने पर पूरा जोर दिया जाता है । प्रयोगशाला में विज्ञान के अनुप्रयोगों को बताया जाता है । हमारे विद्‌यालय में खेल-कूद पर भी पूरा ध्यान दिया जाता है । खेल प्रशिक्षक हमें क्रिकेट, फुटबॉल, हॉकी, बैडमिंटन, खो-खो, कबड्‌डी आदि खेलों को खेलने की उचित ट्रेनिंग देते हैं । पिछले वर्ष मेरा विद्‌यालय अंतर्‌विद्‌यालय हॉकी प्रतिस्पर्धा में प्रथम स्थान पर रहा था ।

मेरे विद्‌यालय में एक अच्छा पुस्तकालय है । पुस्तकालय से विद्‌यार्थी पाठ्‌य-पुस्तकें पढ़ने के लिए ले जा सकते हैं । यहाँ पाठ्‌य-पुस्तकों के अतिरिक्त कहानियों, कविताओं तथा ज्ञान-विज्ञान से संबंधित पुस्तकों का अच्छा संग्रह है ।

मेरे विद्‌यालय के प्रांगण में अनेक पेड़-पौधे लगे हुए हैं । कतारों में लगे पेड़ों एवं फूल के पौधों से सुंदर प्राकृतिक दृश्य उत्पन्न हो जाता है । माली पेड़-पौधों की नियमित देखभाल करता है । विद्‌यालय में हमें बताया गया है कि पेड-पौधे हमारे लिए कितने महत्त्वपूर्ण हैं । इसलिए हम लोग इनकी पूरी देखभाल करते हैं ।

हमें विद्‌यालय में पढाई और खेल-कूद के अलावा सांस्कृतिक कार्यक्रमों में भाग लेने का अवसर प्राप्त होता है । छात्र-छात्राऐं बाल दिवस, गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, शिक्षक दिवस, गाँधी जयंती विद्‌यालय का वार्षिकोत्सव जैसे विभिन्न अवसरों पर होने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लेते हैं । इससे हमारे अंदर ईमानदारी धैर्य साहस आपसी सहयोग जैसे गुणों का विकास होता है ।

मेरे विद्‌यालय में सब कुछ व्यवस्थित, अनुशासित, सहयोगपूर्ण एवं आमोदपूर्ण है । मुझे अपने विद्‌यालय पर गर्व का अनुभव होता है ।

मेरा स्कूल पर निबंध 3 (300 शब्द)

प्रस्तावना

एक मंदिर की तरह ही एक स्कूल भी काफी पवित्र स्थल होता है। जहाँ हम दैनिक रुप से रोज अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिये पढ़ने तथा सीखने जाते है। अपने बेहतर जीवन और सही पढ़ाई के लिये हम रोज स्कूल में भगवान से प्रार्थना करते है। हम रोज अपने कक्षा अध्यापिका को सुबह में नमस्कार करते है और वो अपने मुसकुराते चेहरे के साथ हमें जवाब देती है।

इसके अलावा हमारे स्कूल के पीछे की तरफ एक बहुत बड़ा उद्यान भी है, जहां हम खेलने के लिए जाते हैं। स्कूल एक ऐसी जगह है जहाँ एक व्यक्ति अपने शिक्षक के सहयोग से काफी कुछ सीखता है। शिक्षक हमें हमारी पढ़ाई में कड़ी मेहनत करने की शिक्षा प्रदान करते है और हमें अपने जीवन में आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करते हैं। वो हमें स्वच्छता, विज्ञान, उचित स्वस्थ आहार व व्यवहार के के विषय में महत्वपूर्ण जानकारियां प्रदान करते हैं।

स्कूल का समय

मेरा स्कूल गर्मियों में 7:30 बजे सुबह से लेकर 1:30 बजे दोपहर तक चलता है और सर्दियों में यह 8:30 बजे सुबह से लेकर दोपहर के 3:30 बजे तक चलता है। हम रोज थोड़े समय के लिये पुस्तकालय जाते है जहाँ हम रचनात्मक किताबें और समाचारपत्र पढ़ते है, जिससे हमें हमारे हुनर और सामान्य को विकसित करने में सहायता मिलती है।

निष्कर्ष

हमारे शिक्षक हमें हमेशा खेल क्रियाओं, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, मौखिक-लिखित परीक्षा, वाद-विवाद, समूह चर्चा, स्कॉउट गाइड आदि जैसी दूसरी क्रियाओं में भाग लेने के लिये प्रेरित करते हैं। हमारे कक्षा अध्यापक हमें स्कूल के अनुशासन को बनाए रखना और स्कूल परिसर को साफ और स्वच्छ बनाए रखने के विषय में बताते। प्रार्थना के स्टेज पर हमारे प्रधानाचार्य हमें प्रतिदिन प्रेरणादायक संदेश देते है। पूरे जीवन भर हम सच्चा, ईमानदार, आज्ञाकारी और समझदार बनने के लिये सीखते है। हम सीखते कि कैसे अपनी कक्षा में पढ़ाई में एकाग्र होना है? हमारा स्कूल सालाना खेल प्रतियोगिता, प्रश्न-उत्तर प्रतियोगिता, नृत्य प्रतियोगिता आयोजित करता है, जिसमें भाग लेना हमारे समग्र विकास के लिये काफी आवश्यक होता है।

my school essay in hindi (150 शब्द)

मेरा विद्यालय लाल रंग की तीन मंजिला इमारत में बहुत उत्कृष्ट है। मुझे उचित वर्दी में दैनिक आधार पर स्कूल जाना पसंद है। मेरा क्लास टीचर बहुत दयालु है और हमें स्कूल अनुशासन का पालन करना सिखाता है। मेरा स्कूल बहुत अच्छी जगह शहर की सभी भीड़ और शोर से दूर है।

मेरे स्कूल के मुख्य द्वार के पास दो छोटे हरे बाग हैं जहाँ बहुत सारे रंग-बिरंगे फूलों के बिस्तर, घास के लॉन, फलों के पेड़ और दो खूबसूरत बौछारें हैं।मेरे स्कूल में बहुत सारी सुविधाएं हैं जैसे एक कंप्यूटर लैब, दो साइंस लैब, एक बड़ी लाइब्रेरी, एक सामान्य पढ़ने का कमरा, एक बड़ा खेल का मैदान, एक अच्छा स्टेज और एक स्थिर दुकान।

मेरे स्कूल में 12 वीं कक्षा के छात्रों के लिए नर्सरी की कक्षाएं हैं। मेरे स्कूल में पुरुषों और महिलाओं सहित लगभग सात उच्च योग्य शिक्षक, 20 हेल्पर्स, एक प्रिंसिपल और 10 गेट कीपर हैं। मेरे शिक्षक हमें बहुत विनम्रता से पढ़ाते हैं और हमें बहुत ही रचनात्मक और आकर्षक तरीके से विषयों को सीखाते हैं।

10 lines on my school in Hindi

  1. मेरे स्कूल में कक्षा 1 से लेकर 12 वीं तक पढ़ाई होती है।

  2. मेरा स्कूल आस पास के सभी स्कूलों में सबसे अच्छा है।

  3. मेरे स्कूल में एक बड़ा खुला मैदान है यहां पर हम खेलते हैं।

  4. मेरे स्कूल में सभी बच्चे नीले रंग की ड्रेस पहनते हैं।

  5. मेरे विद्यालय की स्थापना सं 2005 में हुई थी।

  6. मेरे स्कूल का समय सुबह 8 वजे से 2 वजे तक है।

  7. हमारे विद्यालय की इमारत 2 मंजिला है।

  8. मेरे विद्यालय में 14 कमरें हैं।

  9. यहाँ पर एक विज्ञानं की प्रयोगशाला है।

  10. मेरे विद्यालय में एक लाइब्रेरी है यहाँ जाकर हम किताबें पढ़ते हैं।

  11. मुझे मेरे विद्यालय पर गर्व है।

 

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