How to do Sudarshan Kriya in Hindi ?

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जीवन जीने के लिए सबसे जरूरी क्या है ? श्वास लेना जिसके बिना हमारा जीवित रहना संभव नहीं है । श्वास में जीवन का गहरा रहस्य छुपा हुआ है जिसे कोई नहीं जानता । सुदर्शन क्रिया एक सरल एवं लयबद्ध साँस लेने की क्रिया है जो बहुत ही शक्ति शाली है जिसमे साँस लेने की प्राकृतिक तरीके को शामिल किया गया है । इस meditation  द्वारा मन , शरीर और आत्मा को शुद्ध करके उनके बीच तालमेल बैठाया जाता है । सु का अर्थ होता है ‘सही’ और दर्शन का अर्थ होता है ‘दृष्टि’। अर्थात इस क्रिया को करने से आपको सही दृष्टि मिलती है । आज हम आपको सुदर्शनक्रिया wiki से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी देंगे ।

What is Sudarshan Kriya Yoga?

आजकल लोगों के पास आराम करने तक का समय नहीं है जिस कारण वे बहुत ही तनाव पूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे है । सुदर्शन क्रिया एक ऐसी ही ब्रीथिंग exercise है जिसकी सहायता से आप तनाव (stress), डिप्रेशन (depression), थकान और नकारात्मक सोच(negative thinking) जैसी समस्याओं से छुटकारा पा सकते है । इसे साँसों का योगासन भी कह सकते है । इसमे साँसों को धीमे – धीमे या तेज गति से लिया या छोड़ा जाता है इस क्रिया के द्वारा हम अपनी साँसों को नियंत्रित करना सीखते है ।

योग गुरु श्री रविशंकर ने इस क्रिया को पूरे देश में सीखा कर इसका प्रचार किया । उन्होंने sudarshankriya art of living “आर्ट ऑफ लिविंग” नामक संस्था की स्थापना की जिसमे इस क्रिया को सीखया जाता है । साथ ही आप जाने प्रधानमंत्री प्रवासी तीर्थ दर्शन योजना|

Sudarshan Kriya Steps

सुदर्शन क्रिया चार चरणों में पूरी होती है । इस चारों प्राणायाम को जानते है ये चार प्राणायाम इस प्रकार है –

  1. उज्जयी प्राणायाम
  2. भस्त्रिका प्राणायाम
  3. ओम का जाप
  4. क्रिया योग

उज्जयी प्राणायाम क्या है और कैसे करें ?

इसके 2 नाम और भी है :

  1. पहला है Vitorious Breath क्युकी इसके द्वारा हम अपनी साँसों पर विजय पा सकते है ।
  2. दूसरा है Ocean Breath क्युकी जब हम इसे करते है तो समुद्र के समान आवाज आती है ।

सबसे पहले वज्रासन में बैठ जाए । फिर पूरा ध्यान लगाते हुए नाक से साँस लें । शुरुआत में साँस लेने और छोड़ने का समय समान रखें । 1 मिनट में कम से कम 2 से 4 बार साँस लें ।

भस्त्रिका प्राणायाम

इसमें साँस बहुत तेजी से ली एवं छोड़ी जाती है । जिससे शरीर के सभी अवशिष्ट बाहर निकाल जाते है । इसमें 1 मिनट में कम से कम 3 बार साँस ली एवं छोड़ी जाती है । इस व्यायाम को प्रतिदिन करने से मन शांत रहता है ।

ओम का जाप

सुबह के समय से ॐ का जाप करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है । ये एक बहुत ही पवित्र मंत्र है इसका जाप ऋषि , मुनियों द्वारा किया जाता है । जिसके द्वारा आपको ईश्वर के पास होने का एहसास होता है ।

क्रिया योग

ये सु दर्शन क्रिया का आखिरी चरण है ।इसे पीयूरीफ़ाइंग ब्रेथ भी कहते है । इसमें साँस को पहले धीरे – धीरे लिया जाता है फिर तेजी से छोड़ जाता है ।

Sudarshan Kriya se Labh

सुदर्शन क्रिया सभी उम्र के लोगों के लिए बहुत ही उपयोगी है और  इसके कई फायदे है आइए जानते है सुदर्शनक्रिया importance क्यू है और इसके क्या लाभ है।

Sudarshan Kriya ke Fayde in Hindi

  • इस प्रक्रिया से पूरे शरीर का स्वास्थय अच्छा बना रहता है ।
  • ये ब्लड प्रेशर के साथ हृदय की गति को कंट्रोल करता है ।
  • जो लोग इस क्रिया को प्रतिदिन नियम से करते है उन्हे किसी चिकित्सक या मनो – चिकित्सक की आवश्यकता नहीं होती है । इसके द्वारा व्यक्ति का दिमाग शांत रहता है और इसके दिमाग में किसी प्रकार के फालतू विचार उत्पन्न नहीं होते है ।
  • हमारा इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली ) को मजबूत बनाता है और एनर्जी लेवल भी अच्छा बना रहता है
  • sudarshan kriya benefits weight loss की बात करे तो इस क्रिया के द्वारा शरीर के सभी सिस्टम अच्छे से काम करते है और हमारा कोलेस्ट्रॉल भी कम होता है जिससे मोटापा कम करने में मदद होती है ।
  • यदि आप long sudarshan क्रिया करते है तो तो इसके बहुत अच्छे परिणाम आपके सामने आएंगे आपका रक्त संचार उतना ही ज्यादा अच्छा होगा और आपका शरीर अधिक सुव्यवस्थित एवं स्वस्थ रहेगा ।

Sudarshan Kriya Side Effects

कई अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं द्वारा की गई शोध में ये निर्णय निकाला गया है कि इस pranayama को करने से किसी भी प्रकार का कोई नुकसान नहीं है । ये अत्यंत सुरक्षित एवं सरल प्रणाली है । इस को करने के लिए बस आपको एक बात का ध्यान अवश्य रखना होगा की इसकी शुरुआत करने के लिए आप एक शिक्षक की देखरेख में इसकी शुरुआत करे । स्वयं इसकी शुरुआत ना करे ।

Best Time to do Sudarshan Kriya

इस Pranayama को करने का सही समय है-

  • जब आप खाली पेट ही अर्थात कहना खाने के 4 से 5 घंटे बाद ।
  • इसको करने का सबसे सही समय है प्रातः काल 4:30 से 6 बजे तक ।अगर आप इस समय नहीं कर पा रहे है तो सुबह के समय ही करने की कोशिश करे ।
  • कभी – कभी आप सुबह नहीं कर पाते तो शाम को भी कर सकते है लेकिन शाम को अधिक देरी से ना करे ।

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