Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi Font

Firaq Gorakhpuri Shayari in Hindi Font

फ़िराक़ गोरखपुरी शायरी इन हिंदी फॉण्ट: फ़िराक़ गोरखपुरी का जन्म 28 अगस्त 1893 को हुआ था| उनका असल नाम रघुपति सहाय फिराक था| उनको उर्दू: فراق گورکھپوری, के नाम से जाना जाता है| वह एक मशहूर शायर, लेखक, आलोचक थे, इसके अलावा उनका सबसे ज्यादा भारत के समकालीन उर्दू कवियों में उल्लेख किया जाता है। उन्होंने खुद को मुस्लिम इकबाल, यनाना चेंजजी, जिगर मोरादाबाद और जोश मलिहाबीदी समेत कई मशहूर कवियों की फेहरिस्त में शामिल किया| उनकी मृत्यु 3 मार्च 1982 को नई दिल्ली में हुई थी|आइये आज हम आपके सामने उनकी कुछ जानी मानी ग़ज़ल व् कविता New, Best, Latest, Two Line, Hindi, Urdu, Shayari, Sher, Ashaar, Collection, Shyari, नई, नवीनतम, लेटेस्ट, हिंदी, उर्दू, शायरी, शेर, अशआर, संग्रह के कुछ अंश पेश कर रहे हैं|

Firaq Gorakhpuri Ghazals in Hindi

फिराक गोरखपुरी का जीवन परिचय

फ़िराक़ गोरखपुरी का जन्म 28 अगस्त 1893 को हुआ था|गोरखपुरी ने पारंपरिक रूप जैसे गज़ल, नाज़म, रूबाई और कताई में अच्छी तरह से वाकिफ थे। उन्होंने उर्दू कविता के एक दर्जन से अधिक संस्करणों, उर्दू गद्य के एक दर्जन दर्जन से अधिक, साहित्यिक विषयों पर हिंदी (firaq gorakhpuri books) में अपनी पहचान बनाई है|फ़िराक़ गोरखपुरी पुस्तकें भी काफी मशहूर हुई हैं| उनकी मृत्यु 3 मार्च 1982 को नई दिल्ली में हुई थी|

Firaq Gorakhpuri Ghazals in Hindi

फ़िराक़ गोरखपुरी ग़ज़ल्स इन हिंदी इस प्रकार हैं|
आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़' जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए Click To Tweet
इनायत की करम की लुत्फ़ की आख़िर कोई हद है कोई करता रहेगा चारा-ए-ज़ख़्म-ए-जिगर कब तक Click To Tweet
इक उम्र कट गई है तिरे इंतिज़ार में ऐसे भी हैं कि कट न सकी जिन से एक रात Click To Tweet
असर भी ले रहा हूँ तेरी चुप का तुझे क़ाइल भी करता जा रहा हूँ Click To Tweet
ऐ सोज़-ए-इश्क़ तू ने मुझे क्या बना दिया मेरी हर एक साँस मुनाजात हो गई Click To Tweet
अब याद-ए-रफ़्तगाँ की भी हिम्मत नहीं रही यारों ने कितनी दूर बसाई हैं बस्तियाँ Click To Tweet
अब तो उन की याद भी आती नहीं कितनी तन्हा हो गईं तन्हाइयाँ Click To Tweet
आने वाली नस्लें तुम पर फ़ख़्र करेंगी हम-असरो जब भी उन को ध्यान आएगा तुम ने 'फ़िराक़' को देखा है Click To Tweet

फ़िराक़ गोरखपुरी उर्दू शायरी

तू याद आया तिरे जौर-ओ-सितम लेकिन न याद आए मोहब्बत में ये मा'सूमी बड़ी मुश्किल से आती है Click To Tweet
तुम मुख़ातिब भी हो क़रीब भी हो तुम को देखें कि तुम से बात करें Click To Tweet

Raghupati Sahay Firaq Shayari

आँखों में जो बात हो गई है इक शरह-ए-हयात हो गई है Click To Tweet
आए थे हँसते खेलते मय-ख़ाने में 'फ़िराक़' जब पी चुके शराब तो संजीदा हो गए Click To Tweet
एक रंगीनी-ए-ज़ाहिर है गुलिस्ताँ में अगर एक शादाबी-ए-पिन्हाँ है बयाबानों में Click To Tweet

Firaq Gorakhpuri in Urdu

उर्दू में फ़िरक गोरखपुरी इस प्रकार हैं|
एक मुद्दत से तिरी याद भी आई न हमें और हम भूल गए हों तुझे ऐसा भी नहीं Click To Tweet
तुम इसे शिकवा समझ कर किस लिए शरमा गए मुद्दतों के बा'द देखा था तो आँसू आ गए Click To Tweet
तुझ को पा कर भी न कम हो सकी बे-ताबी-ए-दिल इतना आसान तिरे इश्क़ का ग़म था ही नहीं Click To Tweet
तेरे आने की क्या उमीद मगर कैसे कह दूँ कि इंतिज़ार नहीं Click To Tweet
तबीअत अपनी घबराती है जब सुनसान रातों में हम ऐसे में तिरी यादों की चादर तान लेते हैं Click To Tweet
कोई समझे तो एक बात कहूँ इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं Click To Tweet
कोई आया न आएगा लेकिन क्या करें गर न इंतिज़ार करें Click To Tweet
किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोका है सब मगर फिर भी Click To Tweet
ख़ुद मुझ को भी ता-देर ख़बर हो नहीं पाई आज आई तिरी याद इस आहिस्ता-रवी से Click To Tweet
खो दिया तुम को तो हम पूछते फिरते हैं यही जिस की तक़दीर बिगड़ जाए वो करता क्या है Click To Tweet
कह दिया तू ने जो मा'सूम तो हम हैं मा'सूम कह दिया तू ने गुनहगार गुनहगार हैं हम Click To Tweet
इसी खंडर में कहीं कुछ दिए हैं टूटे हुए इन्हीं से काम चलाओ बड़ी उदास है रात Click To Tweet
इश्क़ अभी से तन्हा तन्हा हिज्र की भी आई नहीं नौबत Click To Tweet
इश्क़ अब भी है वो महरम-ए-बे-गाना-नुमा हुस्न यूँ लाख छुपे लाख नुमायाँ हो जाए Click To Tweet
इस दौर में ज़िंदगी बशर की बीमार की रात हो गई है Click To Tweet

साथ ही Murshad Shayari Status in Hindi भी देखें|

Firaq Gorakhpuri Shayari Image

ab yaad-e-raftagāñ kī bhī himmat nahīñ rahī yāroñ ne kitnī duur basā.ī haiñ bastiyāñ Click To Tweet

aane vaalī nasleñ tum par faḳhr kareñgī ham-asro jab bhī un ko dhyān aa.egā tum ne 'firāq' ko dekhā hai Click To Tweet

Firaq Gorakhpuri Rekhta

कुछ न पूछो 'फ़िराक़' अहद-ए-शबाब रात है नींद है कहानी है Click To Tweet
किस लिए कम नहीं है दर्द-ए-फ़िराक़ अब तो वो ध्यान से उतर भी गए Click To Tweet
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कहाँ का वस्ल तन्हाई ने शायद भेस बदला है तिरे दम भर के मिल जाने को हम भी क्या समझते हैं Click To Tweet
कम से कम मौत से ऐसी मुझे उम्मीद नहीं ज़िंदगी तू ने तो धोके पे दिया है धोका Click To Tweet

Firaq Gorakhpuri Quotes

ख़राब हो के भी सोचा किए तिरे महजूर यही कि तेरी नज़र है तिरी नज़र फिर भी Click To Tweet
कौन ये ले रहा है अंगड़ाई आसमानों को नींद आती है Click To Tweet
इश्क़ फिर इश्क़ है जिस रूप में जिस भेस में हो इशरत-ए-वस्ल बने या ग़म-ए-हिज्राँ हो जाए Click To Tweet
जो उलझी थी कभी आदम के हाथों वो गुत्थी आज तक सुलझा रहा हूँ Click To Tweet
जिस में हो याद भी तिरी शामिल हाए उस बे-ख़ुदी को क्या कहिए Click To Tweet

फ़िराक़ गोरखपुरी Firaq Gorakhpuri Selected Poetry

Phirak Gorakhpuri कविता:
जहाँ में थी बस इक अफ़्वाह तेरे जल्वों की चराग़-ए-दैर-ओ-हरम झिलमिलाए हैं क्या क्या Click To Tweet
ग़रज़ कि काट दिए ज़िंदगी के दिन ऐ दोस्त वो तेरी याद में हों या तुझे भुलाने में Click To Tweet
'ग़ालिब' ओ 'मीर' 'मुसहफ़ी' हम भी 'फ़िराक़' कम नहीं Click To Tweet
छलक के कम न हो ऐसी कोई शराब नहीं निगाह-ए-नर्गिस-ए-राना तिरा जवाब नहीं Click To Tweet
उसी की शरह है ये उठते दर्द का आलम जो दास्ताँ थी निहाँ तेरे आँख उठाने में Click To Tweet
क़ुर्ब ही कम है न दूरी ही ज़ियादा लेकिन आज वो रब्त का एहसास कहाँ है कि जो था Click To Tweet
क्या जानिए मौत पहले क्या थी अब मेरी हयात हो गई है Click To Tweet

मुद्दतें गुजरी तेरी याद भी आई ना हमें और हम भूल गये हों तुझे ऐसा भी नहीं

मुद्दतें गुजरी हैं तेरी याद भी आई ना हमें और हम भूल गये हों तुझे, ऐसा भी नहीं Click To Tweet
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