Essay on Sarojini Naidu in Hindi – सरोजिनी नायडु पर निबंध

सरोजिनी नायडु पर निबंध हिन्दी में

भारत-कोकिला सरोजिनी नायडू एक महान स्वतंत्रता सेनानी , एक कुशल राजनेता और अद्भुत लेखिका थी । वे विलक्षण प्रतिभाओं की धनी थी । उनके जन्मदिवस को देश में Rashtriy Mahila Diwas के रूप में मनाया जाता है । आज के इस लेख में आपको सरोजिनी नायडू एस्से इन हिंदी , essay in punjabi, essay in odia , in english 500 words लेकर आए है ।

10 Points on Sarojini Naidu

  1. स्वतंत्रता संघर्ष में यहां भूमिका निभाने वाली Sarojini Naidu का जन्म 13 फरवरी 1879 को हैदराबाद , आंध्र प्रदेश में हुआ था ।
  2. उनकी माँ वरद सुंदरी देवी और पिता श्री अघोरनाथ चट्टोपाध्याय थे ।
  3. उनके 8 भाई – बहन थे जिनमे वे सबसे बड़ी थी ।
  4. केवल 12 साल की कम उमर में उन्होंने 10 वीं की परीक्षा उत्तीर्ण की थी ।
  5. 19 साल की होने पर उन्होंने गोविंद राजुल नायडू से शादी कर ली जो कि गैर – ब्राहमण थे ।
  6. उनकी रचनाओं के लिए उनको भारत – कोकिला और Nightingale of India की उपाधि दि गई ।
  7. उनकी प्रसिद्ध काव्य है – द बर्ड ऑफ टाइम, द गोल्डन थ्रेशहोल्ड आदि ।
  8. वह देश की प्रथम महिला राज्यपाल बनी ।
  9. गांधी जी के साथ मिलकर उन्होंने अनेक स्वतंत्र संग्रामों में हिस्सा लिया ।
  10. 2 मार्च 1949 को मधुर आवाज की धनी ये कोकिला सदा के लिए शांत जो गई ।

प्रस्तावना

भारत की कोकिला कही जाने वाली सरोजिनी नायडू देश की प्रथम महिला राज्यपाल (Governor) और भारतीय राष्ट्रीय काँग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थी। इसके साथ ही वे एक महान कवियित्री , स्वतंत्रता सेनानी और एक प्रसिद्ध वक्ता थी । वह गांधी जी की विचार धाराओं से अत्यंत प्रभावित थी और उन्होंने उनके द्वारा आरंभ किए गए अनेक आंदोलनों में बढ़-चढ़ का हिस्सा लिया जिस कारण उन्हे कई बार जाईल भी जाना पड़ा। उन्होंने अपने भाषण और कविताओं के माध्यम से देश की जनता में आजादी के प्रति नई चेतना जगाई । वह भारत की महान क्रांतिकारी महिला और महान राजनीतिज्ञ थी जिन्होंने संग्राम में बहुत योगदान दिया है ।

व्यक्तिगत जीवन

जन्म : सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 को आंध्र प्रदेश के , हैदराबाद नगर में हुआ था।  इनके पिता का नाम अघोरनाथ चट्टोपाध्याय और माता वरद सुंदरी देवी थी । पिता एक महान वैज्ञानिक , डॉक्टर और एक कुशल शिक्षक थे । जबकि माँ बंगाली भाषा में कविता लिखा करती थी। इनका पूरा नाम था – सरोजिनी गोविंद नायडू ।

शैक्षिक जानकारी – बचपन से हीं पढ़ाई में होशियार होने के कारण मात्र 12 साल की उम्र में ही उन्होंने प्रथम श्रेणी में मैट्रिक की परीक्षा पास कर ली थी । फिर 4 साल पढ़ाई से दूर रहने के बाद उनको निजाम शिष्यवृति संस्था द्वारा इंग्लैंड में पढ़ाई करने का अवसर प्राप्त हुआ । 12 वर्ष की अवस्था में उन्होंने अपना पहला काव्यखंड लिखा जिसका नाम था ” द लेडी ऑफ लेक “।

वैवाहिक जीवन – सन 1898 में गोविंदराजुलू नायडु से मुलाकात हुई । और 19 साल की उमर में उनसे अन्तर्जातीय विवाह कर लिया ।

राजनीतिक जीवन

सन 1914 में पहली बार उनकी मुलाकात महात्मा गांधी जी से हुई । गांधी जी के साथ साथ वह गोपाल कृष्ण गोखले से भी बहुत प्रभावित थी । उन्होंने पूरे देश में घूम घूम कर स्वतंत्रता पर भाषण दिए और लोगों को जागरूक किया । उनके शब्द एक जादू की तरह काम करते थे । उनको हिन्दी , अंग्रेजी , बांग्ला और गुजराती आदि भाषाओं का ज्ञान था जिनमे वह भाषण देती थी । एक बार लंदन की एक सभा में अंग्रेजी में भाषण देकर उन्होंने सभी को मंत्रमुग्ध कर दिया था ।

उपलब्धियां

सरोजिनी नायडू को “भारत कोकिला” के नाम से जाना जाता है । उनके द्वारा लिखित सुप्रसिद्ध काव्यखंड है

  • 1905-द गोल्डन थ्रेशहोल्ड
  • 1912-द फायर ऑफ लंदन
  • 1912-द बर्ड ऑफ टाइम
  • 1917-द ब्रोकेन विंग

उनकी कविताओं और लेखन के लिए उन्हे नाइटिंगेल ऑफ़ इंडिया की उपाधि से सम्मानित किया गया था । साल 1925 में वह काँग्रेस के अध्यक्ष के पद पर आसीन हुई और 1932 में उन्होंने देश का प्रतिनिधित्व दक्षिण अफ्रीका में किया । 1947 में देश को आजादी मिलने के बाद किसी भी राज्य की Governor (राज्यपाल) चुनी जाने वाली वह पहली महिला थी ।

योगदान

साल 1905 में जब बंगाल का विभाजन हुआ तब उन्होंने भारतीय स्वतंत्रता आंदोनलन में पूर्ण सहयोग दिया । इस दौरान गांधी जी और गोपाल कृष्ण गोखले के संपर्क में आने के बाद उन्होंने देश के स्वतंत्रता आंदोलनों में अपना सम्पूर्ण योगदान दिया । 1942 में उन्होंने “भारत छोड़ो आंदोलन” में भाग लिया जिसके चलते उन्हे कई बार जेल भी जाना पड़ा ।

श्रीमति सरोजिनी नायडू ने महिला सशक्तिकरण के लिए महिला मुक्ति और महिला शिक्षा जैसे आंदोलनों की शुरुआत की । महिला अधिकार के लिए उन्होंने अखिल भारतीय महिला परिषद की सदस्यता हासिल की और राज्य स्तर से लेकर छोटे – छोटे जिलों तक महिलाओं को जागरूक किया । 1930 में नमक कानून के खिलाफ दांडी मार्च में भी उन्होंने गांधी जी के साथ पैदल यात्रा की ।

मृत्यु

आजादी के बाद देश के सबसे बड़े राज्य की पहली महिला राजपाल के रूप में उन्होंने पूरी मेहनत और ईमानदारी से काम किया । कुछ समय बाद वे बीमारी से ग्रस्त हो गई । 2 मार्च 1949 के दिन इलाहाबाद , उत्तर प्रदेश में दिल का दौरा पड़ने से उनका देहांत हो गया ।

उपसंहार

भारत की बुलबुल कहीं जाने वाली श्रीमति सरोजिनी नायडू को देश कभी नहीं भूल पाएगा । पूरा देश उनके जन्म दिन को राष्ट्रीय महिला दिवस (National Women Day) के रूप में मनाता है । वे गांधी जी के बहुत करीब थी और उनको मिकी माउस कहकर बुलाती थी । वह एक सच्ची देशभक्त और क्रांतिकारी वीरांगना थी जिन्होंने अपने शब्दों के माध्यम से हर नागरिक के अंदर देशभक्ति की भवना को जगाया । अपनी मधुर और प्रेरणात्मक कविताओं के रूप में वे देश के हर नागरिक के दिल में हमेश के लिए जीवित रहेंगी ।

इसके अलावा अगर आप Sarojini Naidu Gujarati Nibandh , Marathi Mahiti in 100 Words , या Wikipedia की तलाश कर रहे है तो आपको कही जाने की आवश्यकता नहीं है । चलिए पड़ते है Sarojini Naidu par Nibandh Hindi Mein class 1 से 12 के लिए।

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