Essay on Global Warming in Hindi | ग्लोबल वॉर्मिंग पर निबंध

Essay on Global Warming

Global Warming in Hindi 2020 : आज के समय में ग्लोबल वार्मिंग एक ऐसा वर्ड है जिससे हम सभी भली भांति परिचित है , वैश्विक स्तर पर बढ़ते तापमान के कारण ध्रुवों पर जमी बर्फ पिघल रही है जिससे पृथ्वी पर जाम ला स्तर बढ़ता जा रहा है । इससे पहले कि बात हाथ से निकल जाए हमे इस अंतराष्ट्रीयए समस्या की तरफ ध्यान देना होगा । हालांकि अब लोगों ने इस तरफ ध्यान देना शुरू कर दिया है लेकिन वैश्विक स्तर पर अभी वो कार्य नहीं किया जा रहा है जेपी होना चाहिए । इसलिए इस विषय की तरह आपका ध्यान खीचते हुए हम आज आपके लिए लाए है Global Warming ke Baare Mein Jankari जिसमे हम Global Warming ke Karan, Global Warming ke Fayde और Badhti Garmi ka Prabhav पर चर्चा करेंगे।

इस निबंध(Global Warming ke Khatre in Hindi) के माध्यम से ग्लोबल वार्मिंग की तरह ध्यान आकर्षित कर जागरूकता फैलाना है । Global Warming par Nibandh English Mein, Essay on Global Warming in Sanskrit तथा Global Warming Essay in Hindi for UPSC Download कर सकते है ।

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आइए पढ़ते है ग्लोबल वार्मिंग एस्से और जानते है कि इस समस्या को कैसे दूर किया जाए। Global Warming Essay in Hindi 200 Words के लिए भी तैयार कर सकते है

प्रस्तावना

हम सभी जानते है कि धरती ही एक मात्र ऐसा ग्रह है जहाँ जीवन संभव है । इसका कारण है पृथ्वी का वायुमंडल जी कि जीवन के अनुकूल है । पृथ्वी का वायुमंडल अनेक प्रकार की गैसों का मिश्रण है जो कि इस प्रकार है

  • ऑक्सीजन
  • नाइट्रोजन
  • कार्बन डाई आक्साइड
  • हाइड्रोजन एवं अन्य गैस

ये सभी गैस मिलकर वायुमंडल का निर्माण करती है और इस धरती को जीवन सहयोगी बनती है । ऑक्सीजन गैस जीवित रहने के लिए सबसे जरूरी गैस है जिसके अभाव में व्यक्ति की मृत्यु तक हो जाती है । लेकिन जब पर्यावरण में कार्बन डाई आक्साइड की मात्र बढ़ने लगती है तो उसके साथ तापमान भी तेजी से बढ़त है तापमान में होने वाली इसी वृद्धि को ग्लोबल वार्मिंग कहा है । लगातार बढ़ते तापमान के कारण धरती पर प्राणी जीवन खतरे में जाता प्रतीत हो रहा है । जिसको रोकना हम सभी की जिम्मेदारी है ।

ग्लोबल वार्मिंग के कारण | Causes Due to Global Warming

ग्लोबल वार्मिंग से बचाव करने के लिए सबसे पहले हुमए उसके कारण पता होने चाहिए जिन पर नियंत्रण करके इसे रोका जा सकता है ।

प्रदूषित वातावरण

आधुनिकता के इस दौर में विज्ञान ने कई ऐसे आविष्कार किये है जिन्होंने हमारे जीवन को आसान तो बनाया ही है लेकिन वातावरण को प्रदूषित कर नुकसान भी पहुंचाया है । प्रदूषण कई प्रकार का हो सकता है :- वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण, ध्वनि प्रदूषण, मृदा प्रदूषण आदि । वाहनों और फैक्ट्रीयों से निकलने वाले धुएँ से प्रदूषण बढ़त है और प्रयवरण के तापमान में वृद्धि होती है ।

जनसंख्या में बढ़ोत्तरी

जनसंख्या में वृद्धि भी बढ़ती गर्मी का एक कारण है क्युकी वायु में बढ़ते कार्बन डाई आक्साइड के अनुपात का मुख्य करण है मानव उत्सर्जित CO2 । विश्व में चीन और भारत सबसे अधिक आबादी वाले देश है यही करण है की हर साल उनके टापान में अधिक तेजी से वृद्धि होती जा रही है ।

ग्रीन हाउस गैस का प्रभाव

ग्रीन हाउस गैस उन गैसों को कहते है जिनमे सूरज द्वारा उत्सर्जित गर्मी को सोखने की क्षमता होती है । कार्बन डाइऑक्साइड,नाइट्रोजन ऑक्साइड, CFCs क्लोरिन और ब्रोमाईन  ग्रीन हाउस गैस है जिनकी मात्र बढ़ती जा रही है । ये धरती की सहट को गरम कर उसके संतुलन को बिगाड़ते है ।इसके अलावा औद्योगीकरण, जंगलों की कटाई शहरीकरण, ओजोन परत में क्षति और रासायनिक उर्वरकों का उपयोग भी ग्लोबल वार्मिंग के अन्य कारण है।

ग्रीनहाउस प्रभाव क्या है ? | What is Green House Effect?

ग्रीनहाउस प्रभाव या हरित गैस प्रभाव एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिससे पृथ्वी की सतह को गर्म रखा जाता है । जिस कारण प्रीतवी पर जीवन संभव हो पता है ।

ग्लोबल वार्मिंग से हानि

ग्लोबल वार्मिंग से पूरी धरती पर संकट मंडरा रहा है । इससे पूरे पर्यावरण को बहुत हानि पहुंची है और अभी भी इसमे कोई कमी नहीं आई है । ग्लोबल वार्मिंग से होने वाली हानी इस प्रकार है ।

  • लगातार बढ़ती गरमी से ध्रुवों पर स्तिथ ग्लेशियर का पिघलना एक बहुत बड़ी समस्या है अगर ऐसा ही रहा तो एक दिन सभी ग्लेशियर पिघल पानी में पतिवर्तित हो जाएंगे ।
  • ग्लेशियर में जमी बर्फ के पिघलने से समुद्र के जल स्तर में बढ़ोत्तरी हुई है ।
  • समुद्री जल स्तर बढ़ने से समुद्र किनारे वाले क्षेत्र का हिस्सा समुद्र में डूबता जा रहा है ।
  • ग्लोबल वार्मिंग के कारण मौसम में भी बहुत परिवर्तन हुआ है । बारिश के कम होने से हरी -भरी भूमि बंजर रेगिस्तान बनती जा रही है ।
  • मौसम के बिगढ़ने से आंधी , तूफान , समुद्री तूफान जैसी प्राकृतिक आपदाओ का खतरा भी बढ़ता जा रहा है ।
  • अब पहले की तुलना में सर्दी का मौसम कम समय में खतम हो जाता है जबकि गर्मी का समय लंबा होता जा रहा है ।
  • तापमान और पर्यावरण के असंतुलन के चलते जीव – जंतुओं की कई प्रजातियाँ विलुप्त हो चुकी है ।

ग्लोबल वार्मिंग के समाधान | Solutions of Global Warming

धरती पर जीवन को संभव बनाए रखने के लिए , और ग्लोबल वार्मिंग के दुष्प्रभाव को दूर करने के लिए हमे एक जुट होकर काम करने की आवश्यकता है । लोगों को जागरूक करना , उनको पर्यावरण का महत्व समझना इसे रोकने के उपाय करना बहुत जरूरी है । ग्लोबल वार्मिंग को रोकने के कई समाधान है जो हमारे वायुमंडल को सुरक्षित रखने में बहुत लाभकारी है ।

  1. जंगलों और वृक्षों की कटाई पर रोक लगाई जाए ।
  2. जनसंख्या पर नियंत्रण किया जाएँ ।
  3. प्राकृतिक संसाधनों जैसे कि – कोयला , पेट्रोलियम आदि के उपयोग में कमी की जाए ।
  4. बड़ी – बड़ी फैक्ट्री और कारखानों से निकालने वाले धुएं और गंदे पानी पर रोकथाम करके ।
  5. अधिक संख्या में पेड़ लागाने चाहिए जिससे वातावरण में ऑक्सीजन की मात्रा बढ़ेगी ।
  6. सभी जगह एयर – कंडीशनर के उपयोग में कमी की जानी चाहिए उससे निकालने वाली CFC गैस तापमान में वृद्धि करती है ।

उपसंहार

ग्लोबल वार्मिंग मानव द्वारा निर्मित ही एक प्रक्रिया है जिसका समाधान भी मानव के पास ही है । दुनिया की इस समस्या को और अधिक गंभीरता के साथ के साथ लेना होगा । हर देश की सरकार को इसके लिए नए कानून लागू करने चाहिए , जिन नियमों के अंतर्गत ऐसे कामों को नियंत्रित करना चाहिए जिनसे प्रदूषण और तापमान में वृद्धि होती है । पृथ्वी ही एक मात्र ऐसा गृह है जहाँ जीवन की उत्पत्ति संभव है इसलिए इसे सुरक्षित और हरा- भर बनाए रखना भी हमारा कर्तव्य है । अन्यथा इसके बहुत ही बुरे दुष्परिणाम जल्दी ही हमारे सामने होंगे । रासायनिक की जगह प्राकृतिक वस्तुओं का उपयोग करे और अपने पर्यावरण को स्वच्छ रखे ।

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