चित्रकूट धाम मंदिर व महिमा – Chitrakoot Dham History Importance in Hindi

चित्रकूट धाम

चित्रकूट धाम भारत के प्राचीन तीर्थस्थलों में से एक है ।यह मन्दाकिनी नदी के किनारे बसा हुआ है ।इस स्थल पर श्री राम चंद्र जी ने लक्ष्मण जी और सीता जी सहित वनवास जीवन व्यतीत किया था। यहां भगवान् ने साढ़े ग्यारह वर्ष बिताए ।हिन्दू धर्म के लोगो की यह आस्था अपार है। चित्रकूट धाम की महिमा, चित्रकूट धाम की कथा व चित्रकूट धाम की गाथा व उसकी महिमा की पूर्ण जानकारी हिंदी भाषा में| 

Chitrakoot Yatra in Hindi – चित्रकूट धाम की महिमा

चित्र का मतलब है अशोक और कूट शब्द का अर्थ है शिखर और दोनों शब्द को जोड़कर चित्रकूट शब्द का निर्माण हुआ है ।इस स्थान पर अशोक के पेड ज़ादा पैमाने पर मिलते थे इसलिए इस जगह को चित्रकूट का नाम दिया गया।

कर्वी,कामता,सीतापुर,खोही,नया गांव, के आस पास की वन जगह चित्रकूट से प्रसिद्द है। यह भारत के उत्तर प्रदेश राज्य में 38 .2 वर्ग किलोमीटर में फैला हुआ है। यहां की पहाड़ी वनो से घिरी हुई है और यहां मन्दाकिनी नदी (chitrakoot River)के पास कई प्रकार के घाट बने हुए है । जिसमे भक्त जनो का आना जाना हमेशा बना रहता है।

यह एक ऐसा तीर्थ स्थल है जहा ऋषि अत्रि और अनुसुइया ने ब्रह्मा , विष्णु, महेश,का ध्यान लगाया और वे तीनो बालक रूप में उनके सामने प्रकट हो गये।

इस तीर्थ स्थल का वर्णन वेद व्यास,कालिदास,संत तुलसीदास जी ने किया है।
कुछ लोगो का कहना है की chitrakoot kis jile mein है क्योकि ये धाम  मध्य प्रदेश के सतना जिले में मन्दाकिनी नदी के तट पर बसा हुआ है or  चित्रकूट जिला उत्तर प्रदेश राज्य के बाकि जिलों में से bhi एक है।

4 सितम्बर 1998 को जिले का नाम चित्रकूट रखा गया। यह जिला अनेक आश्चर्य जनक पहाड़ी और प्राकृतिक सौंदर्य से परिपूर्ण है।तुलसी दास,और रहीम ने भी अपनी कृतियों में इसका वर्णन किया है।chitrakoot Jungle बहुत ही घने है य पहाड़ियों के चारो और बने हुए है 

कामदगिरि

इस पर्वत पर देव कामतानाथ विराजित हैं। जिनकी परिक्रमा और दर्शन मात्र से व्यक्ति को सफलता हासिल होती है। इस मार्ग के चारो और राम मुहल्ला,मुखारबिंद,साक्षी गोपाल,भरत मिलाप,आदि के मंदिर बने हुए हैं और दक्षिण की तरफ लक्ष्मण जी का मंदिर भी बना हुआ है ।इस मार्ग पर भरत मिलाप बना हुआ है जहा भरत श्री राम भगवन से मिलने आये थे।
लाखो अहीर और भक्त जन चित्रकूट के मेले में लोक कला और लोक गीत खुलकर मुखरित करते है।

रामघाट

यहां पर प्रभु श्री राम रोज स्नान किया करते थे और यहां पर गोस्वामी तुलसी दास जी की मूर्ति बनायीं गयी हैं।
इस घाट पर साधु संत गेरुआ वस्त्र धारण करकर भजन कीर्तन करते हैं और शाम को यह हर रोज़ आरती होती है।

जानकी कुंड ,सीता रसोई

यह कुंड मन्दाकिनी नदी के किनारे बना हुआ है जो की रामघाट से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्तिथ है।चूंकि सीता माता के पिता जनक थे इसलिए उनको जानकी के नाम से भी जाना जाता है|और वे यहां स्नान करती थी ।इसी कुंड पर राम जानकी रघुवीर मंदिर और संकट मोचन मंदिर है।

स्फटिक शिला

यह शिला जानकीकुंड के पास स्तिथ है। इस शिला पर सीतामाता के पैरो के निशाँ पाए जाते हैं और इसी जगह पर जयंत ने काक रूप धारण कर कर चोंच मारी थी।

अनसुइया अत्रि आश्रम

यह आश्रम स्फटिक शिला से 4km ki दुरी पर स्तिथ है। यहां पर सति अनुसुइया और महर्षि अत्रि के साथ दत्तात्रे और दुर्वासा, चन्द्रमा, आदि की मूर्ति बनाई गयी है और यही पर देवी सीता को पतिव्रत धर्म का उपदेश दिया था।

गुप्त गोदावरी

18km की दूरी पर गोदावरी स्थित है ।यहां पर दो गुफा हैं जिसमे से एक ऊँची और चौड़ी है। इसके अलावा गुफा के भीतर छोटा तालाब है ।दूसरी गुफा लम्बी और संकरी है, जिसमे हमेशा पानी बहता रहता हैं। यहाँ पर गुफा से जलधारा कुंड में गिरती हैं और वह लुप्त हो जाती है इसलिए इसे गुप्त गोदावरी कहा जाता है।

हनुमान धारा

पहाड़ी के शिखर पर स्थित हनुमान धारा में हनुमान जी की एक बड़ी प्रतिमा है जिसके सामने तालाब में झरने से पानी गिरता है य माना जाता है की श्री राम ने लंका दहन से आये हनुमान के आराम के लिए बनायीं थी।
पहाड़ी के शिखर पर सीता रसोई है। चित्रकूट में आज भी हनुमान जी विराजमान है जहा पर लोगो को दैहिक और भौतिक ताप से मुक्ति मिलती है क्योकि यही पर राम जी की कृपा से हनुमान जी को ताप से मुक्ति मिली ,जो लंका दहन के समय से उन्हें कष्ट दे रही थी और अमृत तुल्य शीतल धारा से उनका कष्ट दूर हो गया।

हनुमान धरा मंदिर इस घटना की याद दिलाती है और मान्यता है की हनुमान दर्शन से पहले सभी भक्त जान निचे भरे कुंड केपानी में अपना हाथ मुँह धोते हैं ,इसी स्थान पर पंचमुखी हनुमान जी प्रकट हुए थे जहा पर सीढ़ियां सीधी तो कभी घूमी हुई ही है ।
इसी जगह पर सीता माता ने भगवान् राम और लक्ष्मण के कंदमूल से रसोई बनायीं थी।
इस स्थान पर मंगलवार,शनिवार,नवरात्रो और हनुमान जयंती पर भक्तो की भीड़ जमा होती है।

भरत कूप

भरत ने श्री राम के राज्याभिषेक केलिए अत्रि मुनि के कहने पर सभी नदियों का जल इक्कट्ठा करकर एक कूप में रखा था इसलिए इसको भरतकूप के नाम से जाना जाता है।

Tourist Places in Hindi

चित्रकूट के दर्शनीय स्थल

  1. गुप्त गोदावरी
  2. राम घाट
  3. चित्रकूट फाल्स
  4. सति अनुसुइया आश्रम
  5. हनुमान धरा
  6. भारत मिलाप मंदिर
  7. कामदगिरि
  8. जानकी कुंड
  9. स्फटिक शिला
  10. परम कुटीर
  11. भरत कूप
  12. वाल्मीकि आश्रम
  13. मयूरध्वज आश्रम
  14. राम शैया
  15. लक्ष्मण चौकी
  16. शरभंग आश्रम
  17. शबरी फाल
  18. विराध कुंड
  19. प्रमोद वन
  20. सुतीक्षण आश्रम

चित्रकूट जैसे किसी भी खूबसूरत जगह पर जाते समय, सभी शांति के साथ छुट्टी का आनंद लेने के लिए लक्जरी आवास की इच्छा रखते हैं। यही चित्रकूट अपने पर्यटकों के लिए लाता है। चित्रकूट में mid-range होटल से लेकर budget होटल तक बहुत सारे आवास options  हैं। सभी होटल अच्छी तरह से नियुक्त हैं और सभी आधुनिक सुविधाओं से पूर्ण हैं। Chitrakoot Dham Tour and Travels के माध्यम से आप इस धाम की यात्रा का पूर्णतः आनंद ले सकते हैं । Allahabad se chitrakoot 115km और 786 metres की दूरी पर है।

चित्रकूट धाम फोटो

चित्रकूट धाम फोटो

चित्रकूट में रहने के कुछ प्रमुख विकल्पों में शामिल हैं: (chitrakoot hotels)

  • होटल रामकृपा इन्
  • श्री जी भवन
  • गुरु कृपा अतिथि गृह
  • जैपुरिअ भवन
  • टूरिस्ट बंगलो
  • कामदगिरि भवन
  • श्री श्रीधर धाम
  • होटल विवेक पैलेस

चित्रकूट धाम के कमिश्नर भानु प्रताप सिंह (commissioner chitrakoot dham मंडल, बांदा, 2005 (31) एआईसी 671 (इलाहाबाद), ने बताया की जमीन पर बन्दूक के लाइसेंस के लिए एक आवेदन को अस्वीकार कर दिया है। बड़ी संख्या में बन्दूक का लाइसेंस उस क्षेत्र के निवासी जिसमें आवेदक पहले से ही जारी किया गया था, पूरी तरह से अन्यायपूर्ण है। न्यायालय ने कहा कि किसी व्यक्ति को अपने जीवन और संपत्ति की रक्षा करने का अधिकार है और उस उद्देश्य के लिए बन्दूक लाइसेंस देने के लिए उसके आवेदन को अस्वीकार नहीं किया जा सकता है। जिस मैदान में अन्य व्यक्तियों को पहले से ही बन्दूक का लाइसेंस जारी किया गया है, वह उसी क्षेत्र में रहता है जो पर्याप्त संख्या में गठित हैं।आप chitrakoot dham video में भी बड़ी आसानी से देख सकते हैं और साथ ही उसकी सुंदरता को भी महसूस कर सकते है।

चित्रकूट की कथा, महिमा अपार है यहां के घने जंगल जो प्राचीन काल से ही बहुत प्रचलित है iske sath hi  Jungle image आपको निचे दर्शाई गयी है।

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