Children’s Day Essay in Hindi – बाल दिवस पर निबंध – Bal Diwas Nibandh in Hindi Pdf Download

Children's Day Essay in Hindi Language

Children’s day 2020 :14 नवंबर को भारत में बच्चों के लिए बाल दिवस मनाया जाता है, यह दिन हर साल भारत के प्रथम प्रधान मंत्री, जवाहरलाल नेहरू की जन्म तिथि पर मनाया जाता हैं। अक्सर लोग छोटे बच्चो यानी kids के लिए चिल्ड्रन डे एस्से in hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 की तलाश करते हैं क्योंकि यह उनके bal diwas 14th november celebration in school के लिए आवश्यक होता है जो की हमने निचे दिया हुआ है| आप children’s day (bal diwas) essay in hindi, children’s day essay in english, children’s day essay in hindi, children’s day essay in tamil, children’s day essay in kannada ,शुभकामनाएँ पर लेख एसेज, anuched, short paragraphs, Composition, Paragraph, Article हिंदी, Nibandh, यानी की निबंध को हिंदी, गुजराती (gujarati), kannada, telugu, मराठी आदि भाषा के अलावा wikipedia, english pdf में भी डाउनलोड कर सकते हैं|

बाल दिवस पर निबंध

बाल दिवस क्यों मनाया जाता है

हमारे देश भारत में, हर साल 14 नवंबर को बच्चों के लिए बाल दिवस यानी की चिल्ड्रनस डे मनाया जाता है। यह दिन भारत के प्रथम प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू जी के जन्मदिन उन्हें श्रद्धांजलि के रूप में याद करने के लिए मनाया जाता है| नेहरू जी को प्यार से ‘चाचा नेहरू’ के नाम से भी बुलाते थे| जवाहरलाल नेहरू ने बच्चों को प्यार और स्नेह देने के महत्व पर बल दिया था, जो भारत का उज्ज्वल भविष्य है। इस दिन का मुख्य उद्देश्य पूरे देश में बच्चों के कल्याण को प्रोत्साहित करना है। इसिलए हम यह दिन मनाते हैं|

बाल दिवस पर निबंध

Speech on 14 november children’s day in hindi निम्नलिखित है|
आदरणीय महानुभाव, प्रधानाचार्य जी, अध्यापक व अध्यापिकाएं और मेरे सहपाठियों को सुप्रभात। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि हम यहाँ स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री के जन्मदिन अर्थात् बाल दिवस को मनाने के लिए इकट्ठा हुये हैं। मैं इस महान उत्सव को अपने लिए, यादगार उत्सव बनाने के लिए बाल दिवस पर भाषण देना चाहती/चाहती हूँ। हर साल 14 नवम्बर को, पूरे देश के विद्यालयों और कॉलेजों में बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है। 14 नवम्बर जवाहर लाल नेहरु का जन्म दिवस है। उनका जन्म दिन बाल दिवस के रुप में इसलिए मनाया जाता है क्योंकि वह बच्चों से बहुत प्यार और स्नेह करते थे। उन्होंने अपने पूरे जीवनभर बच्चों को बहुत महत्व दिया और वह उनसे बात करना भी बहुत पसंद करते थे। वह हमेशा बच्चों के बीच में घिरे होना पसंद करते थे। बच्चों के प्रति उनके प्यार और लगाव के कारण बच्चे उन्हें चाचा नेहरु कहते थे।

यह दिन कैबिनेट मंत्रियों और उच्च अधिकारियों के साथ कुछ अन्य महत्वपूर्ण लोगों को शामिल करके शान्ति भवन में इकट्ठा होकर, सुबह के समय में महान नेता को श्रद्धांजलि अर्पित करके मनाया जाता है। वे सभी उनकी समाधि पर फूल माला अर्पित करके प्रार्थना और मंत्रों का जाप करते हैं। चाचा नेहरु के निस्वार्थ बलिदान, युवाओं को प्रोत्साहित करने, शान्तिपूर्ण राजनीतिक उपलब्धियों के लिए हार्दिक श्रद्धांजलि समर्पित की जाती है।

विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में बच्चों द्वारा इस दिन को बड़े उत्साह के साथ के मनाने के लिए अलग-अलग सांस्कृतिक कार्यक्रमों और गतिविधियों का आयोजन किया जाता है। राष्ट्रीय प्रेणादायी और प्रोत्साहित करने वाले गीतों को गाया जाता है, स्टेज शो, नृत्य, छोटे नाटक आदि बच्चों द्वारा महान भारतीय नेता की याद में और बच्चों के प्रति उनके प्यार के कारण आयोजित किए जाते हैं। पं. जवाहर लाल नेहरु के बारे में, विद्यार्थियों के भाषण सुनने के लिए भारी भीड़ उपस्थित होती है। पं. नेहरु हमेशा बच्चों को पूरे जीवन भर देशभक्त और राष्ट्रप्रेमी बनने की सलाह देते थे। वह हमेशा बच्चों को अपनी मातृभूमि के लिए साहसिक कार्य करने और बलिदान देने के लिए प्रेरित करते थे।धन्यवाद।

Children day par nibandh

आदरणीय प्रधानाध्यापक, सर, मैडम और मेरे प्यारे मित्रों को मेरा नम्र नमस्कार। मैं बाल दिवस के इस अवसर पर, बाल दिवस उत्सव और बच्चों के महत्व पर अपने विचार प्रस्तुत करना चाहता/चाहती हूँ। मैं अपने कक्षा अध्यापक का/ की बहुत आभारी हूँ, जिन्होंने मुझे आप सभी के सामने इस महान अवसर पर अपने विचार रखने का अवसर प्रदान किया। बाल दिवस विभिन्न देशों में भिन्न तिथियों को मनाया जाता है हालांकि, यह भारत में हर साल 14 नवम्बर को पंडित जवाहर लाल नेहरु के जन्मदिन के अवसर पर मनाया जाता है। 14 नवम्बर स्वतंत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री पं. नेहरु का जन्मदिन है जिसे बाल दिवस के रुप में, पूरे भारत में, हर साल मनाया जाता है। जबकि, 1 जून को अंतर्राष्ट्रीय बाल दिवस के रुप में और वहीं 20 नवम्बर को यूनिवर्सल बाल दिवस के रुप में मनाया जाता है।

पं. जवाहर लाल नेहरु बच्चों के सच्चे दोस्त थे। वह बच्चों के साथ खेलना और बातें करना पसंद करते थे। वह भारत के प्रधानमंत्री थे हालांकि, देश के प्रति अपनी राजनीतिक जिम्मेदारियों का पालन करते हुये भी, बच्चों के बीच में रहना पसंद करते थे। वह बहुत ही मिलनसार व्यक्ति थे, हमेशा बच्चों को देश का देशभक्त और सुखी नागरिक बनने के लिए प्रेरित और प्रोत्साहित करते थे। बच्चे उनके प्रेम और स्नेह के कारण उन्हें चाचा नेहरु कहते थे। वह अपने पूरे जीवन भर गुलाबों और बच्चों के शौकीन थे। एक बार उन्होंने कहा था कि, बच्चे बगीचों की कलियों की तरह होते हैं। वह देश में बच्चों की स्थिति को लेकर बहुत चिन्तित थे क्योंकि वह बच्चों को देश का भविष्य समझते थे। वह चाहते थे कि, देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए बच्चे बहुत ही सावधानी और प्यार से उनके माता-पिता के द्वारा पोषित किए जाये।

वह बच्चों को देश की वास्तविक ताकत समझते थे। वह लड़की और लड़कों दोनों को समान रुप से प्यार करते थे और राष्ट्र के वास्तविक विकास के लिए उन्हें समान अवसर प्रदान करने में विश्वास करते थे। बच्चों के लिए उनका वास्तविक प्यार चाचा नेहरु नाम (पैट नेम) प्राप्त करने का कारण बना। उन्हें श्रद्धांजलि देने के लिए, 1964 में मृत्यु के बाद से, उनका जन्मदिन बाल दिवस के रुप में पूरे भारत में मनाया जाने लगा। यह विभिन्न प्रकार की गतिविधियों जैसे; गायन, लघु नाटक, नृत्य, निबंध, भाषण आदि प्रतियोगिताओं का आयोजन करके मनाया जाता है।

बाल दिवस उत्सव का आयोजन देश के भविष्य के निर्माण में बच्चों के महत्व को बताता है। इस उत्सव का आयोजन करने का उद्देश्य सभी भारतीय नागरिकों के लिए अपने छोटे बच्चों को, सभी हानियों से बचाकर उन्हें बेहतर बचपन प्रदान करने के द्वारा उनकी सुरक्षा करना है। आजकल, बच्चे बहुत प्रकार की सामाजिक बुराईयों का शिकार हो रहे हैं जैसे: ड्रग, बाल शोषण, शराब, यौन, मजदूरी, हिंसा आदि। वे बहुत ही छोटी उम्र में थोड़े से रुपये प्राप्त करने के लिए कठिन परिश्रम करने के लिए मजबूर किए जाते हैं। वे स्वस्थ्य जीवन, अभिभावकों के प्यार, शिक्षा, और अन्य बचपन की खुशियों से वंचित रह जाते हैं। बच्चे राष्ट्र की बहुमूल्य सम्पत्ति होने के साथ ही भविष्य और कल की उम्मीद हैं, इसलिए उन्हें उचित देखरेख और प्यार मिलना चाहिए।

धन्यवाद।

बाल दिवस निबंध हिंदी में – Chacha Nehru essay in Hindi

बाल दिवस’ 14 नवम्बर को मनाया जाता है। यह भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है। इसी को बाल दिवस के रूप में मनाते हैं। पं. नेहरू को बच्चों से बहुत प्यार था और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू पुकारते थे।

पं. नेहरू अपने देश को आज़ाद कराना चाहते थे। उनमें देश-भक्ति कूट-कूट कर भरी थी। स्वतंत्रता-संग्राम में उन्हें अनेक यातनाएं सहनी पड़ी। कई बार उनको जेल भेजा गया। सन 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। नेहरूजी को प्रधानमन्त्री चुना गया। उन्होंने देश की गरीबी को दूर करने का प्रयत्न किया। वह भारत में समाजवाद का स्वप्न देखते थे। वे अपना सारा समय देश की समस्याओं को सुलझाने में व्यतीत करते थे।

बाल दिवस बच्चों के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन स्कूली बच्चे बहुत खुश दिखाई देते हैं। वे सज-धज कर विद्यालय जाते हैं। विद्यालयों में बच्चों के विशेष कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं। बच्चे चाचा नेहरू को प्रेम से स्मरण करते हैं। नृत्य, गान एवं नाटक आदि का आयोजन किया जाता है। बाल दिवस के अवसर पर केंद्र तथा राज्य सरकार बच्चों के भविष्य के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा करती है।

Short Hindi Essay on bal diwas – बाल दिवस पर निबंध

14 नवंबर को बच्चों के दिन के रूप में मनाया जाता है| इस दिन पंडित जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है जो की आज़ाद भारत के पहले प्रधान मंत्रीथे|

पंडित नेहरू में बच्चों के प्रति बहुत प्यार था। वे बच्चो के साथ होना चाहता था, उनसे बात करना चाहते थे और उनके साथ खेलना भी चाहते था। बच्चों ने उन्हें पसंद किया और सम्मान दिया और उन्हें चचा नेहरू नाम दिया।

14 नवंबर, हर साल भारत के लोगों द्वारा उचित शान से मनाया जाता है। सुबह के शुरुआती लोगों में, महान नेता को श्रद्धांजलि देने के लिए शांति भवन में एकत्र करना शुरू होता है। आगंतुकों में कैबिनेट मंत्री और उच्च अधिकारी शामिल हैं। माल्यार्पण समाधि पर रखे जाते हैं, प्रार्थना की जाती है और भजन गाया जाता है। श्रद्धांजलि पंडित नेहरू को उनके बलिदान, अंतरराष्ट्रीय राजनीति और शांति प्रयासों में उपलब्धियों के लिए भुगतान किया जाता है।

स्कूल के बच्चों ने दिन का जश्न मनाने के लिए सांस्कृतिक प्रोग्रामर्स का आयोजन किया। वे राष्ट्रीय गीत गाते हैं और लघु नाटकों को मंचित करते हैं जश्न में भाग लेने वाले नेताओं, भाषण देते हैं वे छात्रों को देशभक्त होने और पंडित नेहरू के नक्शेकदम का पालन करने की सलाह देते हैं। वे अपनी मातृभूमि की खातिर बहादुरी और बलि के कर्मों को प्रेरित करते हैं।

Essay on children’s day in hindi

बाल दिवस कब मनाया जाता है

बाल दिवस हमारे भारत देश में 14th november यानी १४ नवंबर को माने जाता है| इस साल 2020 में भी यह बहुत शान से हमारे देश में हर विद्यालय व कॉलेज में मनाया जाएगा| आइये अब हम आपको children’s day essay in hindi wikipedia, children’s day speech on 14th november, children’s day essay in malayalam, children’s day essay in kannada language, बाल दिवस पर भाषण, children’s day essay in urdu, children’s day essay in marathi language, बाल दिवस पर कविता, children’s day essay for class 2, Children’s Day Shayari in Hindi, children’s day essay in marathi, children’s day essay in bengali language, Bal diwas quotes, the children’s day speech, Happy Children’s Day Image , आदि की जानकारी किसी भी भाषा जैसे Hindi, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं|आप सभी को बाल दिवस की शुभकामनाएं|

14 नवंबर को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू का जन्मदिन होता है। इसे बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। क्योंकि उन्हें बच्चों से बहुत प्यार था और बच्चे उन्हें चाचा नेहरू पुकारते थे। बाल दिवस बच्चों को समर्पित भारत का एक राष्ट्रीय त्योहार है।

बाल दिवस बच्चों के लिए महत्वपूर्ण दिन होता है। इस दिन स्कूली बच्चे बहुत खुश दिखाई देते हैं। वे सज-धज कर विद्यालय जाते हैं। विद्यालयों में बच्चे विशेष कार्यक्रम आयोजित कराये जाते हैं।

बच्चे अपने चाचा नेहरू को प्रेम से स्मरण करते हैं। बाल मेले में वे अपनी बनाई हुई वस्तुओं की प्रदर्शनी लगाते हैं। इसमें बच्चे अपनी कला का प्रदर्शन करते हैं। नृत्य, गान, नाटक आदि प्रस्तुत किए जाते हैं। नुक्कड़ नाटकों के द्वारा आम लोगों को शिक्षा का महत्व बताया जाता है।
बच्चे देश का भविष्यहोते हैं। इसलिए हमें सभी को बच्चों की शिक्षा और विकास की तरफ ध्यान देना चाहिए। बच्चों के रहन-सहन के स्तर ऊंचा उठाना हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए। इन्हें स्वस्थ, निर्भीक और आदर्श नागरिक बनाने का प्रयास किया जाना चाहिए। यह बाल दिवस का संदेश है।
बाल दिवस के अवसर पर केंद्र तथा राज्य सरकारें बच्चों के भविष्य के लिए कई कार्यक्रमों की घोषणा भी करती है।

हमें बाल श्रम रोधी कानूनों को सही मायनों में पूरी तरह से लागू किया जाना चाहिए। अनेक कानून बने होने के बावजूद बाल श्रमिकों की संख्‍या में वर्ष दर वर्ष वृद्धि होती जा रही है! देश के बच्चों का सही स्थान कल-कारखानों में नहीं बल्कि स्कूल है।

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