बीबी का मकबरा औरंगाबाद – Bibi Ka Maqbara in Hindi

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भारत की सबसे सुन्दर एतिहासिक इमारतों में से एक ताजमहल को तो सभी जानते है । लेकिन क्या ये जानते है की हिंदुस्तान में ही एक ऐसी ईमारत भी है जो दिखने में हू – ब – हू  ताजमहल जैसी लगती है । जिसका नाम है बीबी का मकबरा । अगर आप 2020 के शुरुआत किसी historical trip के saath करना चाहते है तो ये एक बहुत ही अच्छा destination point है ।

आज हम यहाँ ‘दक्षिण के ताज’ के नाम से मशहूर taj mahal look alike , chand bibi ka maqbara के बारे में बात करेंगे और साथ ही साथ taj mahal ki fuhad nakal कहे जाने वाले bibi ka मज़ार and taj mahal difference को भी जानेंगे तथा इससे जुड़े कुछ रोचक तथ्यों information about bibi ka maqbara in urdu को विस्तार से  जानेंगे ।

Bibi ka Maqbara Story

This tomb was Built by Mughal Price Azamshah.
बीबी के मकबरे का निर्माण मुगल सम्राट औरंगजेब के बेटे शहजादे आजम शाह द्वारा उनकी माँ “दिलरास बानो बेगम” की याद में करवाया गया था । दिलरास बानो बेगम का दूसरा नाम  “राबिया -उद -दौरानी” भी है ।

Bibi Ka Maqbara Kahan Sthit Hai ?

बीबी का मकबरा महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद शहर में बनवाया गया था । मुग़ल काल में औरंगाबाद शहर वास्तु के रूप से मध्य में माना जाता था । औरंगाबाद , मुग़ल सम्राट औरंगजेब द्वारा निर्मित itihas के वास्तुकला का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है । औरंगजेब के इस एतिहासिक नगर का मुख्य केंद्र बिन्दु है ये मकबरा ।

1651 से 1661 के बीच बनकर तैयार इस ईमारत के द्वारा सम्राट अकबर और शाहजहाँ के शासन के समय के वास्तु कला के शाही निर्माण एवं मुगलों के अंतिम शासन काल के वास्तु कला के के मध्य अंतर देखने को मिलता है ।

दक्खनि ताज बीबी का मकबरा का इतिहास

माना जाता है की औरंगजेब को इस समाधि के निर्माण में कोई दिलचस्पी नहीं थी । इसलिए वह इस क़ब्र पर अधिक खर्च नहीं करना चाहता था । इसको पूरी तरह से बनवाने का खर्च मात्र 70000 (सात लाख) रुपए था। जो की ताज महल ले निर्माण में लगी उस समय की धनराशि 32 लाख की तुलना में बहुत ही अल्प थी । इसी कारण इसे गरीबों का ताजमहल भी कहा जाता है । आजम अपने दादा शाह जहाँ से बहुत प्रभावित था और उन्ही से प्रेरित होकर उन्होंने इस इमारत को बनवाया । लेकिन शाही खजाने की कमी एवं कुशल मजदूरों के अभाव के कारण वास्तविक आकृति की एक खराब नकल बनकर तैयार हो पाई । इसलिए कुछ लोग इसे fake taj mahal भी कहते है । अहमद उल लाहौरी के बेटे अत्ता उल अल्लाह जिनको की ताजमहल का मुख्य वास्तु कार माना जाता है उन्होंने ही इसका आकृति ( design ) तैयार किया था ।

Facts about Bibi Ka Maqbara

  • नाम – बीबी का मकबरा
  • शहर – औरंगाबाद
  • पता – बेगमपुरा , औरंगाबाद महाराष्ट्र 431004
  • देश – हिंदुस्तान
  • अस्तित्व मे आया – 17 वीं शताब्दी में
  • निर्माणकर्ता – आजम शाह
  • क्षेत्रफल – 10,100 वर्ग किमी
  • ऊंचाई – 3 K. M.
  • bibi ka maqbara ticket – 9:30 AM to 6:30 PM
  • bibi ka maqbara timings-सुबह के 8 बजे से लेकर शाम के 8 बजे तक।
  • प्रवेश शुल्क (entry fees) – भारतीयों के लिए 10 रुपए , विदेशियों के लिए 250 रुपए ।

Location (स्थान) –

ये नागपुर-औरंगाबाद , महाराष्ट्र ,431004 से मकबरा रोड की तरफ जाने वाले highway पर औरंगाबाद से लगभग 5 कि मी की दूरी पर पड़ता है।

जाने का मार्ग

ट्रेन से (by train )- The location of bibi ka maqbara from railway station is about 12 km . 12 कि मी की दूरी पर स्तिथ औरंगाबाद सबसे नजदीक रेलवे स्टेशन है ।

बीबी के मकबरे की संरचना एवं वास्तुकला

‘दक्कन का ताज’ के नाम से मशहूर इसे भी ताजमहल की तरह वास्तुकला का एक उत्कृष्ट उदाहरण माना गया है ।फारसी शैली में लिखा गया चार बाग का नक्शा इसकी एक और अन्य विशेषता है । मकबरे को एक वर्गाकार चबूतरे पर बनाया गया है जिसके चारों कोनों पर चार मीनारें खड़ी है ।

यहाँ तक पहुँचने के 3 तरफ से सीढ़ी दार रास्ते है ।

इस मकबरे को एक बहुत ही विशाल एवं शानदार चारदीवारी के अंदर बनाया गया है जिसकी उत्तर से दक्षिण तक 458 मी तथा पूर्व से पश्चिम तक 275 मी की लंबाई है ।इसमें चौकोर आकार के बगीचे को चार हिस्सों में बड़ी ही सुंदरता से बाँटा गया है । इसके अलावा इसमें बने फुब्बारों , झरनों एवं बगीचों की शोभा दर्शनीय है । इसके दक्षिण दिशा में लकड़ी का एक दरवाजा बना हुआ है जिससे होकर मकबरे में प्रवेश किया जाता है ।

Bibi ka Maqbara vs Taj Mahal Size

इसमें और ताज महल में ये भेद है की इसकी इमारत ताज महल की भांति पूरी तरह से संगमरमर से नहीं बनी है क्युकी इसमें उतनी चमक नहीं है ।इसके मुख्य गुम्बद और मीनार ताज महल से छोटे है । इसके निचले हिस्से तक ही संगमरमर का इस्तेमाल किया गया है । जबकि इसके ऊपरी हिस्से को अच्छी गुणवत्ता वाले प्लास्टर का उपयोग करके अच्छी फिनिशिंग दी गई है । इसका मुख्य गुम्बद संगमरमर का बनाया गया है । इसको बनने के लिए जयपुर की खदानों से पत्थर मँगवाए गए थे ।

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