Manavta Par Kavita in Hindi: इंसानियत व मानवता ही वही चीज़ है जो की हम सब इंसानो को एक साथ जोड़कर रख सकती है| अगर हम सब में से मानवता ख़तम हो जाए तो शायद यह संसार जीवन के लायक ही नहीं रहे| इसिलए यह आवश्यक है की हम सब मानवता के पथ पर चलें| मानवता की सीख हमको सबसे ज़ादा poems यानी की कविता से मिलती है| इसलिए आज हम आपके लिए लाये हैं कुछ मानवता पर विचार, मानवता पर हिंदी कविता व मानवता पर कविताएँ|
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हिन्दी कविता मानवता
Hindi Kavita Manavta: मानवता ही जीवन का प्रथम पाठ है| मानव यानी की मनुष्य वही है जो सबके लिए जिए, किसी से बैर न करे| आइये कुछ अच्छी कविताएँ पढ़ें:
साम्राज्य छोङ बुद्ध ने कहा-
मानवता हित अौर सेवा सबसे ऊपर
हम भूले, विश्व में फैला बुद्धत्व।
ईशु ने दिया विश्व शांति, प्रेम और सर्वधर्म सम्मान संदेश।
कुरआन ने कहा जहाँ मानवता वहाँ अल्लाह।
गीता का उपदेश- कर्मण्यवाधिकारस्ते मा……
– निस्वार्थ … Share on X
बस चालाक और खोखला होता जा रहा है।
इंसा नहीं, इंसानियत नहीं, कुछ धर्म नहीं,
मज़हब नहीं, दीन नहीं, ईमान भी नहीं।
न जाने सब कहां फ़ना होता जा रहा है,
इंसान क्यंू इतना बदलता जा रहा है,
बदलता जा रहा है।
कोई किसी का दुख-दर्द बांटता ही नहीं,
जिसको देखो इक-दूसरे… Share on X
मानव -सेवा
आइये देखें मानवता की सेवा पर एक कविता:
ईश्वर को सब पूजते, जाते मंदिर धाम l
मात-पिता के चरणों में, बसे है चारों धाम l
उनकी सेवा मात्र से,प्रसन्न हो भगवान l
जन्म सफल हो जायेंगे,करो यदि ये काम ll
मानव सेवा जो करे, वो सदा सुख पाएं l
मन की शांति उसे मिले, जन्म सफल हो जाएं l
भूखे को रोटी खिला,… Share on X
मानवता कविता
Manavta Poem in Hindi: आइये अब कुछ और मानवता दर्शाने वाली कविता पढ़ते हैं:
मानवता की देख हालत
पत्थर-पत्थर रोता है,
जीवन में हर घटना के पीछे
इक सदस्य छुपा होता है।
आंसू और आहों का रिश्ता
जब सिसकी से होता है,
गम का दरिया बहकर
आंसू का सागर होता है|
कत्ल किसी का हुआ सड़क पर
राजा महल में सोता है। Share on X
तू मानव है, मानव जैसी बात कर
जीवन अस्त-व्यस्त नहीं, त्रस्त हो रहा
हे मानव! तुझको क्या हो रहा?
अपने ही घर को फूँक-फूँक तू
क्यूँ बाहुबल पर अपने झूम रहा?
दानव-सा न व्यवहार कर
तू मानव है, मानव जैसी बात कर
अब निज स्वार्थ को त्याग दे
मानव है, मानवता का राग… Share on X
मानवता पर सुविचार
मानवता पर हिंदी कविता Share on Xमानवता कविता मराठी
Maanav Kavita in Marathi: हिंदी कविता जानने के बाद आइये कुछ मराठी कविताओं पर भी नज़र डालते हैं|
*।। मानवता ।।*
तु दानवता अंगीकारुनी
देह अलंकारापरी सजवीला ।।
*मानवता* हा दागीना
बाराच्या भावात विकला ।।धृ।।
उलटून बोलतो आईस ।
मारावया धावतो बापास ।।
शत्रु समजुन भावास,
भुमिका दानवाची साकारला ।।१।।
ख-याचे खोटे करतो ।
सत्य शिक्षेला पाठवतो ।।
करुनी… Share on X
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