स्वच्छता दिवस 2022: 2014 में निकली एक रिपोर्ट के अनुसार भारत में प्रदुषण मात्रा खतरे के निशान पर है| इसी के कारण 2014 में अपने भाषण पर प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी के हर वर्ष 2 अक्टूबर को स्वछता दिवस मनाने का फैसला किया| इस दिन का लक्ष्य भारत को स्वच्छ बनाने के लिए लोगो में जागरूकता फैलाना है| भारत एक ऐसा देश है जिसकी जनसँख्या दिन प्रतिदिन भर्ती जा रही है| इसके कारण से भारत में दिन प्रति दिन गन्दगी एवं कूड़ा कचरे की संख्या बढ़ती जा रही है| उन्होंने 2020 तक भारत को स्वच्छ बनाने का लख्श्य निर्धारित किया| ये निबंध कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है
राष्ट्रीय स्वच्छता दिवस निबंध
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स्वच्छ भारत अभियान को पूरा करने के लिए 5 वर्ष (2 अक्टूबर 2020) तक की अवधि निश्चित किए गई है| इस अभियान पर लगभग दो लाख करोड़ रुपए खर्च होने का अनुमान लगाया गया है| इसके अंतर्गत 4041 शहरों को सम्मिलित किया जाएगा| इस अभियान की सफलता को सुनिश्चित करने के लिए, पेयजल और स्वच्छता मंत्रालय 1 लाख 34 हजार करोड़ और केंद्रीय शहरी विकास मंत्रालय 62 हजार करोड़ की आर्थिक सहायता प्रदान करेंगे|
इसके साथ ही केंद्रीय मंत्री श्री नितिन गडकरी ने क्लीन इंडिया कैंपेन के तहत प्रत्येक ग्राम पंचायत को सालाना 20 लाख रुपए देने की घोषणा की| यह अभियान अभी प्रारंभिक चरण में ही है लेकिन सरकारी प्रयासों से यह आभास हो रहा है कि सरकार इस अभियान को निर्धारित समयअवधि में पूर्ण करने के लिए प्रतिबद्ध है| इस अभियान के प्रति जनसाधारण को जागरुक करने के लिए सरकार समाचार पत्रों, विज्ञापनों आदि के अतिरिक्त सोशल मीडिया का भी उपयोग कर रही है|
क्लीन इंडिया नाम से एक नई वेबसाइट की भी शुरुआत की गई है और फेसबुक जैसे प्रसिद्ध नेटवर्किंग साइट के माध्यम से भी लोगों को इस से जोड़ा जा रहा है ट्विटर पर भी माइक्रो इन इंडिया के नाम से एक ट्विटर हैंडल का अकाउंट का भी शुभारंभ किया गया है| प्रत्येक नागरिक की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रधानमंत्री जी ने सभी से अपील की है कि लोग पहले गंदी जगह की फोटो सोशल नेटवर्क साइट पर अपलोड करें और फिर उस स्थान को साफ करके उसकी वीडियो तथा फोटो भी अपलोड करें इस अभियान में प्रधानमंत्री जी ने मशहूर हस्तियों को भी शामिल किया है उन्होंने इसके लिए 9 लोगों को नॉमिनेट भी किया है|
इन 9 हस्तियों में अनिल अंबानी, सचिन तेंदुलकर, सलमान खान, प्रियंका चोपड़ा, बाबा रामदेव, कमल हासन, मृदुला सिन्हा, शशि थरूर और शाजिया इल्मी शामिल है| इसके अलावा उन्होंने टीवी सीरियल “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” की पूरी टीम को भी नॉमिनेट किया है| उन्होंने कहा कि यह सभी लोग स्वच्छता अभियान के लिए काम करें| इस तरह स्वच्छता अभियान ना रहकर एक आंदोलन बन जाएगा उन्होंने कहा यह दायित्व सिर्फ सफाई कर्मचारियों का नहीं है सभी 125 करोड़ भारतीयों का है|
केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री की गंदगी मुक्त भारत की संकल्पना अच्छी है तथा इस दिशा में उनकी ओर से किए गए आरंभिक प्रयास भी सराहनीय है, लेकिन सबसे महत्वपूर्ण प्रशन यह है कि आखिर क्या कारण है कि साफ-सफाई हम भारत वासियों के लिए कभी महत्व के विषय ही नहीं रहा आखिर क्यों तमाम प्रयासों के बाद भी हम साफ सुथरे नहीं रहते हमारे गांव गंदगी के लिए बहुत पहले से बदनाम है लेकिन ध्यान दिया जाए तो यह पता चलता है कि इस मामले में शहरों की स्थिति भी गांव से से बहुत भिन्न नहीं है| आज पूरी दुनिया में भारत की छवि एक गंदे देश की है जब-जब भारत की अर्थव्यवस्था, तरक्की, ताकत और प्रतिभा की बात होती है तब-तब इस बात की भी चर्चा होती है कि भारत एक गंदा देश है| पिछले ही वर्ष हमारे पड़ोसी देश चीन के ब्लॉग पर गंगा में तैरती लाश और भारतीय सड़कों पर कूड़े के ढेर वाली तस्वीरें छाई रहेगी|
कुछ साल पहले इंटरनेशनल हाइजीन काउंसिल ने अपने एक सर्वे में यह कहा था कि औसत भारतीय घर बेहद गंदे और अस्वास्थ्यकर होते हैं| इस सर्वे में काउंसिल ने कमरों, बाथरुम और रसोई घर की साफ-सफाई को आधार बनाया था| उसके द्वारा जारी गंदे देशों की सूचना मैं सबसे पहला स्थान मलेशिया और दूसरा स्थान भारत को मिला था| हद तो तब हो गई जब हमारे ही एक पूर्व केंद्रीय मंत्री ने यहां तक कह दिया कि यदि गंदगी के लिए नोवेल पुरस्कार दिया जाता तो वह भारत को ही मिलता|
Rashtriya Swachhta Diwas Essay in Hindi
स्वच्छ भारत अभियान भारत सरकार द्वारा चलाये जाने वाला एक राष्ट्रव्यापी सफाई अभियान है जिसकी शुरुवात प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा महात्मा गांधी के 145 वें जन्मदिन के अवसर पर 2 अक्टूबर २०१४ को की गयी थी| यह अभियान पूरे भारत में सफाई के उद्देश्य को पूरा करने के लिए शुरू किया गया है। प्रधानमंत्री ने लोगो से अपील की है की वो स्वच्छ भारत मिशन से जुड़े और अन्य लोगो को भी इससे जुड़ने की प्रेरित करे ताकि हमारा देश दुनिया का सबसे अच्छा और स्वच्छ देश बन सके| इस अभियान की शुरुवात स्वयं नरेंद्र मोदी ने सड़क की सफाई कर के की थी|
स्वच्छ भारत अभियान भारत की सबसे बड़ी कभी सफाई अभियान है जिसके शुभारम्भ पर लगभग 30 लाख स्कूलों और कॉलेजों के छात्रों और सरकारी कर्मचारियों ने भाग लिया। शुभारंभ के दिन प्रधानमंत्री ने नौ हस्तियों के नामो की घोषणा की और उनसे अपने क्षेत्र में सफाई अभियान को बढाने और आम जनता को उससे जुड़ने के लिए प्रेरित करने को कहा| उन्होंने यह भी कहा कि इन हस्तियों को अगले ९ लोगो को इससे जुड़ने के लिए प्रेरित करना है और ये शृंखला तब तक चलेगी जब तक की पुरे भारत तक इसका सन्देश न पहुंच जाये|
उन्होंने यह भी कहा कि हर भारतीय इसे एक चुनौती के रूप में ले और इसे सफल अभियान बनाने के लिए अपना पूरा प्रयास करे। नौ लोगों की श्रृंखला पेड़ की एक शाखाओं की तरह है। उन्होंने आम जनता को इससे जुड़ने के लिए अनुरोध किया और कहा की वे सफाई की तस्वीर सोशल मीडिया जैसे की फेसबुक, ट्विटर व अन्य वेबसाइट पर डालें और अन्य लोगो को भी इससे जुड़ने के लिए प्रेरित करे। इस तरह भारत एक स्वच्छ देश हो सकता है।
इस मिशन की निरंतरता बनाए रखते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सभी आधिकारिक सरकारी इमारतों में सफाई सुनिश्चित करने के लिए उत्तर प्रदेश में चबाने वाला पान, गुटका और अन्य तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है।
स्वच्छ भारत अभियान दिवस निबंध
यह सभी बातें और तथ्य हमें यह सोचने पर मजबूर करते हैं कि हम भारतीय साफ-सफाई के मामले में भी पिछड़े हुए क्यों हैं ? जबकि हम उस समर्थ एवं गौरवशाली भारतीय संस्कृति के अनुयायी हैं जिसका मुख्य उद्देश्य सदा “पवित्रता” और “शुद्धि” रहा है| वास्तव में भारतीय जनमानस इसी अवधारणा के चलते एक उलझन में रहा है| उसने इसे सीमित अर्थों में ग्रहण करते हुए मन और अंत करण की शुचिता को ही सर्वोपरि माना है इसलिए हमारा यह कहा गया है “मन चंगा तो कठौती में गंगा”|
कुल मिलाकर सार यही है कि वर्तमान समय में स्वच्छता हमारे लिए एक बड़ी आवश्यकता है| यह समय भारतवर्ष के लिए बदलाव का समय है बदलाव के इस दौर में यदि हम स्वच्छता के क्षेत्र में पीछे रह गए तो आर्थिक उन्नति का कोई महत्व नहीं रहेगा| हाल ही में हमारे प्रधानमंत्री जी ने 25 सितंबर 2014 को “मेक इन इंडिया” अभियान का भी शुभारंभ किया इसका लक्ष्य भारत को मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में अव्वल बनाना है इस अभियान से अधिक गति तो अवश्य मिलेगी लेकिन इसके साथ ही हमें प्रदूषण के रूप में एक बड़ी चुनौती भी मिलने वाली है हमें अपने दैनिक जीवन में तो सफाई को एक मुहीम की तरह शामिल करने की जरूरत है साथ ही हमें इसे एक बड़े स्तर पर भी देखने की जरूरत है ताकि हमारा पर्यावरण भी स्वच्छ रहे|
स्वछता समान रुप से हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी है| हर समय कोई सरकारी संस्था या बाहरी वह हमारे पीछे नहीं लगा रह सकता| हमें अपनी आदतों में सुधार करना होगा और स्वच्छता को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाना होगा हालांकि आदतों में बदलाव करना आसान नहीं होगा लेकिन यह इतना मुश्किल भी नहीं है| प्रधानमंत्री जी ने ठीक ही कहा कि जल्दी हम कम से कम खर्च में अपनी पहली ही कोशिश में मंगल ग्रह पर पहुंच गए तो क्या हम स्वच्छ भारत का निर्माण सफलतापूर्वक नहीं कर सकते हैं कहने का तात्पर्य है कि क्लीन इंडिया का सपना पूरा करना कठिन नहीं हमें हर हाल में इस लक्ष्य को वर्ष 2020 तक प्राप्त करना होगा तभी हमारी ओर से राष्ट्रपिता महात्मा गांधी व उनकी 150वीं जयंती पर सच्ची श्रद्धांजलि दी जा सकेगी|
स्वच्छता अभियान पर निबंध
स्वच्छ भारत अभियान भारत को गंदगी-रहित बनाने की एक ऐसी मुहिम और अभियान है जो राष्ट्रीय आंदोलन के रुप में भारत सरकार द्वारा देश के 4041 सांविधिक नगर की आधारभूत संरचना, सड़के, और पैदल मार्ग, की साफ-सफाई का लक्ष्य कर आरंभ किया गया है। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आधिकारिक रुप से इसकी शुरुआत 2 अक्टूबर 2014 गाँधी जयंती के दिन नई दिल्ली के राजघाट पर किया। इस अभियान के आरंभ के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने खुद सड़क को साफ किया। ये अभी तक का सबसे बड़ा सफाई अभियान है जिसमें 30 लाख सरकारी कर्मचारियों के साथ स्कूल कॉलेजों के बच्चों ने भी बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया।
इस अभियान की शुरुआत के दिन प्रधानमंत्री ने कला, खेल और साहित्य से जुड़े 9 हस्तियों को नामित किया अपने-अपने क्षेत्रों में इस मिशन को आगे बढ़ाने के लिये। स्कूल कॉलेजों ने भी अपने तरीके से कई सारे कार्यक्रम आयोजित कर इसमें भाग लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने उन नौ नामित लोगों से आग्रह किया कि वो अपनी तरफ से नौ व्यक्ति चुने जो भारत स्वच्छता अभियान में पूरी इच्छाशक्ति से भाग ले और इस तरह एक पूरी मानव श्रृंखला का निर्माण हो जिसमें देश के हर कोने से हर भारतीय शामिल हो और इसे राष्ट्र मिशन के रुप में आगे बढ़ाये।
किसी पेड़ की शाखाओं की तरह ही इस मिशन का भी मकसद भारत के हर-एक व्यक्ति को जोड़ना है, चाहे वो किसी भी व्यवसाय से हो। स्वच्छ भारत मिशन का लक्ष्य गरीबी रेखा से नीचे जीवन-यापन कर रहे सभी परिवारों को स्वास्थ्य प्रद शौचालय प्रदान करना है, बेकार शौचालय को अल्प लागत स्वास्थ्य-प्रद शौचालयों में बदलना, हैण्ड पंप उपलब्ध कराना, सुरक्षित नहाना, स्वच्छता संबंधी बाजार हो, निकास नली, ठोस और द्रव कचरे की उचित व्यवस्था हो, शिक्षा और स्वास्थ्य के प्रति जागरुकता हो, घरेलू और पर्यावरण संबंधी सफाई व्यवस्था आदि।
भारत सरकार द्वारा व्यक्तिगत स्वच्छता और पर्यावरणीय स्वच्छता को लेकर इसके पहले कई सारे जागरुकता कार्यक्रम( जैसे पूर्णं स्वच्छता अभियान,निर्मल भारत अभियान आदि ) प्रारंभ किये गए थे लेकिन इस तरह के अभियान ज्यादा प्रभावी साबित नहीं हुए। इस अभियान का मुख्य लक्ष्य खुले में शौच की प्रवृति को खत्म करना, अस्वास्थयकर शौचालयों को बहाने वाले शौचालयों में तब्दील करना, हाथ से शौच की सफाई न करना, ठोस और द्रव कचरे को अचछी तरह से निपटान कर देना, साफ-सफाई को लेकर लोगों को जागरुक करना, लोगों के सोच में बदलाव लाना, साफ-सफाई के सुविधाओं के प्रति प्राइवेट क्षेत्रों की भागीदारी को सुगम बनाना आदि।
इस मिशन में प्रधानमंत्री द्वारा नामित किये गए नौ सदस्य थे, सलमान खान, अनिल अंबानी, कमल हासन, कॉमेडियन कपिल शर्मा, प्रियंका चोपड़ा, बाबा रामदेव, सचिन तेंडुलकर, शशि थरुर और प्रसिद्ध टीवी धारावाहिक “तारक मेहता का उल्टा चश्मा” की पूरी टीम। भारतीय फिल्म अभिनेता आमिर खान को इसके शुभारंभ के मौके पर आमंत्रित किया गया था। इस अभियान के लिये प्रधानमंत्री द्वारा कई ब्रैंड एम्बेस्डर्स का भी चुनाव किया गया था जिनको स्वच्छ-भारत अभियान को अलग-अलग क्षेत्रों में प्रारंभ और प्रोत्साहित करने की जिम्मेदारी थी। 8 नवंबर 2014 को उन्होंने कुछ और लोगों को इससे जोड़ा (मोहम्द कैफ, सुरेश रैना, अखिलेश यादव, स्वामी रामभद्रचार्या, कैलाश खेर, राजू श्रीवास्तव, मनु शर्मा, देवी प्रसाद द्विवेदी और मनोज तिवारी ) और 25 दिसंबर 2014 को सौरव गांगुली, किरन बेदी, रामो जी राव, सोनल मानसिंह, और पदमानभा आचार्या आदि को स्वच्छ भारत अभियान का हिस्सा बनाया।
उत्तर प्रदेश के सरकारी भवनों में, सफाई सुनिश्चित करने के लिए, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा चबाने वाले पान, गुटका और अन्य तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
कई सारे दूसरे कार्यक्रम जैसे स्वच्छ भारत रन, स्वच्छ भारत ऐप्स, रियल टाईम मॉनिटरिंग सिस्टम, स्वच्छ भारत लघु फिल्म, स्वच्छ भारत नेपाल अभियान आदि इस मिशन के उद्देशय को सक्रियता से समर्थन करने के लिये प्रारंभ और लागू किया गया।
Swachhta Diwas par Nibandh
राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भारत की स्वतंत्रता से पहले अपने समय के दौरान “स्वच्छता आजादी से अधिक महत्वपूर्ण है” कहा था। वे भारत के बुरे और गन्दी स्थिति से अच्छी तरह परिचित थे| उन्होंने भारत के लोगों को साफ-सफाई और स्वच्छता के बारे और इससे अपने दैनिक जीवन में शामिल करने पे बहोत जोर दिया था। हालांकि यह लोगो के कम रूचि के कारण असफल रहा। भारत की आजादी के कई वर्षों के बाद, सफाई के प्रभावी अभियान के रूप में इसे आरम्भ किया गया है और लोगो के सक्रिय भागीदारी चाहती है जिससे इस मिशन को सफलता मिले।
भारत के राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने जून 2014 में संसद को संबोधित करते हुए कहा कि “एक स्वच्छ भारत मिशन शुरू किया जाएगा जो देश भर में स्वच्छता, वेस्ट मैनेजमेंट और स्वच्छता सुनिश्चित करने के लिए होगा। यह महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती पर 2020 में हमारे तरफ से श्रद्धांजलि होगी”। महात्मा गांधी के सपने को पूरा करने और दुनिया भर में भारत को एक आदर्श देश बनाने के क्रम में, भारत के प्रधानमंत्री ने महात्मा गांधी के जन्मदिन (2 अक्टूबर 2014) पर स्वच्छ भारत अभियान नामक एक अभियान शुरू किया। इस अभियान के पूरा होने का लक्ष्य 2020 है जो की महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती है|
इस अभियान के माध्यम से भारत सरकार वेस्ट मैनेजमेंट तकनीकों को बढ़ाने के द्वारा स्वच्छता की समस्याओं का समाधान करेगी। स्वच्छ भारत आंदोलन पूरी तरह से देश की आर्थिक ताकत के साथ जुड़ा हुआ है। महात्मा गांधी के जन्म की तारीख मिशन के शुभारंभ और समापन की तारीख है। स्वच्छ भारत मिशन शुरू करने के पीछे मूल लक्ष्य, देश भर में शौचालय की सुविधा देना, साथ ही दैनिक दिनचर्या में लोगों के सभी अस्वस्थ आदतो को समाप्त करना है। भारत में पहली बार सफाई अभियान 25 सितंबर 2014 में शुरू हुयी और इसका आरम्भ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सड़क की सफाई से की गयी|
इस मिशन की सफलता परोक्ष रूप से भारत में व्यापार के निवेशकों का ध्यान आकर्षित करना, जीडीपी विकास दर बढ़ाने के लिए, दुनिया भर से पर्यटकों को ध्यान खींचना, रोजगार के स्रोतों की विविधता लाने के लिए, स्वास्थ्य लागत को कम करने, मृत्यु दर को कम करने, और घातक बीमारी की दर कम करने और भी कई चीजो में सहायक होंगी। स्वच्छ भारत अधिक पर्यटकों को लाएगी और इससे आर्थिक हालत में सुधार होगी। भारत के प्रधानमंत्री ने हर भारतीय को 100 घंटे प्रति वर्ष समर्पित करने के लिए अनुरोध किया है जोकि 2020 तक इस देश को एक स्वच्छ देश बनाने के लिए पर्याप्त है|
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उत्तर प्रदेश में 2017 में सरकारी भवनों में सफाई सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छता अभियान शुरू किया है। इसके अनुसार उन्होंने सरकारी कार्यालयों में पान, गुटका और अन्य तम्बाकू उत्पादों पर प्रतिबंध लगा दिया है।