Contents
हिंदुओं में शुभ विवाह की तिथि वर-वधू की जन्म राशि के आधार पर निकाली जाती है।वर व वधू का जन्म, चंद्रमा के जिस नक्षत्र में होता है उसी नक्षत्र के अक्षर का उपयोग विवाह की तिथि को भी प्राप्त करने के लिए किया जाता है। दूल्हा-दुल्हन के जन्म कुंडली में विवाह नक्षत्र के अक्षर मिलान के बाद विवाह की तारीख को चुन लिया जाता है। शादी की तारीख तय होने के बाद कुंडली का मिलान नहीं किया जाता है। हिन्दू धर्म में शादी व मुहूर्त की तारीख, समय व तिथि जन्म राशि व नाम के अनुसार ही निकाली जाती है पर सभी के जन्मराशी, कुंडली, सूर्योदय, सूर्यास्त और स्थान अलग-अलग होती है तो सभी के लिए एक ही तारीख सही नहीं होती है | आइये जानें लग्न मुहूर्त, पूजा नियम, विवाह लग्न निकालना|
लग्न कैसे निकाले
घर पर निकालें शादी-विवाह के शुभ-मुहूर्त- जानिए कैसे: विवाह मुहूर्त विधि को निकालने के लिए आपको आज हम आपको आसान तरीके बताने जा रहे हैं| इससे आप सीख जाएंगे की विवाह मुहूर्त कैसे निकाले व साथ ही हम आपको विवाह मुहूर्त बय नाम २०१७, विवाह मुहूर्त विधि भी बताने जा रहे हैं|
विवाह मुहूर्त कैसे निकाले – मुहूर्त कैसे देखे २०२१
Vivah muhurat nikalna: विवाह के लिए मुहूर्त (विवाह महूर्त ) चुनने के लिए वर और वधू की दोनों की राशियों में विवाह के लिए एक समान तिथि को ढूंढा जाता है और उसी से विवाह के लिए मुहूर्त निकाला जाता है वर व वधु की कुंडलियों को मिलाने से उनकी राशियों में जो जो विवाह के लिए तारिक एक समान होती हैं उन तरीकों में से वर वधु के लिए सबसे शुभ लग्न को निकाला जाता है वह उस दिन विवाह के लिए शुभ दिन चुना जाता है इसके लिए शुभ ग्रह भी देखा जाता है|
अगर आप भी वर्ष 2021 व 2022 के शुभ मुहूर्त में विवाह करना चाहते हैं या फिर अपने पुत्र या पुत्री का विवाह करवाना चाहते हैं तो आप 2021 के विवाह मुहूर्त क्या कर सकते हैं इसमें आपको शुभ मुहूर्त पता चलेंगे जो कि हमारे पंडित आचार्य जी द्वारा दिए गए हैं यह शुभ लग्न के लिए बहुत ही शुभ विवाह मुहूर्त है|
विवाह मुहूर्त निकालना 2021
अक्सर ऐसा होता है कि हमारे पुराने यानी पूर्व जन्म के कर्म का भोग हमें इस जीवन में उठाना पड़ता है ऐसे ही हमें शादी के लिए शुभ मुहूर्त और मंत्र जाप करवाते हैं ताकि हमारी शुभ लग्न में शादी हो जाए पंडित जी द्वारा दी गई पुस्तक विवाह विमर्श के अनुसार कुछ ऐसे चरण बताए गए हैं जो कि अनिष्टकारी होते हैं इन्हीं के अलावा बाकी के बचे हुए 16 नक्षत्र जो कि इस प्रकार हैं अश्विनी, भरणी, कृतिका, आद्र्रा, पुनर्वसु, पुण्य, अश्लेषा, तीनों पूर्वा, चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा, श्रवण, घनिष्ठा व शतभिषा को शुभ नहीं माना जाता है|
ऐसा कहा जाता है अगर कृतिका, भरणी, आद्र्रा, पुनर्वसु और अश्लेषा नक्षत्र के अनुसार शादी की जाए तो वधु 6 वर्ष के अंदर ही विधवा हो जाती है| पुण्य नक्षत्र में जब शादी होती है तब लड़का अपनी पत्नी को त्याग दे कर दूसरी शादी कर लेता है| जब की चित्रा, विशाखा, ज्येष्ठा तलाक का प्रमुख कारन हो सकते हैं ऐसे में इन नक्षत्रो से बचना चाहिए|
इसलिए ऐसा कहा गया है की मंगल दोष, संतान, आयु, आपसी तालमेल, वैधव्य स्थिति, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति, शिक्षा के स्तर का अनुसार ही शुभ गृह मिलाकर शादी कारवां शुभ माना जाता है| विवाह योग प्रीति, आयुष्मान, सौभाग्य, शोभन, सुकर्मा, धृति, वृद्धि, धु्रव, सिद्धि, वरीयान, शिव, सिद्ध, साध्य, शुभ, शुक्ल एवं ब्रह्म योग विवाह के लिए प्रशस्त हैं|
Nirmal yadav
ladke ka 06 aug 1984 indore 00.50 am
ladki ka 15 mar 1991 azamgarh, 10.15 am
shadi keliye bst lagan time bataiye pls
Ladke ka birth 16 may 7:50 1993 subh laki ka 6 Jan 1995. 1:30 bje raat ko shubh muhurt ki dates btana
Ladaki ka naam .radha ladake ka lahari
Ladke ka janm 21.091995 5.35pm Jaipur Raj.
Ladki ka janm 21.06.1996 4.45am Gangapur city Raj.
Vivah muhurat nov.me batana
Tanishq
25 feb 2000
7.10 pm
Birth place indore
Rishita
20 Dec 2000
2.15 pm
Jhabua mp