वसंत ऋतु के आगमन पर सब लोग वसंत पंचमी का त्यौहार बना खुशिया मनाते हैं| वसंत के आने पर सर्दियों का अंत होता है और सब जगह खुशाली छा जाती है| वसंत ऋतु के त्योहार पर हम आपके सामने पेश करने वाले हैं basant ritu par nibandh in hindi, vasant ऋतु पर निबंध , basant ऋतु पर निबंध vasant ritu essay, वसंत पर निबंध (basant par nibandh) hindi language, composition, hindi font यानी की हिंदी भाषा में जिसमे शामिल होगी इस त्यौहार की जानकारी जैसे की समारोह, वसंत परंपरा, अनुष्ठान आदि|
ये एस्से छोटे बच्चो Kids को स्कूलों में पढ़ाया जाता है तथा उसमे हर क्लास के बच्चे basant Ritu एस्से in hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 इस तरह से इंटरनेट पर सर्च करते है व स्कूलों ले प्रोग्राम में भाग लेते है, आइये देखे कुछ निबंध|आप चाहे तो वसंत ऋतु पर कविता भी देख सकते हैं |
वसंत ऋतु का महत्व
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वसंत ऋतु प्रकृति का उपहार है । यह बीमारियों को दूर भगाने का काल है । इस ऋतु में मच्छरों तथा अन्य हानिकारक कीटाणुओं का प्रकोप घट जाता है । लोग बिना थके अपना काम कर सकते हैं । रबी की फसल इस ऋतु में लगभग पक जाती है । बाजार में नए अनाज और नई सब्जियों आती हैं । लोग इनका पूरा आनंद लेते हैं । वसंत ऋतु का सीधा संबंध प्रकृति से है । पेड़ों, पहाड़ों, नदियों और झीलों से है । बाग-बगीचों की मौजूदगी से है । अत: प्रकृति की देखभाल जरूरी है । पेड़ों की कम कटाई हो और नए पेड़ ओं । नदियों में स्वच्छ जल प्रवाहित हो । धरती पर बाग-बगीचों की भरमार हो । सब लोग खुशहाल हों । लोगों की पीड़ा घट जाए, वसंत यही चाहता है । वसंत सौंदर्य, उन्नति और नवयौवन का दूसरा नाम है ।Click To Tweet
मादक महकती बासन्ती बयार। प्रकृति के रूप का नूतन निखार मोहक रस पगे फूलों की बहार॥Click To Tweet
ऋतुराज बसंत पर निबंध
भारत में वसंत ऋतु सर्दियों के मौसम के बाद मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आती है। यह मौसम गर्मियों के रुप मे खत्म होता है। भारत में वसंत मार्च के महीने में शुरु होता है और मई के महीने में खत्म होता है। भारत के कुछ भागों में, लोग इस मौसम का आनंद गर्म वातावरण के कारण पूरी तरह से नहीं ले पाते हैं। पूरी वसंत ऋतु के मौसम के दौरान तापमान सामान्य रहता है, न तो सर्दी की तरह बहुत अधिक ठंडा होता है और न ही गर्मी की तरह बहुत गर्म हालांकि, अन्त में यह धीरे-धीरे गर्म होना शुरु कर देता है। रात को मौसम और भी अधिक सुहावना और आरामदायक हो जाता है। वसंत ऋतु बहुत प्रभावशाली होती है: जब यह आती है, तो प्रकृति में सबकुछ जाग्रत कर देती हैं; जैसे- यह पेड़, पौधे, घास, फूल, फसलें, पशु, मनुष्य और अन्य जीवित वस्तुओं को सर्दी के मौसम की लम्बी नींद से जगाती है। मनुष्य नए और हल्के कपड़े पहनते हैं, पेड़ों पर नई पत्तियाँ और शाखाएं आती है और फूल तरोताजा और रंगीन हो जाते हैं। सभी जगह मैदान घासों से भर जाते हैं और इस प्रकार पूरी प्रकृति हरी-भरी और ताजी लगती है।Click To Tweet

Basant ritu par nibandh in hindi Font
परिचय – भारत में वसंत ऋतु मार्च, अप्रैल और मई के महीने में, सर्दियों और गर्मियों के बीच में आती है। इसे सभी ऋतुओं के राजा के रुप में माना जाता है और युवाओं की प्रकृति के रुप में प्रसिद्ध है। वसंत ऋतु के लाभ – वसंत ऋतु अच्छी भावनाएं, अच्छा स्वास्थ्य और पौधों को नया जीवन देती है। यह सबसे अधिक सुन्दर और आकर्षक मौसम है, जो फूलों के खिलने के लिए अच्छा मौसम है। मधुमक्खियाँ और तितलियाँ फूलों की कलियों के आस-पास मंडराती हैं और स्वादिष्ट जूस (फूलों की सुगंध) को चूसने का आनंद लेती है और शहद बनाती है। इस मौसम में लोग फलों के राजा, आम को खाने का आनंद लेते हैं। कोयल घने पेड़ों की शाखाओं पर बैठकर गाना गाती है और सबके दिलों को जीत लेती है। दक्षिण की दिशा से एक बहुत ही प्यारी और ठंडी हवा चलती है, जो फूलों की बहुत अच्छी सुगंध लाती है और हमारे दिलों को छूती है। यह लगभग सभी धर्मों के त्योहारों का मौसम है, जिसके दौरान लोग अपने परिवार के सदस्यों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ मिलकर अच्छी तैयारियाँ करते हैं। यह किसानों का मौसम है, जब वे अपनी नई फसलों को अपने घरों में लाते हैं और कुछ राहत महसूस करते हैं। कवियों को कविताओं की रचना करने के लिए नई-नई कल्पनाएं मिलती हैं और वे अच्छी-अच्छी प्यारी कविताओं की रचनाएं करते हैं। इस मौसम में, मस्तिष्क बहुत अधिक कलात्मक और अच्छे विचारों से भरा होता है। वसंत ऋतु के मौसम की हानियाँ – वसंत ऋतु की कुछ हानियाँ भी है। जैसा कि, ये मौसम सर्दियों के मौसम के अन्त में शुरु होता है और गर्मियों के शुरु होने से पहले आता है, जिसके कारण बहुत अधिक संवेदनशील मौसम होता है। बहुत से महामारी (छूत वाले रोग) वाले रोग, जैसे- सामान्य जुकाम, चेचक, चिकिन-पॉक्स, खसरा आदि होते हैं, इसलिए लोगों को अपने स्वास्थ्य के लिए अतिरिक्त तैयारियाँ करनी पड़ती है। निष्कर्ष – वसंत ऋतु का मौसम सभी मौसमों का राजा होता है। वसंत ऋतु के दौरान प्रकृति अपने सबसे सुन्दर रुप में प्रकट होती है और हमारे हृदय को आनंद से भरती है। वसंत ऋतु का पूरी तरह से आनंद लेने के लिए, हमें हमारे स्वास्थ्य की देखभाल पहले से ही करनी चाहिए, जिसके लिए हमें विभिन्न छूत वाली बीमारियों से प्रतिरक्षा के लिए टीके लगवाने चाहिए।Click To Tweet
वसंत ऋतु पर निबंध – Essay on Spring Season in Hindi
प्रस्तावना — भारत प्राकृतिक शोभा संपन्न देश है. इस देश की धरती पर छह ऋतु परिक्रमा देती रहती हैं. सभी ऋतुओं में श्रेष्ठ होने के कारण बसंत को हम ऋतुराज कहते हैं. बसंत ऋतु में प्रकृति का सौंदर्य अपने पूर्ण यौवन पर होता है. इस ऋतु में वनस्पतियाँ फूल और पत्तों से लद जाती है. बसंत का आगमन - शिशिर ऋतु के बाद बसंत ऋतु का आगमन होता है. सभी वृछ और लताएँ नवीन पल्लवों और पुष्पों से सजकर झूमते हैं. प्रकृति को नया जीवन मिलता है और वह नई उमंग व सजधज के साथ अपनी शोभा बिखराने लगती है. प्रकृत की मोहक छटा —बसंत में चारों ओर मोहक सौन्दर्य दृष्टिगोचर होता है. खेतों में सरसों की पीली मखमली चादर बिछ जाती है. आम के पेड़ मंजरों के बोझ से झुक पड़ते हैं. और हवा के झोंकों में झूम उठते हैं. वायु में सुगंध बिखर जाती है. फूलों से अटखेलियां करते भंवरे मधु पीकर मधुर गुंजार करने लगते हैं. तथा रंग-बिरंगी तितलियों से उड़ते हुए झुंड सभी के मन को मोह लेते हैं. प्रकृति के मोहक रूप को देखकर मनुष्य का मन भी प्रफुल्लित हो उठता है. कोयल की कूक मानव मन को संगीत लहरी से भर देती है. इस प्रकार वसंत ऋतु में संपूर्ण प्रकृति मानव जगत नई सुंदरता उमंग उल्लास और आनंद से भर जाता है वसंतोत्सव ——- मनुष्य अपने हृदय के उल्लास को विविध प्रकार से प्रकट करता है. बसंती कपड़े पहन कर स्त्रियां बसंत का स्वागत करती हैं. होली भी बसंत का उत्सव है जब पके हुए अन्न के दाने अग्नि को समर्पित करके बसंत का स्वागत किया जाता है. बसंत के सौन्दर्य में डूबे मानव मन नाच नाच उठते हैं. तथा जगह-जगह संगीत के आयोजन होते हैं. नगरों में भी बसंत के मेले लगते हैं. उपसंहार —बसंन्त ऋतु अपने सौन्दर्य व उल्लास के कारण अपना विशेष स्थान रखती है. इतनी मनमोहक व उमंग भरी कोई भी ऋतु नहीं है. यह देवदूत बसंन्त जन-जन को नव निर्माण व हास विलास के माध्यम से धर्म अर्थ काम और मोछ के पथ पर अग्रसर होते रहने की प्रेरणा प्रदान करता है.Click To Tweet
A Short Essay On Spring Season In Hindi Language – 100 words
वसन्त ऋतु का हम सभी को आनंद देने वाला होता है। भारत में वसन्त ऋतु मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आती है। यह सर्दियों के तीन महीनों के लम्बे समय के बाद आती है, जिसमें लोगों को सर्दी और ठंड से राहत मिलती है। वसन्त ऋतु में तापमान में नमी आ जाती है और सभी जगह हरे-भरे पेड़ों और फूलों के कारण चारों तरफ हरियाली और रंगीन दिखाई देता है। एक लम्बें इंतजार के बाद वह समय आता है, जब हम हल्के कपड़े पहनना शुरु करते हैं और प्राय कभी भी घर से बाहर जा सकते हैं। छोटे बच्चे पतंग उड़ाते हैं। इस मौसम की शुरुआत में होली का त्योहार आता है, जब सभी रंगों और पानी के साथ होली खेलने के द्वारा इस मौसम का आनंद लेते हैं।Click To Tweet
Vasant ritu par nibandh in hindi – Small paragraph
भारत में वसंत ऋतु सर्दियों के मौसम के बाद मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आती है। यह मौसम गर्मियों के रुप मे खत्म होता है। भारत में वसंत मार्च के महीने में शुरु होता है और मई के महीने में खत्म होता है। भारत के कुछ भागों में, लोग इस मौसम का आनंद गर्म वातावरण के कारण पूरी तरह से नहीं ले पाते हैं। पूरी वसंत ऋतु के मौसम के दौरान तापमान सामान्य रहता है, न तो सर्दी की तरह बहुत अधिक ठंडा होता है और न ही गर्मी की तरह बहुत गर्म हालांकि, अन्त में यह धीरे-धीरे गर्म होना शुरु कर देता है। रात को मौसम और भी अधिक सुहावना और आरामदायक हो जाता है। वसंत ऋतु बहुत प्रभावशाली होती है: जब यह आती है, तो प्रकृति में सबकुछ जाग्रत कर देती हैं; जैसे- यह पेड़, पौधे, घास, फूल, फसलें, पशु, मनुष्य और अन्य जीवित वस्तुओं को सर्दी के मौसम की लम्बी नींद से जगाती है। मनुष्य नए और हल्के कपड़े पहनते हैं, पेड़ों पर नई पत्तियाँ और शाखाएं आती है और फूल तरोताजा और रंगीन हो जाते हैं। सभी जगह मैदान घासों से भर जाते हैं और इस प्रकार पूरी प्रकृति हरी-भरी और ताजी लगती है।Click To Tweet
वसंत ऋतु पर निबंध हिंदी में
भारत में वसंत ऋतु को सबसे सुहावना मौसम माना जाता है। प्रकृति में सब कुछ सक्रिय होता है और पृथ्वी पर नए जीवन को महसूस करते हैं। वसंत ऋतु सर्दियों के तीन महीने के लम्बे अन्तराल के बाद बहुत सी खुशियाँ और जीवन में राहत लाती है। वसंत ऋतु सर्दियों के मौसम के बाद और गर्मियों के मौसम से पहले, मार्च, अप्रैल और मई के महीने में आती है। वसंत ऋतु का आगमन सभी देशों में अलग-अलग होने के साथ ही तापमान भी अलग-अलग देशों में अलग-अलग होता है। कोयल पक्षी गाना गाना शुरु कर देती है और सभी आम खाने का आनंद लेते हैं। प्रकृति में सभी जगह फूलों की खूशबू और रोमांस से भरी हुई होती हैं, क्योंकि इस मौसम में फूल खिलना शुरु कर देते हैं, पेड़ों पर नए पत्ते आते हैं, आसमान पर बादल छाए रहते हैं, कलकल करती हुई नदियाँ बहती है आदि। हम कह सकते हैं कि, प्रकृति आनंद के साथ घोषणा करती है कि, वसंत आ गया है: अब यह उठने का समय है। इस मौसम की सुन्दरता और चारों ओर की खुशियाँ, मस्तिष्क को कलात्मक बनाती है और आत्मविश्वास के साथ नए कार्य शुरु करने के लिए शरीर को ऊर्जा देती है। सुबह में चिड़ियों की आवाज और रात में चाँद की चाँदनी, दोनों ही बहुत सुहावने, ठंडे और शान्त हो जाते हैं। आसमान बिल्कुल साफ दिखता है और हवा बहुत ही ठंडी और तरोताजा करने वाली होती है। यह किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण मौसम होता है, क्योंकि उनकी फसलें खेतों में पकने लगती हैं और यह समय उन्हें काटने का होता है। सभी आनंद और खुशियों को महसूस करते हैं क्योंकि, यह मौसम त्योहारों का मौसम है; जैसे- होली, राम नवमीं, हनुमान जयंती, गुड फ्राइडे, ईस्टर, बिहू, नवरोज, बैसाखी आदि।Click To Tweet

Vasant Ritu par laghu nibandh – वसंत ऋतु पर लघु निबंध
वसन्त ऋतु भारत की छ: ऋतुओं में से एक है | अन्य पांच ऋतुएँ हैं- वर्षा, ग्रीष्म, शरद, शिशिर एंव हेमंत | वसन्त ऋतु का आगमन हेमंत ऋतु के बाद होता है तथा इसका काल ग्रेगेरियन कैलेंडर के अनुसार मार्च से अप्रैल तक एंव हिन्दू कैलेंडर के अनुसार फाल्गुन से चैत्र मास तक होता है | कभी-कभी फरवरी के मध्य से लेकर अप्रैल के मध्य तक वसन्त का मौसम रहता है | हिन्दू मान्यताओं के अनुसार वसन्त ऋतु का आगमन हर वर्ष माघ महीने के शुक्ल पञ्चमी को होता है | ग्रेगेरियन कलैंडर के अनुसार यह तिथि फरवरी माह के द्वितीय पक्ष या मार्च माह के प्रथम पक्ष में पड़ती है | वसन्त ऋतु के वातावरण का तापमान सामान्य बना रहता है, न तो अधिक गर्मी और न ही अधिक ठंड होती है | शीत ऋतु की समाप्ति के बाद शिशिर ऋतु भी कम शैतान नहीं होती | ठंडी हवाओं के झोंके से प्राण संकट में दिखाई पड़ने लगते हैं | इसी के बाद जब बसंत आता है, तो जान में जान आती है | इस ऋतु में प्रकृति की सुंदरता देखते ही बनती है | पेड़ों पर नए पत्ते उग आते हैं और ऐसा लगता है मानो प्रकृति ने हरियाली एंव खूबसूरत फूलों की चादर ओढ़ कर अपना श्रृंगार किया हो | इस सुहावने मौसम में जीवन का आनंद दोगुना हो जाता है | हर तरफ नए फूलों की सुगंध वातावरण को मनमोहक बना देती है | आमों के पेड़ों की सुगंध की मादकता का तो कहना ही क्या | कोयल की कूक भी इस मौसम की एक खास विशेषता है | सरसों के पीले फूल एंव महुए की मादक गंध मिलकर पवित्रता एंव मादकता का अनोखा संगम प्रस्तुत करते हैं | सरसों के पीले फूल जहां प्रकृति के स्वर्णमयी होने का आभास कराते हैं, वही महुए एवं आम्रमंजरी की मादक गंध से प्रकृति बौराई हुई सी नजर आती है | यह स्थिति मन को मोहने के लिए पर्याप्त होती है | बसंत की इन्हीं विशेषताओं के कारण इसे ऋतुओं का राजा कहा जाता है | वसन्त में प्रकृति के मनोहारी हो जाने के कारण इसे प्रकृति के उत्सव की संज्ञा भी दी गई है | इस ऋतु में प्रकृति की सुषमा अपने चरम पर होती है | जिस तरह जीवन में यौवन काल को आनंद का काल कहा जाता है, उसी तरह बसंत ऋतु को भी आनंददायी होने के कारण प्रकृति का यौवन काल कहा जाता है | वसन्त ऋतु में चारों ओर आनंद ही आनंद फैला नजर आता है | लहलहाती फसलों को देखकर किसानों का मन हर्षित हो जाता है | आने वाले समय में सुख एंव सफलता की उम्मीद उनके लिए बसंत लेकर आता है | इस तरह…Click To Tweet
वसंत ऋतु पर निबंध संस्कृत में
वसन्तः रमणीयः ऋतुः अस्ति । इदानीं शीतकालस्य भीषणा शीतलता न भवति । मन्दं मन्दं वायुः चलती । विहंगाः कूजन्ति । विविधैः कुसुमैः वृक्षाः आच्छादिताः भवन्ति । कुसुमेषु भ्रमराः गुज्जन्ति । धान्येन धरणी परिपूर्णा भवति । कृषकाः प्रसन्नाः दृश्यन्ते । कोकिलाः मधुरं गायन्ति । आम्रेषु मज्जर्यः दृश्यन्ते । मज्जरीभ्यः मधु स्रवतिClick To Tweet
हिन्दी अनुवाद :
वसन्त एक सुन्दर ऋतु है । इस समय शीत काल की तरह भीषण ठंडा नहीं रहता है । धीरे-धीरे हवा वहती है । पनी गाते है । विभिन्न प्रकार के फूलों से वृक्ष भर जाते हैं । फूलों पर भौरा गुंजते हैं । पृथ्वी धान से भर जाता है । किसान प्रशन्न रहते हैं । कोयल मधुर गाते है । आमों में मंजर देखे जाते है । मजरों से मधु तैयार होता है ।Click To Tweet
Vasant Ritu Sanskrit Essay
भारतवर्षे षड्ऋतवः भवन्ति। तेषां वसन्तः प्रथमः अस्ति। वसंतकालः मनोरमः वर्तते। एतस्मिन् समये न अति ऊष्मा न वा अति शीतलता। वसंत्काले सुखदायकः अनिलः प्रवहति। वृक्षेषु लताषु सुन्दराणि विविधवर्णानि कुसुमानि शोभन्ते। पलाशपुष्पैः वनस्थली आरक्ता जायते। अस्मिन् काले क्षेत्राणि सस्यपूर्णानि दृश्यन्ते। जनाः नवान्नदर्शनेन प्रमुदिताः भवन्ति। ते फाल्गुनमासे होलिकोत्सव मन्यन्ते। ते सोल्लासपूर्वं परस्परं मिलन्ति रागैः क्रीडन्ति च। एतस्मिन् ऋतौ प्रातः भ्रमणेन स्वास्थ्यं पुष्टं जायते वसंतकालः आनंदोल्लासस्य कालः।Click To Tweet
वसंत ऋतु निबंध मराठी – वसंत ऋतु in marathi
यहाँ आप वसंत ऋतु मराठी गाणी व वसंत ऋतु वर निबंध मराठी या write an essay on spring season in hindi देख सकते हैं|
वसंत ऋतू वर निबंध – स्प्रिंग वर निबंध
भारतातील वसंत ऋतु हिवाळ्या नंतर मार्च, एप्रिल आणि मे महिन्यांत येते. हा हंगाम उन्हाळ्याच्या स्वरुपात समाप्त होतो भारतात, वसंत ऋतु मार्च महिन्यापासून सुरू होते आणि मे महिन्यात संपते. भारताच्या काही भागात, गरम हवामानामुळे लोकांना या हंगामाचा पूर्ण आनंद होऊ शकत नाही. संपूर्ण स्प्रिंग सीझनमध्ये तपमान सामान्य आहे, हिवाळासारखा तो थंड नाही किंवा उष्णतासारख्या गरम नाही, पण अखेरीस तो मंद गतीने सुरूवात करतो. रात्रीच्या वेळी वातावरण आणखी आनंददायी आणि आरामदायक होते. वसंत ऋतु खूपच प्रभावी आहे: जेव्हा येते, तेव्हा सर्व गोष्टी निसर्गात जागृत होतात; अशा झाडे, वनस्पती, गवत, फुले, पिके, एक लांब झोप हंगामात प्राणी, हिवाळी मानव आणि इतर सजीव पासून जागृत. मनुष्य नवीन आणि हलके कपडे परिधान करतात, नवीन पाने आणि शाखा फुलझाडांवर येतात आणि फुले ताजे आणि रंगीत होतात. सर्व क्षेत्रे गवताने भरली आहेत आणि अशाप्रकारे संपूर्ण निसर्ग हिरवा आणि ताजा दिसतो.Click To Tweet
Contents
- 1 वसंत ऋतु का महत्व
- 2 ऋतुराज बसंत पर निबंध
- 3 Basant ritu par nibandh in hindi Font
- 4 वसंत ऋतु पर निबंध – Essay on Spring Season in Hindi
- 5 A Short Essay On Spring Season In Hindi Language – 100 words
- 6 Vasant ritu par nibandh in hindi – Small paragraph
- 7 वसंत ऋतु पर निबंध हिंदी में
- 8 Vasant Ritu par laghu nibandh – वसंत ऋतु पर लघु निबंध
- 9 वसंत ऋतु पर निबंध संस्कृत में
- 10 Vasant Ritu Sanskrit Essay
- 11 वसंत ऋतु निबंध मराठी – वसंत ऋतु in marathi