मकर संक्रांति पर निबंध 2023 – Essay on Makar Sankranti – उत्तरायन एस्से

मकर संक्रांति पर निबंध 2018

मकर संक्रांति 2023: भारत का एक फसल त्योहार है जो की पूरे भारत में धूम धाम से मनाया जाता है। संक्रांति शब्द ‘संक्रमान’ कहते थे, जिसका अर्थ होता है ‘परिवर्तन परन्तु इसे पूरे भारत में ‘मकर संक्रांति’ ही कहा जाता है, क्योंकि उस दिन सूर्य देव ‘मकर राशि’ में प्रवेश करता है।

आज हम आपको संक्षेप में इस त्यौहार कला विवरण देंगे यानी की आज हम मकर संक्रांति के बारे में जानकारी प्रदान करेंगे जिसमे शामिल होगा Makar sankranti essay, ये एस्से छोटे बच्चो Kids को स्कूलों में पढ़ाया जाता है तथा उसमे हर क्लास के बच्चे संक्रांत एस्से in hindi for class 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9, 10, 11 और 12 इस तरह से इंटरनेट पर सर्च करते है व स्कूलों ले प्रोग्राम में भाग लेते है, आइये देखे कुछ निबंध|

Essay on Makar Sankranti

मकर संक्रांति क्यों मनाया जाता है

मान्यता 1

मकर संक्रांति का महत्व इस प्रकार है | इस त्यौहार को भारत में मनाने के पीछे कई सारी मान्यता हैं| ऐसा कहा जाता है की इस दिन विष्णु भगवान ने देवताओं और असुरुओं के बीच युद्ध समाप्त कर दिया था जो की हजार वर्षों से चल रहा था। इसलिए लोगो के लिए यह बुराई का अंत और सच्चाई के युग की शुरुआत का महोत्सव है।

मान्यता 2

इसके अलावा एक और विश्वास यह है कि भीष्म को अपने पिता से एक वरदान मिला था कि जब वह अपने प्राण त्यागना चाहेंगे केवल तभी मर पाएंगे, इसी दिन उन्होंने अपने नश्वर रूप को त्यागने का फैसला लिया था। इसलिए यह अत्यंत शुभ दिन मन जाता है और यही इस त्यौहार का महत्त्व है|

मकर संक्रांति पर हिन्दी निबंध

मकर संक्रांति निबंध 2023

मकर संक्रांति क्यों मनाते है: इस साल यह त्यौहार 15 जनवरी 2023 को मनाया जाएगा| इन निबंधों में शामिल है Happy makar sankranti 2023 wishes लेख एसेज, anuched, short paragraphs, Composition, Paragraph, Article हिंदी, निबन्ध (Nibandh), मकर संक्रांति पर संस्कृत निबंध, यानी की निबंध को हिंदी, गुजराती (gujarati), kannada, telugu, मराठी आदि भाषा के अलावा wikipedia, मकर संक्रांति के चुटकुले, मकर संक्रांति पर कविता, english pdf में भी डाउनलोड कर सकते हैं|

हमारे भारत देश में मकर संक्रांति के त्योहार को हिन्दू धर्म के प्रमुख त्योहारों में से एक माना जाता है, जो सूर्य के उत्तरायन होने पर मनाया जाता है। इस पर्व की विशेष बात यह है कि यह अन्य त्योहारों की तरह अलग-अलग तारीखों पर नहीं, बल्कि हर साल 14 जनवरी को ही मनाया जाता है, जब सूर्य उत्तरायन होकर मकर रेखा से गुजरता है।कभी-कभी यह एक दिन पहले या बाद में यानि 13 या 15 जनवरी को भी मनाया जाता है लेकिन ऐसा कम ही होता है। मकर संक्रांति का संबंध सीधा पृथ्वी के भूगोल और सूर्य की स्थिति से है। जब भी सूर्य मकर रेखा पर आता है, वह दिन 14 जनवरी ही होता है, अत: इस दिन मकर संक्रांति का तेहार मनाया जाता है। ज्योतिष की दृष्ट‍ि से देखें तो इस दिन सूर्य धनु राशि को छोड़कर मकर राशि में प्रवेश करता है और सूर्य के उत्तरायण की गति प्रारंभ होती है। भारत के अलग-अललग क्षेत्रों में मकर संक्रांति के पर्व को अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। आंध्रप्रदेश, केरल और कर्नाटक में इसे संक्रांति कहा जाता है और तमिलनाडु में इसे पोंगल पर्व के रूप में मनाया जाता है। पंजाब और हरियाणा में इस समय नई फसल का स्वागत किया जाता है और लोहड़ी पर्व मनाया जाता है, वहीं असम में बिहू के रूप में इस पर्व को उल्लास के साथ मनाया जाता है। हर प्रांत में इसका नाम और मनाने का तरीका अलग-अलग होता है।अलग-अलग मान्यताओं के अनुसार इस पर्व के पकवान भी अलग-अलग होते हैं, लेकिन दाल और चावल की खिचड़ी इस पर्व की प्रमुख पहचान बन चुकी है। विशेष रूप से गुड़ और घी के साथ खिचड़ी खाने का महत्व है। इसेक अलावा तिल और गुड़ का भी मकर संक्राति पर बेहद महत्व है। इस दिन सुबह जल्दी उठकर तिल का उबटन कर स्नान किया जाता है।इसके अलावा तिल और गुड़ के लड्डू एवं अन्य व्यंजन भी बनाए जाते हैं। इस समय सुहागन महिलाएं सुहाग की सामग्री का आदान प्रदान भी करती हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे उनके पति की आयु लंबी होती है। मकर संक्रांति को स्नान और दान का पर्व भी कहा जाता है।इस दिन तीर्थों एवं पवित्र नदियों में स्नान का बेहद महत्व है साथ ही तिल, गुड़, खिचड़ी, फल एवं राशि अनुसार दान करने पर पुण्य की प्राप्ति होती है। ऐसा भी माना जाता है कि इस दिन किए गए दान से सूर्य देवत प्रसन्न होते हैं। इन सभी मान्यताओं के अलावा मकर संक्रांति पर्व एक उत्साह और भी जुड़ा है। इस दिन पतंग उड़ाने का भी विशेष महत्व होता है और लोग बेहद आनंद और उल्लास के साथ पतंगबाजी करते हैं। इस दिन कई स्थानों पर पतंगबाजी के बड़े-बड़े आयोजन भी किए जाते हैं।

Short Essay on Makar Sankranti (100 Words) in Hindi

शार्ट एस्से ऑन मकर संक्रांति इस प्रकार है:

मकर संक्रांति हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है। मकर संक्रांति भारत, नेपाल और बांग्लादेश में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्योहार ज्यादातर 14 जनवरी को मनाया जाता है, कभी-कभी इसे 15 जनवरी को भी मनाया जाता है। मकर संक्रांति पूरे भारत में अलग-अलग तरीके से मनाया जाता है। इस त्यौहार को मनाने का सबसे बड़ा कारण यह होता है कि इसी समय नई-नई फसल काटी जाती है और किसान लोगों का घर अन्न से भर जाता है। लोग इसी खुशी में अन्न की पूजा करते हैं और अच्छा-अच्छा खाना बनाकर खाते हैं। मकर संक्रांति गर्मी शुरुआत होने का संकेत है। भारत के कुछ प्रदेशों में यह एक से ज्यादा दिनों तक चलता है, लेकिन ज्यादातर जगहों में यह त्यौहार सिर्फ एक दिन का होता है।

Makar sankranti par nibandh in hindi

Makar sankranti par nibandh – Makar Sankranti Essay Festival Nibandh in Hindi – मकर संक्राति का पर्व इस प्रकार है:

कुदरत का खुशनुमा त्योहार है मकर संक्राति। प्रकृति को शुक्रिया कहने का त्योहार है  मकर संक्राति जोश का  त्योहार है जब आकाश में सुन्दर – सुन्दर रंग-बिरंगी पतंगे उड़ती है तो आकाश भी रंग -बिरंगा हो जाता है और आकाश जोश भरी आवाजों ‘वो काटा’ से गूँज उठता है  घरों में लजीज पकवानो की महक आती है और छतो पर गानो के साथ सभी थरकते हुए पतंगबाजी का मजा लेते है घर की महिलाएँ सुबह स्नान आदि करके दान -पुण्य में लग जाती है ये सब क्या  होता है क्यों इस दिन को मकर संक्राति कहते है क्यों इस दिन दान का दिन होता है नहीं जानते तो आइये आज हम आपको बता ते है मकर संक्राति के बारे में – मकर संक्राति के दिन सूर्य दक्षिणायन से उतरायन हो धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करता है पौष के महीने में सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है तो मल मास एक आगमन होता है जो १४ जनवरी तक रहता है इस मास में कोई भी मांगलिक कार्य नहीं होते है ये मास दान -पुण्य का रहता है एक मास बाद १४ जनवरी को सूर्य धनु राशि को छोड़ मकर राशि में प्रवेश करता है इस कारण इस दिन मकर संक्राति का दिन कहलाता है इस दिन सूर्य भगवान की पूजा अर्चना की जाती है और तीर्थ स्थ्लों पर स्नान -दान का अधिक महत्व होता है|

मकर संक्रांति पर निबंध हिंदी में

आर्टिकल ऑन मकर संक्रांति इन हिंदी: Makar Sankranti par Nibandh Hindi mein इस प्रकार है:

तिल संक्रांति

मकर संक्रांति को तिल संक्रांति भी कहा जाता है. ऐसी मान्यता है कि तिल संक्रांति के दिन जो तिल से युक्त पानी से स्नान करता है, तिल का उबटन लगाता है, तिल से बने पदार्थों का सेवन करता है, और तिल का दान करता है. दुःख और दुर्भाग्य उसके पास कभी भी नहीं फटकता. इस प्रकार मकर संक्रांति में तिल का उपयोग बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है.मकर संक्रांति में लोग पवित्र नदियों, सरोवरों में स्नान कर पूजा पाठ करते हैं. इस पर्व में तिल का बहुत अधिक महत्व होता है. पूजा-पाठ के दौरान तिल प्रसाद के रूप में चढ़ाया जाता है.इस पर्व के दिन दान करने का बहुत अधिक महत्व है. लोग गरीबों को और आस-पड़ोस के लोगों को खिचड़ी और अन्य सामग्री का दान करते हैं.इस तरह से यह माना जा सकता है कि मकर संक्रांति सामजिक समरसता का पर्व है. हर घर में खुशहाली रहे, कोई भूखा न रहे, लोग आनंदपूर्वक मिल जुलकर रहें और समाज का हर व्यक्ति स्वस्थ रहे, यही इस पावन पर्व का सन्देश है

makar sankranti पर निबंध

मकर संक्रांति फेस्टिवल Essay इन हिंदी इस प्रकार है:

भारत में अनेक पर्व-त्यौहार मनाए जाते हैं और इन सब के पीछे ज्ञान-विज्ञान, स्वास्थय एवं प्रकृति से जुड़ी कई महत्वपूर्ण बाते होती हैं.इन्ही में से एक पर्व है मकर संक्रांति जो पूरे भारतवर्ष में विभिन्न नामों से मनाया जाता है. यह पर्व सूर्य के माघ मास में मकर राशि में प्रवेश करने पर मनाया जाता है. इसलिए इसे मकर संक्रांति कहते हैं. ये अलग-अलग प्रांतों में भिन्न-भिन्न नामों से वहाँ की परंपराओं के अनुसार मनाया जाता है जो अपने आप में अनूठा है.वैसे तो संक्रांति साल में 12 बार हर राशि में प्रवेश करती है लेकिन मकर और कर्क राशि में इसके प्रवेश का विशेष महत्व है. मकर राशि के साथ बढ़ती गति के चलते दिन बड़ा और रात छोटी हो जाती है और कर्क राशि में रात बड़ी और दिन छोटा हो जाता है. इस वजह से मकर संक्रांति किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती है. इस दिन किसान अपनी फसल काटते हैं. सूर्य का हिन्दु धर्म में बहुत महत्व है उन्हें रौशनी, ऊर्जा, उम्मीद और ज्ञान का प्रतीक माना जाता है. वैसे ही मकर संक्राति नए कार्य की शुरूआत का प्रतीक है. ये भारत का एक मात्र एैसा पर्व है जो हर वर्ष एक ही तारीख को मनाया जाता है.इस दिन सूर्योदय से पहले स्नान कर सूर्य को जल अर्पण करने के पश्चात् तिल, गुड़-चुड़े के साथ इच्छानुसार दान दिया जाता है. फिर दही-गुड़-चुड़ा और तिलकूट खाया जाता है साथ ही दिन में सूर्य को खिचड़ी का भोग लगाकर खिचड़ी खाया जाता है. इस दिन खिचड़ी के दान का भी महत्व है. जिस कारण इसे खिचड़ी पर्व भी कहा जाता है. कुछ जगहो में पतंग उड़ा कर भी इसे मनाते हैं. गुजरात में खासकर पतंग उड़ाने की प्रतियोगिता भी रखी जाती है. पंजाब में लोहड़ी जलाकर उत्सव मनाया जाता है.

मकर संक्रांति 2023

इस त्यौहार को अलग अलग जगह इस नाम से भी जाना जाता है :

  • प्रांत                                                              नाम
  • राजस्थान एवं गुजरात                        –         उत्तरायण
  • हिमाचल प्रदेश और हरियाणा              –         मगही
  • पंजाब                                               –           लोहड़ी
  • असम                                               –          माघ बिहु
  • कश्मीर                                             –          शिशुर सेक्रांत
  • उत्तर प्रदेश एवं पश्चिमी बिहार           –          खिचड़ी
  • कर्नाटक और आँध्रप्रदेश                      –         मकर संक्रमामा
  • बिहार, झारखण्ड, गोवा, महाराष्ट्र,        –         मकर संक्रांति
  • मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, सिक्किम

भारत के अलावा दुसरे देशों में ये अलग-अलग नामों से प्रचलित है जैसे;

  • देश                                                      नाम
  • नेपाल                     –                       माघे संक्रांति
  • श्री लंका                  –                       उलावर थिरूनाल
  • थाईलैंड                   –                       सोंगकर्ण
  • मयंमार                   –                       थिंगयान
  • कंबोडिया                 –                       मोहा संगकर्ण

इस त्यौहार का एक ही उद्देश्य होता है जो की है सूर्य देव का स्वागत करना|

मकर संक्रांति पर हिन्दी निबंध

मकर संक्राति के एक दिन पहले लोहड़ी बनायीं जाती है जो पंजाब का मुख्य पर्व है इस दिन नई फसल के आगमन पर किसान हर्ष उल्लास से मनाते है इस दिन हाड़ कपाती हवाए भी अलविदा कहने लगती है इस दिन से नए मौसम के शुरवात होने लग जाती है इस प्रकार ये पर्व प्रकृति की देन है इस दिन प्रकृति को धन्यवाद करने और शुक्रिया कहने दिन है जहाँ ये पर्व हमारी परम्परा है वही वैज्ञानिक मानते है की जब हम पतंगबाजी करते है छत पर या खुले आकाश के नीचे तो हम पर  किरणे सीधी पड़ती है क्योकि इस दिन   सूर्य एक गोलार्द्ध से  दूसरे गोलार्द्ध की यात्रा  करने के कारण सूर्य की किरणों में सकारात्मक औषधिय  गुण होते है जिससे हमारी सेहत पर पड़ता है इससे हमारे रोगो का निवारण होता है इस दिन सूर्य के उतरायण होने के कारण दिन लम्बे होने लगते है इस दिन महिलाएँ सूर्य भगवान की पूजा अर्चना कर पति की लंबी उम्र की कामना करती है साथ ही अपने से बड़ो को उपहार देती है और आशीवार्द लेती है जिस प्रकार दिन लम्बे हो रहे है उसी प्रकार हमारे पति की उम्र भी लंबी हो जाये। इस दिन दान -पुण्य का रिवाज है इस दिन आप आपकी आर्थिक शमता के अनुसार  अवश्य दान करे इस दिन गुड़ -तिल से बनी चीजों का दान करना चाहिए आप चावल -दाल , कपडे , चिवड़ा ,काले तिल आदि गाय को हरा चारा आदि दान देना चाहिए इस हो सके  तो किसी भी तीर्थ स्थल पर स्नान करना चाहिए इस  दिन खूब मिठाईया बनती है -तिल-गुड़ से बनी गजक ,रेवड़ी ,तिल पपड़ी, तिल के लड्डू माना जाता है की तिल -गुड़ खाने से शरीर के लिए लाभ दायक होते है और ये हमारे शरीर की ऊर्जा को बढ़ाते है इस दिन घेवर ,फीणी भी खाए जाते है साथ ही बहन -बेटियों के यहां भी भेजे जाते है|

मकर संक्रांति मराठी निबंध – Makar Sankaranti Essay in Marathi

मकर शेतक-यांनी साजरा केला जातो या दिवशी नवीन पीक आगमन येथे आनंदी आनंद आज Kpati वारा देखील दिसते पंजाब हाड मुख्य सण आहे संक्रांति आधी लोडी दिवस केले आहे गुडबाय आज नवीन हंगाम पहिल्या सहामाहीत घेऊन म्हणाला जाऊ
या प्रकारे, हा सण निसर्गाचा स्वभाव आहे. या दिवशी, निसर्गामुळे आणि दिवसासाठी धन्यवाद.

सण आमच्या परंपरा आम्ही उड्डाण करणारे हवाई परिवहन पतंग तेव्हा शास्त्रज्ञ की सात्विक किंवा खुले आकाश खाली आहे आहे जेथे आम्ही एक अर्धगोल दुसर्या अर्धगोल प्रवास झाल्यामुळे सूर्य दिवशी सकारात्मक औषधी सूर्य किरण पासून सरळ सुर्यप्रकाश गरज असे गुण आहेत जे आमच्या रोगांवर परिणाम करवून आपल्या आरोग्यावर परिणाम करू शकतात.

दिवस सूर्य आज महिला सूर्य देवाच्या नवऱ्याला इच्छा दीर्घायुष्य प्रार्थना केली जाते Utrayan तसेच दिवस लांब आहेत म्हणून त्यांच्या वडील भेटवस्तू आणि तिच्या आशीर्वादांची खात्री लांब दिवस योग्य असल्याचे दिसत त्याचप्रकारे, आपल्या पतीचे वय खूप लांब आहे

आज दिवस, काकवी पासून वस्तू दान म्हणून आपण तांदूळ -dal दान द्या -til नुसार प्रदान करणे -puny आपल्या आर्थिक कार्यक्षमता सह, कपडे, घडीव भात, काळा तीळ हिरव्या इ गाय चारा इ दिवस प्रेम एक परंपरा आहे एखाद्या प्रवाशाच्या ठिकाणी खेळणे शक्य आहे का?

केली गोड Gajak -til-, काकवी, Revdi, तीळ कवच, केले दिवस तीळ तीळ मानले pies शरीर करण्यासाठी फायदेशीर आहेत खाणे -gud ते आजही आमच्या शरीराची ऊर्जा ghevar वाढ फेनी येथे देखील खाल्ले जाते, बहिणी आणि बहिणींबरोबर ती देखील येथे पाठविली जातात.

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