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दुर्गा अष्टमी कब है 2023 -23 Durga Ashtami 2023 Date – नवरात्रि दुर्गाष्टमी – Navratri March 2023 -23 Wednesday, 17 October Panchang

चैत्र नवरात्रि दुर्गाष्टमी

Durga ashtami kab hai: भारत के हिन्दू समाज में नवरात्रि के पर्व का बहुत महत्व है| चैत्र नवरात्रि का यह पर्व चैत्र महीने की शुकल पक्ष तिथि पर आता है| इस नौ दिन चलने वाले पर्व को देवी माँ को समर्पित किया जाता है| हर नौ दिन अलग अलग देवी माँ के स्वरुप की पूजा की जाती है| इन नौ दिनों के आठवे दिन पर माँ दुर्गा की पूजा की जाती है| दुर्गा माँ का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व है| आज के इस पोस्ट में हम आपको दुर्गा अष्टमी तिथि, चैत्र नवरात्रि दुर्गा अष्टमी इन हिंदी, दुर्गा अष्टमी व्रत सामग्री, अष्टमी व्रत विधि, दुर्गा अष्टमी कब है इन हिंदी आदि की जानकारी देंगे|

दुर्गा अष्टमी 2023

हिंदी कलैंडर के मुताबिक यह दिन इस साल 22 march शनिवार के दिन है| नवरात्रि का यह पावन पर्व में आठवे दिन देवी दुर्गा की पूजा की जाती है जिन्हे लोग महागौरी भी कहते है| उन्हें आदि शक्ति का स्वरुप माना जाता है| दुर्गा अष्टमी चैत्र नवरात्रि के महत्वपूर्ण और पवित्र दिनों में से एक है| महागौरी की चार भुजा है जिसमे एक भुजा में त्रिशूल, एक में डमरू, एक भुजा अभय मुद्रा में है और एक भुजा से वे भक्तो की प्राथना पूरी करती है| उन्हें आदि शक्ति इसलिए भी कहा जाता है क्युकी जब शुम्ब और निशुंभ ने देवताओ पर प्रकोप ढहाया था तब माँ दुर्गा के एक अंश से कौशिकी का जन्म हुआ था जिसने उन दोनों का अंत किया था| आप सभी को दुर्गा अष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं

दुर्गा अष्टमी कब है

Durga Ashtami 2018 Date

दुर्गा अष्टमी चैत्र मॉस की शुकल पक्ष पर आने वाली चैत्र नवरात्रि के आठवे दिन आती है| इस दिन माँ गौरी को प्रसन्न करने के लिए व्रत रखा जाता है और उनकी पूजा भी की जाती है| इस दिन की एक कथा यह भी है की शिव को अपने पति के रूप में पाने के लिए देवी शक्ति ने घोर तपस्या की थी जिसके पारिणाम स्वरुप उनका शरीर काला पड़ गया| उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर महादेव उनसे प्रसन्न हो जाते उन्हें अपनी पत्नी के रूप में स्वीकार कर लेते है और उसका शरीर गंगा जल से धो देते है| इसके कारण देवी माँ का रूप अत्यंत ओजपूर्ण हो जाती है|

दुर्गा अष्टमी व्रत विधि

हिंदी शास्त्रों के मुताबिक़ महा गौरी आदि शक्ति थी और उनकी पूजा करने से भक्तो को बहुत लाभ होता है| उनकी सारी कामना पूरी हो जाती है| इस दिन का चैत्र नवरात्रि पर विशेष महत्व है| इस दिन अविवाहित कन्याओ को भोजन करवाने की परम्परा है| इस दिन का महत्व इसलिए भी ज्यादा है क्युकी इस दिन विवाहित महिलाए अपने सुहाग की रक्षा की कामना के लिए माँ गौरी की पूजा करती है| इस दिन कन्याओ को आमंत्रित करते है और उन्हें प्रशाद के रूप में कंजक भी दी जाती है| इसके बाद कन्याओ के पार धुलाके उन्हें कुमकुम का तिलक लगाया जाता है| कहा जाता है की कन्या देवी माँ का रूप होती है इसलिए उन्हें कंजक के रूप में प्रशाद का भोग दिया जाता है|

दुर्गा अष्टमी पूजा विधि

दुर्गा अष्टमी कब है 2018

 

इस दिन व्रत रखने की विशेष प्रथा है| कहा जाता है की अगर आप दुर्गा अष्टमी के दिन व्रत रखते है तो आपकी साड़ी मनोकामना पूरी होती है| इस दिन विवाहित महिलाए अपने पति की कामना के लिए यह व्रत रखती है| इस वफरत का बहुत महत्व है क्युकी यह एक विशेष दिउँ है| इस दिन पूरे दिन उपवास रखना होता है| इस दिन सिर्फ फलाहार ग्रहण कर सकते है| उसके बाद शाम को माँ गौरी की कथा पूजा करके आप व्रत की समाप्ति कर सकते हैं|

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