Srinivasa Ramanujan Biography in hindi – श्रीनिवास रामानुजन का जीवन परिचय

Srinivasa ramanujan biography in hindi

National mathematics day 2020: यह तो हम सभी जानते हैं की भारत के प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास अयंगर रामानुजन के जन्म दिवस 22 दिसंबर के उपलक्ष में पूरे भारत में राष्‍ट्रीय गणित दिवस मनाया जाता है |

वैसे देखा जाए तो गडित एक रचनात्मक विषय है और एक तरीके से पहेलिओं का पिटारा भी, लेकिन न जाने क्यूं कुछ लोग इसे कठिन विषय मानते हैं |

आइये जानते हैं राष्ट्रीय गणित दिवस से जुडी कुछ जानकारी और साथ ही में रामानुजन जी के जीवन के बारे में कुछ जानकारी |

इस दिन पर बहुत से स्कूल एवं विश्विद्यालय में essay और speech compatition होता है|

श्रीनिवास रामानुजन की जीवनी

इस दिन quotes अपने व्हाट्सप्प स्टेटस पर लगा सकते है| या व्हाट्सप्प पर wishes सेंड कर सकते है|

भारतीय के महान व प्रसिद्ध गणितज्ञ श्रीनिवास रामानुजन का जन्म २२ दिसंबर को मद्रास से 400 किलोमीटर दूर इंदौर में एक पारम्परिक ब्राह्मण परिवार में हुआ था | उनके पिता का नाम श्रीनिवास अय्यंगर तथा माता का नाम कोमल तम्मल था | रामानुजन का बचपन से ही अन्य विषयों की जगह गणित विषय में बहुत रूचि थी | 1 अक्टूबर 1892 को उनका दाखिला स्कूल में कराया गया, लेकिन उन्हें स्कूल जाना पसंद नहीं था और इसी वजह से उनके पिता ने उनके स्कूल जाने पर नज़र रखने के लिए एक चौकीदार भी लगवाया था | जब वह 10 वर्ष से भी काम आयु के थे तब उन्होंने गणित व अन्य विषयों की प्राइमरी परीक्षा में पूरे जिले में पहला स्थान प्राप्त किया था, उसी वर्ष वह उच्च माध्यमिक स्कूल गए जहां उन्होंने पहली बार गणित का अध्ययन किया | धीरे-धीरे वह गणित से संबंधित तथ्यों की जानकारी लेते गए और पहले से और भी ज्यादा निपुड़ बन गए और फिर उन्होंने खुद ही गणित पर कार्य करने का निर्णय लिया | उन्हें स्कूल व कॉलेज स्तर पर कई सारे पुरुस्कारों से सम्मानित किया गया था | रामानुजन के अपने जीवन में कई कठिनाइयों का भी सामना करना पड़ा, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी थी | इनके जीवन पर एक तमिल फिल्म भी बनी है| कॉलेज की पढ़ाई समांत करने के बाद वर्ष 1908 में इनका विवाह जानकी नाम की कन्या से हुआ | फिर इन्होने ‘मद्रास ट्रस्ट पोर्ट’ के दफ्तर में क्लर्क की नौकरी की थी |मात्र 33 वर्ष की अवस्‍था में 26 अप्रैल 1920 को रामानुजन जी दुनिया को अलविदा कह गए थे |

श्रीनिवास रामानुजन शिक्षा

सर्वप्रथम रामानुजन को 1 अक्टूबर 1892 को स्थानिक स्कूल में डाला गया। इसके बाद उन्हें मार्च 1894 में, उन्हें तामील मीडियम स्कूल में डाला गया। केवल 10 साल की आयु में ही उन्होंने इंग्लिश, तमिल, भूगोल और गणित की प्राइमरी परीक्षा उत्तीर्ण की और पुरे जिले में उनका पहला स्थान प्राप्त किया । उसी साल, रामानुजन शहर के उच्च माध्यमिक स्कूल में गये जहा पहली बार उन्होंने गणित का अभ्यास कीया। सन् 1905 में श्रीनिवास रामानुजन मद्रास विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हुए परंतु गणित को छोड़कर शेष सभी विषयों में वे अनुत्तीर्ण हो गए। कुछ समय बाद 1906 एवं 1907 में रामानुजन ने फिर से बारहवीं कक्षा की प्राइवेट परीक्षा दी और अनुत्तीर्ण हो गए। 1905 में वे घर से भाग गए थे, और विशाखापत्तनम में 1 महीने तक राजमुंदरी के घर रहने लगे और बाद में मद्रास के महाविद्यालय में पढ़ने लगे लेकिन बाद में उन्हें किन्ही कारणों के चलते वहां से भी पढ़ाई छोड़नी पड़ी थी, फिर वह खुद से गाडित का अभ्यास करते थे और इसके चलते उन्हें कई पुरुस्कारों से सम्मानित भी किया गया |

Srinivasa Ramanujan contributions

रामानुजन की प्रतिभा का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है की मात्र तेरह वर्ष की आयु में ही लोनी द्वारा कृत प्रसिद्द ट्रिगोनोमेट्री को हल कर दिया था जिसको हल करने के लिए बड़े से बड़े विद्वान भी असफल हो जाते थे और 16 वर्ष की आयु में जी.एस कार्र . द्वारा कृत “अ सिनोप्सिस ऑफ़ एलीमेंट्री रिजल्ट्स इन प्योर एंड एप्लाइड मैथमेटिक्स” की 5000 से अधिक प्रमेयो को प्रमाणित और सिद्ध करके दिखाया था | यहां तक की प्रोफेसर हार्डी भी खुद कहते थे की उन्हें उनके शिष्य रामानुजन से कुछ सीखने का मौका मिला | उन्होंने लंदन से आने के बाद और भी कई सूत्रों की खोज प्रोफेसर हार्डी के साथ मिलकर की | इन्होने केवल 11 वर्ष की उम्र में सलग के स्तर का मैथ याद कर लिया था | 17 साल की उम्र में उन्होंने बरनौली नंबर्स की जांच की और 15 डेसिमल प्वाॅइंट तक यूलर(Euler) कांस्टेंट की वैल्यू खोज ली थी |

Srinivasa ramanujan biography

श्रीनिवास रामानुजन मराठी माहिती

श्रीनिवास रामानुजन एक गणितज्ञ होते ज्यांनी गणितीय विश्लेषण, संख्या सिद्धांत आणि निरंतर भिन्नतांमध्ये महत्त्वपूर्ण योगदान दिले. त्यांच्या यशांमुळे खरोखर विलक्षण गोष्ट झाली की त्यांना शुद्ध गणितामध्ये जवळजवळ औपचारिक प्रशिक्षण मिळाले नाही आणि त्यांनी स्वत: च्या गणितीय संशोधनावर अलगावमध्ये काम करणे सुरू केले. दक्षिणेकडील भारतातील एक विनम्र कुटुंबात जन्मलेल्या, त्याने लहानपणापासून त्याचे प्रतिबिंब दर्शविण्यास सुरुवात केली

जेव्हा तो 15 वर्षांचा होता, तेव्हा त्याने जॉर्ज शूब्रिज कॅरच्या सिनेप्सिस ऑफ एलीमेंटरी रिजल्ट इन प्युअर अॅण्ड एप्लाइड मॅथेमॅटिक्स, 2 व्हॉलची एक प्रत प्राप्त केली. (1880-86). हजारो प्रमेयांचा संग्रह, ज्यात केवळ काही पुरावे आणि 1860 पेक्षा नवे साहित्य नसलेले, त्यांनी अनेक प्रतिभा सादर केल्या. काररच्या पुस्तकात परीणामांची पडताळणी करून, रामानुजन त्याहून पुढे गेले आणि स्वतःचे प्रमेय आणि कल्पना विकसित केल्या. 1 9 03 मध्ये त्यांनी मद्रास विद्यापीठात शिष्यवृत्ती मिळविली परंतु पुढच्या वर्षी ते गमावले कारण गणिताच्या शोधात त्यांनी इतर सर्व अभ्यास दुर्लक्ष केले.

इंग्लंडमध्ये रामानुजनने अधिक प्रगती केली, विशेषत: अंकांच्या विभाजनामध्ये (ज्या गुणांची पूर्णांक संख्या सकारात्मक पूर्णांकांची बेरीज म्हणून व्यक्त केली जाऊ शकते अशा संख्या; उदा. 4, 4, 3 + 1, 2 + 2, 2 म्हणून व्यक्त केले जाऊ शकते + 1 + 1 आणि 1 + 1 + 1 + 1). त्याचे कागदपत्र इंग्रजी आणि युरोपियन जर्नल्समध्ये प्रकाशित झाले आणि 1 9 18 मध्ये ते रॉयल सोसायटी ऑफ लंडन येथे निवडून आले. 1 9 17 मध्ये रामानुजनने क्षय रोगाचा संसर्ग केला होता परंतु 1 9 1 9 साली भारतात परत येण्यासाठी त्यांची स्थिती सुधारावी लागली. पुढच्या वर्षी त्यांचा मृत्यू झाला, तो सामान्यतः अज्ञात जगाच्या रूपात अज्ञात होता परंतु गणितज्ञांनी आश्चर्यकारक प्रतिभा म्हणून ओळखले. लियोनार्ड युलर (1707) -83) आणि कार्ल जेकोबी (1804-51). रामानुजनने तीन नोटबुक्स आणि पानांची छाटणी (“गहाळ नोटबुक” देखील म्हटले आहे) त्यात अनेक अप्रकाशित परिणाम आहेत जे गणितज्ञांनी त्यांच्या मृत्यूनंतर दीर्घकाळ सत्यापित केले आहे.

ऊपर हमने आपको srinivasa ramanujan information in hindi, the national mathematics day is on, birthday of ramanujan, national mathematics day puzzle, celebrations in school, आदि की जानकारी दी है जिसे आप Hindi, Urdu, उर्दू, English, Sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font , 100 words, 150 words, 200 words, 400 words में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं|

About the author

admin