United nation day 2018: लोगों को प्राकृतिक व युद्ध के कारण उतपन्न होने वाली आपदाओं में सहायता प्रदान करना संयुक्त राष्ट्र संगठन का मुख्य काम है | बहुत सी विशेष एजेंसीज के साथ मिलकर यह संगठन लोगों की दुनियाभर में सहायता करता है | संयुक्त राष्ट्र संगठन को 1945 में स्थापित किया गया था | लोगों को संयुक्त राष्ट्र संगठन के लक्ष्य और उपलब्धियों की जानकारी प्रदान करने व इसके प्रति लोगों को जागरूक ककरने के लिए संयुक्त राष्ट्र दिवस हर साल 24 अक्टूबर को मनाया जाता है | आप ये जानकारी हिंदी, इंग्लिश, मराठी, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के भाषण प्रतियोगिता, कार्यक्रम या स्पीच प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये स्पीच कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|
संयुक्त राष्ट्रीय दिवस हिंदी भाषण
अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है संयुक्त राष्ट्र दिवस पर स्पीच लिखें| आइये अब हम आपको united nation day speech, United Nation Day Quotes, speech for united nation day, sample speech for united nation day, विश्व संयुक्त राष्ट्रीय दिवस फोटो, speech on united nation day, speech about united nation day, संयुक्त राष्ट्र दिवस निबंध, united nation day speech in हिंदी, आदि की जानकारी आदि की जानकारी 100 words, 150 words, 200 words, 400 words, किसी भी भाषा जैसे Hindi, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं|
आज का युग अंतरराष्ट्रवाद का है । संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्थाओं के अभाव में विश्व की कल्पना नहीं की जा सकती । चाहे विश्व का कोई कितना भी समृद्ध देश क्यों नहीं हो, उसे संयुक्त राष्ट्र संघ के आदेशों का पालन करना ही है ।
भारत सदा से ही शांति के मार्ग पर चलनेवाला देश रहा है । अपनी समस्याओं के निराकरण के लिए भारत ने शांति का रास्ता अपनाया है । अत: भारत की संयुक्त राष्ट्र संघ जैसी संस्थाओं में पूर्ण आस्था है । भारत विश्वशांति की स्थापना में सदा योगदान करता आया है ।
भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का आरंभ से ही सदस्य रहा है तथा उसके कार्यो में सक्रिय रूप से भाग लेता है । भारत ने स्वतंत्र राष्ट्र न होने पर भी संयुक्त राष्ट्र के घोषणा- पत्र पर दो कारणों से हस्ताक्षर किए थे-
१. दूसरे राष्ट्रों के सैनिकों के साथ भारत के सैनिक द्वितीय महायुद्ध में लड़ रहे थे । अत: भारत युद्ध के विनाश को जानता था ।
२. भारत के नेता विश्व में शांति बनाए रखने के लिए हमेशा कोशिश करते थे । संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का विशिष्ट स्थान है । भारत के पूर्व प्रधानमंत्री पं. जवाहरलाल नेहरू संयुक्त राष्ट्र संघ के प्रबल समर्थक थे ।
उन्होंने कहा भी था, ”संयुक्त राष्ट्र संघ के बिना आज की दुनिया जीवित रह सकती है, मैं सोच भी नहीं सकता ।” उन्होंने स्वतंत्र वैदेशिक नीति तथा पंचशील के सिद्धांत का अनुसरण करते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा शांति लाने का प्रयास किया था ।
संयुक्त राष्ट्र संघ को भारत का योतादान:
संयुक्त राष्ट्र संघ को अधिक शक्तिशाली या सुदृढ़ बनाने के लिए भारत सदैव प्रयत्नशील रहा है । इस संबंध में भारत ने अनेक कदम उठाए हैं:
१. संयुक्त राष्ट्र संघ को व्यापक बनाना:
भारत की नीति है कि विश्व के सभी राष्ट्रों को संघ का सदस्य होने का अवसर दिया जाए, साम्यवादी चीन को संघ में स्थान दिलाने के लिए भारत ने सक्रिय भूमिका निभाई ।
२. झगड़ों को शांतिपूर्ण ढंग से निपटाना:
भारत की यह स्पष्ट नीति रही है कि आपसी झगड़ों को शांतिपूर्ण ढंग से सुलझाया जाए ताकि विश्वशांति को कोई खतरा पैदा न हो । कश्मीर समस्या का निराकरण करने का भार संयुक्त राष्ट्र संघ को सौंपना, इस बात का सूचक है कि भारत को संयुक्त राष्ट्र संघ की शक्ति पर विश्वास है । शांति के लिए ही भारत ने पाकिस्तान से हुए युद्ध में युद्ध विराम का प्रस्ताव स्वीकार किया था ।
३. भारत द्वारा संयुक्त राष्ट्र संघ की सहायता:
संयुक्त राष्ट्र संघ ने संसार में शांति बनाए रखने के लिए जब-जब सैनिकों की माँग की, भारत ने उसे पूरा किया । कोरिया और कांगो में शांति स्थापना के लिए भारत ने अपने जवानों को संयुक्त राष्ट्र संघ की शांति सेना में भेजा था ।
दूसरे सदस्यों की तरह भारत भी संयुक्त राष्ट्र संघ के खर्च में सहायता देता है । भारत में संयुक्त राष्ट्र की अनेक संस्थाओं-शैक्षणिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक इत्यादि-के केंद्र स्थापित हैं और भारत उनके संचालन में पूरा सहयोग दे रहा है ।
संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत की सहायता:
जिस प्रकार भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ की सहायता की है उसी प्रकार संयुक्त राष्ट्र संघ ने भी भारत की सहायता की है । संयुक्त राष्ट्र संघ ने भारत के खाद्य और कृषि संगठन तथा भारत के मक्य उद्योग की उन्नति में बड़ी मदद की है ।
शिक्षा के प्रसार में संयुक्त राष्ट्र संघ के विशेषज्ञों ने काफी सहायता की है और देश के छात्रों के स्वास्थ्यवर्धन के लिए संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं द्वारा पौष्टिक खाद्य पदार्थो की भी आपूर्ति की गई है ।
औद्योगिक विकास और विज्ञान के विकास में भी संयुक्त राष्ट्र संघ से काफी मदद मिली है । भारत की औद्योगिक प्रगति के लिए अंतरराष्ट्रीय बैंक से ऋण प्राप्त हुआ है । नई योजनाओं की सफलता के लिए प्रौद्योगिकी विशेषज्ञों की मदद भी प्राप्त हुई है ।
स्पष्ट है कि भारत का संयुक्त राष्ट्र संघ में विश्वास है । उसका यह भी विश्वास है कि संयुक्त राष्ट्र संघ के कारण दुनिया के लोग मिल-जुलकर कार्य कर रहे हैं । संयुक्त राष्ट्र संघ की काररवाइयों को सफल बनाने के लिए भारत ने महत्त्वपूर्ण सहयोग किया है ।
विश्वशांति में भारत का योनादान:
भारत बुद्ध और गांधी का देश है । भारत सदा से ही विश्वशांति का पक्षधर रहा है । स्वतंत्रता-प्राप्ति के बाद जब भारत की वैदेशिक नीति बनी, तब उसका आधार भी विश्वशांति ही रखा गया । इतना ही नहीं, भारत का नया संविधान भी विश्वशांति का प्रेमी कहलाया । विश्वशांति के क्षेत्र में जितने ठोस कदम भारत ने उठाए हैं, उतने किसी भी देश ने नहीं उठाए हैं ।
विश्वशांति के संबंध में भारत द्वारा उठाए गए कुछ ठोस कदम इस प्रकार हैं:
- भारत ने संयुक्त राष्ट्र संघ के सदस्य के रूप में विश्वशांति के अनेक प्रयास किए हैं । भारत संयुक्त राष्ट्र संघ का सबसे बड़ा समर्थक है ।
- विश्व में विविध शक्ति गुटों का निर्माण विश्वशांति के लिए सबसे बड़ा खतरा है । यही कारण है कि भारत किसी भी गुट में सम्मिलित नहीं हुआ । विश्वशांति कायम रखने के लिए भारत ने पंचशील सिद्धांतों का प्रतिपादन किया ।
- कोरिया और कांगो में संयुक्त राष्ट्र संघ की ओर से भारतीय सेना ने शांति और सुव्यवस्था की स्थापना में महत्त्वपूर्ण योगदान प्रदान किया ।
- सन् १९६२ में चीन ने भारत पर आक्रमण किया था । उस समय भारत ने डटकर मुकाबला किया । यदि संघर्ष चलता तो तृतीय विश्वयुद्ध भी हो सकता था, किंतु भारत ने विश्वशांति के उद्देश्य से लाया गया कोलंबो प्रस्ताव मान लिया था ।
- विश्वशांति की स्थापना के उद्देश्य से भारत ने कश्मीर की समस्या को संयुक्त राष्ट्र संघ में भेज दिया ।
- नवंबर १९८८ में अपने पड़ोसी राष्ट्र मालद्वीप में सेना भेजकर जो सहायता की थी, उसकी विश्व भर में सराहना की गई ।
- श्रीलंका में भारत ने अपनी शांति सेना भेजकर सच्ची मानवता का परिचय दिया । स्पष्ट है कि भारत विश्वशांति के लिए हमेशा योगदान करता आया है, बल्कि उसके लिए हमेशा से प्रयत्नशील भी है । भारत सभी देशों के साथ मधुर संबंध स्थापित कर विश्व में शांति की स्थापना करना चाहता है । गुट-निरपेक्षता में भारत का पूर्ण विश्वास है ।
हरारे और बेलग्रेड गुट-निरपेक्ष सम्मेलन में भी भारत का योगदान महत्त्वपूर्ण रहा । इसके बाद भी जितने प्रधानमंत्री बने हैं, सभी ने गुट-निरपेक्ष आदोलन के प्रति अपनी पूर्ण आस्था व्यक्त की है । संयुक्त राष्ट्र संघ ने विश्वशांति की दृष्टि से जब-जब भारत के सहयोग की अपेक्षा की है, तब-तब भारत ने अपनी सक्रिय सहभागिता के द्वारा अपनी शांतिप्रियता को सिद्ध कर दिखाया है ।
संयुक्त राष्ट्रीय दिवस पर भाषण
प्रत्येक वर्ष 24 अक्तूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाया जाता है| द्वितीय विश्व युद्ध के भयानक दौर के पश्चात विश्व शांति की स्थापना के उद्देश्य से इसकी नींव रखी गयी| इसका उद्देश्य राष्ट्रों को एक ऐसा मंच प्रदान करना ही जहाँ आकर वह अपने मतभेदों को सुलझा सकें व विश्व को ज़्यादा से ज़्यादा बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत हो सकें|
संयुक्त राष्ट्र का स्तंभ में शांति के प्रस्ताव के रूप में चिन्ह बने हुए हैं|
सन 1948 से ही 24 अक्तूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस के रूप में मनाया जाता है| यह यूएन चार्टर के जन्म दिवस के रूप में मनाया जाता है जो की 1945 से प्रभावी है| यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 5 स्थाई सदस्य के समर्थन से हुआ है जो इस प्रकार हैं: फ्रांस, चीन गणराज्य, सोवियत संघ, यूनाइटेड किंगडम व संयुक्त राज्य अमेरिका|
इस समारोह को मनाए जाने का मुख्य कारण संयुक्त राष्ट्र व उसके इकाइयों के द्वारा निरस्त्रीकरण, युद्ध विराम, विवादों के समाधान जो की मानव अधिकारों के लिए हों के साथ ही सूखे, प्राकृतिक आपदा में बेघर हुए लोगो की पुनर्स्थापना, श्रणार्थी समस्यायों के समाधान इत्यादि पर ध्यान आकर्षित करना है|
संयुक्त राष्ट्र की उपलब्धियाँ व सफलता उसके 191 राष्ट्रों की इच्छा व आकांक्षा पर ही निर्भर करता है|
विषय वस्तु:
प्रत्येक वर्ष संयुक्त राष्ट्र एक अलग विषय वस्तु पर कार्य करता है|
संयुक्त राष्ट्र समारोह
संयुक्त राष्ट्र दिवस वाले दिन सभी कर्मचारी अपने अपने राष्ट्रीय परिधान में होते हैं|
समारोह में सामान्यतया जन समारोह होते है जो कि अध्यक्ष के सम्मुख किए जाते हैं तथा इसके साथ ही नृत्य व गायन का भी समारोह होता है| विभिन्न देशों के व्यंजनों से संपूर्ण समारोह भरा होता है|
फिलीपीन जो की संयुक्त राष्ट्र का स्थापना राष्ट्र है, वहाँ विद्यार्थी विभिन्न राष्ट्र के परिधानों में आकर सांस्कृतिक विभिन्नता की मिसाल कायम करते हैं|
संयुक्त राष्ट्र दिवस आने वाले वर्षों में विश्व में शांति, सौहार्द्र, मानव अधिकार की रक्षा तथा सामाजिक विकास को बढ़ावा देना होता है|
हम क्या कर सकते हैं:
संयुक्त राष्ट्र दिवस हुमें एक अवसर प्रदान करता है की हम बच्चों को सांस्कृतिक विभिन्नता के साथ ही साथ मिल कर काम करने का महत्व समझा सकें| हम विभिन्न संस्कृति के लोगो को एकत्र कर के कई तरह के खाद्य पदार्थ, कला व अन्य समारोह का आयोजन कर सकते हैं| विभिन्न संस्कृति व राष्ट्रों को सम्मानित करने के लिए कार्ड बनाने जैसी गतिविधियाँ एक अच्छी पहल हो सकती है|
Short speech on united nation day
लोग क्या करते है?
24 अक्टूबर को और आसपास, संयुक्त राष्ट्र के सभी हिस्सों, विशेष रूप से न्यूयॉर्क, हेग (नीदरलैंड), जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड), वियना (ऑस्ट्रिया) और नैरोबी (केन्या) के मुख्य कार्यालयों में कई गतिविधियां आयोजित की जाती हैं। इनमें शामिल हैं: संगीत कार्यक्रम; महत्वपूर्ण इमारतों पर संयुक्त राष्ट्र ध्वज उड़ाना; आधुनिक समय में संयुक्त राष्ट्र के काम की प्रासंगिकता पर बहस; और राज्य के प्रमुखों और अन्य नेताओं द्वारा घोषणाएं।
सार्वजनिक जीवन
संयुक्त राष्ट्र दिवस एक वैश्विक अनुष्ठान है और सार्वजनिक अवकाश नहीं है।
पृष्ठभूमि
वर्सेल्स संधि में “राष्ट्र संघ” के लिए नींव रखी गई थी, जो औपचारिक रूप से द्वितीय विश्व युद्ध को समाप्त करने वाली संधि में से एक थी। 28 जून, 1919 को फ्रांस के वर्साइल्स में संधि पर हस्ताक्षर किए गए थे। लीग का उद्देश्य प्रोत्साहित करना था निरस्त्रीकरण, युद्ध के प्रकोप को रोकने, अंतरराष्ट्रीय विवादों को सुलझाने और दुनिया भर में जीवन की गुणवत्ता में सुधार करने के लिए बातचीत और राजनयिक उपायों को प्रोत्साहित करते हैं। हालांकि, द्वितीय विश्व युद्ध के प्रकोप ने सुझाव दिया कि लीग ऑफ नेशंस को एक अलग रूप लेने की जरूरत है।
संयुक्त राष्ट्र के आस-पास के विचारों को द्वितीय विश्व युद्ध के आखिरी वर्षों में विकसित किया गया था, खासतौर पर 25 अप्रैल, 1945 से संयुक्त राज्य अमेरिका में सैन फ्रांसिस्को में अंतर्राष्ट्रीय संगठन पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन के दौरान संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन का आयोजन किया गया था। संयुक्त राष्ट्र चार्टर को आधिकारिक तौर पर बनाया गया था जब संयुक्त राष्ट्र चार्टर उस साल 24 अक्टूबर को अनुमोदित।
संयुक्त राष्ट्र दिवस को पहली बार 24 अक्टूबर, 1948 को मनाया गया था। संयुक्त राष्ट्र ने सिफारिश की थी कि 1 9 71 से संयुक्त राष्ट्र दिवस सदस्य देशों में सार्वजनिक अवकाश होना चाहिए। संयुक्त राष्ट्र दिवस को काम पर ध्यान देने के लिए अंतर्राष्ट्रीय सार्वजनिक अवकाश भी कहा गया था , संयुक्त राष्ट्र की विशेषताओं और विशेष एजेंसियों के परिवार की भूमिका और उपलब्धियां। ये विशेष रूप से मानवाधिकारों के क्षेत्र में, अकाल के क्षेत्रों में सहायता, बीमारी का उन्मूलन, स्वास्थ्य को बढ़ावा देने और शरणार्थियों के निपटारे में शानदार रहे हैं।
संयुक्त राष्ट्र अकेले काम नहीं करता है बल्कि कई विशेष एजेंसियों के साथ मिलकर, विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ); खाद्य और कृषि संगठन (एफएओ); संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को); संयुक्त राष्ट्र बाल निधि (यूनिसेफ); अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (आईएलओ); शरणार्थियों के लिए संयुक्त राष्ट्र उच्चायुक्त (यूएनएचसीआर); और संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद (यूएनएचआरसी)।
प्रतीक
संयुक्त राष्ट्र के प्रतीक में उत्तरी ध्रुव पर केंद्रित विश्व का प्रक्षेपण होता है। यह अंटार्कटिका को छोड़कर सभी महाद्वीपों को दर्शाता है और चार सांद्रिक चक्र अक्षांश की डिग्री का प्रतिनिधित्व करते हैं। प्रक्षेपण जैतून की शाखाओं की छवियों से घिरा हुआ है, जो शांति का प्रतिनिधित्व करता है। प्रतीक अक्सर नीला होता है, हालांकि यह संयुक्त राष्ट्र ध्वज पर नीली पृष्ठभूमि पर सफेद रंग में मुद्रित होता है।
United nations day speech in hindi
मानव अधिकार, सामाजिक प्रगति, और विश्व शांति को बढ़ावा देने वाले अंतरराज्यीय संगठन का सम्मान करने के लिए दुनिया 24 अक्टूबर को संयुक्त राष्ट्र दिवस मनाती है। लेकिन हम वास्तव में संयुक्त राष्ट्र दिवस क्यों मनाते हैं?
यहां कुछ जवाब दिए गए हैं कि क्यों संयुक्त राष्ट्र दिवस मूल्यवान है। एक विश्व युद्ध के बाद संयुक्त राष्ट्र, एक विश्वव्यापी संगठन, जिस दिन बनाया गया था, उसे याद रखना हमारे लिए है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद ही संयुक्त राष्ट्र की स्थापना करना हर देश में एक बहुत ही महत्वपूर्ण विचार था – जो शांति प्राप्त करना है। दो जैतून की शाखाएं, जो शांति का प्रतीक हैं, संयुक्त राष्ट्र के प्रतीक पर देखी जा सकती हैं।
आज तक संयुक्त राष्ट्र के 1 9 3 सदस्य देशों हैं। फिलीपींस संगठन के 51 संस्थापक सदस्यों में से एक है। इसका मुख्यालय न्यूयॉर्क शहर में स्थित है। यद्यपि यह संयुक्त राज्य अमेरिका के भीतर है, संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय को अंतर्राष्ट्रीय क्षेत्र माना जाता है।
इसके अलावा, फिलीपींस में संयुक्त राष्ट्र दिवस ज्यादातर स्कूलों और सरकारी कार्यालयों में मनाया जाता है। पारंपरिक रूप से, छात्र और कर्मचारी विभिन्न राष्ट्रीय परिधानों या विभिन्न देशों के पारंपरिक कपड़ों में तैयार होते हैं। संयुक्त राष्ट्र के कर्मचारी सदस्य संयुक्त राष्ट्र दिवस का पालन करते हैं जैसे फिलिपिनो करते हैं।
अंत में, सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हम याद करेंगे कि हम संयुक्त राष्ट्र दिवस का जश्न क्यों विविधता रखते हैं। इस दिन हमें पूरी तरह से सांस्कृतिक विविधता को स्वीकार करने और स्वीकार करने की याद दिलाता है। सुथरलैंड ग्लोबल सर्विसेज, एक बहुराष्ट्रीय, बहु-सांस्कृतिक संगठन होने के नाते, इस महत्वपूर्ण अवसर का जश्न मनाने में पूरी दुनिया में से एक है। सुथरलैंड दुनिया भर में 5 महाद्वीपों और 1 9 देशों में 30,000+ विभिन्न राष्ट्रीयताओं को रोजगार देता है।
इन सभी चीजों का उल्लेख करते हुए, संयुक्त राष्ट्र दिवस मूल्यवान है। यह वैश्विक स्तर पर सभी व्यक्तियों के लिए वास्तव में महत्वपूर्ण है। और संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून कहते हैं, “संयुक्त राष्ट्र सात अरब लोगों के पूरे मानव परिवार के लिए काम करता है, और पृथ्वी की देखभाल करता है, हमारा एकमात्र घर।”