Short Speech on Dhanteras in Hindi – dhanteras Speech 2022 –23 धनतेरस पर भाषण पीडीऍफ़ डाउनलोड

Dhanteras speech in hindi

Dhanteras 2022: भगवान धन्वंतरि के प्रकट होने के दिन को धनतेरस के रूप में मनाया जाता है | धनतेरस का दिन कार्तिक मास की कृष्ण त्रयोदशी पर पड़ता है | इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है | भगवान धन्वंतरि हाथों में अमृत से भरा कलश लेकर प्रकट हुए थे इसीलिए इस दिन धन (वस्तु) खरीदने की मान्यता है | इस दिन लोग सोने, चांदी से बनी वस्तु खरीदते हैं | यह पर्व दिवाली से पहले आता है और बड़े उत्साह के साथ मनाया जाता है | यह जानकारी 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

धनतेरस पर भाषण

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धनतेरस का त्यौहार पूरे भारत में पांच दिवसीय दीवाली समारोहों के रूप में मनाया जाता है। धनतेरस शब्द ‘धन’ का ही एक स्वरुप है, जिसका अर्थ है धन और ‘तेरास’ जिसका अर्थ तेरहवे अर्थात् 13वे, इसलिए यह हिन्दूओं के कार्तिक माह (अक्टूबर-नवंबर) में कृष्ण पक्ष के तेरहवें चाँद के दिन पर मनाया जाने वाला त्यौहार है, जो दिवाली से सिर्फ दो दिन पहले मनाया जाता है, जिसमें लोग समृद्धि और अच्छे स्वास्थ्य के साथ आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए भगवान् से प्रार्थना करते हैं। धनतेरस को ‘धनत्रियोदशी’ और ‘धन्वंतरी त्रियोंदशी’ भी कहते है।

धनतेरस के त्योहार को महान उत्साह और आनंद के साथ मनाया जाता है। इस त्यौहार पर, लोग धन की देवी लक्ष्मी जी और मृत्यु के देवता यम की पूजा करते हैं, भगवान यम से अच्छे स्वास्थ्य और देवी लक्ष्मी से समृद्धि के रूप में आशीर्वाद प्राप्त करते है। लोग अपने घरों और कार्यालयों को सजाते है।

परंपरागत सभी अपने घर आँगन के प्रवेश द्वार को सजाने के लिए लोग रंगीन रंगोलियां बनाकर सजावट करते है । चावल के आटे और सिंदूर से लक्ष्मी जी के छोटे पैरों के निशान बनाये जाते हैं जो कि देवी लक्ष्मी के लंबे समय से प्रतीक्षित आगमन का संकेत होता है। धनतेरस पर सोने या चांदी जैसी कीमती धातुओं से बने नए बर्तन या सिक्के खरीदना बहुत लोकप्रिय है क्योंकि यह शुभ माना जाता है और यह हमारे परिवार के लिये सुख सम्रद्धि और अच्छा भाग्य लाता है।

धनतेरस भारत के विभिन्न भागों में अलग-अलग तरह से मनाया जाता है। पश्चिमी भारत के व्यापारिक समुदाय के लिए यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण त्योहार है। महाराष्ट्र के राज्य में लोग सूखे धनिया के बीज को पीसकर गुड़ के साथ मिलकर एक मिश्रण बनाकर तैयार करते हैं और इसे ‘नैवेद्य’ कहते हैं। ग्रामीण इलाकों में, किसान अपने मवेशियों को सजाते हैं और पूजा करते हैं, क्योंकि वे उनकी आय के मुख्य स्रोत होते हैं। दक्षिण भारत में, लोग गायों को देवी लक्ष्मी के अवतार के रूप में मानते हैं, और इसलिए वहां के लोग गाय का विशेष सम्मान और आदर करते हैं |

Dhanteras speech in hindi

हिन्दू पौराणिक कथाओं के अनुसार, धनतेरस पर लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल (लक्ष्मी पूजा के लिए सबसे अच्छा मुहूर्त) में की जानी चाहिए। पूजा सूर्यास्त और दिन के अंत के अगले एक घंटे और 43 मिनट के बाद शुरू की जा सकती है। धनतेरस पूजा को धनवंतरी त्रियोदशी, धनवंतरी जयंती पूजा, यमद्वीप और धनत्रयोदशी के रूप में भी कहा जाता है।

यह पूरे भारत के साथ साथ दूसरे देशों में भी पॉच दिन लम्बे दिवाली समारोह के पहले दिन का त्यौहार है। धनतेरस का अर्थ है, हिन्दू चन्द्र कलैण्डर के अनुसार, अश्विन के महीने में 13 वें दिन (कृष्ण पक्ष में,अंधेरे पखवाड़े) धन की पूजा। इस दिन देवी लक्ष्मी की भी पूजा होती है, और इस दिन कुछ बहुमूल्य वस्तुऍ खरीद कर घर लाने की भी परम्परा है इस मिथक के साथ कि देवी लक्ष्मी घर आयेगी। यह घर के लिये भाग्य और समृद्धि लाता है।

इस महान अवसर पर लोग सामान्यतः अपने घरों की मरम्मत कराते है, साफ सफाई और पुताई कराते है, आंतरिक और बाहरी घर सजाते है, रंगोली बनाते है, मिट्टी के दीये जलाते है और कई और परंपराओं का पालन करते है। वे अपने घर धन और समृद्धि लाने के लिए देवी लक्ष्मी के तैयार किए गए पैरों के निशान चिपकाते हैं।

सूर्यास्त के बाद, देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश जी की गुलाब और गेंदें के फूलों की माला, मिठाई, घी के दिये, धूप-दीप, अगरबत्ती, कपूर को अर्पित करके समृद्धि, बुद्धिमत्ता और अच्छे के लिये पूजा करते है। लोग देवी लक्ष्मी और भगवान गणेश के मंत्रोंच्चारण, भक्ति गीत और आरती गाते है। लोग नये कपङे और गहने पहनकर जुऍ का खेल खेलते है।

हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार हिंदुओं द्वारा इस समारोह के अनुसरण करने के पीछे विभिन्न रीति रिवाजों और परंपराओं की किस्में है। लोग नयी चीजें जैसें सोने व चॉदी के सिक्के, गहने, नये बर्तन और अन्य नयी वस्तुओं को खरीदने को अच्छा विचार मानते है। लोगो का मानना है कि घर में नयी चीजें लाना पूरे वर्ष के लिये लक्ष्मी को लाने की पहचान है। लक्ष्मी पूजा शाम को की जाती है, और लोग बुरी आत्माओं परछाई को दूर करने के लिये विभिन्न दीये जलाते है। लोग बुरी शक्तियों को भी दूर करने के लिये भक्ति के गाने, आरती और मंत्र गाते है।

गाँव में लोग अपने मवेशियों को सजाते है और उनकी पूजा करते है क्योंकि उनकी आय का मुख्य स्त्रोत वे ही होते है। दक्षिण भारतीय लोग गायों को सजा कर देवी लक्ष्मी के एक अवतार के रूप में उनकी पूजा करते हैं।

धनतेरस पर घर में नई चीजों को लाना बहुत शुभ माना जाता है। लोग कैलेंडर के अनुसार शुभ मुहूर्त के दौरान लक्ष्मी पूजा करते हैं। कुछ स्थानों पर सात अनाज (गेहूं, चना, जौ, उड़द, मूंग, मसूर) की पूजा की जाती है। माता लक्ष्मी की पूजा के दौरान सुनहरा फूल और मिठाई अर्पित की जाती हैं।

यह त्यौहार सभी लोगों के जीवन में एक बड़ी भूमिका निभाता है। यह सभी के लिए एक बहुत खुशी, धन, समृद्धि, बुद्धि और अच्छा भाग्य लाता है। लोग अपने आस पास से बुरी ऊर्जा और आल्स्य को हटाने के लिये सभी वस्तुओं को साफ करते है। पूजा करने से पहले लोग अपने शरीर, मस्तिष्क और आत्मा को साफ ककरने के लिये नहाते है।

इस दिन देव धनवंतरि का जन्म दिन है, चिकित्सा विज्ञान से संबंधित सभी नए अनुसंधानों इसी दिन स्थापित किये जाते हैं।

धनतेरस पर स्पीच

‘धनतेरस’ का पर्व हिन्दू कैलेण्डर के अनुसार कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी को मनाया जाता है। यह हिन्दुओं का प्रसिद्द त्यौहार है तथा इसी दिन से दीवाली के त्यौहार का प्रारंभ हो जाता है।

प्रचलित कथा के अनुसार इस दिन समुद्र मंथन से आयुर्वेद के जनक भगवान् धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। उन्होंने देवताओं को अमृतपान कराकर अमर कर दिया था। अतः वर्तमान सन्दर्भ में भी आयु और स्वस्थता की कामना हेतु धनतेरस पर भगवान् धन्वंतरि का पूजन किया जाता है। धनतेरस से ही तीन दिन तक चलने वाला गोत्रिरात्र व्रत भी शुरू होता है।

Short Speech on dhanteras in Hindi

धनतेरस के दिन भगवान् धन्वंतरि का पूजन किया जाता है। सायंकाल दीपक जलाकर घर, दुकान आदि को सजाते हैं। मंदिर, गौशाला, नदी के घाट, कुआं, तालाब एवं बगीचे में भी दीपक लगाते हैं। यथाशक्ति ताम्बे, पीतल, चांदी के गृह-उपयोगी नवीन बर्तन व आभूषण खरीदते हैं।

बदलते दौर के साथ लोगों की पसंद और जरूरत भी बदली है। इसलिए धनतेरस के दिन अब बर्तनों और आभूषणों के आलावा वाहन, मोबाइल आदि भी ख़रीदे जाने लगे हैं। वर्तमान समय में धनतेरस के दिन वाहन खरीदने का फैशन सा बन गया है। इस दिन लोग गाड़ी खरीदना शुभ मानते हैं। कई लोग इस दिन कम्पूटर और बिजली के उपकरण भी खरीदते हैं।

Speech on dhanteras in english

According to the Hindu mythology, Lakshmi Puja should be done at the Dhanteras throughout the Pradosh Kaal (best muhurta for Lakshmi puja). Puja can be started after the sunset and end for next 1 hours and 43 min. The Dhanteras puja is also known as the Dhanwantari Triodasi, Dhanvantri Jayanti Puja, Yamadeep and Dhantrayodashi.

It is the first day celebration of the five days long Diwali festival celebrations throughout the India as well as outside the country. The meaning of Dhanteras is puja of wealth at 13th day (in the Krishna paksha, dark fortnight) of the month of Ashvin according to the Hindu lunar calendar. Goddess Lakshmi puja is held at this day and there is a custom of purchasing precious things and bring it at home in the myth of Lakshmi came at home. It brings home a lot of destiny and prosperity.

At this great occasion people generally repair their home, white washing, thorough cleaning, decorate house interiorly and exteriorly, make Rangolis, light clay diyas and many more traditions to follow. They stick readymade footprints of the Goddess Lakshmi to come wealth and prosperity to their home. After sunset, people offer puja to the Goddess Lakshmi and Lord Ganesh to prosperity, wisdom and well being by offering rose or marigold garland, sweets, ghee diyas, dhoop deep, agarbatti, camphor and etc. People chant mantras, bhakti songs and arti for Goddess Lakshmi and Lord Ganesh. People wear new clothes and jewellery and play the game of gambling.

Short speech on dhanteras

धनतेरस पूरे भारत के साथ साथ दूसरे देशों में भी पॉच दिन लम्बे दिवाली समारोह के पहले दिन का त्यौहार है। धनतेरस का अर्थ है, हिन्दू चन्द्र कलैण्डर के अनुसार, अश्विन के महीने में 13 वें दिन (कृष्ण पक्ष में,अंधेरे पखवाड़े) धन की पूजा। इस दिन देवी लक्ष्मी की भी पूजा होती है, और इस दिन कुछ बहुमूल्य वस्तुऍ खरीद कर घर लाने की भी परम्परा है इस मिथक के साथ कि देवी लक्ष्मी घर आयेगी। यह घर के लिये भाग्य और समृद्धि लाता है।

धनतेरस का जश्न मनाने के पीछे पौराणिक कथा, राजा हिमा के 16 साल के बेटे की कहानी है। उसके बारे में ऐसी भविष्य वाणी हुई थी कि उसकी मृत्यु शादी के चौथे दिन सॉप द्वारा काटने पर होगी। उसका पत्नी बहुत चालाक थी, उसने अपने पति का जीवन बचाने का रास्ते खोज लिया था। उसने उस विशेष दिन अपने पति को सोने नहीं दिया। उसने अपने सभी सोने व चॉदी के बहुत सारे आभूषण और सिक्के इकट्ठे किये और अपने शयन कक्ष के दरवाजे के आगे ढेर बना दिया और कमरे में प्रत्येक जगह दीये जला दिये। अपने पति को जगाये रखने के लिये उसने कहानियॉ सुनायी।

मृत्यु के देवता, यम साँप के रुप में वहॉ पहुंचे। गहनें और दीयों के प्रकाश से उनकी आँखें चौंधिया गयी। वह कमरे में घुसने में पूरी तरह असमर्थ थे, इसलिये उन्होनें सिक्कों के ढेर के ऊपर से कूद कर जाने का निश्चय किया। किन्तु राजकुमार की पत्नी का गीत सुनने के बाद वे वहीं पूरी रात बैठ गये। धीरे धीरे सुबह हो गयी और वे बिना उसके पति को लिये वापस चलें गये। इस तरह उसने अपने पति के जीवन की रक्षा की, तभी उसी दिन से यह दिन धनतेरस के रुप में मनाया जाने लगा।

दिवाली का जश्न मनाने के पीछे एक अन्य कथा, देवताओँ और राक्षसों द्वारा अमृत पाने के लिये समुन्द्र मंथन की कथा है। धनवंतरी (जिन्हें देवताओं के चिकित्सक और भगवान विष्णु के अवतार के रूप में जाना जाता है) सागर मंथन से (अमृत के जार के साथ) निकले थे। यहीं दिन धनतेरस के रुप में मनाया जाता है।

Dhanteras speech in marathi

धनतेरस पाच दिवसीय दिवाळी उत्सव पहिल्या दिवशी चिन्हांकित. धनतेरस उत्सव, जो धंतररावदाशी किंवा धनवंतरी त्र्योडसी म्हणूनही ओळखला जातो, हिंदू महिन्याच्या कार्तिक (ऑक्टोबर / नोव्हेंबर) मध्ये कृष्णा पक्षाच्या शुभराव्या चंद्र दिवशी येतो. धनतेरस या शब्दात “धन” म्हणजे संपत्ती आहे. धनतेरस वर समृद्धी आणि चांगुलपणा देण्यासाठी देवी लक्ष्मीची पूजा केली जाते. म्हणूनच व्यापार समुदायासाठी धन तेरास अधिक महत्व आहे.

धनतेरस तयारी

शुभ दिवस चिन्हित करण्यासाठी घरे आणि व्यवसाय परिसर पुनर्निर्मित आणि सजवलेले आहेत. रंगोली डिझाईन्सच्या सुंदर पारंपारिक आराखड्यांसह प्रवेश व समृद्धि देवीचे प्रवेशाचे प्रवेश रंगीत केले आहे. तिची प्रदीर्घ प्रवासाची प्रतीक्षा करण्यासाठी, लहान पायथ्यावरील सर्व घरांमध्ये भात पिठ आणि वेलमिओन पावडर तयार केले जातात. रात्री सर्व दिवे जळत असतात.

धनतेरस परंपरा

धनतेरस हिंदूंनी सोने किंवा चांदीची वस्तू किंवा किमान एक किंवा दोन नवीन भांडी विकत घेणे शुभ मानले आहे. असा विश्वास आहे की नवीन “धन” किंवा मौल्यवान धातूचा एक प्रकार हा सुदैवाने एक चिन्ह आहे. “लक्ष्मी-पूजा” म्हणजे संध्याकाळच्या वेळी, जेव्हा दुर्दैवाने दुर्दैवाने अंधश्रद्धांच्या सावली दूर फेकण्यासाठी मातीचे छोटे दिवे लावले जातात. “भजन” – देवी-लक्ष्मींच्या स्तुतीमध्ये गायन केले जाते.

धनतेरस उत्सव

धनतेरस उत्सव आणि उत्साहाने साजरा केला जातो. “लक्ष्मी पूजा” संध्याकाळी केली जाते जेव्हा मातीच्या लहान डाययांना अंधश्रद्धांच्या सावली दूर फेकण्यासाठी प्रकाश दिला जातो. भजन आणि भक्तीपूर्ण गाणी- लक्ष्मी देवीच्या स्तुतीमध्ये आणि देवीला पारंपरिक मिठाईंचा “नैवेद्य” अर्पण केला जातो. महाराष्ट्रात गुळगुळीत कोरड्या धणे बियाणे आणि नैवेद्य म्हणून ऑफर करण्यासाठी एक विलक्षण परंपरा आहे.

गावांमध्ये जनावरांना त्यांच्या उत्पन्नाचा मुख्य स्रोत म्हणून शेतकर्यांनी सजविले आणि पूजा केली. दक्षिणी गायींना विशेष देवीची पूजा केली जाते कारण ती देवी लक्ष्मीची अवतार असल्याचे मानतात आणि म्हणून ते आजवर सजवले जातात आणि पूजा करतात

कोरोनावायरस महामारी के चलते महाराष्ट्र सरकार ने एक योजना को शुरू किया था जिसका नाम बंधकम कामगार योजना 2022 है। योजना के तहत राज्य के मजदूरों को सरकार द्वारा ₹2000 तक की आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी। वह सभी लाभार्थियों की योजना का लाभ उठाना चाहते हैं उनको ऑनलाइन पंजीकरण फॉर्म को भरना होगा। इस लेख के माध्यम से हम आपको बताएंगे कि काम घर कल्याण योजना 2022 ऑनलाइन अप्लाई कैसे करें। महाराष्ट्र सरकार ने पंजीकृत श्रमिकों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए ₹2000 तक की धनराशि देने का निर्णय लिया है। यदि आप योजना का आवेदन, बांधकाम कामगार योजना 2022 लिस्ट, bandhkam kamgar yojana renewal करना चाहते हैं तो आपको कामगार योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा।

बांधकाम कामगार यादी 1500 – www mahabocw in 2022

इस योजना के तहत महाराष्ट्र राज्य के सभी कंस्ट्रक्शन वर्कर यानी मजदूरों को आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी जिससे कि वह यह करो ना महामारी के समय में किसी भी प्रकार की समस्या का सामना ना कर पाए। इस योजना को कई और नामों से भी जाना जाता है जैसे कि मजदूर सहायता योजना या फिर महाराष्ट्र कोरोना सहायता योजना। बांधकर कामगार योजना 2021 के अंतर्गत मजदूरों को ₹2000 तक की धनराशि प्रदान करने हेतु कई सारे नियम एवं गाइडलाइंस को जारी किया गया था।

इस योजना के अंतर्गत राज्य के 12 लाख से ज्यादा मजदूर इस योजना का लाभ उठा पाएंगे। जो भी श्रमिक विभाग के आधिकारिक वेबसाइट से पंजीकृत है तो उनको यह सहायता राशि सीधे उनके बैंक खाते में ट्रांसफर की जाएगी।

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या योजनेंतर्गत महाराष्ट्र राज्यातील सर्व बांधकाम कामगारांना आर्थिक सहाय्य केले जाईल जेणेकरुन त्यांना महामारीच्या काळात कोणत्याही प्रकारची समस्या येऊ नये. ही योजना इतर अनेक नावांनी देखील ओळखली जाते जसे की मजदूर सहायता योजना किंवा महाराष्ट्र कोरोना सहायता योजना. बांधकर कामगार योजना 2021 अंतर्गत, मजुरांना ₹ 2000 पर्यंत निधी देण्यासाठी अनेक नियम आणि मार्गदर्शक तत्त्वे जारी करण्यात आली होती. या योजनेंतर्गत राज्यातील 12 लाखांहून अधिक मजुरांना या योजनेचा लाभ घेता येणार आहे. ज्यांनी कामगार विभागाच्या अधिकृत वेबसाइटवर नोंदणी केली असेल, त्यांना ही मदत रक्कम थेट त्यांच्या बँक खात्यात हस्तांतरित केली जाईल.

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बांधकर कामगार योजना के तहत ₹2000 की आर्थिक मदद प्राप्त करना चाहते हैं तो आपको इस पोर्टल पर bandhkam kamgar yojana registration करना होगा। यदि आप जानना चाहते हैं कि योजना के तहत ऑनलाइन आवेदन एवं पंजीकरण कैसे करें तो नीचे दी गई प्रक्रिया को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

  • सर्वप्रथम इस योजना के आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
  • अब आपको वर्कर रजिस्ट्रेशन के लिंक पर क्लिक करना होगा।
  • अब वर्कर के लिंक पर क्लिक करें।

Kamgar Kalyan Yojana Registration

  • अब आपके सामने पात्रता मापदंड की सूची खुल जाएगी।
  • आपको यह पता मापदंड की सूची एवं दस्तावेज की जांच करनी होगी।
  • दिए गए विकल्पों पर क्लिक करें।

Kamgar Yojana Registration

  • अब चेक किया और एलिजिबिलिटी के विकल्प पर क्लिक करें।
  • यदि आप इस योजना के आवेदन के लिए एलिजिबल यानी पात्र होंगे तो आपके स्क्रीन पर एक पॉपअप आएगा जिसके बाद आपको ओके के बटन पर क्लिक करना होगा।

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  • अब अपना आधार नंबर एवं आधार नंबर से लिंक मोबाइल नंबर दर्ज करें।
  • ड्रॉपडाउन में से अपना डिस्ट्रिक्ट का चयन करें।

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  • अब सेंड ओटीपी के विकल्प पर क्लिक करें।
  • रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर प्राप्त हुए ओटीपी को दर्ज करें।
  • अब रजिस्ट्रेशन फॉर्म को ध्यानपूर्वक भरे।
  • अब क्लेम के बटन पर क्लिक करें।

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जो भी इच्छुक लाभार्थी बांधकर काम घर योजना के लिए ऑनलाइन की जगह ऑफलाइन आवेदन करने के इच्छुक हैं तो वह bandhkam kamgar yojana 2021 form pdf आसानी से डाउनलोड कर सकते हैं। इसके लिए हमारे द्वारा नीचे प्रदान किया गया लिंक पर क्लिक करें। अब आपके सामने एक आवेदन फॉर्म पीडीएफ फॉर्मेट में खुल जाएगा। डाउनलोड के बटन पर क्लिक करके इस फॉर्म को डाउनलोड करें। यह एक आधिकारिक आवेदन फॉर्म है जो कि सरकार द्वारा आधिकारिक वेबसाइट के माध्यम से डाउनलोड किया जा सकता है।

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महाराष्ट्र बांधकाम कामगार योजना की पात्रता

यदि आप इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो निम्नलिखित करना अनिवार्य है। नीचे दिए गए पात्रता मापदंडों को ध्यानपूर्वक पढ़ें।

  • आवेदन श्रमिक की आयु 18 वर्ष से 60 वर्ष के बीच में होनी चाहिए|
  • योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए श्रमिक का महाराष्ट्र इमारत एवं उत्तर बांधकाम कामगार कल्याण विभाग में रजिस्टर होना आवश्यक है।
  • योजना का आवेदन से महाराष्ट्र राज्य के स्थाई निवासी ही कर पाएंगे|
  • इस योजना का लाभ उन्हीं श्रमिकों को मिलेगा जिन्होंने पिछले 12 महीने में कम से कम 90 दिन श्रम किया हो

महाराष्ट्र बांधकाम कामगार योजना के लिए आवश्यक दस्तावेज

अगर आप कामगार योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं तो आपके पास नीचे दिए गए आवश्यक दस्तावेज होने अनिवार्य हैं।

  • आधार कार्ड
  • पासपोर्ट साइज फोटो
  • 90 दिन का श्रम सर्टिफिकेट
  • मोबाइल नंबर
  • निवास प्रमाण पत्र
  • पहचान प्रमाण पत्र
  • आय प्रमाण पत्र

कामगार कल्याण योजना  मान्यता प्राप्त कार्यों की सूची (बांधकाम कामगार सूची)

  • इमारतें,
  • सड़कें,
  • सड़कें,
  • रेलवे,
  • ट्रामवेज,
  • हवाई क्षेत्र,
  • सिंचाई,
  • जल निकासी,
  • तटबंध और नौवहन कार्य,
  • बाढ़ नियंत्रण कार्य (तूफान जल निकासी कार्य सहित),
  • पीढ़ी,
  • बिजली का पारेषण और वितरण,
  • वाटर वर्क्स (पानी के वितरण के लिए चैनल सहित),
  • तेल और गैस प्रतिष्ठान,
  • विद्युत लाइनें,
  • तार रहित,
  • रेडियो,
  • टेलीविजन,
  • टेलीफोन,
  • टेलीग्राफ और विदेशी संचार,
  • बांध,
  • नहरें,
  • जलाशय,
  • जलकुंड,
  • सुरंगें,
  • पुल,
  • पुलिया,
  • एक्वाडक्ट्स,
  • पाइपलाइन,
  • टावर्स,
  • जल शीतलक मीनार,
  • ट्रांसमिशन टावर्स और ऐसे ही अन्य कार्य,
  • पत्थर को काटना, तोड़ना और पत्थर को बारीक पीसना।
  • टाइलों या टाइलों को काटना और पॉलिश करना।
  • पेंट, वार्निश आदि के साथ बढ़ईगीरी,
  • गटर और नलसाजी कार्य।,
  • वायरिंग, वितरण, टेंशनिंग आदि सहित विद्युत कार्य,
  • अग्निशामक यंत्रों की स्थापना और मरम्मत।,
  • एयर कंडीशनिंग उपकरण की स्थापना और मरम्मत।,
  • स्वचालित लिफ्टों आदि की स्थापना,
  • सुरक्षा दरवाजे और उपकरणों की स्थापना।,
  • लोहे या धातु की ग्रिल, खिड़कियां, दरवाजों की तैयारी और स्थापना।
  • सिंचाई के बुनियादी ढांचे का निर्माण।,
  • बढ़ईगीरी, आभासी छत, प्रकाश व्यवस्था, प्लास्टर ऑफ पेरिस सहित आंतरिक कार्य (सजावटी सहित)।
  • कांच काटना, कांच पर पलस्तर करना और कांच के पैनल लगाना।
  • कारखाना अधिनियम, 1948 के अंतर्गत नहीं आने वाली ईंटों, छतों आदि को तैयार करना।
  • सौर पैनल आदि जैसे ऊर्जा कुशल उपकरणों की स्थापना,
  • खाना पकाने जैसे स्थानों में उपयोग के लिए मॉड्यूलर इकाइयों की स्थापना।
  • सीमेंट कंक्रीट सामग्री आदि की तैयारी और स्थापना,
  • स्विमिंग पूल, गोल्फ कोर्स आदि सहित खेल या मनोरंजन सुविधाओं का निर्माण,
  • सूचना पैनल, सड़क फर्नीचर, यात्री आश्रय या बस स्टेशन, सिग्नल सिस्टम का निर्माण या निर्माण।
  • रोटरी का निर्माण, फव्वारे की स्थापना आदि।
  • सार्वजनिक पार्कों, फुटपाथों, सुरम्य इलाकों आदि का निर्माण।

2021 update

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