प्रवीन शाकिर पाकिस्तान की एक मशहूर उर्दू कवियत्री व शायर हैं जिन्होंने काफी मशहूर ग़ज़ल भी लिखी हैं| उनकी लिखी ही ग़ज़ल पाकिस्तान में ही नहीं पूरे विश्वभर में उर्दू शायरी के दीवानो के बीच मशहूर हैं उनके कुछ बहुत ही मशहूर कवितायेँ, ग़ज़ल व् कविता New, Best, Latest, Two Line, Hindi, Urdu, Shayari, Sher, Ashaar, Collection, Shyari, नई, नवीनतम, लेटेस्ट, हिंदी, उर्दू, शायरी, शेर, नज़्म, अशआर, संग्रह के कुछ अंश पेश कर रहे हैं|
परवीन शाकिर की ग़ज़लें
Parveen Shakir Poetry, Shayari, Best Ghazals, Mushaira & Poetry हमने नीचे पेश की हुई हैं|
Darwaza Jo Khola To Nazar Aaye Khare Woh
Darwaza Jo Khola To Nazar Aaye KhaRe Woh Hairat Hai Mujhe Aaj Kidhar Bhool PaRe Woh Bhoolaa Nahi Dil Hijr Ke Lamhaat KaRe Woh Ratein to BaRi ThiN Hi Magar Din Bhi BaRe Woh KyuN Jan Pe Ban Aai Hai BigRa Hai Agar Woh Us Ki To Ye Aadat K HawaaoN Se LaRe… Share on Xपरवीन शाकिर की ग़ज़ल
परवीन शाकिर की गज़लें इस प्रकार हैं:
अब भला छोड़ के घर क्या करते
अब भला छोड़ के घर क्या करते शाम के वक़्त सफ़र क्या करते तेरी मसरूफ़ियतें जानते हैं अपने आने की ख़बर क्या करते जब सितारे ही नहीं मिल पाए ले के हम शम्स-ओ-क़मर क्या करते वो मुसाफ़िर ही खुली धूप का था साए फैला के शजर क्या करते ख़ाक ही अव्वल ओ आख़िर ठहरी कर… Share on Xparveen shakir poetry in urdu collection
परवीन शाकिर पोएट्री इन हिंदी इस प्रकार हैं:
Gaye Baras Ki Eid Ka Din …
Gaye baras ki eid ka din kya achchha tha ChaaNd ko dekh ke uskaa chehra dekha tha Feza mein ‘Keats’ ke lehje ki nermahat thi Mausam apne rang mein ‘Faiz’ ka misraa tha Duaa ke be-aawaaz, uloohi lamhoN mein Woh lamhaa bhi kitna dilkashh lamha tha Hath… Share on Xparveen shakir 2 line poetry
शायरी ऑफ़ परवीन शाकिर इन हिंदी इस प्रकार हैं:
अब इतनी सादगी लाएँ कहाँ से
अब इतनी सादगी लाएँ कहाँ से ज़मीं की ख़ैर माँगें आसमाँ से अगर चाहें तो वो दीवार कर दें हमें अब कुछ नहीं कहना ज़बाँ से सितारा ही नहीं जब साथ देता तो कश्ती काम ले क्या बादबाँ से भटकने से मिले फ़ुर्सत तो पूछें पता मंज़िल का मीर-ए-कारवाँ से तवज्जोह बर्क़ की… Share on Xparveen shakir poetry sms
parveen shakir sad poetry 2 lines
parveen shakir khushboo
Kyun Mujh Pe Hua Hai Mehrbaan Tu
KyuN mujh pe hua hai mehrbaaN tu Ek zarra-e-khaak aur kahaaN tu MaiN dhoop ki aadi ho chali thi KyuN mujh pe bana hai sayebaaN tu MaiN teri zameen-e-nisf-e-shab huN TaaroN bhara mera aasmaaN tu Aise hi hamaari soch yekjaan MaiN nutq tera, meri zabaaN… Share on Xparveen shakir poetry images
अपनी रुस्वाई तिरे नाम का चर्चा देखूँ
अपनी रुस्वाई तिरे नाम का चर्चा देखूँ इक ज़रा शेर कहूँ और मैं क्या क्या देखूँ नींद आ जाए तो क्या महफ़िलें बरपा देखूँ आँख खुल जाए तो तन्हाई का सहरा देखूँ शाम भी हो गई धुँदला गईं आँखें भी मिरी भूलने वाले मैं कब तक तिरा रस्ता देखूँ एक इक कर के मुझे छोड़… Share on Xparveen shakir poetry books
Bahut Roya Woh Hum Ko Yaad Kar Ke
Bahut roya woh hum ko yaad kar ke Hamaari zindagii barbaad kar ke PalaT kar phir yahiN aajayeNge hum Woh dekhe to hamaiN aazaad karke Rihaayii ki koi soorat nahii hai Magar haaN! minnat E saiyaad kar ke Badan mera chhuaa tha usne lekin Gaya hai rooh ko… Share on Xparveen shakir shayari in hindi
अश्क आँख में फिर अटक रहा है
अश्क आँख में फिर अटक रहा है
कंकर सा कोई खटक रहा है
मैं उस के ख़याल से गुरेज़ाँ
वो मेरी सदा झटक रहा है
तहरीर उसी की है मगर दिल
ख़त पढ़ते हुए अटक रहा है
हैं फ़ोन पे किस के साथ बातें
और ज़ेहन कहाँ भटक रहा है
सदियों से सफ़र में है समुंदर
साहिल पे थकन टपक… Share on X
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