Contents
- 1 वाल्मीकि जयंती श्लोक
- 2 Valmiki Jayanti Shloka
- 3 Valmiki Jayanti Shlok
- 4 Valmiki Jayanti Slokas
- 5 Valmiki Jayanti Shloka in Marathi
- 6 Valmiki Jayanti Slokas in Hindi
- 7 Valmiki Jayanti Slokas in Sanskrit
- 8 Valmiki Jayanti Slokas in Tamil
- 9 Valmiki Jayanti Slokas in English
- 10 Valmiki Jayanti Shloka in Sanskrit
Valmiki jayanti 2020 : वाल्मीकि जी रामायण जैसे पावन ग्रन्थ के रचियता थे | संस्कृत का पहला श्लोक इन्ही के द्वारा लिखा गए था | 24 अक्टूबर की आश्विन मॉस की पूर्णिमा को इनका जन्म हुआ था जिसे हिन्दू धर्म केलिन्डर के अनुसार वाल्मीकि जयंती कहा जाता है | वाल्मीकि जी को श्लोक का जन्मदाता भी कहा जाता है | इनके जीवन से हमे बहुत कुछ सीखने को मिलता है | यह जानकारी हिंदी में, संस, साहरी, स्टेटस, एसएमएस हिंदी फॉण्ट व मराठी आदि जिन्हे आप फेसबुक, व्हाट्सप्प पर अपने दोस्त व परिवार के लोगो के साथ साझा कर सकते हैं|
वाल्मीकि जयंती श्लोक
आइये अब हम आपको Valmiki Jayanti Slokas in Telugu, Valmiki Jayanti Shlok in Hindi, Valmiki Jayanti Shloka in Hindi, वाल्मीकि जयंती संस्कृत श्लोक, वाल्मीकि जयंती कोट्स, वाल्मीकि जयंती पर श्लोक, वाल्मीकि जयंती फोटो, Shloka of Valmiki Jayanti, वाल्मीकि जयंती स्टेटस, आदि की जानकारी किसी भी भाषा जैसे Hindi, हिंदी फॉण्ट, मराठी, गुजराती, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection जिसे आप अपने अध्यापक, मैडम, mam, सर, बॉस, माता, पिता, आई, बाबा, sir, madam, teachers, boss, principal, parents, master, relative, friends & family whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं| आप सभी की वाल्मीकि जयंती की हार्दिक शुभकामनाएं
उत्साह बड़ा बलवान होता है;
उत्साह से बढ़कर कोई बल नहीं है । उत्साही
पुरुष के लिए संसार में कुछ भी दुर्लभ नहीं है ।
Click To Tweet
मनुष्य जैसा भी अच्छा या बुरा कर्म करता है,
उसे वैसा ही फल मिलता है । कर्त्ता को अपने कर्म का फल
अवश्य भोगना पड़ता है ।
Click To Tweet
Valmiki Jayanti Shloka
सत्य ही संसार में ईश्वर है;
धर्म भी सत्य के ही आश्रित है; सत्य ही समस्त
भव - विभव का मूल है; सत्य से बढ़कर और कुछ नहीं है ।
Click To Tweet
उत्साह हीन, दीन और शोकाकुल मनुष्य
के सभी काम बिगड़ जाते हैं , वह घोर विपत्ति में फंस जाता है ।
Click To Tweet
Valmiki Jayanti Shlok
क्रोध की दशा में मनुष्य को कहने और न कहने
योग्य बातों का विवेक नहीं रहता । क्रुद्ध मनुष्य कुछ भी कह
सकता है और कुछ भी बक सकता है । उसके लिए कुछ भी
अकार्य और अवाच्य नहीं है ।
Click To Tweet
पराया मनुष्य भले ही गुणवान् हो तथा स्वजन सर्वथा
गुणहीन ही क्यों न हो, लेकिन गुणी परजन से गुणहीन स्वजन ही
भला होता है । अपना तो अपना है और पराया पराया ही रहता है ।
Click To Tweet
Valmiki Jayanti Slokas
किसी को जब बहुत दिनों तक अत्यधिक दुःख भोगने
के बाद महान सुख मिलता है तो उसे विश्वामित्र मुनि की भांति समय
का ज्ञान नहीं रहता - सुख का अधिक समय भी थोड़ा ही जान पड़ता है ।
Click To Tweet
धर्म से ही धन, सुख तथा सब कुछ प्राप्त
होता है । इस संसार में धर्म ही सार वस्तु है ।
Click To Tweet
Valmiki Jayanti Shloka in Marathi
त्रासदायक डीन मित्राला समर्थन देणारा आणि
चांगला खरा एकमात्र चांगला आहे जो कुमगगामी बंधूला मदत करतो.
Click To Tweet
श्रीमंत असो किंवा गरीब, दुःखी किंवा आनंदी,
निष्पाप किंवा निष्पाप - मित्रांमुळे मित्रांना सर्वात मोठा आधार असतो.
Click To Tweet
Valmiki Jayanti Slokas in Hindi
मित्रता करना सहज है लेकिन उसको निभाना कठिन है ।
Click To Tweet
स्वभाव का अतिक्रमण कठिन है ।
Click To Tweet
Valmiki Jayanti Slokas in Sanskrit
धर्म-धर्मादर्थः प्रभवति धर्मात्प्रभवते सुखम् ।
धर्मण लभते सर्वं धर्मप्रसारमिदं जगत् ॥
Click To Tweet
सत्य -सत्यमेवेश्वरो लोके सत्ये धर्मः सदाश्रितः ।
सत्यमूलनि सर्वाणि सत्यान्नास्ति परं पदम् ॥
Click To Tweet
Valmiki Jayanti Slokas in Tamil
துக்கம் மனிதனின் துணிச்சலை அழிக்கிறது.
Click To Tweet
மகிழ்ச்சி எப்போதும் நீடிக்கும்.
Click To Tweet
Valmiki Jayanti Slokas in English
Happiness does not increase happily.
Click To Tweet
Happiness does not last forever.
Click To Tweet
Valmiki Jayanti Shloka in Sanskrit
अपना-पराया-गुणगान् व परजनः स्वजनो निर्गुणोऽपि वा ।
निर्गणः स्वजनः श्रेयान् यः परः पर एव सः ॥
Click To Tweet
उत्साह-उत्साहो बलवानार्य नास्त्युत्साहात्परं बलम् ।
सोत्साहस्य हि लोकेषु न किञ्चदपि दुर्लभम् ॥
Click To Tweet