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हिन्दू धर्म में कई देवी देवता है जिसमे की हर देवी तथा देवता का हमारे जीवन में अलग-2 महत्व है इसीलिए इसमें ज्ञान, संगीत और कला की देवी माता सरस्वती भी है जिनका हिन्दू धर्म में अलग ही महत्व है | सरस्वती माता की पूजा बसंत लगते ही बसंत पंचमी के दिन की जाती है सरस्वती माता की पूजा की वजह से बसंत के मौसम का महत्व और अधिक बढ़ जाता है इसीलिए हम आपको सरस्वती माता के ऊपर कुछ शायरियो के बारे में बताते है जिन शायरियो को पढ़ने के लिए आप यहाँ से पढ़ सकते है |
Saraswati Pooja Shayari
ज़माने भर की याद में मुझे ना भुला देना,
जब कभी याद आये तो ज़रा मुस्कुरा लेना,
ज़िंदा रहे तो फिर मिलेंगे,
वर्ना बसंत पंचमी में एक पतंग मेरे नाम का भी उड़ा लेना।
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ज़िन्दगी गर
दोराहे से गुजरती है
वो चौखट ही है तेरी माँ
जहां यह दिल सुकून पाता है
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पीले पीले सरसों के फूल,
पीली उड़े पतंग,
रंग बरसे पीला और छाये सरसों सी उमंग।
आपके जीवन में रहे सदा बसंत के रंग।
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सहस शील हृदय में भर दे
जीवन त्याग से भर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे
माँ सरस्वती आपके जीवन में उल्लास भर दे!
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Maa saraswati ki shayari
महफ़िल सजती हैं
चराग़ रोशन होते हैं
हम तेरे बिना
ज़िन्दगी में अधूरे
अधूरे से होते हैं
कैसे कहें माँ
हर पल बस तेरे ही
ख़यालों में डूबे रहते हैं
जीवन की कश्ती
एक तेरे ही भरोसे
हम सागर में तरते हैं
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Saraswati Puja Ki Shayari – Saraswati Puja Shayari In Hindi
वीणा लेकर हाथ में,
सरस्वती हो आपके साथ में,
मिले मां आर्शीवाद आपको हर दिन,
हर वार हो मुबारक बसंत पंचमी का त्यौहार,
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माता तेरे चरणों मे
भेंट हम चढ़ाते हैं
कभी नारियल तो
कभी फूल चढ़ाते हैं
और झोलियाँ भर भर के
तेरे दर से लाते हैं
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Saraswati mata ki shayari
किस्से कहानी
बन जाएंगे हम भी कभी
रहमत है तेरी माँ
पास होती है तू
तो जीने में जुनून आता है
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कैसे कहूँ की
जी नहीं सकता
माँ तेरी कृपा बिना
मेरा जीवन जीवन नहीं
माँ तेरी श्रद्धा बिना
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सोचा करता था माँ
तेरी कृपा बिना
कैसे ज़रूरते होंगी पूरी
तेरा आशीर्वाद
मिला जो माँ
तो नही रही
कोई हसरत अधूरी
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सरस्वती माँ शायरी – Maa Saraswati Photo Shayari
सहस शील हृदय में भर दे,
जीवन त्याग से भर दे,
संयम सत्य स्नेह का वर दे,
माँ सरस्वती आपके जीवन में उल्लास भर दे।
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लेके मौसम की बहार,
आया बसंत ऋतू का त्योहार,
आओ हम सब मिलके मनाये,
दिल में भर के उमंग और प्यार,
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विद्या दायिनी, हंस वाहिनी माँ भगवती
तेरे चरणों में झुकाते शीष हे देवी
कृपा कर हे मैया दे अपना आशीष
सदा रहे अनुकम्पा तेरी रहे सदा प्रविश
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श्वेताम्बर हैं जिसका
हंस हैं वहाँ जिसका
वीणा, पुराण जो धारण करती
ऐसी माँ शारदा मैं करू तेरी भक्ति
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कमल पुष्प पर आसीत माँ
देती ज्ञान का सागर माँ
कहती कीचड़ में भी कमल बनो
अपने कर्मो से महान बनो
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Saraswati Vandana Shayari
तू स्वर की दाता हैं,
तू ही वर्णों की ज्ञाता.
तुझमे ही नवाते शीष,
हे शारदा मैया दे अपना आशीष.
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बिन बुलाए भी जहां
जाने को जी चाहता है
वो चौखट ही है तेरी माँ
जहां यह बंदा सुकून पाता है
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सरस्वती पूजा का यह प्यारा त्यौहार,
जीवन में खुशी लाएगा अपार,
सरस्वती विराजे आपके द्वार,
शुभकामनाएं हमारी करें स्वीकार।
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माँ जब भी तुझको पुकारा है
बिन मांगे सब पाया है
ए माँ मेरी गुनाहों को
मेरे मैं कुबूल करता हूँ
मोक्ष दे दे मेरी माँ
बस यही आशा रखता हूँ
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किताबों का साथ हो,
पेन पर हाथ हो,
कोपिया आपके पास हो,
पढाई दिन रात हो,
जिंदगी के हर इम्तिहान में आप पास हो।
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मिलते हैं हज़ारों से
पर एक है जो
हमेशा याद आता है
वो चौखट ही है तेरी माँ
जहां यह बंदा सुकून पाता है
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Saraswati God Shayari
हो जाओ तैयार, माँ सरस्वती आने वाली है।
सजा लो दरबार माँ सरस्वती आने वाली हैं।
तन,मन और जीवन हो जायेगा पावन,
माँ के कदमो की आहट से
गूँज उठेगा आँगन।
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मेरे दिल मे आज क्या है
माँ कहो तो मैं सुना दूँ
माँ तुझे देखता रहूं मैं
तेरी सेवा में जीवन बिता दूं
आते जाते जो मिलता है
अपना लगता है
माँ के ख़यालों में रहते हैं जबसे
जीवन स्वर्ग से लगता है
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मुद्दतों से चाहत थी मेरी
तेरे चरणों मे जगह पाने की
मुद्दतों से चाहत थी मेरी
तेरे कदमों में जगह पाने की
कब से चाहत थी मेरी
माँ के गीत गुनगुनाने की
मैं मैं ना रहा
तू तू ना रहा
सब अपने हो गए
माँ की नज़रों में जो देखा
सब सपने सच हो गए
बहुत दूर अभी जाना है
पर चिंता नही चिंतन का
दामन थामा है
क्योंकि माँ ने मेरी
मुझे अपना माना है
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रोशनी माँ तेरे प्यार की
पल पल महसूस करूं
तुझसे है आस मेरी माँ
तभी तो
करम करके धीरज धरूं
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ना कोई भेंट मांगे तुमसे,
न कोई चढ़ावा,
उसके दमन को बस थाम लो,
जीवन में जब जब ये अवसर है आया।
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Mata Puja Shayari In Hindi – Saraswati Mata Shayari
Maa Saraswati aapko sadaiv, illness
good thought pradan karti rahe..
Maa Saraswati ki blessing aap par sada rahe
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Peele peele sarson ke phool, ampoule
peeli ude patang,
rang barse peela aur chhaye sarson si umang.
Aapke jeevan main rahe sadaa Basant ke rang.
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Saraswati Puja ka ye pyara tyohar,
Jeewan me layega khushi apaar,
Saraswati viraje aapke dwar,
Shubh kaamna hamari kare sweekar.
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Lo [email protected] Phir Aayi, Phoolon Par Rang Laayi,
Chalo beh Darang, Lab-e-Aab-e-Zang,
Baje Jal-Tarang, Man Par Umang Chhaayi;
Lo Basant Phir Aayi!
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Saraswathi Namasthubhyam,
Varadey Kaamarupinee!
Vidhyarambham Karishyami,
Sidhir bhavathu mey sada !
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Kuch bhi likhne se pahle karuN main
Us Maa Sarswati ko namskaar
Mujh per bani rahe chaya jiski
Us Maa Sarswati ko namskaar
Meri kalam ko di takat jisne
Us Maa Sarswati ko namskaar
Banaya mujhe es laayak jisne
Us Maa Sarswati ko namskaar
JamiN se uthaker yahaN tak pahuchaya jisne
Us Maa Sarswati ko namskaar
Her kalam ko de nayi takat,
Raj ka her kalam ki taraf se
Us Maa Sarswati ko namskaar......
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पूज्य पांडुरंग शास्त्री आठवले
या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभवस्त्रावृता
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना
या ब्रह्माच्युतशंकरप्रभृतिभिदैवै सदा वन्दिता
सा मां पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा॥
जो कुन्द पुष्प, चँद्र, तुषार और मुक्ताहार जैसी धवल है, जो शुभ्र वस्त्रों से आवृत्त है, जिसके हाथ वीणारूपी वरदंड से शोभित हैं, जो श्वेत पद्म के आसन पर विरजित है, जिसे ब्रह्मा, विष्णु और महेश जैसे मुख्य देव वंदन करते हैं, ऐसी निःशेष जड़ता को दूर करने वाली भगवती सरस्वती! मेरा रक्षण करे।
सरस्वती के स्वरूप वर्णन में ही सच्चे सारस्वत के लिए मार्गदर्शन है। सरस्वती कुन्द, इन्दु, तुषार और मुक्तहार जैसी धवल हैं, सच्चा सारस्वत भी वैसा ही होना चाहिए। कुन्द पुष्प सौरभ फैलाता है, चँद्र शीतलता देता है, तुषारबिन्दु, सृष्टिका सौंदर्य बढ़ाता है और मुक्ताहार व्यवस्था का वैभव प्रकट करता है। सच्चे सारस्वत का जीवन सौरभयुक्त होना चाहिए।
पुष्प की सुगंध जिस तरह सहज फैलती है, उसी तरह उसके ज्ञान की सुगंध शांति प्रदान करती है उसी तरह सरस्वती का सच्चा उपासक अनेक लोगों के संतप्त जीवन में शांति का स्त्रोत बहाता है। वृक्ष के पत्ते पर पड़ा हुआ ओसबिन्दु मोती की शोभा धारण करके वृक्ष के सौंदर्य को बढ़ाता है, उसी तरह सरस्वती के सच्चे उपासक के अस्तित्व से संसार वृक्ष की शोभा बढ़ती है।
ऐसे मानव के लिए कहना पड़ता है कि 'जयति तेऽधिकं जन्मना जगत्।' हार याने कुक्ताहार। अकेले मोती से मोतियों का हार ज्यादा सुंदर लगता है। सरस्वती के उपासकों को भी इस तरह एक साथ, एक सूत्र में बँधकर काम करने की तैयारी रखनी चाहिए। विद्वानों की शक्ति का ऐसा योग किसी भी महान कार्य को सुसाध्य बनाता है।
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Jai maa saraswati