International Tiger day speech in Hindi & English – अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस पर भाषण – इंटरनेशनल टाइगर डे स्पीच

International Tiger day speech in Hindi

International tiger day 2020: ग्लोबल टाइगर डे एक ऐसा दिन है जो की बाघ संरक्षण के प्रति दुनिया भर के लोगो के मन में जागरूकता फैलाता है| आज के समय में दुनिया भर में लगभग 1 लाख बाघ जीवित है जिनकी संख्या दिन प्रति दिन कम होती जा रही है| बाघ भारत का राष्ट्रीय जानवर है| वे ज्यादातर जिम कॉर्बेट या काज़ीरंगा नेशनल वन गृह में पाए जाते है| आज के समय में दिन प्रति दिन बाघों की मात्रा काम होती जा रही है| इस जीव के विलुप्त होने का मुख्या कारण मनुष्य है|

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International Tiger Day Speech

ग्लोबल टाइगर डे (Global Tiger Day), जिसे अक्सर अंतर्राष्ट्रीय टाइगर डे (International Tiger Day) कहा जाता है, बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए यह वार्षिक उत्सव है, जो सालाना 29 जुलाई को आयोजित किया जाता है। यह 2010 में Saint Petersburg Tiger शिखर सम्मेलन में बनाया गया था। दिन का लक्ष्य बाघों के प्राकृतिक आवासों की सुरक्षा और बाघ संरक्षण मुद्दों के लिए जन जागरूकता और समर्थन बढ़ाने के लिए वैश्विक प्रणाली को बढ़ावा देना है।

बाघ दुनिया की बड़ी बिल्लियों में से सबसे बड़ा है और इस शानदार प्राणी, इसकी विशिष्ट नारंगी और काले धारियों और खूबसूरती से चिह्नित चेहरे के साथ, एक दिन है जो इसे समर्पित है। यह पहली बार 2010 में मनाया गया था और एक अंतरराष्ट्रीय शिखर सम्मेलन में स्थापित किया गया था जिसे चौंकाने वाली खबरों के जवाब में बुलाया गया था कि पिछले शताब्दी में सभी जंगली बाघों का 97% गायब हो गया था, केवल 3,000 जीवित जीवित थे। बाघ विलुप्त होने के कगार पर हैं और अंतर्राष्ट्रीय विश्व टाइगर दिवस का उद्देश्य इस तथ्य पर ध्यान देना और उनकी गिरावट को रोकने की कोशिश करना है। कई कारकों से उनके संख्या में गिरावट आई है, जिसमें निवास नुकसान, जलवायु परिवर्तन, शिकार। टाइगर डे का उद्देश्य उनके निवासों की रक्षा और विस्तार करना है और आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने का लक्ष्य है।

WWF, IFAW और Smithsonian Institute सहित कई अंतरराष्ट्रीय संगठन दिन में शामिल हैं।सातवां वार्षिक वैश्विक टाइगर दिवस दुनिया भर के विभिन्न तरीकों से मनाया गया था। बांग्लादेश, नेपाल और भारत के साथ-साथ इंग्लैंड और संयुक्त राज्य अमेरिका जैसे non-tiger-range में स्थानीय कार्यक्रम आयोजित किए गए हैं। कुछ हस्तियों ने भी अपनी सोशल मीडिया प्रोफ़ाइल तस्वीरें हटाकर भाग लिया। WWF ने रेंजरों में निवेश के माध्यम से “Double Tigers” अभियान के प्रचार को जारी रखा। जागरूकता बढ़ानेें और मदद के लिए कई कंपनियों ने WWF के साथ साझेदारी की।अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस हर साल 29 जुलाई को मनाया जाता है। अंतर्राष्ट्रीय टाइगर डे को ग्लोबल टाइगर डे भी कहा जाता है। बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए इस दिन मनाया जाता है। बाघ सबसे बड़ी बिल्ली है और यह उल्लेखनीय प्राणी है, जिसमें इसके अद्वितीय काले और नारंगी पट्टियां और आकर्षक रूप से चिह्नित चेहरे हैं, एक दिन है जो इसे समर्पित है।

इस दिन बाघ के निवासियों की रक्षा के लिए मनाया जाता है और बाघ संरक्षण के लिए जागरूकता के माध्यम से समर्थन प्राप्त करने के लिए मनाया जाता है क्योंकि यह पाया गया है कि पिछले शताब्दी में 97% जंगली बाघ गायब हो गए थे, केवल 3,000 जीवित जीवित थे।

Short Speech on International Tiger Day

Short Speech on International Tiger Day

विश्व भर में 29 जुलाई 2020 को अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस मनाया. यह दिवस जागरूकता दिवस के तौर पर मनाया जाता है. अवैध शिकार और वनों के नष्ट होने के कारण विभिन्न देशों में बाघों की संख्या में काफी कमी आई है.

केन्द्रीय पर्यावरण, वन तथा जलवायु परिवर्तन मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने बाघ संरक्षण के लिए सामाजिक आंदोलन प्रारंभ करने की आवश्यकता को दोहराया है. इससे पहले डॉ. हर्षवर्धन ने भारतीय चिड़ियाघरों के वन्य जीवों के स्वास्थ्य तथा पोषण प्रबंधन पर एक मैनुअल जारी किया.

इस दिवस को मनाने का उद्देश्य जंगली बाघों के निवास के संरक्षण एवं विस्तार को बढ़ावा देने के साथ बाघों के संरक्षण के प्रति जागरूकता बढ़ाना है. इनकी तेजी से घटती संख्या को नियंत्रित करना बहुत ज़रूरी है, नहीं तो ये खत्म हो जाएंगे.

वर्तमान में बाघों की संख्या अपने न्यूनतम स्तर पर है. पिछले 100 वर्षों में बाघों की आबादी का लगभग 97 फीसदी खत्म हो चुकी है. ‘वर्ल्ड वाइल्ड लाइफ फंड’ और ‘ग्लोबल टाइगर फोरम’ के 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 6000 बाघ ही बचे हैं, जिनमें से 3891 बाघ भारत में हैं. वर्ष 1915 में बाघों की संख्या एक लाख थी.

बाघों की कुछ प्रजातियां पहले ही विलुप्त हो चुकी हैं. भारत उन देशों में शामिल है जिसमे बाघों की जनसख्या सबसे अधिक है. भारत, नेपाल, रूस एवं भूटान में पिछले कुछ समय से बाघों की संख्या में बढ़ोतरी दर्ज की गयी है.

मनुष्यों द्वारा शहरों और कृषि का विस्तार जिसकी वजह से बाघों का 93 फीसदी प्राकृतिक आवास खत्म हो चुका है. बाघों की अवैध शिकार भी एक बड़ी वजह है जिसकी वजह से बाघ अब आईयूसीएन के विलुप्तप्राय श्रेणी में आ चुके हैं.

इनका अवैध शिकार उनके चमड़े, हड्डियों एवं शरीर के अन्य भागों के लिए किया जाता है. इनका इस्तेमाल परंपरागत दवाइयों को बनाने में किया जाता है. बाघों की हत्या कई बार शान में भी की जाती है.

इसके अतिरिक्त, जलवायु परिवर्तन भी बहुत बड़ी वजह है जिससे जंगली बाघों की आबादी कम हो रही है. जलवायु परिवर्तन की वजह से समुद्र का स्तर बढ़ रहा है जिससे जंगलों के खत्म होने का खतरा पैदा हो गया.

अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस 29 जुलाई को मनाने का फैसला वर्ष 2010 में सेंट पिट्सबर्ग बाघ समिट में लिया गया था क्योंकि तब जंगली बाघ विलुप्त होने के कगार पर थे. इस सम्मेलन में बाघ की आबादी वाले 13 देशों ने वादा किया था कि वर्ष 2022 तक वे बाघों की आबादी दुगुनी कर देंगे.

बाघ को भारत का राष्ट्रीय पशु कहा जाता है. बाघ देश की शक्ति, शान, सतर्कता, बुद्धि और धीरज का प्रतीक है. बाघ भारतीय उपमहाद्वीप का प्रतीक है और उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र को छोड़कर पूरे देश में पाया जाता है. पूरी दुनिया में बाघों की कई तरह की प्रजातियां मिलती हैं. इनमें 6 प्रजातियां मुख्य हैं. इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं.

अंतर्राष्ट्रीय टाइगर दिवस भाषण

उत्तराखंड के बाघों का अन्य जगह के रहने वालों बाघों की तुलना में ज्यादा ‘भाईचारा’ है। वह छोटे इलाके में ही अपनी-अपनी हुकूमत चला रहे हैं। वन विभाग का दावा है कि छोटा क्षेत्र होने के बाद भी अपसी संघर्ष तुलनात्मक तौर पर कम है। उत्तराखंड के कार्बेट पार्क में 208 बाघ और छह शावकों की गिनती कैमरा ट्रैप से हुई है। इस तरह तराई पश्चिमी वृत्त (रामनगर, हल्द्वानी, तराई पूर्वी, तराई केंद्रीय, तराई पश्चिमी वन प्रभाग) में 119 बाघों का वास है।

कार्बेट पार्क के उप निदेशक अमित वर्मा बताते हैं कि दक्षिण का एक बाघ करीब 10 स्क्वायर किमी एरिया (एक स्क्वायर किमी में 10 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल) में रहता है। इसी तरह अगर साइबेरिया की बात करें तो वहां एक बाघ का 400 स्क्वायर किमी तक का एरिया होता है।

जबकि कार्बेट पार्क के बाघ करीब छह स्क्वायर किमी के एरिया में भी आसानी से रह रहे हैं। इसका एक कारण बेहतर वास स्थल और उनके खाने की प्रचुरता होना है।

इसके कारण वह ज्यादा खुश हैं, उनके बीच आपसी संघर्ष के मामले भी कम हैं। अभी कार्बेट पार्क अच्छी-खासी बाघों की संख्या को संभाल सकता है। तराई पश्चिमी वृत्त वन संरक्षक डॉ. पराग मधुकर धकाते के अनुसार हैबीटेड सुधार और सुरक्षा के जो कार्यक्रम चलाए गए थे, उसका लाभ दिखाई दे रहा है। हर तरह के वन्यजीवों की संख्या बढ़ी है।
नेपाल के साथ होगी संयुक्त गश्त

​वाइल्ड लाइफ इंस्टीट्यूट आफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) के वरिष्ठ वैज्ञानिक विभाष पांडव ने बताया कि बाघ वृक्षों पर पंजे के निशान और मूत्र से अपनी सीमा क्षेत्र बनाता है, जो दूसरे बाघों को बताने के लिए होती है। अगर जंगल अच्छा है, उसमें शाकाहारी वन्यजीवों की संख्या अच्छी-खासी है तो वह छोटे इलाके में भी आराम से रह सकते हैं।

वन विभाग ने बाघों की सुरक्षा के लिए नेपाल और उत्तर प्रदेश दोनों के साथ बातचीत की है। तराई पूर्वी वन प्रभाग के प्रभागीय वनाधिकारी नीतिशमणि त्रिपाठी ने बताया कि उत्तर प्रदेश के साथ बातचीत हो गई है।

पीलीभीत टाइगर रिजर्व और तराई पूर्वी वन प्रभाग की टीम रोस्टर के हिसाब से एक-दूसरे इलाके में संयुक्त गश्त करेगी। इसी तरह नेपाल के साथ बातचीत कर गश्त और सुरक्षा को लेकर अन्य कदम उठाये जाएंगे।

इंटरनेशनल टाइगर डे स्पीच इन हिंदी

International tiger day 2020 theme: इस बार टाइगर डे की थीम है “save more tigers” यानी की बाघों को बचाएँ| अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है विश्व बाघ दिवस पर स्पीच सुनाएं| आइये देखें वर्ल्ड टाइगर डे भाषण, International Tiger Day Essay in Hindi, speech on Tiger Day, International Tiger Day Quotes in Hindi, bagh diwas bhashan, International Tiger Day Slogans in Hindi किसी भी भाषा जैसे Hindi, हिंदी फॉण्ट, मराठी, गुजराती, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection जिसे आप अपनी school assembly में प्रार्थना के बाद सुना सकते है| जिसे आप अपने अध्यापक, मैडम, mam, सर, बॉस, माता, पिता, आई, बाबा, sir, madam, teachers, boss, principal, parents, master, relative, friends & family whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

आज विश्व बाघ दिवस है। बाघों के संरक्षण को ध्यान में रखते हुए एक दिन बाघों के नाम मनाया जाता है। बता दें कि पूरे विश्व में बाघों की तेजी से घटती आबादी के प्रति संरक्षण के लिए जागरूकता बढ़ाने को लेकर हर साल 29 जुलाई को ‘वर्ल्ड टाइगर डे’ मनाया जाता है। इस दिन दुनियाभर में बाघों के संरक्षण से जुड़ी जानकारियों को साझा किया जाता है और इस दिशा में जागरुकता अभियान चलाया जाता है।

वर्ष 2010 से ‘वर्ल्ड टाइगर डे’ की शुरूआत की गई थी। साल 2010 में रूस के सेंट पीटर्सबर्ग में बाघ सम्मेलन में बाघों के सरंक्षण के लिए हर साल ‘अंतर्राष्ट्रीय बाघ दिवस’ मनाने का फैसला लिया गया। तब से हर साल विश्वभर में वर्ल्ड टाइगर डे मनाया जाता है। इस सम्मेलन में 13 देशों ने भाग लिया था और उन्होंने 2022 तक बाघों की संख्या में दोगुनी बढ़ोत्तरी का लक्ष्य रखा था।

जंगलों के कटान और अवैध शिकार के कारण बाघों की संख्या तेज़ी से कम हो रही है। वर्ल्ड वाइल्डलाइफ फंड और ग्लोबल टाइगर फोरम के 2016 के आंकड़ों के मुताबिक, पूरी दुनिया में लगभग 6000 बाघ ही बचे हैं जिनमें से 3891 बाघ भारत में हैं।

पूरी दुनिया में बाघों की कई तरह की प्रजातियां मिलती हैं। इनमें 6 प्रजातियां मुख्य हैं। इनमें साइबेरियन बाघ, बंगाल बाघ, इंडोचाइनीज बाघ, मलायन बाघ, सुमात्रा बाघ और साउथ चाइना बाघ शामिल हैं।

बंगाल टाइगर, या पेंथेरा टिगरिस, प्रकृति की सबसे अद्भुत रचनाओं में से एक है। यह बाघ परिवार की एक उप-प्रजाति है और भारत, बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, म्यांमार एवं दक्षिण तिब्बत के क्षेत्रों में पाई जाती है। इसके शौर्य, सुंदरता और बलशाली रूप को देखते हुए बंगाल टाइगर को राष्ट्रीय पशु के सम्मान से नवाज़ा गया है।

मांस खाने वाले स्तनधारी जीवों में बाघ के कैनाइन दांत सबसे लम्बे होते हैं। यह दांत 4 इंच तक बढ़ सकते हैं जो बब्बर शेर के कैनाइन दांतों से भी बड़े हैं। इन शक्तिशाली जीवों के पास अंदर से बाहर जाने वाले पंजे भी होतें हैं, जो उन्हें चढ़ाई करने में सहायता करते हैं। अन्य जीवों की अपेक्षा बाघों की देखने और सुनने की शक्ति कहीं ज्यादा होती है।

इंडोचाइनीज टाइगर बाघ की यह प्रजाति कंबोडिया, चीन, बर्मा, थाईलैंड और वियतनाम में पाई जाती है। इस प्रजाति के बाघ पहाड़ों पर ही रहते हैं।

 

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