World No smoking Day Poem in Hindi pdf Download

World No smoking Day Poem

No Smoking Day 2020: इस दिन का मुख्य उद्देश्य सिगरेट और अन्य तरीकों के माध्यम से तम्बाकू सेवन के हानिकारक स्वास्थ्य प्रभावों के बारे में जागरूकता फैलाना है। इस साल नो स्मोकिंग डे 2020 5 मार्च को होगा, लेकिन आप साल के किसी भी दिन धूम्रपान छोड़ सकते हैं। धूम्रपान करने की बुरी आदत से छुटकारा पाने में धूम्रपान करने वालों की मदद करना महत्वपूर्ण संदेश है। धूम्रपान छोड़ने के लिए दुनिया भर के लोगों को प्रोत्साहित करने के लिए हर साल मार्च के दूसरे बुधवार को धूम्रपान दिवस नहीं मनाया जाता है।

Poem on world no smoking day in Hindi Font

फिर एक सिगरेट जला रहा हु,
फिर एक तीली बुझा रहा हु.

तेरी नज़र में मै बिगड़ रहा हु.
मैं तो तेरे वादे भुला रहा हु.

समझना मत इसको मेरी आदत,
मैं तो बस एक दर्द को दुसरे से दबा रहा हु.

ये तेरी यादो के सिलसिले है,
मैं तेरी यादे जला रहा हु.

मैं घायल, इतना टूट चूका हु,
के ग़म के किस्से सुना रहा हु.

अगर तुम्हे भी ग़म है तो पास आओ,
पहली और आखरी बार गले लगाओ.

है मेरी आँखें तो आज नम,
मगर मैं सबको हंसा रहा हु.

खो कर अपनी जिंदगी..
फिर एक सिगरेट जला रहा हु.

सिगार सिगरेट हुक्का बीड़ी तम्बाकू
इतने बुरे हैं जैसे हो कोई डाकू
जो इनको नित खाये ये उसको खा जाएं
ऐसा राक्षस और कौन है आप ही बताएं
फेफड़े आपके काले होकर सड़ेंगे
कैंसर के बुलाये मरीज़ आप बनेंगे
तम्बाकू की लत है मानो आत्महत्या करना
हो स्वस्थ रहना तो इस चक्कर में न पड़ना
-अनुष्का सूरी

World no smoking day par Kavita

Phir ek cigaret jala raha hu,
Phir ek teeli bujha raha hu.

Teri nazar me main bigad raha hu,
Main to tere vaade bhula raha hu.

Samajhna mat isko meri aadat,
Main to bas ek dard ko dusre se daba raha hu.

Ye teri yaado ke silsile hai,
Main teri yaade jala raha hu.

Main ghaayal, itna tuut chuka hu,
Ke gham ke kisse suna raha hu.

Agar tumhe bhi gham hai to paas aao,
Pehli aur aakhri baar gale lagao.

Hai meri aankhen to aaj nam,
Magar main sabko hansa raha hu,

Kho kar apni ZINDAGI..
Phir ek cigaret jala raha hu

किसी किराने की दुकान से,
तम्बाकू के पाउच ले आते।
गली-गली में बच्चे दिखते,
खुल्ल्म-खुल्ला गुटखा खाते।

बाली उमर और ये गुट्खा,
कैसे-कैसे रोग बुलाते।
तड़प-तड़पकर निश्छल नन्हे,
हाय मौत को गले लगाते।

ढेरों जहर भरे गुटखों में,
टीबी का आगाज कराते।
और अस्थमा के कंधे चढ़‌,
मरघट तक का सफर कराते।

मर्ज कैंसर हो जाने पर,
लाखों रुपए रोज बहाते।
कितनी भी हो रही चिकित्सा,
फिर भी प्राण नहीं बच पाते।

सरकारी हो-हल्ले में भी,
तम्बाकू को जहर बताते।
पता नहीं क्यों अब भी बच्चे,
गुटखा खाते नहीं अघाते।

वैसे बिलकुल सीधी-सच्ची,
बात तुम्हें अच्छी बतलाते।
जो होते हैं अच्छे बच्चे,
तम्बाकू वे कभी न खाते।

Poem on anti smoking day in english

World No smoking Day Poem in Hindi

I’m lighting up another cigarette,
Blowing out the light, looking degenerate.

In your eyes, I’m doing all the wrong things,
I’m trying to forget the promises you made, stuff that stings.

Don’t think of smoking as a habit of mine,
I’m burying one pain under another and acting fine.

This is your thoughts running in my mind,
I’m just burning them and giving the inferno wind.

I’m in pain, heartbroken and shattered.
Result of being in love like nothing else mattered.

If you feel the pain, then come to me, get close,
Hold me for the first and last time, before I lose.

My eyes are moist, mind’s a mess.
I’m making others laugh, nonetheless.

I’ve lost my life, I draw regret.
I’m lighting up another cigarette.

वर्ल्ड नो स्मोकिंग डे कविता

खैनी, गुटखा, ज़र्दा, पान मसाला…
पैकेट खोल फट से मुँह में डाला ,
सस्ता सा “नशा” ….मगर होती है शान,
हाँ ,मैं भी रखता हूँ ….ऐब में अपना एक नाम ।

धीरे-धीरे उस एक रूपए के Pouch ने ,
ऐसा रस घोला मेरे Mouth में ,
खाली-खाली सा कुछ लगता है ,
जब पैकेट से मुँह नहीं भरता है ।

एक अलग सी महक ….एक अलग सा सुकूँ ,
क्या हर्ज़ है इसमें …जो मैं इसको चबा लूं ?
लड़की,दारु का शौक नहीं मुझे ,
सिर्फ तम्बाकू की लत से ही तो दिन बुझे ।

अब जवानी की उम्र में भी ….गर कोई शौक न किया ,
तो क्या बुढ़ापे में चबायेंगे ….तम्बाकू की पुड़िया ?
इसी अदा पर तो मेरी ……वो नाज्नीने मरा करती हैं ,
जब दांतों तले पान -मसाले की …..महक से वो निखरती हैं ।

खैनी रगड़ कर जैसे ही ……..जुबां के नीचे रखता हूँ ,
त्यौहार मनाने का दुगना मज़ा ……….अपनी धमनियों में भरता हूँ ,
“ज़र्दे” की डिबिया से ……..बढ़ती है मेरे कोट की शान ,
“पान -मसाला ” Serve करते ही …..पार्टी में हो जाती एक पहचान ।

लम्बे-लम्बे से कश ……जब “सिगरेट ” के जलते हैं ,
कॉलेज की कैंटीन में …….लड़कियों के दिल मचलते हैं ,
वो रह-रह के ……धुओं के छल्ले उड़ाना ,
सिगरेट पीने का तरीका …अपने जूनियर्स को सिखाना ।

उम्र चौबीस की ….. जैसे ही मेरी आयी ,
मैं डॉक्टर के पास पहुंचा …. लेने दवाई ,
भूख लगना …… एकदम बंद सा हो गया था,
हर खाने का स्वाद …..बेस्वाद हो गया था ।

मुँह को खोला जब …….तो दाँत गल गए थे ,
जुबान पर तम्बाकू के ………निशान छप गए थे ,
गालों में बच रहा था …..सिर्फ कुछ चमड़ी का नज़ारा ,
माँ रो रही थी कि बचा लो इसे ……….ये मेरा “लाल” है प्यारा ।

“Oral Cancer ” का नाम ……जैसे ही डॉक्टर ने सुनाया ,
मेरे पैरों तले की धरती में ……मानो भूचाल आया ,
अभी तो इतने सपने …..बाकी थे मेरे ,
कैसे छूट गए अधूरे ……वो बिन पढ़े फेरे ।

क्यूँ इस तम्बाकू को …..मैंने गले लगाया ?
अपनी ही कश्ती को ………पानी में डुबाया ,
जीवन जीने की चाह ……एक ओर तलबगार थी ,
दूसरी ओर मृत्यु …..मेरे सर पर सवार थी ।

तीन महीने बिस्तर पर …..मैं तिल -तिल कर मरता रहा ,
अपने अंतिम क्षणों में ……अपनी नासमझी की कीमत भरता रहा ,
बेज़ार पड़ा बिस्तर पर ……..बस यही एक लेख लिख पाया हूँ ,
“Oral Cancer” को मत दो दावत …..जिससे मैं अब तक न उभर पाया हूँ ।

बहुत से सपने टूट गए ……बहुत सी उम्मीदें बह गईं ,
परिवार के लिए न कर सका कुछ ……उसकी सूनी माँग भी भरने से रह गयी ,
जलाओ जब भी मुझे तुम ……..शमशान में ले जाकर ,
एक तस्वीर खींच लेना …..मेरे खुले हुए मुँह की ….जनता को दिखाकर ।।

World no smoking day poem in Urdu

میں ایک دوسرے سگریٹ کو روشنی دیتا ہوں،
روشنی سے باہر بہاؤ، نظر آ رہی ہے.

آپ کی آنکھوں میں، میں سب غلط چیزیں کر رہا ہوں،
میں آپ کے وعدوں کو بھولنے کی کوشش کررہا ہوں، اس چیزوں کو جو چیزیں.

میری عادت کی عادت کے طور پر تمباکو نوشی کے بارے میں مت سوچنا،
میں ایک دوسرے کے ساتھ ایک درد کو دفن کر رہا ہوں اور ٹھیک کام کر رہا ہوں.

یہ آپ کے خیال میں اپنے دماغ میں چل رہا ہے،
میں صرف ان کو جل رہا ہوں اور نادان ہوا ہوا دے رہا ہوں.

میں درد میں ہوں، دل سے اور بکھرے ہوئے.
محبت میں ہونے کا نتیجہ کچھ بھی نہیں جیسے کچھ بھی نہیں.

اگر آپ درد محسوس کرتے ہیں، تو میرے پاس آتے ہیں،
مجھے کھو جانے سے پہلے، پہلے اور آخری بار مجھے پکڑو.

میری آنکھیں نمی ہیں، دماغ کی خرابی.
میں دوسروں کو ہنسی کر رہا ہوں.

میں نے اپنی زندگی کھو دی ہے، میں افسوس کھاتا ہوں.
میں ایک دوسرے سگریٹ کو روشن کرتا ہوں.

Poem on anti smoking day in Punjabi

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ਮੈਂ ਇੱਕ ਹੋਰ ਸਿਗਰੇਟ ਨੂੰ ਰੋਸ਼ਨ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹਾਂ,
ਰੌਸ਼ਨੀ ਨੂੰ ਉਡਾਉਂਦੇ ਹੋਏ, ਬਦਤਰ ਬਣਾਉਣਾ

ਤੁਹਾਡੀਆਂ ਅੱਖਾਂ ਵਿੱਚ, ਮੈਂ ਸਾਰੀਆਂ ਗਲਤ ਚੀਜ਼ਾਂ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹਾਂ,
ਮੈਂ ਤੁਹਾਡੇ ਕੀਤੇ ਗਏ ਵਾਅਦਿਆਂ ਨੂੰ ਭੁੱਲਣ ਦੀ ਕੋਸ਼ਿਸ਼ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹਾਂ

ਤਮਾਕੂਨੋਸ਼ੀ ਨੂੰ ਮੇਰਾ ਆਦਤ ਨਾ ਸਮਝੋ,
ਮੈਂ ਇੱਕ ਦਰਦ ਨੂੰ ਦੂਜੇ ਦੇ ਅੰਦਰ ਦਫਨਾ ਰਿਹਾ ਹਾਂ ਅਤੇ ਜੁਰਮਾਨਾ ਲਗਾ ਰਿਹਾ ਹਾਂ.

ਇਹ ਤੁਹਾਡੇ ਵਿਚਾਰ ਮੇਰੇ ਦਿਮਾਗ ਵਿੱਚ ਚੱਲ ਰਿਹਾ ਹੈ,
ਮੈਂ ਕੇਵਲ ਉਨ੍ਹਾਂ ਨੂੰ ਸਾੜ ਰਿਹਾ ਹਾਂ ਅਤੇ ਅਗਨੀ ਹਵਾ ਦਿੰਦਾ ਹਾਂ.

ਮੈਂ ਦਰਦ ਵਿੱਚ ਹਾਂ, ਦੁਖਦਾਈ ਅਤੇ ਖਿੰਡਾਉਣ ਵਾਲੀ
ਪਿਆਰ ਵਿਚ ਰਹਿਣ ਦਾ ਨਤੀਜਾ ਹੋਰ ਕਿਸੇ ਚੀਜ ਵਰਗਾ ਨਹੀਂ ਹੁੰਦਾ.

ਜੇ ਤੁਸੀਂ ਦਰਦ ਮਹਿਸੂਸ ਕਰਦੇ ਹੋ, ਤਾਂ ਮੇਰੇ ਕੋਲ ਆ ਜਾਓ, ਨੇੜੇ ਜਾਓ,
ਮੈਨੂੰ ਹਾਰਨ ਤੋਂ ਪਹਿਲਾਂ, ਪਹਿਲੀ ਅਤੇ ਆਖਰੀ ਵਾਰ ਮੈਨੂੰ ਫੜੀ ਰੱਖੋ.

ਮੇਰੀ ਨਿਗਾਹ ਗਿੱਲੀ ਹੈ, ਮਨ ਦੀ ਇੱਕ ਗੜਬੜੀ ਹੈ
ਮੈਂ ਦੂਜਿਆਂ ਨੂੰ ਹੱਸਦਾ ਹਾਂ, ਫਿਰ ਵੀ.

ਮੈਂ ਆਪਣਾ ਜੀਵਨ ਗੁਆ ਲਿਆ ਹੈ, ਮੈਂ ਪਛਤਾਵਾ ਕਰਦਾ ਹਾਂ
ਮੈਂ ਇੱਕ ਹੋਰ ਸਿਗਰੇਟ ਰੋਸ਼ਨੀ ਕਰ ਰਿਹਾ ਹਾਂ

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