पोंगल तमिल नाडु का मुख्य पर्व है । तमिल के लोग इस त्योहार को बड़े श्रद्धा पूर्वक मनाते हैं। 14-15 जनवरी को प्रतिवर्ष यह पर्व तमिल राज्य में मनाया जाता है। इस दिन सभी लोग अपने घर को अच्छे से साफ करते हैं ऑर घर के बाहर रंगोली rangoliबनाते हैं।इस दिन (Lord Indra )की पूजा करते हैं। इन्द्र देव बादलों ऑर बारिशों के देवता है इसलिए यहाँ की मान्यता है की इस दिन इन्द्र देव की पूजा करने से फसल ज्यादा होती है।
भोगी पोंगल क्या है? | About Bogi Festival
तमिल भाषा( in tamil) में पोंगल का अर्थ होता है उफान या विप्लव । इस त्योहार के माध्यम से यहाँ के लोग समृद्धि लाने के लिए वर्ष, धूप,ऑर खेतिहार मवेशियों की पूजा अर्चना करते हैं।पोंगल की तुलना नवरात्र से की जा सकती हैं ।इस पर्व का इतिहास 1000 साल पुराना है । यह जनवरी महीने के मध्य में मनाया जाता है ।
पोंगल महोत्सव क्यों मनाया जाता है?
तमिलनाडू राज्य के दक्षिण में पोंगल का त्यौहार मनाया जाता है। इसे लोग अपनी फसल अच्छी होने परलिए बड़े ही हर्ष उल्लास के साथ मनाते है। इस त्यौहार की अवधि 4 दिनों तक की होती है जिसमे हर एक दिन का अपना अलग ही मह्त्व है।
पोंगल कब मनाया जाता है ?
15 जनवरी को इस पर्व को मनाने की महत्वता है ।
Pongal 2020 festival date :
2020 में यह त्यौहार 15 जनवरी से 18 जनवरी तक मनाया जाएगा ।
Pongal Name | date |
भोगी पोंगल | 15 जनवरी |
थाई पोंगल | 16 जनवरी |
मट्टू पोंगल | 17 जनवरी |
कान्नुम पोंगल | 18 जनवरी |
Pongal इतिहास (History)
यह दक्षिण भारत का प्राचीन त्योहार है। यह करीब 1000 साल पुराना है।वेसे तो पोंगल एक द्रविड फसल के रूप में मनाया जाता है। पोंगल का इतिहास संस्कृत पुराणों में भी दर्शाया गया है । इस त्योहार की पहचान संयुक्त राष्ट्र और थाई निरादल के इतिहासकारों ने की थी। इतिहासकारों ने बताया की यह पर्व संगम उम्र के दौरान मनाया गया।
पोंगल की दो कथाएँ प्राचीन काल से ही बहुत प्रचिलित हैं, यह कहानियाँ पौराणिक हैं।पहली कथा भगवन शिव से जुड़ी हुई है ऑर दूसरी भगवान इन्द्र से।
bhogi pallu function:-
- भोगी त्यौहार, पोंगल का पहला दिन
- थाई पोंगल, पोंगल का दूसरा दिन
- मट्टू पोंगल, पोंगल का तीसरा दिन
- कान्नुम पोंगल, पोंगल का चौथा दिन
bhogi pongal पर व्यंजन (Pongal Dish) –
इस दिन चाँवल और दूध केसाथ साथ मिठाई की सामग्री में इलायची, किशमिश, हरा चना (अलग किया हुआ) और काजू भी डाले जाते हैं। यह डिश सूर्य देव के सामने बनाई जाती है । यह बरामदे या आंगन में बनाया जाता है ।
पोंगल महत्व(importance )
यह त्योहार का मुख्य मंत्र कृषि है क्योंकि जनवरी के महीने तक यह की फसल अच्छे से पक जाती है जिसमे गन्ना और धान शामिल है । तमिल के किसान फसल को देखकर बहुत ही प्रसन्न होते हैं ऑर झूम उठते है।कहा जाता है की इसी दिन बैल की भी पूजा फलदायी होती है क्योंकि उन्ही के जरिए किसान हल चलाकर खेतों को ठीक करते हैं । अतः गौ और बैलों को नहला–धुलाकर, सींगों के बीच में फूलों की मालाएँ पहनाते हैं, मस्तक पर रंगों से चित्रकारी करते है और साथ ही उन्हें गन्ना व चावल खिलाकर उनके प्रति सम्मान प्रकटकरते है।
कई जगहों पर इस दिन मेला भी लगता है। जिसमें बैलों की दौड़ ,विभिन्न खेल का आयोजन किया जाता है।
हम जानते हैं कि भारत एक कृषि प्रधान देश है और अधिकतर त्योहारों प्रकृति से जुड़े होते है। बाकी के त्योहार के जैसे, पोंगल को उत्तरायण पुण्यकलम के रूप में भी जाना जाता है जिसका हिंदू पौराणिक कथाओं में बाद विशेष महत्व हैऔर इसे शुभ भी माना जाता है।
Bhogi Kolam
इस दिन घर की सफाई के साथ-साथ, घरों के फर्श में लोग “कोलम” बनाते है ऑर सजाते हैं जो की नए चावल के पेस्ट से बनाया जाता है।उन कोलम के बीचों में गाय के गोबर का गोला बना कर उनमें कद्दू के फूलों से सजाते हैं।
Bhogi Pallu
तेलुगु शब्द में ‘पल्लू’ का अर्थ है फल ऑर मौसमी जामुन रेगी पल्लू या फिर किसी भी मौसमी जामुन से बनी एक विशेष वस्तु है।
मौसमी फूलों की पंखुड़ियाँ / मौसमी फूल, मुद्रा सिक्के, गन्ने के छोटे-छोटे टुकड़े, पूरा बंगाल चना रात भर और अक्षतालु (यानी चावल में थोड़ी हल्दी मिलाया जाता है।
भोगी images आप तेलुगु (in telugu) में भी देख सकते हैं। bhogi mantalu ko hindi mein holika kaha jata hai or bhogi subhakankshalu telugu” ko भोगी अभिवादन तेलुगु “कं kaha jata hai .
Bhogi Rangoli Muggulu Designs
इस दिन कई प्रकार की bhogi rangoli designs बनते है जैसे :-
- Bhogi Kundala Muggulu
- Bhogi Rangoli With Dots
- Designs With Dots
- Bhogi Kundalu Muggulu