भारतीय सेना दिवस पर निबंध | Essay in Hindi

Indian army day essay in Hindi

हर साल 15 जनवरी को भारतीय थल सेना दिवस मनाया जाता है| इस दिन का बहुत महत्व है| पुरे भारत में 53 छावनियाँ एवं 9 बेस है| भारतीय सेना पुरे विश्व की श्रेष्ठ 4 थल सेना में आती है| भारतीय सेना पर पुरे भारत वासियो को गर्व है| वे पुरे साल 365 दिन भारत की सेवा में दिन रात सुरक्षा करती है| आज के समय में भी भारतीय सेना देश के हर बॉर्डर पर भारत की रक्षा के लिए तत्पर है| जब भी भारत में आतंकी हमले होने के अंदेशा होता है हमारी सेना हर दुविधा में मुँह तोड़ जवाब देती है|

आज भी पडोसी देश पाकिस्तान भारत के बॉर्डर पर आए दिन सीज़ फायर का उल्लंघन करता है जिसका भारतीय सेना मुहतोड़ जवाब देती है|

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Essay in 100 words

भारतीय सेना दिवस हर साल 15 जनवरी को मनाया जाता है। इस दिन को भारत के गिने हुए सैनिकों की याद में चिह्नित किया गया है, जिन्होंने युद्ध के मैदान में साहसपूर्वक संघर्ष करते हुए अपना जीवन खो दिया। 15 जनवरी को फील्ड मार्शल कोडेंद्र मदप्पा करियप्पा या के.एम. को सम्मानित करने के लिए भारतीय सेना दिवस मनाने की तारीख के रूप में चुना जाता है।

करियप्पा जिन्होंने 1949 में जनरल सर फ्रांसिस बुचर की जगह उसी दिन भारतीय सेना के पहले कमांडर के रूप में कमान संभाली थी। उस दिन को लोकप्रिय रूप से भारतीय सेना स्थापना दिवस के रूप में जाना जाने लगा। यह दिन भारतीय सैनिकों द्वारा दिखाए गए बलिदान और साहस को भी दर्शाता है, जो युद्ध के मैदान में अपनी मातृभूमि की रक्षा करते हुए मारे गए।

यह दिल्ली में भारतीय सेना के सैनिकों के कौशल और वीरता को प्रदर्शित करते हुए दृढ़ता से मनाया जाता है। इस समारोह की अध्यक्षता भारतीय सेना के कमांडर इन चीफ द्वारा की जाती है। इंडिया गेट पर अमर जवान ज्योति पर गिर सैनिकों को श्रद्धांजलि दी जाती है और सैनिकों को पदक और वीरता पुरस्कार से सम्मानित किया जाता है। सैनिक दिन में बाइक की सवारी और अन्य गतिविधियों के अपने कौशल का प्रदर्शन करते हैं और दर्शकों को गर्व करते हैं।

Essay in 200 words

भारतीय सैन्य व्यवस्था विश्व की श्रेष्ठतम व्यवस्थाओं में से एक है जिसमें सीमित संसाधनों के द्वारा भी विजय प्राप्त करने की क्षमता विद्यमान है ऐसे अनेकों अवसर आये जब भारतीय सैनिकों ने अपनी जान की परवाह न करते हुए अपनी देशभक्ति का अदभुत परिचय दिया ।

धन्य है इस देश की वे माताएं जिन्होनें ऐसे वीर सपूतों को जन्म दिया । जिन्होने युवास्था में ही अपनी जिन्दगी देश के लिए न्यौछावर कर अपनी देश भक्ति की मिशाल पेश की । भारत चीन युद्ध हो या फिर भारत पाक युद्ध, कारगिल युद्ध हो या सीमा पार से छदम युद्ध ।

सभी में भारतीय सैनिकों ने बहादुरी की मिशाल पेश की । वो भी सीमित संसाधनों के द्वारा । जिससे भारतीय सेना को विश्व की श्रेष्ठतम सेना का दर्जा प्राप्त होता है । संसाधनों की यदि बात की जाये और यूरोप के देशों की सेना तो दूर पुलिस से भी भारतीय सेना के संसाधनों की तुलना की जाए तो हमारी जांबाज सेना के पास अत्याधुनिक संसाधनों का अभाव है ।

लेकिन संसाधनों के अभाव के बाद भी भारतीय सेना विश्व की किसी भी सेना से मुकाबला करने में श्रेष्ठ है जो केवल भारतीय सेना के अदभुत साहस के बल पर ही सम्भव है । यह सब सम्भव है उनके धैर्य पर भी जो अपने घर-परिवार से दूर देश की सीमा पर दिन-रात एक कर डटे हुए हैं और उफ तक नहीं करते ।

Essay in 400 words

जैसा कि हम सभी जानते हैं कि आज 15 जनवरी, 2020  है और हम सभी भारतीय सेना दिवस के शुभ अवसर का जश्न मनाने के लिए यहां एकत्र हुए हैं और इस कार्यक्रम की मेजबानी करना मेरी खुशी है। उत्सव शुरू होने से पहले, मैं हमारे माननीय सैनिकों के लिए कुछ शब्द कहना चाहूंगा।

आज हम अपने देश में सुरक्षित हैं क्योंकि हमारी सेना ने अपनी सीमाओं को सुरक्षित कर लिया है। उन्होंने हमारे कल को सुरक्षित रखने के लिए अपने आज को खतरे में डाल दिया। आज यदि हमारा देश अपनी स्वतंत्रता को बनाए रखने में सक्षम है, तो यह केवल सेना के कारण है। हालाँकि, हमें हर दिन सेना की रक्षा करने के लिए धन्यवाद देना चाहिए लेकिन यह दिन विशेष रूप से सेना के लिए समर्पित है और यह हमें इसके प्रति अपना प्यार और सम्मान दिखाने का मौका देता है।

इस दिन को विशेष रूप से भारत के लेफ्टिनेंट जनरल कोडेंद्र मदप्पा करियप्पा के सम्मान में मनाया जाता है। वह स्वतंत्र भारत के पहले सेना के कमांडर-इन-चीफ थे। राष्ट्रीय राजधानी (नई दिल्ली) में हर साल सेना दिवस मनाया जाता है जहां विभिन्न परेड और सैन्य कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं।

इस दिन, सभी मंत्री और विभिन्न अधिकारी नई दिल्ली के अमर जवान ज्योति पर इकट्ठा होते हैं, ताकि उन सैनिकों को विशेष श्रद्धांजलि दी जा सके जिन्होंने हमारी जान बचाने के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया था। देश में और साथ ही अन्य देशों के बीच भी शांति और सद्भाव बनाए रखने में भारतीय सेना का सबसे बड़ा योगदान है।

भारतीय सेना के इतिहास में ऐसे कई मामले सामने आए हैं जहां उन्होंने अन्य देशों को अपनी स्वतंत्रता की रक्षा करने में मदद की है। हम सभी भारतीय सेना की प्रकृति को जानते हैं कि यह दुनिया की सबसे मजबूत सेनाओं में से एक है, जब राष्ट्र की सुरक्षा की बात आती है, लेकिन दूसरी ओर, इसका एक नरम पक्ष भी है, जहां यह हमेशा दूसरे की मदद करने के लिए तैयार रहता है।

मानव अधिकारों की रक्षा और देशों के बीच कानून के शासन को बढ़ावा देकर भारतीय सेना न केवल बाहरी खतरों से बल्कि आंतरिक खतरों से भी देश की रक्षा करती है बल्कि प्राकृतिक आपदाओं की स्थितियों के दौरान, उत्तराखंड की आपदा में प्राकृतिक आपदाओं की पसंद की कई स्थितियों के दौरान भारतीय सेना एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

भारतीय सेना के जवान अपनी मातृभूमि और उसके नागरिकों की रक्षा के लिए खुद को बलिदान करने के लिए हमेशा तैयार रहते हैं। भारतीय सैनिक एक सच्चे देशभक्त के आदर्श प्रतीक हैं। वे अपने ही परिवारों को अपने देश की सेवा करने और दुनिया में गर्व करने के लिए छोड़ देते हैं। समर्पण, अनुशासन और देशभक्ति इनके विशेष लक्षण हैं। कोई भी सैनिक सीमा पर अपनी ड्यूटी करने से दूर नहीं रह सकता है। हम सभी को उनके प्रयासों की प्रशंसा करनी चाहिए और सीखना चाहिए कि एक सच्चा देशभक्त कैसा दिखता है।

इस नोट पर, मैं अपने भाषण का समापन करना चाहता हूं और हमारे स्कूल में इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए हमारे प्रिंसिपल और सभी सम्मानित शिक्षकों का विशेष धन्यवाद करता हूं और हमें अपने देश की सेना के प्रति अपना आभार व्यक्त करने का अवसर प्रदान करता है कि वे क्या करते हैं ।

Essay in 500 words

इस दिन हमारे देश की सेना अपनी आजादी का जश्न मनाती है। भारतीय सैनिक साल के 365 दिन हमारी आजादी को बचाने के लिए संघर्ष करते हैं इसलिए हमारा कर्तव्य है कि इस दिन हमें उनकी खुशियों में शामिल हो और उनकी कुर्बानियां को याद करें।

सेना दिवस की शुरुआत भारत के लेफ्टिनेंट जनरल केएम करिअप्पा को सम्मान देने के लिए की गई थी जो भारत के पहले प्रधान सेनापति थे इस दिन नई दिल्ली में सेना के सभी मुख्यालय में परेड्स और मिलिट्री शो का भी आयोजन किया जाता है।

15 जनवरी को इंडिया गेट पर बनी अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि भी दी जाती है। इस दिन दिल्ली में परेड आयोजित किया जाता है। उसमें सैनिकों के परिवारों को भी बुलाया जाता है। सैनिक उस समय जंग का एक नमूना पेश करते हैं और अपने कौशल योग रणनीति के बारे में भी बताते हैं तथा देश के युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं।

भारतीय सेना का संगठन

सन् 1776 में कोलकाता में ईस्ट इंडिया कंपनी ने भारतीय सेना का गठन किया था। पूरे देश में भारतीय सेना की 53 छावनीया और 9 बेस है। भारतीय सेना में सैनिक अपनी इच्छा अनुसार शामिल होते हैं उन पर कोई जोर जबरदस्ती नहीं होती है जबकि भारतीय संविधान में सैनिकों को जबरदस्ती भर्ती करवाने का भी प्रावधान होता है लेकिन इसकी आवश्यकता अभी तक नहीं पड़ी।

दुनिया के सबसे ऊंचे पुल का निर्माण भारतीय सेना ने किया था हिमालय पर्वत की द्रास और सुरू नदियों के बीच लद्दाख की घाटी में स्थित है भारतीय सेना ने इसका निर्माण अगस्त सन् 1982 में किया था।

भारतीय सेना दिवस का उद्देश्य

भारत देश की सीमाओं की रक्षा करने के लिए अपने प्राणों का बलिदान देने वाले वीर शहीदों को श्रद्धांजलि देना और देश की रक्षा करना ही भारतीय सेना दिवस का मुख्य उद्देश्य है। इस दिन सेना के प्रमुख “सेना पदक” और अन्य पुरस्कारों से सम्मानित करते हैं। दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देने वाले वीर जवानों और देश के लिए बलिदान देने वाले वीर शहीदों के परिवार वालों को।

यह दिन देश के प्रति समर्पण और कुर्बानी देने की प्रेरणा का पवित्र अवसर माना जाता है। भारतीय सेना प्राकृतिक आपदा अशांति और बचाव एवं मानवीय सहायता पहुंचाने में प्रशासन का भी सहयोग करती है।

भारतीय सेना दिवस पर सेना हमें सुरक्षा का एहसास कराती है और उस पर वह हमेशा खरी उतरती है। देश पर आई मुसीबत से बचाने के लिए भारतीय सेना अपनी जान की बाजी लगाकर लड़ती है और भारतीयों को सुरक्षित करने की पूरी कोशिश करती है। भारतीय सेना देश में होने वाले प्राकृतिक आपदाओं के समय भी अपनी जान की बाजी लगाकर देशवासियों की सुरक्षा करती है।

15 जनवरी के दिन भारतीय सेना उन सभी वीर शहीदों को सलामी देती है जिन्होंने अपने देश के लोगों के लिए अपना सब कुछ न्योछावर कर दिया। सीमा पर तैनात उन वीर जवानों को देखना चाहिए जो खून को जमा देने वाली ठंड में भी हमारी सीमाओं की रक्षा के लिए अपना जी जान लगा देते हैं।

15 जनवरी को भारतीय सेना अपना सेना दिवस मनाकर अपने बहादुर को सलाम करती है। इस दिन इंडियन आर्मी का अपना पहला भारतीय कमांडर इन चीफ यानी की आर्मी चीफ मिला था। देश की रक्षा में अपने प्राण को त्याग दिए और उन सैनिकों को भी सलाम करना है जो देश की सेवा में लगे हुए हैं।

नभ हो, जल हो, थल हो सेना बोलती नहीं, सेना पराक्रम दिखाती है। भारत का सैन्य बल मानवता की एक बहुत बड़ी मिसाल है जो लोगों की रक्षा करती है क्योंकि जब भी भारत वर्ष पर संकट आया है भारतीय सेना कभी पीछे नहीं हटी है।

भारतीय सेना के सैनिक अपनी सेवा को जारी रखने तथा देश की सुरक्षा करने की कसम खाते हैं और हमेशा दुश्मन का डटकर सामना करने के लिए तैयार खड़े रहते हैं चाहे वह घरेलू हिंसा हो या दूसरे देशों के दुश्मनों से हो।

भारत और चीन की लड़ाई

सन् 1962 में भारत और चीन के बीच एक युद्ध हुआ था जिसमें चीन ने भारत सीमा के अंदर तक कई चौकियों पर अपना कब्जा कर रखा था इसलिए भारतीय सैनिकों ने चीन पर हमला बोलकर उनके द्वारा कब्जा की गई चौकियों को फिर से अपने कब्जे में कर लिया था। चीन, भारत के मैकमहोन रेखा को अंतर्राष्ट्रीय सीमा मान लेने के लिए जोर डाल रहा था इसीलिए भारत और चीन के बीच संघर्ष छिड़ गया था।

 

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