बसंत पंचमी श्लोक – Basant panchami shlok in Hindi, Sanskrit & Marathi

Basant Panchami shlok

बसंत पंचमी पूरे देश में देवी सरस्वती की पूजा के लिए मनाई जाती है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, बसंत पंचमी माघ महीने (जनवरी-फरवरी) के पांचवें दिन मनाई जाती है। बसंत का अर्थ वसंत है और यह त्योहार सर्दियों के अंत और वसंत की शुरुआत का प्रतीक है। बंगाल, हरियाणा, पंजाब, ओडिशा, असम सहित अन्य लोग इस त्योहार को उत्साह के साथ मनाते हैं।  Happy vasant panchami!!!!

sanskrit shlok on basant panchami

1) आसुरमिति च ब्रह्मविष्यवीशानेन्द्रादीनामैश्वर्यकामनया
निरशनजपाग्निहोत्रादि-ष्वन्तरात्मानं संतापयति
चात्युग्ररागद्वेषविहिंसादम्भाद्यपेक्षितं तप आसुरम्।।

भावार्थः
जो ब्रह्मा, विष्णु, ईशान और इन्द्र आदि देवों के ऐश्वर्य की कामनापूर्वक व्रत, जप, यज्ञ आदि में अन्तरात्मा को तपाये तथा अत्युग्र राग-द्वेष, हिंसा, दम्भ आदि दुर्गुणों से युक्त होकर जो तप करे, वह आसुरी तप कहलाता है।” via=”no”]

 

2) वीणाधरे विपुलमङ्गलदानशीले भक्तार्तिनाशिनि विरिञ्चिहरीशवन्द्ये।
कीर्तिप्रदेऽखिलमनोरथदे महार्हे विद्याप्रदायिनि सरस्वतिनौमि नित्यम्।।

भावार्थः
हे वीणा धारण करने वाली, अपार मंगल देने वाली, भक्तों के दुःख छुड़ाने वाली, ब्रह्मा, विष्णु और शिव से वन्दित होने वाली कीर्ति तथा मनोरथ देने वाली, पूज्यवरा और विद्या देने वाली सरस्वती! आपको नित्य प्रणाम करता हूँ।

 

3) लक्ष्मीर्मेधा धरा पुष्टिर्गौरी तुष्टि: प्रभा धृति:।
एताभि: पाहि तनुभिरष्टाभिर्मां सरस्वति।।

भावार्थः
हे मां सरस्वती! लक्ष्मी, धरा, गौरी, तुष्टि, धृति, मेघा, पुष्टि, प्रभा – इन आठ मूर्तियों से मेरी रक्षा करो।

सरस्वती वंदना अर्थ सहित

4) या कुन्देन्दुतुषारहारधवला या शुभ्रवस्त्रावृता।
या वीणावरदण्डमण्डितकरा या श्वेतपद्मासना।
या ब्रह्माच्युत शंकरप्रभृतिभिर्देवैः सदा वन्दिता।
सा माम् पातु सरस्वती भगवती निःशेषजाड्यापहा।।

भावार्थः
जो विद्या की देवी भगवती सरस्वती कुन्द के फूल, चंद्रमा, हिमराशि और मोती के हार की तरह धवल वर्ण की हैं और जो श्वेत वस्त्र धारण करती हैं, जिनके हाथ में वीणा-दण्ड शोभायमान है, जिन्होंने श्वेत कमलों पर आसन ग्रहण किया है तथा ब्रह्मा, विष्णु एवं शंकर आदि देवताओं द्वारा जो सदा पूजित हैं, वही संपूर्ण जड़ता और अज्ञान को दूर कर देने वाली मां सरस्वती हमारी रक्षा करें।

 

5) शुक्लां ब्रह्मविचारसारपरमामाद्यां जगद्व्यापिनीं।
वीणापुस्तकधारिणीमभयदां जाड्यान्धकारापहाम्।
हस्ते स्फाटिकमालिकां च दधतीं पद्मासने संस्थितां
वन्दे ताम् परमेश्वरीं भगवतीं बुद्धिप्रदां शारदाम्।।

भावार्थः
जिनका रूप श्वेत है, जो ब्रह्मविचार की परम तत्व हैं, जो सब संसार में फैले रही हैं, जो हाथों में वीणा और पुस्तक धारण किये रहती हैं, अभय देती हैं, मूर्खतारूपी अन्धकार को दूर करती हैं, हाथ में स्फटिकमणि की माला लिए रहती हैं, कमल के आसन पर विराजमान होती हैं और बुद्धि देनेवाली हैं, उन आद्या परमेश्वरी भगवती सरस्वती की मैं वन्दना करता हूँ।

बसंत पंचमी के श्लोक – basant panchami shlok in hindi

6) पातु नो निकषग्रावा मतिहेम्न: सरस्वती।
प्राज्ञेतरपरिच्छेदं वचसैव करोति या।।

भावार्थः
बुद्धिरूपी सोने के लिए कसौटी के समान सरस्वती जी, जो केवल वचन से ही विद्धान् और मूर्खों की परीक्षा कर देती है, हमलोगों का पालन करें।

 

7) सरस्वति महाभागे विद्ये कमललोचने।
विद्यारूपे विशालाक्षि विद्यां देहि नमोऽस्तु ते।।

भावार्थः
हे महा भाग्यवती, ज्ञानदात्री, ज्ञानरूपा कमल के समान विशाल नेत्र वाली सरस्वती! मुझे विद्या दो, मैं आपको नमस्कार करता हूँ।

बसंत पंचमी पर संस्कृत में श्लोक – basant panchami shloka in sanskrit

8) वसंतपञ्चमी
आशास्महे नूतनहायनागमे भद्राणि पश्यन्तु जनाः सुशान्ताः।
निरामयाः क्षोभविवर्जितास्सदा मुदा रमन्तां भगवत्कृपाश्रयाः।।

भावार्थः
आप सब को और आप के परिवार को बसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाये। मैं ईश्वर से आपके उज्जवल भविष्य और हमारे सम्बन्धो में वृद्धि की कामना करता हूँ।

 

9) सरस्वति नमौ नित्यं भद्रकाल्यै नमो नम:।
वेदवेदान्तवेदाङ्गविद्यास्थानेभ्य एव च।।

भावार्थः
माँ सरस्वती को मेरा नित्य प्रणाम! भद्रकाली को मेरा नमस्कार है। वेद, वेदान्त, वेदांग तथा विद्याओं के स्थानों को नमस्कार।

बसंत पंचमी पर श्लोक

10) शारदा शारदाभौम्वदना। वदनाम्बुजे।
सर्वदा सर्वदास्माकमं सन्निधिमं सन्निधिमं क्रिया तू।

भावार्थः
शरद काल में उत्पन्न कमल के समान मुखवाली और सब मनोरथों को देने वाली मां शारदा समस्त समृद्धियों के साथ मेरे मुख में सदा निवास करें।

बसंत पंचमी श्लोक

11) सरस्वतीं च तां नौमि वागधिष्ठातृदेवताम्।
देवत्वं प्रतिपद्यन्ते यदनुग्रहतो जना:।।

भावार्थः
मेरा वाणी की अधिष्ठात्री देवी सरस्वती को नमस्कार! इनकी कृपा से मानव देवता जैसा बन जाता है।

Saraswati Sloka in Sanskrit with Meaning in Hindi

12) भास्करस्य यथा तेजो मकरस्थस्य वर्धते।
तथैव भवतां तेजो वर्धतामिति कामये।।

भावार्थः
जिस प्रकार मकर राशि में सूर्य का तेज बढ़ता जाता है, ठीक उसी प्रकार आपके स्वास्थ्य और समृद्धि भी बढ़ती जाएं ऐसी हम कामना करते हैं।

 

13) आशासु राशीभवदङ्गवल्लीभासैव दासीकृतदुग्धसिन्धुम्।
मन्दस्मितैर्निन्दितशारदेन्दुं वन्देऽरविन्दासनसुन्दरी त्वाम्।।

भावार्थः
कमल पर विराजमान होने वाली हे मां सरस्वती! तुम सब दिशाओं में पुंजीभूत हुई अपनी देहलता की आभा से ही क्षीर-समुद्र को दास बनाने वाली और मन्द मुसकान से शरद् ऋतु के चन्द्रमा को तिरस्कृत करने वाली हो, मेरा आपको नमस्कार।

Basant Panchami Sanskrit Shlok

14) गेहूं: स्निग्धं मनोऽस्तु वाण्यां गुडवन्माधुर्यम्।
तिलगुडलड्डुकवत् सम्बन्धेऽस्तु सुवृत्तत्त्वम्।।

भावार्थः
तिल के समान हमारा सभी का मन हो, जैसे गुड़ मीठा होता है उतने मीठे हमारे शब्द हो। तिल और गुड़ जितनी प्रबलता से जुड़े होते हैं उसके जैसे हम सभी के सम्बन्ध हो।

 

15) मोहान्धकारभरिते ह्रदये मदीये मात: सदैव कुरु वासमुदारभावे।
स्वीयाखिलावयवनिर्मलसुप्रभाभि: शीघ्रं विनाशय मनोगतमन्धकारम्।।

भावार्थः
हे उदार बुद्धिवाली माँ! मोहरूपी अन्धकार से भरे मेरे हृदय में सदा निवास करो और अपने सब अंगो की निर्मल कान्ति से मेरे मन के अन्धकार का शीघ्र नाश करो।

Basant Panchami Saraswati Puja

16) ‘यथा भेदं’ न पश्यामि शिवविष्ण्वर्कपद्मजान्।
तथा ममास्तु विश्वात्मा शंकर: शंकर: सदा।।

भावार्थः
मैं विष्णु व शिव और ब्रम्हा और सूर्य में कोई अंतर नहीं करता, शंकर जो विश्वात्मा है वो सबका कल्याण करने वाला है। दूसरे शंकर शब्द का अर्थ है-शं कल्याणं करोति।

 

17) श्वेताब्जपूर्णविमलासनसंस्थिते हे श्वेताम्बरावृतमनोहरमञ्जुगात्रे।
उद्यन्मनोज्ञसितपङ्कजमञ्जुलास्ये विद्याप्रदायिनि सरस्वति नौमि नित्यम्।।

भावार्थः
श्वेत कमल आसान पर आसीत होने वाली, श्वेत वस्त्रों से ढके सुन्दर शरीर वाली, खिले हुए सुन्दर श्वेत कमल के समान मंजुल मुखवाली और विद्या देने वाली सरस्वती! आपको नित्य प्रणाम करता हूँ।

Saraswati Sloka in Sanskrit

इसलिए हम आपके लिए इस बसंत पंचमी के पावन अवसर पर वसंत पंचमी श्लोका, Basant Panchami essay, Basant panchami shlok in Hindi, Sanskrit & Marathi की जानकारी लाए है जो आप अपने team, to friend, to husband, to teacher, to family, from company to all, to employees, kavita to wife, to customers, to sir, to colleagues with images, to clients, to girlfriend, to manager Hindi, English, Urdu, Gujarati, Marathi, Tamil, Telugu, Malyalam, Kannad, Punjabi, Nepali, Bhojpuri उर्दू, हिंदी, इंग्लिश, मराठी, पंजाबी, तमिल, तेलगु, कन्नड़, मलयालम, गुजराती, नेपाली व अन्य लैंग्वेज hindi Language & Font में हर वर्ष 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017, 2021 के मुताबिक़ collection देख सकते हैं|

18) महो अर्णः सरस्वती प्र चेतयति केतुना।
धियो विश्वा वि राजति।।

भावार्थः
हे मां सरस्वती देवी, अपने इस विशाल सागर से आप हम सभी को ज्ञान प्रदान कर रही है। कृपा करके इस पूरे संसार को अपार बुद्धि से सुशोभित करें।

 

19) वसंतपञ्चमीशुभाशयाः।

भावार्थः
बसंत पंचमी की शुभेच्छा।

 

20) आपृच्छस्व पुराणम् आमन्त्रयस्व च नवम् आशा-सुस्वप्न-जिगीषाभिः।
वसंतपञ्चमीशुभाशयाः

 

21) वतु प्रीणातु च त्वां भक्तवत्सलः ईश्वरः।
वसंतपञ्चमीशुभाशयाः/ शुभाशयाः/शुभाकाङ्क्षाः

भावार्थः
बसन्त पंचमी की शुभकामनाएं।

 

22) वसंतपञ्चमी उत्सवस्य शुभाशयाः।

भावार्थः
आपको बसन्त पंचमी उत्सव की शुभकामनाएं।

Basant panchami celebrated in which state: बसंत पंचमी भारत देश में Tripura, Odisha, Nagaland, Sikkim, Meghalaya, Jharkhand, Mizoram, Assam, West Bengal, Manipur, Bihar, Arunachal Pradesh, Andaman and Nicobar Islands, Andhra Pradesh, Puducherry, Dadra and Nagar Haveli, Telangana, Tamil Nadu, Gujarat, Karnataka, Goa, Kerala, Daman and Diu, Maharashtra, Chhattisgarh, Delhi, Madhya Pradesh, Haryana, Rajasthan, Himachal Pradesh, Uttar Pradesh, Jammu and Kashmir, Uttarakhand, Chandigarh, Punjab, आदि राज्यों में मनाया जाता है|

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