अनवर जलालपुरी का जन्म शहर जलालपुर में हुआ था जो की उर्दू कवियों के लिए अत्यंत प्रसिद्ध रहा है। उन्होंने खुद को 3 अलग-अलग भाषाओं में स्थापित कर अपने जीवन में कई उपलब्धियां हासिल कीं। वह अंग्रेजी में प्रोफेसर और कवि थे, हाल ही में उनका निधन हुआ है| उन्होंने भगवद गीता के श्लोकों को उर्दू छंदों में अनुवाद किया है। सांप्रदायिक और जातीय सद्भाव को बढ़ावा देने की इच्छा से प्रेरित होने यह काम किया और दिखा दिया की धर्म व जाती सिर्फ नाम ककी हैं असल में हम सब इंसान हैं| आज हम लाये हैं अनवर जलालपुरी की मशहूर शायरियां व साथ ही कुछ मशहूर कवितायेँ, ग़ज़ल व् कविता New, Best, Latest, Two Line, Hindi, Urdu, Shayari, Sher, Ashaar, Collection, Shyari, नई, नवीनतम, लेटेस्ट, हिंदी, उर्दू, शायरी, शेर, नज़्म, अशआर, संग्रह के कुछ अंश पेश कर रहे हैं|
Anwar jalalpuri shayari in hindi
Shayari of Anwar Jalalpuri इस प्रकार है :
maiñ ne likhkhā hai use maryam o siitā kī tarah
jism ko us ke ajantā nahīñ likhkhā maiñ ne Click To Tweet
chāho to mirī āñkhoñ ko ā.īna banā lo
dekho tumheñ aisā koī darpan na milegā Click To Tweet
ab naam nahīñ kaam kā qaa.el hai zamāna
ab naam kisī shaḳhs kā rāvan na milegā Click To Tweet
merā har sher haqīqat kī hai zinda tasvīr
apne ash.ār meñ qissa nahīñ likhkhā maiñ ne Click To Tweet
anwar jalalpuri shayari
ख्वाहिश मुझे जीने की ज़ियादा भी नहीं है
ख्वाहिश मुझे जीने की ज़ियादा भी नहीं है
वैसे अभी मरने का इरादा भी नहीं है
हर चेहरा किसी नक्श के मानिन्द उभर जाए
ये दिल का वरक़ इतना तो सादा भी नहीं है
वह शख़्स मेरा साथ न दे पाऐगा जिसका
दिल साफ नहीं ज़ेहन कुशादा भी नहीं है
जलता है चेरागों में लहू उनकी… Click To Tweet
उम्र भर जुल्फ-ए-मसाऐल यूँ ही सुलझाते रहे
anwar jalalpuri shayari in hindi
sabhī ke apne masā.il sabhī kī apnī anā
pukārūñ kis ko jo de saath umr bhar merā Click To Tweet
na jaane kyuuñ adhūrī hī mujhe tasvīr jachtī hai
maiñ kāġhaz haath meñ lekar faqat chehra banātā huuñ Click To Tweet
anwar jalalpuri ki shayari
रात भर इन बन्द आँखों से भी क्या क्या देखना देखना एक ख़्वाब और वह भी अधूरा देखना कुछ दिनों से एक अजब मामूल इन आँखों कुछ आये या न आये फिर भी रस्ता देखना ढूंढ़ना गुलशन के फूलों में उसी की शक्ल को चाँद के आईने में उसका ही चेहरा देखना खुद ही तन्हाई में करना… Click To Tweetअनवर जलालपुरी शायरी
दिल को जब अपने गुनाहों का ख़याल आ जायेगा साफ़ और शफ्फ़ाफ़ आईने में बाल आ जायेगा भूल जायेंगी ये सारी क़हक़हों की आदतैं तेरी खुशहाली के सर पर जब ज़वाल आ जायेगा मुसतक़िल सुनते रहे गर दास्ताने कोह कन बे हुनर हाथों में भी एक दिन कमाल आ जायेगा ठोकरों पर… Click To Tweetanwar jalalpuri shayri in hindi
अभी तो शाम है ऐ दिल अभी तो रात बाक़ी है
अभी तो शाम है ऐ दिल अभी तो रात बाक़ी है
अमीदे वस्ल वो हिजरे यार की सौग़ात बाक़ी है
अभी तो मरहले दारो रसन तक भी नहीं आये
अभी तो बाज़ीये उलफ़त की हर एक मात बाक़ी है
अभी तो उंगलियाँ बस काकुले से खेली हैं
तेरी ज़ुल्फ़ों से कब खेलें ये बात बाक़ी है
अगर… Click To Tweet
क़याम-गाह न कोई न कोई घर मेरा