बाल श्रम विरोधी दिवस पर निबंध 2022-23 | Anti Child Labour Day Essay in Hindi Pdf Download

Essay on Anti Child Labour day in English

Anti Child Labour Day 2022: अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन (ILO) ने बाल श्रम की वैश्विक सीमा और इसे खत्म करने के लिए आवश्यक कार्रवाई और प्रयासों पर ध्यान केंद्रित करने के लिए 2002 में बाल दिवस के खिलाफ विश्व दिवस का शुभारंभ किया। प्रत्येक वर्ष 12 जून को, विश्व दिवस बाल श्रमिकों की दुर्दशा को उजागर करने के लिए सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों, नागरिक समाज के साथ-साथ दुनिया भर के लाखों लोगों को एक साथ लाता है और उनकी मदद के लिए क्या किया जा सकता है।

12 जून विश्व बाल श्रम विरोधी दिवस पर हिंदी निबंध

भागती दौडती जिन्दगी की कमान शायद ही किसी के हाथो मे हो और बचपन को तो मानो कोई खरीद नही सकता लेकिन फर्क सिर्फ केवल इस बात का है कि किसी के पैरो को चुभे काँटो को चप्पल नसीब हुई भी है कि नही, फटे कपडे, बिखरे बाल शायद ही बचपन को मुस्कुराने से रोक सकते है लेकिन कभी-कभार भीड भी आपको सबसे अलग बना देती है जहाँ फर्क आता है अमीरी और गरीबी का

चाहे हम आज की इस दुनिया में कितनी की ढकोसले बाज़ी क्यूँ ना कर ले हम सब ये चीज़ मानते हैं की अक्सर जो लोग दुनिया के सामने अच्छाई का नकाब पहने रखते हैं वो सिर्फ उनका दिखावा होता हैं. कितनी दिल को चीरने को आती हैं वो खबरे जब हम आये दिन अखबारों में, टीवी की खबरों में पढ़ते हैं की फलाना संस्था के रक्षक बन गए भक्षक.

बचपन इतना मासूम होता है की उसे शुरुवात में इस चीज़ का भी ज्ञान नहीं होता की उसके पेट में दर्द क्यूँ हो रहा हैं ये बात उसे तब समझ में आती हैं जब बड़ा हो जाता हैं और इसी अनुभव में जी कर उसे समझ आता हैं की ज़िन्दगी जीनी हैं तो इसी दर्द से लड़कर कुछ करना होगा जिससे वो अपने साथ वालो का और अपना पेट का दर्द या कहूँ तो भूख को खत्म कर सके.

इनमे से कुछ बदकिस्मत तो वो होते हैं जो इस दर्द के साथ खुद को ही मिटा देते हैं क्यूंकि इतनी गरीबी में लड़ना किसी को शौक तो ज़ाहिर सी बात हैं होगा नहीं और कुछ वो ऐसे भी होते हैं जो लड़ने की हिम्मत तो रखते हैं लेकिन बीमारी का राक्षस उनका हौंसला तोड़ कर उन्हें कमज़ोर बना कर अपने आगोश में लेना चाहता हैं और कभी कभी वो जीत भी जाता हैं.

तेज धूप हो या भारी बरसात इन गरीब बच्चो की सडके परवाह नही करती मौसम के मार की हमको उन सबको देख कर लगता है कि पैसे ने अपनी ताकत से सबकुछ खरीद लिया है बस रह गया है तो वो बचपन जो आज भी अपनी जिन्दगी की कहानी ढूँढ रहा है
जब गन्दगी मे रहना उनकी मजबूरी बन जाती है तो इसे वो जिन्दगी का एक हिस्सा बना लेते है।

World Anti Child Labour Day Essay in Hindi

Essay on Anti Child Labour day

2019 में, अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन सामाजिक न्याय को आगे बढ़ाने और सभ्य काम को बढ़ावा देने के 100 साल मना रहा है।

फिर भी आज 152 मिलियन बच्चे अभी भी बाल मजदूरी में हैं। बाल श्रम लगभग सभी क्षेत्रों में होता है, फिर भी इनमें से प्रत्येक 10 में से 7 बच्चे कृषि में काम कर रहे हैं।

इस विश्व दिवस पर बाल श्रम से निपटने पर देशों को 100 साल की ILO सहायता प्राप्त हुई प्रगति पर फिर से गौर करेंगे। हम 2025 तक अपने सभी रूपों में बाल श्रम को समाप्त करने के लिए अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा बुलाए गए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य लक्ष्य 8.7 की ओर भी देखेंगे।

इस वर्ष, बाल श्रम के खिलाफ देशों को 100 साल से अधिक की आईएलओ सहायता प्राप्त विश्व बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस वापस दिखाई देगी। 1919 में इसकी स्थापना के बाद से, बच्चों की सुरक्षा ILO के संविधान (प्रस्तावना) में सन्निहित है। ILO द्वारा अपनाए गए पहले सम्मेलनों में से एक उद्योग में न्यूनतम आयु (नंबर 5, 1919) पर था।

“यह बचपन का शोषण है जो बुराई का निर्माण करता है… मानव हृदय के लिए सबसे असहनीय है। सामाजिक कानून में गंभीर काम हमेशा बच्चों की सुरक्षा के साथ शुरू होता है। ”पहले ILO निदेशक, अल्बर्ट थॉमस

इस विश्व दिवस पर, हम 2025 तक अपने सभी रूपों में बाल श्रम को समाप्त करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदाय द्वारा बुलाए गए संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्य लक्ष्य 8.7 की ओर भी देखेंगे। एलायंस 8.7 के समर्थन में, हम संबोधित करने के लिए तत्काल कार्रवाई के लिए कहते हैं। शेष चुनौतियां, ताकि विश्व समुदाय बाल श्रम को खत्म करने की दिशा में मजबूती से आगे बढ़ सके। एक नई जारी आईएलओ रिपोर्ट नीति दृष्टिकोण और प्रतिक्रियाओं के साथ रास्ता बताती है।

बाल श्रम सम्मेलन, 1999 के ILO के सबसे बुरे रूप को अपनाने के 20 साल बाद 2020 अंक। केवल कुछ देशों के साथ अभी भी अनुसमर्थन करने के लिए, यह सम्मेलन सार्वभौमिक अनुसमर्थन के करीब है। इस विश्व दिवस पर हम कन्वेंशन नंबर 182 और ILO के न्यूनतम आयु कन्वेंशन, 1973 के पूर्ण अनुसमर्थन और कार्यान्वयन के लिए कहते हैं। हम 2014 के प्रोटोकॉल को मजबूर श्रम सम्मेलन के अनुसमर्थन के लिए प्रोत्साहित करते हैं, जो वयस्कों और बच्चों दोनों की सुरक्षा करता है।

बाल श्रम के खिलाफ विश्व दिवस व्यापक रूप से सरकारों, नियोक्ताओं और श्रमिक संगठनों, संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों और कई अन्य लोगों द्वारा समर्थित है जो बाल श्रम से निपटने के लिए चिंतित हैं। हम आपको और आपके संगठन को विश्व दिवस का हिस्सा बनने के लिए आमंत्रित करना चाहते हैं। हमसे जुड़ें और बाल श्रम के खिलाफ विश्वव्यापी आंदोलन में अपनी आवाज जोड़ें।

Essay on Anti Child Labour Day in Hindi

‘विश्व बाल श्रम निषेध दिवस’ प्रति वर्ष दिनांक 12 जून को सम्पूर्ण विश्व में मनाया जाता है। विश्व बाल श्रम निषेध दिवस को मनाने का अभिप्राय पूरे विश्व को बाल श्रम के विरुद्ध जागृत करना एवं बच्चों को बाल मजदूरी से बचाना है। अंतर्राष्ट्रीय मजदूर संगठन द्वारा सर्वप्रथम 2002 में इस दिवस को सृजित किया गया और तब से यह प्रत्येक वर्ष मनाया जाता है।

बाल श्रम की धारणा तथा परिभाषा चाहे अंतर्राष्ट्रीय हो या भारतीय ढांचागत कार्य में विद्यमान वैधानिक और नीतिगत दस्तावेजों के अधिकार में बदलाव एवं परिवर्तन है। बाल श्रम समाज की भीषणतम बुराइयों में से एक है तथा किसी भी देश के लिए अभिशाप है।

विश्व के करोड़ों लड़के व लड़कियां समाज की इस बुराई से ग्रसित हैं जिनके प्रति समाज को जागृत करने हेतु विश्व बाल श्रम निषेध दिवस मनाया जाता है। इस दिन सरकार एवं विभिन्न सामाजिक संगठनों द्वारा विभिन्न प्रकार की संगोष्ठियाँ एवं कार्यक्रम आयोजित किये जाते हैं।

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Anti Child Labour Day 2020 celebrates on the 30th April in Indian and Anti child Labour day is observed across the world on 12th June 2020 every year to bring aware about the important of education by organizing various programme to the prevention of child labour. Himalai IAS Coaching Centre in Bangalore aims is to bring awareness about current affairs for the Civil Services Exam like IAS exam, KAS exam, banking exam and other competitive exams.

  • World day against child labour day observed on April 30th in India and is seen as Anti-Child Labour Day for the future of children.
  • The World Day Against Child Labour globally celebrated on 12th of June every year. According to the a study done by Campaign Against Child Labour (CAC), India has 1,26,66,377 as of 2016 by the UN.
  • The United Nations and International Labour Organization (ILO) took brave steps to launched the World Day Against Child Labour in 2002, anti child lobour day theme in order to bring attention and join efforts to fight against child labour and spread importance of education for the future children.
  • On Anti-Child Labour Day 2020 theme brings together governments, civil society and international, local authorities, workers and employers organizations to spread awareness about the child labour problem and define the guidelines to help child labourers along with free education scheme upto 10th in government schools and foods.

2020 update

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