Uncategorized

15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस पर भाषण – Independence Day Bhashan in Hindi Pdf for Students Class 1-12 & Teachers

Independence Day Bhashan in Hindi Pdf

Independence Day 2023 : भारत के महान और गौरवान्वित इतिहास में 15 अगस्त एक अहम् महत्व रखती है| इसी तारिक पर 1947 के समय भारत ग्रेट ब्रिटैन के शाशन से पूर्ण रूप से स्वतंत्र हो गया था| स्वतंत्रता दिवस भारत के हर नागरिक के लिए एक बहुत ही ख़ास दिन होता है| इस दिन पर बहुत से लोग ध्वजा रोपण करके तिरंगे की शान को और भी उच्चा करते है| इस दिन पर भारत के प्रधान मंत्री दिल्ली के लाल किले पर जाकर द्वाजारोपण करते है|

इस पोस्ट में हम आपको 15 अगस्त भाषण, 15 अगस्त पर भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर भाषण हिंदी में, भारतीय स्वतंत्रता दिवस पर भाषण, स्वतंत्रता दिवस का भाषण, स्वतंत्रता दिवस के लिए भाषण, swatantrata diwas bhashan in hindi, राष्ट्रपति भाषण स्वतंत्रता दिवस, स्वतंत्रता दिवस भाषण हिन्दी, स्वतंत्रता दिवस भाषण इन मराठी, हिंदी, इंग्लिश, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के डिबेट प्रतियोगिता, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये भाषण कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

15 अगस्त पर भाषण हिन्दी मे

दिन के सम्माननीय मुख्य अतिथि, आदरणीय अध्यापकगण, अभिभावक और मेरे प्यारे मित्रों को सुबह का नमस्कार। मैं आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई देता हूँ। हम सभी यहाँ बड़े भीड़ में इकठ्ठा होने का कारण जानते है। इस महान दिन को उत्कृष्ट तरीके से मनाने के लिये हम सभी उत्साहित है। अपने राष्ट्र का 69वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिये हम सभी यहाँ इकठ्ठा हुए है। सबसे पहले हम अपना राष्ट्रीय झंडा फहराते है फिर उसके बाद स्वतंत्रता सेनानीयों के वीरता युक्त कार्य को सलामी देते है। मुझे भारतीय नागरिक होने पर गर्व महसूस होता है। आप सब के समक्ष स्वतंत्रता दिवस पर भाषण देने का मुझे अच्छा अवसर मिला है। मैं अपने आदरणीय क्लास टीचर को धन्यवाद देना चाहूँगा कि उन्होंने मुझे भारत की आजादी पर आप सबके सामने अपना विचार रखने का मौका दिया।

हम सभी हर साल 15 अगस्त के दिन स्वतंत्रता दिवस मनाते है क्योंकि 14 अगस्त 1947 की रात को भारत को आजादी मिली। भारत की आजादी के तुरंत बाद, नई दिल्ली में स्वतंत्रता दिवस को पंडित जवाहर लाला नेहरु ने भाषण दिया। जब पूरी दुनिया के लोग सो रहे थे, ब्रिटीश शासन से जीवन और आजादी पाने के लिये भारत में लोग जगे हुए थे। अब, स्वतंत्रता के बाद, दुनिया में भारत सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है। हमारा देश विविधता में एकता के लिये प्रसिद्ध है। इसने कई घटनाओं का सामना किया इसके धर्मनिरपेक्षता को परखने के लिये जबकि भरतीय लोग हमेशा अपनी एकता से जवाब देने के लिये तैयार रहते है।

अपने पूर्वजों के कड़े संघर्षों की वजह से हम अपनी आजादी का उपभोग करने लायक बने है और अपनी इच्छा से खुली हवा में साँस से सकते है। अंग्रेजों से आजादी पाना बेहद असंभव कार्य था लेकिन हमारे बाप-दादाओं ने लगातार प्रयास से इसको प्राप्त कर लिया। हम उनके किये कार्य को कभी भूल नहीं सकते और हमेशा इतिहास के द्वारा उन्हें याद करते रहेंगे। केवल एक दिन में सभी स्वतंत्रता सेनानीयों के कामों को हम याद नहीं कर सकते हालाँकि दिल से उन्हें सलामी दे सकते है। वो हमेशा हमारी यादों में रहेंगे और पूरे जीवन के लिये प्रेरणा का कार्य करेंगे। आज सभी भारतीयों के लिये बहुत महत्वपूर्ण दिन है जिसको हम महान भारतीय नेताओं के बलिदानों को याद करने के लिये मनाते है, जिन्होंने देश की आजादी और समृद्धि के लिये अपना जीवन दे दिया। भारत की आजादी मुमकिन हो सकी क्योंकि सहयोग, बलिदान, और सभी भारतीयों की सहभागिता थी। हमें महत्व और सलामी देनी चाहिये उन सभी भारतीय नागिरकों को क्योंकि वो असली राष्ट्रीय हीरो थे। हमें धर्मनिरपेक्षता में भरोसा रखना चाहिये और एकता को बनाए रखने के लिये अलग नहीं होना है जिससे इसे कोई तोड़ न सके और हम पर फिर से राज न कर पाये।

हमें आज कमस खाना चाहिये कि हम कल के भारत के एक जिम्मेदार और शिक्षित नागरिक बनेंगे। हमें गंभीरता से अपने कर्तव्यों को निभाना चाहिये और लक्ष्य प्राप्ति के लिये कड़ी मेहनत करनी चाहिये तथा सफलतापूर्वक इस लोकतांत्रित राष्ट्र को नेतृत्व प्रदान करना चाहिये।

जयहिन्द, जयभारत।

स्वतंत्रता दिवस पर भाषण

इन swatantrata diwas bhashan in marathi को आप किसी भी भाषा जैसे Hindi, हिंदी फॉण्ट, मराठी, गुजराती, Urdu, उर्दू, English, sanskrit, Tamil, Telugu, Marathi, Punjabi, Gujarati, Malayalam, Nepali, Kannada के Language Font में साल 2007, 2008, 2009, 2010, 2011, 2012, 2013, 2014, 2015, 2016, 2017 का full collection जिसे आप अपने अध्यापक, मैडम, mam, सर, बॉस, माता, पिता, आई, बाबा, sir, madam, teachers, boss, principal, parents, master, relative, friends & family whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं

माननीय अतिथि, वरिष्ठ प्रबंधक, प्रबंधक, अन्य कर्मचारी सदस्य और मेरे प्यारे दोस्तों – आप सभी को मेरा नमस्कार!

मुझे स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर आपके सामने खड़े होकर इस विशेष दिन के अवसर पर आप सभी को संमबोधित करते हुए बहुत खुशी महसूस हो रही है। हम सभी भारतीवासी स्वतंत्रता दिवस के महत्व को बहुत अच्छी तरह से समझते हैं और ब्रिटिश शासन के अत्याचारों से अपनी आजादी वापस प्राप्त करने पर अत्यंत गर्व महसूस करते हैं। जब भी मैं हमारे राष्ट्रीय झंडे को लहराते हुए देखता हूं तो मुझे अत्यन्त खुशी महसूस होती है।

मुझे यकीन है कि आप मेरी भावनाओं को समझ सकते हैं। यह बताने की जरूरत नहीं है कि, स्वतंत्रता दिवस प्रत्येक वर्ष 15 अगस्त के दिन मनाया जाता है क्योंकि इसी दिन 1947 को विश्व पटल पर भारत एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में उभर कर सामने आया था। चूंकि यह हम सभी भारतीयों के लिए एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण दिन होता है, इसलिए इसे हमारे देश में राष्ट्रीय अवकाश के रुप में घोषित किया गया है। हम सभी प्रत्येक वर्ष इस दिन को बड़े ही उत्साह और जश्न के साथ मनाते हैं।

यह तो थी स्वतंत्रता दिवस के बारे में कुछ संक्षिप्त बाते, लेकिन क्या यहां कोई भी ब्रिटिश शासन की अवधि के बारे में जानता है? मैं आपको बता दू कि 1858 से 1947 तक अंग्रेजों ने हमारे भारतीय उपमहाद्वीप को अपना उपनिवेश बनाया था । इसी समय अवधि को ब्रिटिश राज काल या अंग्रेजी हुकूमत का दौर कहा जाता है।

अब, यह जानना और भी दिलचस्प हो जाता है कि आखिर हमारे देश में ब्रिटिश औपनिवेशिक शासन कैसे शुरू हुआ। जब ईस्ट इंडिया कंपनी का भारत में आयी तो उनके द्वारा कई षड्यंत्रो के तहत भारतीय नागरिकों की संम्पति और भूमि हड़प ली गयी औऱ रानी विक्टोरिया द्वारा इन चाजों को शाही संपत्ति घोषित कर दिया गया।

ईस्ट इंडिया कंपनी की स्थापना 1600 में एलिजाबेथ प्रथम के राजशाही शासन के दौरान रॉयल चार्टर के तहत हुई थी। हालांकि स्पष्ट रूप से इसका मुख्य उद्देश्य व्यापार करना था, पर अंत में इसने हमारे भारतीय उपमहाद्वीप के अधिकांश हिस्से को नियंत्रित करके इसे ब्रिटीश हूकुमत का एक उपनिवेश बना दिया। उस समय भारतीय उपमहाद्वीपों में रहने वाले लोग रानी विक्टोरिया के अधीन अंग्रजी हूकुमत के औपनिवेशिक शासन तथा बाद में अन्य राजाओं के अधीन बन कर रह गए थे।

मुझे विश्वास है कि हम सभी इस तरह के चुनौतीपूर्ण स्थिति के तहत आजादी प्राप्त करने का अनुमान लगा सकते हैं। हालांकि यह एक आसान काम नहीं था, लेकिन लंबे और निरन्तर प्रयासों के बाद हमने अपनी इस आजादी को हासिल किया। महात्मा गांधी जी या जिन्हें हम आम तौर पर बापू के नाम से संबोधित करते हैं स्वतंत्रता प्राप्त करने में मुख्य रूप से योगदान देने वाले सबसे अहम व्यक्तित्वों में से एक थे। उन्होंने हिंसा या रक्तपात के मार्ग का पालन न करके स्वतंत्रता प्राप्ति के लिये अंहिसा के मार्ग को चुना।

उन्होंने हिंसा नीति और सशस्त्र लड़ाई माध्यम का प्रयोग करने के बजाय अपने अनुयायियों के साथ अहिंसा अभियान जैसे भूख हड़ताल और सविनय अवज्ञा जैसे आंनदोलन करके अंग्रेजी शासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। उनके इन्ही कठिन प्रयासों के चलते आखिरकार हमारे देश से ब्रिटिश शासन से मुक्ति मिली। हमें उन वीर आत्माओं का नमन करना चाहिए जिन्होंने अपनी मातृभूमि के लिए अपने प्राणों को बलिदान कर दिया, इसके साथ ही हमे उनके महान कार्यो को याद कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करनी चाहिए। हमें यह कभी नहीं भूलना चाहिए कि उनके प्रयासों और बलिदानों के कारण ही आज हम इस स्वतंत्र भारत में जीवन व्यतीत कर रहे हैं।

भारत अपनी स्वतंत्रता प्राप्त करने से पहले ही स्वशासन के ओर बढ़ चुका था। 19वीं शताब्दी में, विभिन्न सलाहकार के पदो पर कई भारतीय काउंसिलर्स नियुक्त किए गए थे। उन्हें ब्रिटिश वाइस-राय के सलाहकार के रुप में नियुक्त किया गया था। उन्होंने भारत के प्रमुख हिस्सों में शासन करना जारी रखा। वर्ष 1892 में, इन काउंसिलर्स के साथ-साथ अन्य भारतीय अधिकारियों को सशक्त बनाने के लिए भारतीय परिषद अधिनियम के रूप में एक कानून भी पारित किया गया था। परन्तु वे सदैव उच्च ब्रिटिश अधिकारियों के अधीन ही रहे और उन्हें सफल होने के लिये हमेशा अंग्रजो के पक्षपाती रवैये का सामना करना पड़ा।

मैं बस आप सब से इतना ही कहना चाहता था, जय हिंद!

Swatantrata Diwas Bhashan

Swatantrata Diwas Bhashan

यहाँ मौजूद मेरे प्यारे दोस्तों और आदरणीय अध्यापकों को सुबह का हार्दिक नमस्कार। 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के इस शुभ अवसर को मनाने के लिये हम सब एकत्रित हुए है। ये दिन हमलोग पूरे उत्साह और खुशी के साथ मनाते है क्योंकि इसी दिन ब्रिटीश शासन से 1947 में भारत को आजादी मिली थी। हमलोग यहाँ 69वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने आये है। सभी भारतीयों के लिये ये बहुत ही महान और महत्वपूर्ण दिन है। कई वर्षों तक अंग्रेजों के क्रूर बर्तावों को भारतीय लोगों ने सहन किया। आज हमलोग लगभग सभी क्षेत्रों में आजाद है जैसे शिक्षा, खेल, परिवहन, व्यापार आदि क्योंकि ये केवल हमारे पूर्वजों के संघर्षों की वजह से संभव हो सका। 1947 से पहले, लोगों पर बहुत पाबंदियाँ थी यहाँ तक कि उनका अपने दिमाग और शरीर पर भी अधिकार नहीं था। वो अंग्रेजों के गुलाम थे और उनके हर हुक्म को मानने के लिये मजबूर थे। आज हम कुछ भी करने के लिये आजाद है उन महान भारतीय नेताओं की वजह से जिन्होंने ब्रिटीश शासन के खिलाफ आजादी पाने के लिये कई वर्षों तक कड़ा संघर्ष किया।

बहुत खुशी के साथ पूरे भारत में स्वतंत्रता दिवस को मनाया जाता है। ये सभी भारतीयों के लिये बेहद महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि ये हमें मौका देता है उन महान स्वतंत्रता सेनानीयों को याद करने का जिन्होंने हमें एक शांतिपूर्ण और खूबसूरत जीवन देने के लिये अपने जीवन की कुर्बानी दे दी। आजादी से पहले, लोगों को पढ़ने-लिखने की, अच्छा खाने की और हमारी तरह सामान्य जीवन जीने की मनाही थी। भारत में आजादी के लिये जिम्मेदार उन कार्यक्रमों का एहसानमंद होना चाहिये। अपने अर्थहीन आदेशों की पूर्ति के लिये अंग्रेजों द्वारा भारतीयों के साथ गुलामों से भी ज्यादा बुरा बर्ताव किया जाता था।

भारत के कुछ महान स्वतंत्रता सेनानी है नेताजी सुभाष चनद्र बोस, गाँधीजी, जे.एल.नेहरु, बाल गंगाधर तिलक, लाला लाजपत राय, भगत सिंह, खुदीराम बोस, चन्द्रशेखर आजाद आदि। ये प्रसिद्ध देशभक्त थे जिन्होंने अपनी जीवन के अंत तक भारत की आजादी के लिये कड़ा संघर्ष किया। हमारे पूर्वजों द्वारा संघर्ष के उन डरावने पलों की कल्पना भी नहीं कर सकते हमलोग। आजादी के वर्षों बाद हमारा देश विकास की सही राह पर है। आज हमारा देश पूरी दुनिया में लोकतांत्रिक देश के रुप में अच्छे से स्थापित है। गाँधी एक महान नेता थे जिन्होंने अहिंसा और सत्याग्रह जैसे आजादी के असरदार तरीकों के बारे में हमें बताया। अहिंसा और शांति के साथ स्वतंत्र भारत के सपने को गाँधी ने देखा।

भारत हमारी मातृभूमि है और हम इसके नागरिक है। हमें हमेशा इसको बुरे लोगों से बचाने के लिये तैयार रहना चाहिये। ये हमारी जिम्मेदारी है कि हम अपने देश को आगे की ओर नेतृत्व करें और इसे दुनिया का सबसे अच्छा देश बनाये।

जय हिन्द।

स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृत में भाषण

अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है गुरु पूर्णिमा पर भाषण सुनाएँ| आइये जाने स्वतंत्रता दिवस bhashan, स्वतंत्रता दिवस पर कविता, हिंदी में 71 स्वतंत्रता दिवस भाषण, स्वतंत्रता दिवस के मौके पर भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृत भाषा में भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर शायरी, स्वतंत्रता दिवस में भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर हिन्दी में भाषण, स्वतंत्रता दिवस स्टेटस, 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस मराठी भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृत मे भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर नारे, स्वतंत्रता दिवस के बारे में भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर स्पीच, स्वतंत्रता दिवस पर प्रेरणादायक भाषण, स्वतंत्रता दिवस इमेज, स्वतंत्रता दिवस पर भाषण हिन्दी में, स्वतंत्रता दिवस पर बाल भाषण, हिंदी में स्वतंत्रता दिवस पर भावुक भाषण, स्वतंत्रता दिवस पर लघु भाषण, pandra august bhashan, swatantrata diwas bhashan in kannada, Swatantrata Diwas Quotes Hindi, स्वतंत्रता दिवस पर संस्कृत निबंध, 15 august bhashan, स्वतंत्रता दिवस भाषण मराठी, निश्चित रूप से आयोजन समारोह या बहस प्रतियोगिता (debate competition) यानी स्कूल कार्यक्रम में स्कूल या कॉलेज में भाषण में भाग लेने में छात्रों की सहायता करेंगे। इन स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी भाषण हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|आप सभी को  स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं

सभी माननीयों को, आदरणीय अध्यापकगण और मेरे प्यारे सहपाठियों को सुबह का नमस्कार। हमलोग यहाँ पर 69वाँ स्वतंत्रता दिवस मनाने के लिये एकत्रित हुए है। इस खास अवसर पर भाषण देने के लिये मैं बहुत खुश हूँ। मैं अपने क्लास टीचर का बहुत आभारी हूँ जिन्होंने मुझे अपने देश की आजादी पर मेरे विचार रखने के लिये खास मौका प्रदान किया। स्वतंत्रता दिवस के इस खास मौके पर अंग्रेजी शासन से आजादी पाने के लिये भारतीयों के संघर्ष पर भाषण देना चाहूँगा।

बहुत साल पहले भारत के महान नेताओं ने ‘भाग्यवधु से एक प्रतिज्ञा की थी’ कि वो हमें अपने जीवन के सुखों के त्याग के द्वारा मुक्त और शांतिपूर्ण देश देंगे। आज हम यहाँ बिना किसी डर के और खुशी चेहरों के साथ स्वतंत्रता दिवस मनाने आए है, केवल हमारे बहादुर पूर्वजों की वजह से। हम सोच नहीं सकते कि कितना कठिन होगा वो समय। हमारे पास अपने पूर्वजों को उनके बहुमूल्य कड़ी मेहनत और बलिदान के एवज में देने के लिये कुछ भी नहीं है। हमलोग केवल उनको और कार्यों को याद रख सकते है तथा राष्ट्रीय कार्यक्रमों को मनाने के दौरान उन्हें सलामी दे सकते है। वो हमेशा हमारे दिल में रहेंगे। सभी भारतीय नागरिकों के हँसते चेहरों के साथ स्वतंत्रता के बाद भारत का नया जन्म हुआ।

ब्रिटीश शासन के शिकंजे से 15 अगस्त 1947 को भारत को स्वतंत्रता मिली। पूरे देश में भारतीय लोग हर साल इस राष्ट्रीय उत्सव को पूरी खुशी और उत्साह के साथ मनाते है। ये सभी भारतीय नागरिकों के लिये एक महान दिन था जब भारतीय तिरंगे को भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरु ने नई दिल्ली के लाल किले पर फहराया था।

हर साल राजपथ पर नई दिल्ली में एक बहुत बड़ा उत्सव मनाया जाता है जहाँ प्रधानमंत्री द्वारा झँडारोहण के बाद राष्ट्रगान गाया जाता है। राष्ट्रगान के साथ 21 बंदूकों की सलामी और हेलिकॉप्टर से तिरंगे पर फूलों की बारिश की जाती है। स्वतंत्रता दिवस के दिन राष्ट्रीय अवकाश होता है हालाँकि हर कोई इसको अपनी जगह से स्कूल, कार्यालय, या समाज में झंडा फहरा कर मनाता है। हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिये और अपने देश के सम्मान की सुरक्षा के लिये अपना बेहतर योगदान देना चाहिये।

जयहिन्द।

स्वतंत्रता दिवस पर हिंदी में भाषण

मेरे सभी आदरणीय अधयापकों, अभिभावक, और प्यारे मित्रों को सुबह का नमस्कार। इस महान राष्ट्रीय अवसर को मनाने के लिये आज हमलोग यहाँ इकठ्ठा हुए है। जैसा कि हम जानते है कि स्वतंत्रता दिवस हम सभी के लिये एक मंगल अवसर है। ये सभी भारतीय नागरिकों के लिये बहुत महत्वपूर्ण दिन है तथा ये इतिहास में सदा के लिये उल्लिखित हो चुका है। ये वो दिन है जब भारत के महान स्वतंत्रता सेनानीयों द्वारा वर्षों के कड़े संघर्ष के बाद ब्रिटीश शासन से हमें आजादी मिली। भारत की आजादी के पहले दिन को याद करने के लिये हम हर साल 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस मनाते है साथ ही साथ उन सभी महान नेताओं के बलिदानों को याद करते है जिन्होंने भारत की आजादी के लिये अपनी आहुति दी।

ब्रिटीश शासन से 15 अगस्त 1947 में भारत को स्वतंत्रता मिली। आजादी के बाद हमें अपने राष्ट्र और मातृभूमि में सारे मूलभूत अधिकार मिले। हमें अपने भारतीय होने पर गर्व होना चाहिये और अपने सौभाग्य की प्रशंसा करनी चाहिये कि हम आजाद भारत की भूमि में पैदा हुए है। गुलाम भारत का इतिहास सबकुछ बयाँ करता है कि कैसे हमारे पूर्वजों ने कड़ा संघर्ष किया और फिरंगियो कें क्रूर यातनाओं को सहन किया। हम यहाँ बैठ के इस बात की कल्पना नहीं कर सकते कि ब्रिटीश शासन से आजादी कितनी मुश्किल थी। इसने अनगिनत स्वतंत्रता सेनानीयों के जीवन का बलिदान और 1857 से 1947 तक कई दशकों का संघर्ष लिया है। भारत की आजादी के लिये अंग्रेजों के खिलाफ सबसे पहले आवाज ब्रिटीश सेना में काम करने वाले सैनिक मंगल पांडे ने उठायी थी।

बाद में कई महान स्वतंत्रता सेनानीयों ने संघर्ष किया और अपने पूरे जीवन को आजादी के लिये दे दिया। हम सब कभी भी भगत सिंह, खुदीराम बोस और चन्द्रशेखर आजाद को नहीं भूल सकते जिन्होंने बहुत कम उम्र में देश के लड़ते हुए अपनी जान गवाँ दी। कैसे हम नेताजी और गाँधी जी संघर्षों को दरकिनार कर सकते है। गाँधी जी एक महान व्यक्तित्व थे जिन्होंने भारतीयों को अहिंसा का पाठ पढ़ाया था। वो एक एकमात्र ऐसे नेता थे जिन्होंने अहिंसा के माध्यम के आजादी का रास्ता दिखाया। और अंतत: लंबे संघर्ष के बाद 15 अगस्त 1947 को वो दिन आया जब भारत को आजादी मिली।

हमलोग काफी भाग्यशाली है कि हमारे पूर्वजों ने हमें शांति और खुशी की धरती दी है जहाँ हम बिना डरे पूरी रात सो सकते है और अपने स्कूल तथा घर में पूरा दिन मस्ती कर सके। हमारा देश तेजी से तकनीक, शिक्षा, खेल, वित्त, और कई दूसरे क्षेत्रों में विकसित कर रहा है जोकि बिना आजादी के संभव नहीं था। परमाणु ऊर्जा में समृद्ध देशों में एक भारत है। ओलंपिक, कॉमनवेल्थ गेम्स, एशियन गेम्स जैसे खेलों में सक्रिय रुप से भागीदारी करने के द्वारा हमलोग आगे बढ़ रहे है। हमें अपनी सरकार चुनने की पूरी आजादी है और दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का उपयोग कर रहे है। हाँ, हम मुक्त है और पूरी आजादी है हालाँकि हमें खुद को अपने देश के प्रति जिम्मेदारीयों से मुक्त नहीं समझना चाहिये। देश के जिम्मेदार नागरिक होने के नाते, किसी भी आपात स्थिति के लिये हमें हमेशा तैयार रहना चाहिये।

Independence Day Bhashan in Hindi

भारत में स्वतंत्रता दिवस हर भारतीय नागरिक के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिन है क्योंकि हमारे देश को ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली है। हम हर साल 1 9 47 से 15 अगस्त को इस दिन मनाते हैं। हमारे देश को दुनिया भर में दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र माना जाता है। हजारों स्वतंत्रता सेनानियों (जैसे महात्मा गांधी, भगत सिंह, नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सरदार वल्लभभाई पटेल, डॉ राजेंद्र प्रसाद, मौलाना अबुल कलाम आजाद, सुखदेव, गोपाल कृष्ण) के बलिदान के बाद भारत 1 9 47 में 15 अगस्त को एक स्वतंत्र देश बन गया। गोखले, लाला लाजपत राय, लोकमान्य बलगंगाधर तिलक, चंद्रशेखर आज़ाद, आदि) जिन्होंने ब्रिटिश शासन से आजादी पाने के लिए कड़ी मेहनत की।

प्रत्येक भारतीय अपने स्वयं के आजादी को अपने तरीके से मनाता है जैसे उत्सव के अपने स्थानों को सजाने, राष्ट्रीय ध्वज उठाना, अतीत मार्च, पसंदीदा फिल्में देखना, सड़कों पर नृत्य करना, राष्ट्रीय गान या देशभक्ति गीत गायन करना या कई सामाजिक गतिविधियों में भाग लेना सार्वजनिक स्थानों पर। स्वतंत्रता दिवस हर साल भारत सरकार द्वारा मनाया जाता है जब भारत के वर्तमान प्रधान मंत्री दिल्ली में लाल किले में त्रिकोणीय राष्ट्रीय ध्वज उठाते हैं, इसके बाद भारतीय सेना परेड, मार्च अतीत, राष्ट्रीय गान पाठ, भाषण और अन्य सांस्कृतिक गतिविधियां।

भारत में स्वतंत्रता दिवस 21 बंदूकें फायरिंग द्वारा राष्ट्रीय ध्वज सलाम के साथ मनाया जाता है। इसी प्रकार स्वतंत्रता दिवस समारोह देश के हर राज्य में होता है जहां राज्यपाल और राज्य के मुख्यमंत्री मुख्य अतिथि बन जाते हैं। कुछ लोग सुबह जल्दी तैयार हो जाते हैं और टीवी में भारतीय प्रधान मंत्री के भाषण की प्रतीक्षा करते हैं। 15 अगस्त को लोग भारत की आजादी के इतिहास से प्रेरित हो जाते हैं और इस तरह की कुछ सामाजिक गतिविधियां करते हैं और देशभक्ति विषयों के आधार पर फिल्में देखते हैं।

महात्मा गांधी, बापू की महान अहिंसा आंदोलन 200 वर्षों के संघर्ष के बाद ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता प्राप्त करने के लिए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को बहुत मदद करता है। भारत की आजादी के लिए कड़ी संघर्ष ने हर भारतीय के लिए एक बड़ी चलती ताकत के रूप में काम किया है जो उन्हें एक ही स्थान पर एक साथ बांधता है चाहे वे अलग-अलग जातियों, वर्गों, संस्कृतियों को ब्रिटिश शासन से उनके अधिकारों के लिए लड़ने के लिए अनुष्ठान मान्यताओं से संबंधित हों। यहां तक ​​कि महिलाएं (अरुणा असफ अली, विजय लक्ष्मी पंडित, सरोजिन नायडू, कस्तूरबा गांधी, कमला नेहरू, एनी बेसेंट इत्यादि) अपने घरों से बाहर आईं और स्वतंत्रता पाने में उनकी महान भूमिका निभाई।

15 August Bhashan in Hindi

नमस्कार आप सभी आदरणीय अध्यापकों अभिभावकों और मेरे प्यारे मित्रों| आप सभी को आजादी की ढेर सारी बधाईयाँ.

आज आजादी के इस शुभ अवसर पर मै आपके सामने एक छोटा सा 15 अगस्त पर भाषण देने के लिए आया हूँ.

15 अगस्त 1947 को हमारा देश आजाद हुआ था जिसे आजाद करने के लिए न जाने कितने स्वतंत्रता सेनानियों ने अपनी जान गंवाई थी.

आज का दिन उन सभी शहिदों को याद करने का है| उनके इस कर्ज को तो हम कभी नहीं चूका पाएंगे लेकिन इतना जरुर है की उनके द्वारा दिलाई गयी इस आजादी को हम संभाल कर रखेंगे.

आजादी की उस लड़ाई को भूले नहीं भुलाया जा सकता है| उनके जुल्मों को उनके द्वारा मिली प्रताडनाओं को कभी नहीं भूल सकते है| ब्रिटीशियों ने जो किया है उससे सिख लेनी है.

हमें और अपने भारत को इतना मजबूत करना है की कोई और हम पर कब्जा करने की तो दूर की बात है हमारे भारत की तरफ आँख उठा कर भी न देख सके.

हमारे भारत के लिए जीन हस्तियों ने अपनी जान की कुर्बानी दी है मै उनको नमन करता हूँ और कसम खाता हूँ की अपने भारत के लिए अगर जान भी देनी पड़ेगी तो मैं पीछे नहीं हटूंगा.

आज भारत किसी भी देश से कम नहीं है भारत के पास सब है जो अन्य देशों के पास है भारत को किसी के आगे हाथ फ़ैलाने की जरुरत नहीं| आज भारत पूरी तरह आजाद है लेकिन आज भी कहीं न कहीं भ्रष्टाचार है जो की भारत को बर्बाद कर देगा.

भारत की आजादी के लिए हमारे पूर्वजों ने बड़े त्याग किये है उनके इस त्याग को युहीं बर्बाद मत होने देना उनके द्वारा दिए गए इस तोहफे को संभाल कर रखना है हमें ठीक उसी तरह जिस तरह उन्होंने भारत की रक्षा की है.

भारत माता के आंचल पर दाग भी नहीं लगने देंगे| दुश्मनों ने कश्मीर की सोची तो बचा कुछ भी हाथ से गवां बैठेंगे| कसम है भारत माता की दुश्मनों के घर में घुस कर छठी का दूध याद दिला देंगे.

भारत माता की जय है अपनी माता की गोद में सोने में जो आनंद आता है न, वो तो केवल एक सैनिक ही बता सकते है हमें भी कुछ कर गुजरना है अपने भारत के लिए अपने शहीद भाइयों को दिल से “धन्यवाद” है.

कुछ नशा तिरंगे की आन का है,
कुछ नशा मातृभूमि की मान का है,
हम लहराएंगे हर जगह इस तिरंगे को,
हम लहराएंगे हर जगह इस तिरंगे को,
ऐसा नशा ही कुछ हिंदुस्तान की शान का हैं||

About the author

admin