चैती छठ पूजा 2022: छठ पूजा को हमारे देश के उत्तरी व उत्तर पूर्वी उत्तर प्रदेश व उत्तरी बिहार, नेपाल के साथ मिथिला राज्य व अन्य कई उत्तरी राज्यों में काफी धूमधाम से मनाया जाता है। यह त्यौहार सूर्य भगवान को समर्पित है। इस दिन श्रद्धालु गंगा नदी के तट पर आकर पवित्र जल में स्नान करते हैं, छठ पूजा के दौरान लोग प्रार्थना करते हैं और सूर्य भगवान की पूजा कर उन्हें प्रसाद अर्पित करते हैं। इस त्यौहार को Chhat, Chhati, Chhat Parv, Chhat Puja, Data Chhat, Dala Puja, Surya Shasthi के नाम से जान जाता है जिसे हिंदी में छठी, छठ पर्व, छठ पुजा, डाला छठ, डाला पुजा, सूर्य षष्ठी से भी जाना जाता है | आइये जानें चैत्र छठ पूजा 2020 यानी की छठ पूजा 2020 डेट|
छठ पूजा कब है :
Chhath Puja 2020 date: आप सभी को छठ पूजा की हार्दिक शुभकामनाएं| इस साल छठ पूजा 31 अक्टूबर से 3 नवंबर तक है | आज के इस पोस्ट में हम आपको छठ पूजा के गीत, छठ पूजा पर निबंध, छठ पूजा का गाना, Happy Chhath Puja Images, छठ पूजा की कहानी, chhath puja in bihar, chhath puja samagri list , chhath puja ki samagri, आदि की जानकारी देंगे| छठ पूजा कब है 2020 तारीख और समय :
छठ पूजा 2020 का शुभ मुहूर्त
- नहाय खाय- 31 अक्टूबर
- खरना- 01 नवंबर
- सायं कालीन अर्घ्य- 2 नवंबर
(सूर्यास्त : 5:26 बजे) - प्रात:कालीन अर्घ्य- 3 नवंबर
(सूर्योदय : 6:32 बजे)
छठ व्रत की मुख्य तिथियां
दिन |
तारिक |
प्रथा |
रविवार | 31 अक्टूबर 2020 | नहाय-खाय |
सोमवार | 1 नवंबर 2020 | लोहंडा और खरना |
मंगलवार | 2 नवंबर 2020 | संध्या अर्घ |
बुधवार | 3 नवंबर 2020 | सूर्योदय/उषा अर्घ और परं |
छठ पूजा की विधि
छथि मैया की पूजा के पहले दिन, श्रद्धालु गंगा नदी के तट पर जाते हैं व् पवित्र जल में स्नान करते हैं। यह समारोह व इसका उपवास बहुत लोकप्रिय है। छठ पूजा के पहले दिन लोग दिन भर उपवास रखते हैं व शाम तक जारी रखते हैं।
व्रत के हैं होने पर सभी लोग घर में सूर्य देव की पूजा करते हैं| इस दिन घरो में लोग चावल, पुरी, केले, नारियल और अंगूर के साथ अपना व्रत खोलते हैं। डाला छठ पूजा के दूसरे दिन 24 घंटे तक का उपवास रखा जाता है| यह व्रत काफी कड़ाई से मनाया जाता है| यहां तक कि इस दिन पानी का सेवन भी नहीं किया जा सकता है। परिवार में महिलाएं सभी खाना पकाने के बर्तन को साफ करती हैं जो छठ पूजा का जश्न मनाने के मुख्य भाग के लिए आवश्यक हैं।
श्रद्धालु प्रसाद लेकर गंगा नदी के किनारे जाते हैं और वहाँ सूर्य भगवान को अर्पित देते हैं। सूर्यास्त के बाद यह पर्व जश्न के साथ मनाया जाता है| सूर्योदय से पहले लोग नदी के किनारे जाते हैं व प्रसाद समर्पित करते हैं साथ उगते सूरज के लिए प्रार्थना करते हैं।आखिर में प्रार्थना और नदी में स्नान के बाद, उपवास समाप्त खोल लिया जाता है।
छठ पूजा गीत
2020 update