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गणेश चतुर्थी पर निबंध 2023| Ganesh Chaturthi Essay in Hindi, English & Marathi for Class 1-12 students – Pdf Download

Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

गणेश चतुर्थी २०१९: भगवान गणेश ज्ञान, समृद्धि और अच्छे भाग्य का प्रतीक है। गणेश चतुर्थी हिंदू महीने भद्रा के शुक्ला चतुर्थी पर मनाया जाता है| गणेश चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के रूप में भी जाना जाता है| यह समूचे भारत भर में एक महान भक्ति के साथ मनाए जाने वाले महत्वपूर्ण हिंदू त्यौहारों में से एक है। इस त्यौहार की अवधि स्थान और परंपरा के आधार पर 1 दिन से 11 दिनों तक भिन्न होती है। इस दिन भगवान शिव और देवी पार्वती के पुत्र भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है लोग भगवान गणेश की मूर्तियों को अपने घरों में लाते हैं और पूजा करते हैं।

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गणेश चतुर्थी निबंध

भारत में गणेश चतुर्थी सबसे प्रसिद्ध त्योंहार है। इसे हिन्दू धर्म के लोगों के द्वारा हर साल बड़े ही उत्साह के साथ मनाया जाता है। खासतौर से बच्चे भगवान गणेश को बहुत पसंद करते है और उनकी पूजा कर बुद्धि तथा सौभग्य का आशीर्वाद प्राप्त करते है। लोग इस पर्व की तैयारी एक महीने पहले, हफ्ते या उसी दिन से शुरु कर देते है। इस उत्सवी माहौल में बाजार अपनी पूरी लय में रहता है। हर जगह दुकानें गणेश की मूर्तियों से भरी रहती है और लोगों के लिये प्रतिमा की बिक्री को बढ़ाने के लिये बिजली की रोशनी की जाती है।

भक्तगण भगवान गणेश को अपने घर ले आते है तथा पूरी आस्था से मूर्ती की स्थापना करते है। हिन्दू धर्म में ऐसी मान्यता है कि जब गणेश जी घर पर आते है तो ढ़ेर सारी सुख, समृद्धि, बुद्धि और खुशी ले आते है हालाँकि जब वो हमारे घर से प्रस्थान करते है तो हमारी सारी बाधाएँ तथा परेशानियों को साथ ले जाते है। भगवान गणेश को बच्चे बहुत प्रिय है और उनके द्वारा उन्हें मित्र गणेश बुलाते है। लोगों का समूह गणेश जी की पूजा करने के पंडाल तैयार करता है। वो लोग पंडाल को फूलों और प्रकाश के द्वारा आकर्षक रुप से सजाते है। आसपास के बहुत सारे लोग प्रतिदिन उस पंडाल में प्रार्थना और अपनी इच्छाओं के लिये आते है। भक्तगण भगवान गणेश को बहुत सारी चीजें चढ़ाते है जिसमें मोदक उनका सबसे पसंदीदा है।

ये उत्सव 10 दिनों के लिये अगस्त और सितंबर में मनाया जाता है गणेश चतुर्थी पूजा दो प्रक्रियाओं को शामिल करती है; पहला मूर्ति स्थापना और दूसरा मूर्ति विसर्जन (इसे गणेश विसर्जन भी कहा जाता है)। हिन्दू धर्म में एक रीति प्राणप्रतिष्ठा पूजा की जाती है (मूर्ति में उनके पवित्र आगमन के लिये) तथा शोधसोपचरा (भगवान को 16 तरीकों से सम्मान देना)। 10 दिनों की पूजा के दौरान कपूर, लाल चन्दन, लाल फूल, नारियल, गुड़, मोदक और दुरवा घास चढ़ाने की प्रथा है। पूजा की समाप्ति के समय गणेश विसर्जन में लोगों भारी भीड़ विघ्नहर्ता को खुशी-खुशी विदा करती है।

गणेश चतुर्थी पर निबंध हिंदी में

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गणेश चतुर्थी एक हिन्दू उत्सव है जो हर साल अगस्त और सितंबर के महीने में आता है। इस दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था। तब से लोग हिन्दू धर्म के लोग गणेश के जन्मदिन को हर साल गणेश चतुर्थी पर्व के रुप में मनाते है। भगवान गणेश सभी के प्रिय है खासतौर से बच्चों के। ये ज्ञान और संपत्ति के भगवान है और बच्चों में ये दोस्त गणेशा के नाम से प्रसिद्ध है। ये भगवान शिव और माता पार्वती के प्यारे पुत्र है। एक बार भगवान गणेश का सर भगवान शिव के द्वारा काट दिया गया था लेकिन फिर एक हाथी का सर उनके धड़ से जोड़ दिया गया। इस तरह इन्होंने अपना जीवन दुबारा पाया और जिसे गणेश चतुर्थी के उत्सव के रुप में मनाया जाता है।

इस उत्सव में लोग गणेश की मूर्ति को घर ले आते है अगले 10 दिनों तक पूरी श्रद्धा और भक्ति के साथ पूजा करते है। अनन्त चतुर्दशी अर्थात् 11वें दिन गणेश विसर्जन करते है और अगले वर्ष दुबारा आने की कामना करते है। लोग उनकी पूजा बुद्धि तथा समृद्धि की प्राप्ति के लिये करते है। इस उत्सव को विनायक चतुर्थी या विनायक छविथी (संस्कृत में) भी कहते है।

शुक्ल पक्ष चतुर्थी में भाद्रपद के हिन्दी महीने में इस उत्सव को देखा जाता है। ऐसा माना जाता है कि, पहली बार चन्द्रमा के द्वारा गणेश का व्रत रखा गया था क्योंकि अपने दुर्व्यवहार के लिये गणेश द्वारा वो शापित थे। गणेश की पूजा के बाद, चनद्रमा को ज्ञान तथा सुंदरता का आशीर्वाद मिला। भगवान गणेश हिन्दुओं के सबसे बड़े भगवान है जो अपने भक्तों को बुद्धि, समृद्धि तथा संपत्ति का आशीर्वाद देते है। मूर्ति विसर्जन के बाद अनन्त चतुर्दशी पर गणेश चतुर्थी उत्सव समाप्त होता है। भगवान विनायक सभी अच्छी चीजों के रक्षक और सभी बाधाओं को हटाने वाले है।

Ganesh Chaturthi Essay in Hindi

Ganesh chaturthi essay in english

गणेश चतुर्थी मनाने के दौरान लोग भगवान गणेश (विघ्नेश्वर) की पूजा करते है। गणेश हिन्दू धर्म में सबसे प्रसिद्ध देवता है जो परिवार के सभी सदस्यों द्वार पूजे जाते है। किसी भी क्षेत्र में कोई भी नये कार्य की शुरुआत से पहले गणेश जी लोगों द्वारा हमेशा पूजे जाते है। ये उत्सव खासतौर से महाराष्ट्रा में मनाया जाता है हालाँकि अब ये भारत के लगभग सभी राज्यों में मनाया जाता है। ये हिन्दूओं का महत्वपूर्ण पर्व है। लोग गणेश चतुर्थी पर पूरी भक्ति और श्रद्धा से ज्ञान और समृद्धि के भगवान की पूजा करते है।

लोग ऐसा भरोसा करते है कि गणेश जी हर साल ढ़ेर सारी खुशी और समृद्धि के साथ आते है और जाते वक्त सभी दुखों को हर जाते हैं। इस उत्सव पर गणेश जी को खुश करने लिये भक्त विभिन्न प्रकार की तैयारियाँ करते है। उनके सम्मान और स्वागत के लिये गणेश जी के जन्मदिवस के रुप में इसे मनाया जाता है। ये उत्सव भाद्रपद (अगस्त और सितंबर) के महीने में शुक्ल पक्ष में चतुर्थी पर शुरु होता है और 11वें दिन अनन्त चतुर्दशी पर खत्म होता है। हिन्दू धर्म में गणेश की पूजा बहुत मायने रखती है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई पूरी भक्ति और विश्वास के साथ उनकी पूजा करेगा उसे वो खुशी, ज्ञान, घन तथा लंबी आयु प्रदान करेंगे।

गणेश चतुर्थी के दिन लोग सुबह जल्दी ही स्नान कर लेते है, साफ कपड़े पहन कर भगवान की पूजा करते है। वो मंत्रोच्चारण, आरती गाकर, हिन्दू धर्म के दूसरे रिती-रिवाज निभाकर, भक्ति गीत गाकर भगवान को बहुत कुछ चढ़ाते है और प्रार्थना करते है। इसके पहले ये उत्सव केवल कुछ परिवारों में ही मनाया जाता था। बाद में ये बड़े उत्सव के रुप में मनाया जाने लगा हालाँकि बाद में इसको बड़ा बनाने के लिये इसमें मूर्ति स्थापना और विसर्जन शामिल किया गया साथ ही इससे दुखों से मुक्ति मिलने लगी। 1983 में इसे लोकमान्य तिलक (सामाजिक कार्यकर्ता, भारतीय राष्ट्रवादी तथा स्वतंत्रता सेनानी) के द्वारा इस उत्सव की शुरुआत हुई। उस समय अंग्रेजी शासन से भारतीयों को बचाने के लिये एक गणेश पूजा की प्रथा बनायी।

अब के दिनों में गैर ब्राह्मण और ब्राह्मण के बीच की असमानता को हटाने के लिये एक राष्ट्रीय उत्सव के रुप में गणेश चतुर्थी मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी को कई नामों से जाना जाता है इसमें से कुछ है- एकदन्ता, असीम, शक्तियों के भगवान, हेरांबा (विघ्नहर्ता), लंबोदरा, विनायक, भगवानों के भगवान, बुद्धि, समृद्धि तथा संपत्ति के भगवान आदि। गणेश विसर्जन की पूर्णं हिन्दू प्रथा के साथ 11वें दिन (अनन्त चतुर्दशी) पर लोग गणेश को विदा करते है। वो भगवान से प्रार्थना करते है कि वो अगले वर्ष फिर से पधारें और अपना आशीर्वाद दें।

Ganesh Chaturthi Essay in English

Ganesha Chaturthi is a Hindu festival falls every year in the month of August or September. Ganesha Chaturthi is a day when God Ganesha was born. From then, people of Hindu religion started celebrating birthday of the Ganesha as Ganesha Chaturthi festival annually. God Ganesha is a most favourite God of everyone especially children. He is a God of knowledge and wealth and called by the children as friend Ganesha. He is lovely son of father Shiva and mata Parvati. Once the head of God Ganesha was cut by the Lord Shiva and again added using the head of elephant. In this way he got his life back which is celebrated as festival of Ganesha Chaturthi.

People bring an idol of Ganesha to home very happily and perform puja for ten days with full devotion and faith. They perform Visarjan at the end of puja on 11th day means on Anant Chaturdashi to see off the Ganesha this year and come again next year. People pray to God for getting blessing of knowledge and wealth. This festival is also known as the Vinayaka Chaturthi or Vinayaka Chavithi (in Sanskrit).

This festival is observed in the Hindi month of Bhadrapada in the shukla paksha chathurthi (4th day of waxing moon period). It is considered that, first time the fast of Ganesha was kept by the Moon as he was cursed by the Ganesha for his misbehaviour. After the puja of Ganesha, Moon was blessed by the knowledge and beautifulness. God Ganesha is the supreme god of Hindus Who blesses his devotees with wisdom, prosperity and good fortune. Ganesha Chaturthi festival ends on Anant Chaturdashi after the idol Visarjan. Lord Vinayaka is the preserver of all good things and remover of all obstructions.

Ganesh Chaturthi Essay in Marathi

गणेश चतुर्थी भारतात सर्वात प्रसिद्ध उत्सव आहे. हे हिंदू धर्माचे लोक दरवर्षी मोठ्या उत्साहात साजरे करतात. विशेषत: मुले गणपतीला प्रेम करतात आणि त्यांची पूजा करतात आणि ज्ञानाचा आणि सद्भावनांचा आशीर्वाद प्राप्त करतात. लोक या महिन्यात एक महिना, आठवडा किंवा त्याच दिवशीही या उत्सवाची तयारी करायला लागतात. या उत्सवाच्या वातावरणात, बाजाराची पूर्ण ताकद आहे दुकानात गणेशभक्त पुतळे भरलेल्या आहेत आणि पुतळ्याच्या विक्रीत वाढ करण्यासाठी लोकाना वीज दिली जाते.

भक्त गणेश त्यांच्या घरी आणतात आणि पूर्ण विश्वासाने मूर्ती स्थापित करतात. हिंदू धर्मात असा विश्वास आहे की जेव्हा गणेश घरी येतो, तेव्हा तो खूप आनंद, समृद्धी, बुद्धी आणि आनंद आणतो, परंतु जेव्हा ते आमच्या घरापासून दूर जाते तेव्हा तो आपल्या सर्व अडचणी व समस्या एकत्रित करतो. श्री श्री: गणपती बाप फार प्रिय आहेत आणि त्यांना मित्र गणेश म्हणतात. लोकसंघ गणेश पूजेसाठी मंडप तयार करतात. ते लोक फुलांचा आणि प्रकाशासह मंडप सुशोभित करतात. बरेच लोक रोज पडले प्रार्थना आणि त्यांच्या इच्छेबद्दल भगवान गणेशला भक्तांनी पुष्कळ गोष्टी दिल्या आहेत ज्यामध्ये मोडक हे त्यांचे आवडते आहेत.

हा उत्सव ऑगस्ट आणि सप्टेंबरमध्ये 10 दिवसांसाठी साजरा केला जातो; गणेश चतुर्थी पूजामध्ये दोन प्रक्रिया असतात; प्रथम पुतळा आणि दुसर्या पुतळा (गणेश विसर्जन देखील म्हटले जाते). हिंदू धर्माला एका विधी जीवनासाठी (मूर्तीमध्ये त्याच्या पवित्र प्रवासासाठी) आणि सर्वत्र (16 मार्गांनी देव सन्मान करण्यासाठी) पूजा केली जाते. पूजेच्या 10 दिवसाच्या दरम्यान, कापूर, लाल चंदन, लाल फुले, नारळ, गुळ, मोदक आणि दुष्काळ गवत लावण्याची एक परंपरा आहे. उपासनेच्या समाप्तीच्या वेळी, गणेश विजयासाठी एका प्रचंड गर्दीत लोकांना विसर्जित करते.

Ganesh Chaturthi Essay in Gujarati

गणेश चतुर्थी कब है: यह त्यौहार हिंदुओं द्वारा एक महान उत्साह के साथ मनाया जाता है। त्यौहार के आखिरी दिन मूर्तियों को एक रंगीन और संगीत जुलूस में बाहर निकाला जाता है और पारंपरिक रूप से पानी में विसर्जित किया जाता है। इस वर्ष यह पर्व 13 सितम्बर को प्रारम्भ होगा| आइये अब हम आपको गणेश चतुर्थी की कहानी, ganesh chaturthi nibandh in english, गणेश चतुर्थी पर कविता, गणेश चतुर्थी के ऊपर निबंध, गणेश चतुर्थी वर निबंध, ganesh festival essay in english, Ganpati Invitation Message, ESSAY writing, for 3rd standard, 10 lines, for class 3, in english for class 5, for class 7, in hindi for class 7, in hindi for class 5, in 500 words, for std 2, for class 2, in marathi for student, in english for class 3, for students, ganesh chaturthi ka nibandh,आदि की जानकारी जिसे आप अपने अध्यापक, मैडम, mam, सर, बॉस, माता, पिता, आई, बाबा, sir, madam, teachers, boss, principal, parents, master, relative, friends & family whatsapp, facebook (fb) व instagram पर share कर सकते हैं हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

ભારતમાં ગણેશ ચતુર્થી સૌથી પ્રખ્યાત તહેવાર છે. તે મહાન ઉત્સાહ સાથે દર વર્ષે હિન્દુ ધર્મના લોકો દ્વારા ઉજવવામાં આવે છે. ખાસ કરીને બાળકો ભગવાન ગણેશ પ્રેમ અને તેમને પૂજા અને શાણપણ અને શુભેચ્છા ના આશીર્વાદ પ્રાપ્ત. લોકો આ તહેવાર માટે એક મહિના પહેલા, સપ્તાહ અથવા તે જ દિવસે પણ તૈયારી કરવાનું શરૂ કરે છે. આ ઉત્સવની વાતાવરણમાં, બજાર તેના સંપૂર્ણ લયમાં રહે છે. દુકાનો દરેક જગ્યાએ ગણેશની મૂર્તિઓથી ભરેલી છે અને પ્રતિમાની વેચાણ વધારવા માટે લોકોને વીજળી આપવામાં આવે છે.

ભક્તો ગણેશને તેમના ઘરે લાવે છે અને સંપૂર્ણ વિશ્વાસથી મૂર્તિ સ્થાપિત કરે છે. હિન્દુ ધર્મમાં એવી માન્યતા છે કે જ્યારે ગણેશ ઘરે આવે છે, ત્યારે તે ઘણી ખુશી, સમૃદ્ધિ, બુદ્ધિ અને સુખ લાવે છે, જ્યારે તે આપણા ઘરમાંથી નીકળી જાય છે ત્યારે તે આપણા બધા અવરોધો અને સમસ્યાઓ એકસાથે લે છે. બાળકો ભગવાન ગણેશ ખૂબ પ્રિય છે અને તેઓ તેમને મિત્ર ગણેશ કૉલ લોકોનું જૂથ ગણેશની ઉપાસના કરવા માટે પંડલ તૈયાર કરે છે. તે લોકો ફૂલો અને પ્રકાશ સાથે પંડલને શણગારે છે. ઘણા લોકો પ્રાર્થના માટે અને તેમની ઇચ્છાઓ માટે દરરોજ પંડલની મુલાકાત લે છે. ભક્તો ભગવાન ગણેશમાં ઘણી વસ્તુઓ આપે છે જેમાં Modak તેમના પ્રિય છે.

આ તહેવાર ઓગસ્ટ અને સપ્ટેમ્બરમાં 10 દિવસ માટે ઉજવવામાં આવે છે; ગણેશ ચતુર્થી પૂજા બે પ્રક્રિયાઓ ધરાવે છે; પ્રથમ પ્રતિમા અને બીજા પ્રતિમા (ગણેશ નિમજ્જન પણ કહેવાય છે). ધાર્મિક જીવન પ્રાણ (મૂર્તિમાં તેમના પવિત્ર આગમન માટે) અને સાષ્પ્રારા (16 રસ્તાઓ સાથે ભગવાનનું માનન) માં હિન્દુ ધર્મની પૂજા કરવામાં આવે છે. 10 દિવસની પૂજા દરમિયાન, કપૂર, લાલ ચંદ્ર, લાલ ફૂલો, નાળિયેર, ગોળ, મૉડેક અને દુષ્કાળ ઘાસ લાવવાની એક પરંપરા છે. ભક્તિના અંતે, ગણેશ લોકોની વિશાળ ભીડમાં વિજેતાને ડૂબી જાય છે.

Ganesh Chaturthi Essay in Telugu

గణేష్ చతుర్థి భారతదేశంలో అత్యంత ప్రసిద్ధ పండుగ. ఇది ప్రతి సంవత్సరం గొప్ప ఉత్సాహంతో హిందూ మతం ప్రజలచే జరుపుకుంటారు. ముఖ్యంగా పిల్లలు వినాయకుడిని ప్రేమిస్తారు మరియు వాటిని పూజించి, జ్ఞానం మరియు సౌహార్ద ఆశీర్వాదం పొందుతారు. ప్రజలు ఈ పండుగ కోసం ఒక నెల క్రితం, వారంలో లేదా అదేరోజున సిద్ధమవుతున్నారు. ఈ ఉత్సవ వాతావరణంలో, మార్కెట్ దాని పూర్తిస్థాయి లయలోనే ఉంది. దుకాణాలు ప్రతిచోటా వినాయకుడి విగ్రహాలను నింపి, విగ్రహాన్ని అమ్మటానికి ప్రజలకు విద్యుత్తు ఇవ్వబడుతుంది.

భక్తులు వారి ఇంటికి వినాయకులను తీసుకొని, పూర్తి విశ్వాసంతో విగ్రహాన్ని ఏర్పాటు చేస్తారు. గణేష్ ఇంటికి వచ్చినప్పుడు అతను చాలా ఆనందం, సంపద, తెలివితేటలు మరియు ఆనందం తెస్తుంది అని హిందూమతంలో నమ్మకం ఉంది, అయినప్పటికీ అతను మా ఇల్లు వదిలి వెళ్లిపోయినప్పుడు అతను మా అవరోధాలు మరియు సమస్యలను అన్నింటినీ కలిసి తీసుకుంటాడు. పిల్లలు వినాయకుడికి చాలా ప్రియమైనవారు మరియు వారు వారిని వినాయకుడిగా పిలుస్తారు. ప్రజల గుంపు వినాయకుడిని పూజించడానికి సిద్ధం చేస్తుంది. ఆ ప్రజలు పూల మరియు కాంతి తో పాండల్ అలంకరించండి. ప్రార్థన కోసం మరియు వారి శుభాకాంక్షలు కోసం ప్రతిరోజూ చాలామంది వ్యక్తులు పాండల్ను సందర్శిస్తారు. భక్తులు వినాయకుడికి చాలా విషయాలు అందిస్తారు, ఇందులో మోడక్ తనకు ఇష్టమైనది.

ఈ పండుగ ఆగష్టు మరియు సెప్టెంబరులో 10 రోజులు జరుపుకుంటారు; గణేష్ చతుర్థీ పూజ రెండు ప్రక్రియలను కలిగి ఉంది; మొదటి విగ్రహం మరియు రెండవ విగ్రహం (గణేష్ ఇమ్మర్షన్ అని కూడా పిలుస్తారు). హిందూ మతం ఒక కర్మ జీవితంలో ప్రారా (పూజ తన పవిత్ర రాక కోసం) మరియు శాస్ట్రురా (16 మార్గాలు దేవుని గౌరవించే) పూజిస్తారు. 10 రోజుల ఆరాధన సమయంలో, కర్పూరం, ఎర్ర గంధం, ఎర్రటి పువ్వులు, కొబ్బరి, బెల్లం, మాడ్క్ మరియు కరువు గడ్డిని తెచ్చే సంప్రదాయం ఉంది. ఆరాధన ముగింపు సమయంలో, వినాయకులకు పెద్ద సమూహంలో ప్రజలను వినాయకుడిగా వినండి.

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