भारत में कई ऐसे त्यौहार हैं जिन्हे मनाने की पीछे उनकी सच्ची आस्था और भक्ति हैं| भारत में भिन्न भिन्न राज्यों में अलग अलग त्यौहार मनाए जाते हैं वैसे ही भारत के हर धर्म में अलग त्यौहार मनाए जाते हैं| गणगौर एक ऐसा त्यौहार हैं जिसे पूरे भारत के मारवाड़ी धर्म के लोग मनाते हैं| इस दिन भगवान् शिव और देवी पार्वती की पूजा करि जाती है| इसको दोनों सुहागन और कुआरी महिलाए मनाती हैं| इस दिन वे अपने जीवन साथी के अच्छी सेहत की कामना करने के लिए व्रत रखती हैं| आज के इस आर्टिकल में हम आपको गणगौर दोहे इन हिंदी, इंग्लिश, मराठी, गुजरती, तमिल, मारवाड़ी, उर्दू और gangaur dohe with husband name, गणगौर के दोहे हिंदी में, गणगौर को पानी पिलाने के दोहे आदि की जानकारी देंगे|
Gangaur Dohe In Hindi
गौर गौर गणपति, ईसर पूजे पार्वती,
पार्वती के आला टिका, गौर के सोने का टिका,
माथे है रोली का टिका,
टिका दे चमका दे राजा राजना वरत करे।
हल्दी गांठ गठीली ईसर राज की
ब्रह्मदास की बहू है हठीली,
मांगी सोना री बिंदी, बिंदी बेच घड़ाई बई पारो झमकाई।
Gangaur दोहा
गोर गोर गोमती, इसर पूजे पार्वती
म्हे पूजा आला गिला, गोर का सोना का टिका
म्हारे है कंकू का टिका
टिका दे टमका दे ,राजा रानी बरत करे
करता करता आस आयो, मास आयो
गणगौर दोहे 2018
हाँजी म्हारे आँगन कुओ खिनयदो हिवड़ा इतरो पानी
हाँजी जुड़ो खोलर न्हावा बेठी ईश्वरजी री रानी
हाँजी झाल झलके झुमना रल के बोले इमरत बानी
हाँजी इमरत का दो प्याला भरिया कंकुरी पिगानी
गणगौर की शायरी
ऊंचो चोड्यो चोखण नो जल,
जमुना रो नीर मंगावो जी राज,
जखे ईश्वर तापेड़ियां बाकी राण्या ने गौर पूजाओ जी राज।
गौर पूजन ता लूकेबे शायह या जोड़ी अबछल रखो जी राज,
सदाचल राखो जी राज।
Gangaur dohe in hindi for husband
सोनी गढ़ को खड़को म्हे सुन्यो सोना घड़े रे सुनार
म्हारी गार कसुम्बो रुदियो
सोनी धड़जे ईश्वरजी रो मुदड़ो,
वांकी राण्या रो नवसर्यो हार म्हांरी गोरल कसुम्बो रुदियो
वातो हार की छोलना उबरी बाई
सोधरा बाई हो तिलक लिलाड़ म्हारे गोर कसुम्बो रुदियो
गणगौर माता के दोहे
जात है गुजरात है, गुजरात का बाणया खाटा खूटी ताणया
गिण मिण सोला, सात कचोला इसर गोरा
गेहूं ग्यारा, म्हारो भाई ऐमल्यो खेमल्यो, लाडू ल्यो , पेडा ल्यो
जोड़ जवार ल्यो, हरी हरी दुब ल्यो, गोर माता पूज ल्यो
Gangaur ke dohe hindi me
भावज ले गटकायगी, चुन्दडी ओढायगी
चुन्दडी म्हारी हरी भरी, शेर सोन्या जड़ी
शेर मोतिया जड़ी, ओल झोल गेहूं सात
गोर बसे फुला के पास, म्हे बसा बाणया क पास
कीड़ी कीड़ी लो, कीड़ी थारी जात है
गणगौर पर दोहे
घडी दोय जावता पलक दोय आवता
सहेलियाँ में बातां चितां लागी हो रसीया
घडी दोय खेलवाने जावादो
थारो नथ भलके थारो चुड़लो चमके
थारा नेना रा निजारा प्यारा लागे हो मारुजी
थारा बिना जिवडो भुल्यो डोले
Gangaur Dohe With Husband Name
उँडो कुओ देख्या पाणी मती पीजो
चिकनी सिल्ला देखी न पाँव मती धरजो
पराया पुरुष देखनी हसी मती करजो
म्हारा दादाजी के जी मांडी गणगौर
म्हारा काकाजी के मांडी गणगौर
रसीया घडी दोय खेलवाने जावादो
गणगौर के दोहे हिंदी में
गाढ़ो जोती न रणु बाई आया
यो गोडो कुण छोड़ोवे
गाढ़ो छोज्ञावे ईश्वरजी हो राजा
वे थारी सेवा संभाले
सेवा संभाले माता अगड़ घड़ावे, सासरिये पोचावे
सासरिये नहीं जाँवा म्हारी माता पिपरिया में रे वां
भाई खिलावां भतीजा खिलावां, तो भावज रा गुण गांवा
रणुबाई रणुबाई रथ सिनगारियो तो
को तो दादाजी हम गोरा घर जांवा
जांवो वाई जावो बाई हम नहीं बरजां
लम्बी सड़क देख्या भागी मती जाजो