वन महोत्सव पर निबंध 2022 -23 Van Mahotsav Par Nibandh in Hindi – Van Mahotsav Day Essay for School Students & Teachers

वन महोत्सव पर निबंध

वन महोत्सव 2022: वन हमारे लिए काफी ज़रूरी हैं क्योंकि वन हमारी प्रकृति और मनुष्य जीवन में सतुलन बनाये रखने में काफी अहम हैं| किसी ने सही ही कहा है की वन ही जीवन है| यह बहुत से जानवरो के लिए घर भी है इसलिए हमें वनो को बचाना चाहिए है जिससे प्रकृति में संतुलन बना रहे| अक्सर यह पूछा जाता है की वन महोत्सव कब शुरू हुआ? दोस्तों वन महोत्सव 1960 में शुरू हुआ जिसमे पेड़ो और वनो को बचने के लिए जागरूकता फैलाई जाती है| आइये जानें निबंध ों वन महोत्सव इन हिंदी, वन महोत्सव सप्ताह, वन महोत्सव एस्से इन हिंदी, Short Essay on Van Mahotsav in hindi, वन महोत्सव पर निबंध हिंदी, वन महोत्सव पर प्रतिवेदन, वन महोत्सव का महत्व, वन महोत्सव डे, Essay on Forest Festival in Hindi वन महोत्सव पर निबन्ध इन मराठी, हिंदी, इंग्लिश, बांग्ला, गुजराती, तमिल, तेलगु, आदि की जानकारी देंगे जिसे आप अपने स्कूल के वन महोत्सव पर वृक्षारोपण व निबंध प्रतियोगिता, कार्यक्रम या भाषण प्रतियोगिता में प्रयोग कर सकते है| ये निबंध खासकर कक्षा 1, 2, 3, 4, 5, 6, 7, 8, 9 ,10, 11, 12 और कॉलेज के विद्यार्थियों के लिए दिए गए है|

वन महोत्सव पर निबंध इन हिंदी

वन महोत्सव कब मनाया जाता है: वन महोत्सव सप्ताह भारत में 1 जुलाई 2020 से 7 जुलाई 2020 तक मनाया जाएगा| अक्सर class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो को कहा जाता है वन महोत्सव सप्ताह पर निबंध लिखें| आइये देखें essay on van mahotsav, Van Mahotsav Shayari in Hindi, van mahotsav essay in kannada language, Van Mahotsav Wishes, in odia, वन महोत्सव पर कविता, van mahotsav essay pdf, Van Mahotsav Speech in Hindi, van mahotsav essay in hindi language, van mahotsav essay in telugu, ppt, in kannada pdf, वन महोत्सव फोटो, van mahotsav essay in telugu language, Van Mahotsav Quotes in Hindi, in hindi pdf, van mahotsav essay in punjabi, Van Mahotsav Week हिंदी में 100 words, 150 words, 200 words, 400 words जिसे आप pdf download भी कर सकते हैं|

वन महोत्सव जुलाई के पहले सप्ताह में मनाया भारत में एक वार्षिक पेड़ लगाकर त्योहार है . इस आंदोलन कृषि के लिए भारत के केन्द्रीय मंत्री , Kulapati Dr.KM मुंशी द्वारा वर्ष 1950 में शुरू किया गया था .यह पर्व अपार राष्ट्रीय महत्व प्राप्त की है और हर साल , पौधे के लाखों वन महोत्सव सप्ताह के अवलोकन में पूरे भारत भर में लगाए हैं .

यह भारत के प्रत्येक नागरिक को वन महोत्सव सप्ताह में एक पौधा संयंत्र के लिए है कि उम्मीद है. यह घरों में पेड़ या पौधे लगाकर वन महोत्सव का जश्न मनाने trees.People के नीचे काटने की वजह से नुकसान के बारे में लोगों के बीच फैल जागरूकता में मदद करता है , कार्यालयों , आदि स्कूलों , कॉलेजों , जागरूकता अभियान विभिन्न स्तरों पर आयोजित की जाती हैं . पेड़ों के मुक्त संचलन जैसे उपन्यास प्रोन्नति भी विभिन्न संगठनों और स्वयंसेवकों से लिया जाता है .

त्योहार के दौरान पेड़ों का रोपण वैकल्पिक ईंधन उपलब्ध कराने जैसे विभिन्न प्रयोजनों के कार्य करता है , खाद्य संसाधनों के उत्पादन में वृद्धि , मवेशियों के लिए भोजन उपलब्ध कराने , उत्पादकता बढ़ाने के लिए खेतों के चारों ओर आश्रय बेल्ट बनाने में मदद करता छाया और सजावटी परिदृश्य प्रदान करता है , आदि , मिट्टी गिरावट संरक्षण में मदद करता है पेड़ों ग्लोबल वार्मिंग को रोकने और प्रदूषण को कम करने के लिए सबसे अच्छा उपाय कर रहे हैं जैसे त्योहार , लोगों के बीच पेड़ों की जागरूकता को शिक्षित और रोपण और पेड़ों के रखरखाव की जरूरत चित्रण. वन महोत्सव के जीवन का एक उत्सव के रूप में मनाया जाता है. भारत में यह धरती मां को बचाने के लिए एक अभियान के रूप में शुरू किया गया था . नाम वन महोत्सव ” पेड़ों के त्योहार ” का मतलब है. एक समृद्ध वृक्षारोपण ड्राइव डॉ. राजेंद्र प्रसाद और जवाहरलाल नेहरू जैसे राष्ट्रीय नेताओं ने भाग लिया , जिसमें दिल्ली में शुरू किए जाने के बाद यह जुलाई 1947 में शुरू हुआ . त्योहार एक साथ भारत में राज्यों की संख्या में मनाया गया.
तब से, विभिन्न प्रजातियों के पौधे के हजारों वन विभाग की तरह स्थानीय लोगों और विभिन्न एजेंसियों के ऊर्जावान भागीदारी के साथ लगाए हैं .

Van Mahotsav Par Nibandh in Hindi

Van Mahotsav essay in hindi

हम लोग अपने जीवन में कई प्रकार से उत्सव मनाते हैं । पारिवारिक सामाजिक धार्मिक एवं राष्ट्रीय उत्सवों में लोग बढ़-चढ़कर भाग लेते हैं । परंतु वन महोत्सव इस सबसे बढ़कर ऐसा उत्सव है जो हमारे जीवन को सच्चा सुख प्रदान करता है ।

यह महोत्सव हमें प्रकृति से जोड़ता है । यह हमें याद दिलाता है कि हे मानव, वनों के बिना तेरा कल्याण नहीं है । वन समस्त प्राणी जगत् के उत्तम साथी हैं । वृक्षों का समूह जो कि वन कहलाता है हमारे जीवन के आधार हैं । वृक्षों के बदौलत ही हमारी धरती हरी-भरी है । वन, उपवन, बाग-बगीचे पृथ्वी पर जीवन और सौंदर्य के साकार रूप हैं ।

इनकी रक्षा के लिए प्रयत्न करना आवश्यक है । नए-नए वृक्षों को लगाकर वनों को घना करना वन क्षेत्र बढ़ाना वन महोत्सव का एक अंग है । जब हम वनस्पतियों के अस्तित्व के बारे में सोचते हैं तो असल में हम अपने अस्तित्व के लिए ही सोचते हैं ।

वृक्ष हमें फल-फूल छाया लकड़ी आदि देते हैं । ये हमें प्राणवायु और जीवनदायी शक्ति देकर हमें उपकृत करते हैं । हमारे देश में वनों के पेड़ों की बेहिसाब कटाई हुई है । वन अपनी प्राकृतिक शोभा खोते जा रहे हैं । यहाँ के कटे पेड़ चीख-चीखकर अपनी दर्दभरी दास्तान बता रहे हैं ।

वन्य पशु-पक्षी भी आहत हैं क्योंकि उनका प्राकृतिक आवास विकास की भेंट चढ़ चुका है । वनों को काटकर कृषि भूमि की तलाश की जाती है । झूम खेती इसी का एक वीभत्स रूप है । इतना ही नहीं जहाँ कभी घने वन थे वहाँ आज अट्टालिकाएँ हैं, कल-कारखाने हैं ।

यदि ऐसा ही होता रहा तो एक दिन स्थिति बहुत गंभीर हो जाएगी । धरती पर गरमी बढ़ेगी ऊँचे पहाड़ों के बरफ पिघलेंगे बाढ़ और सूखे की जटिल स्थितियों से हमें निरंतर जूझना पड़ेगा । वनों के अभाव में हमें अधिक प्रदूषित वायु में साँस लेना पड़ेगा ।

वर्षा का कारण भी ये वन-वृक्ष ही हैं । ये रेगिस्तानों का विस्तार रोकते हैं । वन महोत्सव एक युक्ति है प्राकृतिक सतुलन को बनाए रखने की । इसीलिए पर्यावरण प्रेमियों ने वृक्षारोपण को एक उत्सव का एक महोत्सव का नाम दिया ।

सामूहिक रूप से पेड़-पौधे लगाना वन महोत्सव का हिस्सा है । इस महोत्सव में आम लोगों की भागीदारी आवश्यक है । इस कार्य में उन लोगों का सहयोग भी अपेक्षित है जो वन क्षेत्र के आस-पास रहते हैं । ये लोग ही वनों की रक्षा मे सबसे अधिक सहयोग दे सकते हैं ।

हमारे देश में वन महोत्सव मनाया जाने लगा क्योंकि हमें पेड़-पौधों के महत्त्व का पता चल गया वन महोत्सव के माध्यम से वृक्षारोपण का नेक संदेश आम नागरिकों नक आसानी से पहुँचाया जा सकता है । वृक्ष लगाने की प्रक्रिया वन महान्मत्र क रूप में आरंभ की जा सकती है ।

हमारी आज की आवश्यकताएँ ही कुछ ऐसी है कि वन-वृक्षों की कटाई के बिना काम नहीं चल सकता । साथ-साथ हमारा यह कर्त्तव्य बनता है कि एक कटे पेड़ के स्थान पर दो पेड़ लगाए जाएँ, उनकी उचित देखभाल भी की जाए । अधिकांश रोपित पौधे जल के अभाव में सूख जाते हैं अथवा उन्हें पशु चर जाते हैं ।

ऐसे में पेड़ लगाने का लाभ भी समाप्त हो जाता है । इस पूरे घटनाक्रम को समझते हुए हमें वृक्षों के संरक्षण एव संवर्धन का दायित्व निभाना होगा । यदि हम अपना भविष्य सँवारना चाहते हैं और यदि भविष्य में भी आनंद-उत्सव मनाने की कामना करते हैं तो आज से ही वृक्षारोपण की प्रक्रिया आरंभ करनी होगी ।

Van Mahotsav short essay in hindi

वृक्ष हमारे जीवन में एहम भूमिका निभाते हैं यह हमारे द्वारा छोड़े गए कार्बनडाईऑक्साइड गैस को खींच लेते हैं और हमें ओक्सिजन देते हैं।
मानव जीवन में वृक्षों का विशेष महत्व है। वन महोत्सव भारत में जुलाई महीने के पहले सप्ताह को मनाया जाता है इन दिनों देश भर में लाखों की संख्या में पेड़ -पौधे लगाए जाते हैं। कुछ वर्षों में जंगलों और वृक्षों की होती अँधा -धुंध कटाई के कारण वातावरण का संतुलन बिगड़ गया है और मौसम में काफी बदलाव आ गया है लगातार तापमान में बढ़ोतरी हो रही है को देखते हुए वृक्ष लगाना अनिवार्य हो गया है। वृक्षों की कटाई के कारण कुदरत इसका बदला हमसे ले रही है बाढ़ , सूखा ,फैलता हुआ प्रदूषण आदि के रूप में हमें परिणाम मिल रहे हैं।

वन महोत्सव सन 1950 में शुरू किया गया था हमारे भारत देश में पेड़ों की विशेष रूप से पूजा की जाती है यहां के लोग पेड़ों को देवता के रूप में पूजते हैं कुछ पेड़ों की पत्तियां और टहनियों को तो विशेष पूजा में इस्तेमाल किया जाता है जिससे ज्ञात होता है के प्राचीन समय से ही मनुष्य पेड़ों की पूजा अर्चना करता आ रहा है।

इसीलिए मनुष्य को वृक्षों के महत्व को समझना चाहिए ता जो वृक्षों की कटाई को रोका जा सके और हर वर्ष वन महोत्सव के दिनों में लाखों पेड़ -पौधे लगाकर लोगों को इनके प्रति जागरूक किया जाता है

Van mahotsav long essay

बन महोत्सव
अथवा
वृक्षारोपण या वन संरक्षण
अथवा
जीवन में वनो का महत्व

1.प्रस्तावना:-
भारतवर्ष का मौसम और जलवायु देशों में सर्वश्रेष्ठ है, इसकी प्राकृतिक रमणीयता और हरित वैभव विख्यात है विदेशी पर्यटक यहां की मनोहारी प्राकृतिक सुषमा देखकर मोहित हो जाते हैं|

2.प्राचीन सभ्यता एवं संस्कृति में वृक्षों की महत्ता:-
हमारे देश की प्राचीन संस्कृति में वृक्षों की पूजा और आराधना की जाती है|तथा नेतृत्व की उपाधि दी जाती है|बच्चों को प्रकृति ने मानव की मूल आवश्यकता से जोड़ा है| किसी ने कहा है कि- वृक्ष ही जल है, जल ही अन्न है,और अन्न ही जीवन है| यदि वृक्ष न होते तो नदी और आसमान ना होते वृक्ष की जड़ों के साथ वर्षा का जल जमीन के भीतर पहुंचता है, वन हमारी सभ्यता और संस्कृतिके रक्षक है|शांति और एकांत की खोज में हमारे ऋषि मुनि वनों में रहते थे, वहां उन्होंने तत्व ज्ञान प्राप्त किया और वह विश्व कल्याण के उपाय भी सोचते, वही गुरुकुल होते थे| जिसमें भावी राजा, दार्शनिक, पंडित आदि शिक्षा ग्रहण करते थे|आयुर्वेद के अनुसार पेड़ पौधों की सहायता से मानव को स्वस्थ एवं दीर्घायु किया जा सकता है| तीव्र गति से जनसंख्या बढ़ने तथा राष्ट्रों के ओद्योगिक विकास कार्यक्रमों के कारण पर्यावरण की समस्या गंभीर हो रही है| प्राकृतिक साधनों के अधिक और अधिक उपयोग से पर्यावरण बिगड़ता जा रहा है|वृक्षों की भारी तादाद में कटाई से जलवायु बदल रही है|ताप की मात्रा बढ़ती जा रही है, नदियों का जल दूषित होता जा रहा है, वायुमंडल में कार्बन डाइऑक्साइड गैस की मात्रा बढ़ रही है, इसे भी भावी पीढ़ी के स्वास्थ्य को खतरा है|

3.वृक्षों की उपासना का प्रचलन:-
वृक्षों के महत्व एवं गौरव को समझते हुए हमारी प्राचीन परंपरा में इनकी आराधना पर बल दिया गया है|पीपल के वृक्ष की पूजा करना, व्रत रखकर उसकी परिक्रमा करना एवं जल अर्पण करना और पीपल को काटना पाप करने के सामान है|यह धारणा वृक्षों की संपत्ति की रक्षा का भाव प्रकट करती है| प्रत्येक हिंदू के आंगन में तुलसी का पौधा अवश्य में देखने को मिलता है| तुलसी पत्र का सेवन प्रसाद में आवश्यक माना गया है| बेल के वृक्ष, फल और बेलपत्र की महिमा इतनी है, कि वह शिवजी पर चढ़ाए जाते हैं| कदम वृक्ष को श्री कृष्ण का प्रिय पेड़ बताया है तथा अशोक के वृक्ष शुभ और मंगल दायक हैं| इन वृक्ष की रक्षा हेतु कहते हैं कि-हरे वृक्षों को काटना पाप है, श्याम के समय किसी वृक्ष के पत्ते तोड़ना मना है वृक्ष सो जाते हैं |यह सब हमारी प्राचीन सभ्यता और संस्कृति के प्रतीक है| जिसमें वृक्षों को ईश्वर स्वरूप, वन को संपदा और वृक्षों को काटने वालों को अपराधी कहा जाता है|

4.वृक्षों से लाभ:-
वृक्षों से स्वास्थ्य लाभ होता है क्योंकि मनुष्य के श्वास प्रक्रिया से जो दूषित हवा बाहर निकलती है, वृक्ष उन्हे ग्रहण कर, हमें बदले में स्वच्छ हवा देते हैं| आंखों की थकान दूर करने और तनाव से छुटकारा पाने के लिए विस्तृत वनों की हरियाली हमें शांति प्रदान कर आंखों की ज्योति को बढ़ाती है|वृक्ष बालक से लेकर बुजुर्गों तक सभी के मन को भाते है| इसलिए हम अपने घरों में छोटे छोटे से पौधे लगाते हैं|वृक्षों पर अनेक प्रकार के पक्षी अपना घोंसला बना कर रहते हैं और उनकी कल कल मधुर ध्वनि पर्यावरण में मधुरता घोलती है|वृक्षों से अनेक प्रकार के स्वाद भरे फल हमारे भोजन को रसमय और स्वादिष्ट बनाते हैं| इनकी छाल और जड़ों से दवाइयां बनाई जाती है|पशु वृक्षों से अपना भोजन ग्रहण करते हैं| इसलिए हमें अपनी धरती के आंचल को अधिक से अधिक हरा-भरा रखने के लिए पेड़ पौधे लगाने चाहिए| यह वर्षा कराने में सहायक होते हैं| मानसूनी हवाओं को रोककर वर्षा कराना पेड़ों का ही काम है|वृक्षों के अभाव में वर्षा नहीं होती है और वर्षा के अभाव में अन्न का उत्पादन नहीं हो पाता है| गृह कार्य में वृक्ष हमें सुखद छाया और मंद पवन देते हैं| सूखे ब्रक्ष ईंधन के काम आते हैं| गृह निर्माण, गृह सज्जा, फर्नीचर, के लिए हमें वृक्षों से ही लकड़ी मिलती है| आमला, चमेली का तेल, गुलाब, केवड़े का इत्र, खस की खुशबू यह सभी वृक्षों और उनकी जडो से ही बनाए जाते हैं|

5.उपसंहार:-
वृक्षों से हमें नैतिकता, परोपकार और विनम्रता की शिक्षा मिलती है| फलों को स्वयं वृक्ष नहीं खाता है| वह जितना अधिक फल फूलों से लगा होगा उतना ही झुका हुआ रहता है| हम जब देखते हैं कि सूखा कटा हुआ पेड़ भी कुछ दिनों में हरा भरा हो जाता है जो जीवन में आशा का संचार का धैर्य और साहस का भाव भरता है| हमें अधिक से अधिक वृक्षारोपण करना चाहिए|
वृक्षारोपण करके ही हम अपनी भावी पीढ़ी के लिए जीवन उत्तरदाई वातावरण सृजित कर सकते हैं| यदि आज इस दृष्टि से वृक्षों का अस्तित्व मिटा दिया गया तो कल आने वाले समय में इस सृष्टि पर जीवन का होना संभव नहीं होगा|वृक्षों से ही जीवन संभव है, वृक्ष है तो सब कुछ है और यदि वृक्ष नहीं है, तो जीवन में कुछ भी नहीं है| इसलिए हम कह सकते है कि-

“Trees Are Best Friend In Our Life”

Van Mahotsav essay in english

Van Mahotsava english essay is given below:

Van Mahotsav or the festival of trees is a festival celebrated in India in the first week of July. This celebration was started in 1950 by Dr. K.M. Munshi the Agriculture minister for India during the same year. As part of the celebrations, millions of saplings are planted by people of all age groups from all over the country in the Van Mahotsav week.
All over the country, people are encouraged to plant trees. This practice is observed by schools all over the country. Schools usually declare this day to be a half day where classes are suspended and students are encouraged to plant trees. This helps in making the students better citizens and also spreads awareness as to the adverse effects of cutting trees.

Awareness campaigns are held all over the country and various drives by NGO’s are organized to help people participate in the process of planting trees. This practice takes place every year and helps conserve the greenery of our country. The preservation of nature has become a very important part of our life due the acceleration in industrialization and the construction of so many factories, conservation of forests has become a point of major concern.

Due to the celebration of this festival in the month of July which is also the onset of the monsoon season, planting trees proves to be beneficial. Planting of trees also serves other purposes like providing alternative fuel options, food for cattle, helps in soil conservation and more than anything offers a natural aesthetic beauty. Planting of trees also helps to avoid soil erosion which may cause floods. Also, planting trees can be extremely effective in slowing down global warming and trees also help in reducing pollution as they make the air cleaner.

The constant felling of trees has been a problem for a long time now and as a result of that it is extremely important for us to create awareness for the same. And everyone must try and actively involve themselves in this practice as well. According to the forest department for every tree felled ten trees should be planted to regain the loss of one. The survival of plants and animals is also put in danger as each and every time a tree is felled or a forest is uprooted. Van Mahotsav is thus a widely celebrated festival and should be celebrated as more than a day of planting trees and celebrated as any other festival.

वन महोत्सव पर लेख – 250 words

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मानव जीवन में वृक्षों का विशेष महत्व है। वन महोत्सव भारत में जुलाई महीने के पहले सप्ताह को मनाया जाता है इन दिनों देश भर में लाखों की संख्या में पेड़ -पौधे लगाए जाते हैं। कुछ वर्षों में जंगलों और वृक्षों की होती अँधा -धुंध कटाई के कारण वातावरण का संतुलन बिगड़ गया है और मौसम में काफी बदलाव आ गया है लगातार तापमान में बढ़ोतरी हो रही है को देखते हुए वृक्ष लगाना अनिवार्य हो गया है।

वृक्ष हमारे जीवन में एहम भूमिका निभाते हैं यह हमारे द्वारा छोड़े गए कार्बनडाईऑक्साइड गैस को खींच लेते हैं और हमें ऑक्सीजन देते हैं। इसीलिए भविष्य में वातावरण को संतुलन बनाए रखने के लिए वृक्ष लगाना आवश्यक है। वृक्ष ही भूमि को बंजर होने से रोकते हैं। वृक्षों से ही कई प्रकार की जड़ी बूटियां तैयार की जाती हैं।

इसीलिए हमें ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगाने चाहिए वन महोत्सव (Van Mahotsav) का मुख्य उदेश्य लोगों को पेड़ों के प्रति जागरूक करना है । वन महोत्सव (Van Mahotsav) सन 1950 में शुरू किया गया था हमारे भारत देश में पेड़ों की विशेष रूप से पूजा की जाती है यहां के लोग पेड़ों को देवता के रूप में पूजते हैं कुछ पेड़ों की पत्तियां और टहनियों को तो विशेष पूजा में इस्तेमाल किया जाता है जिससे ज्ञात होता है के प्राचीन समय से ही मनुष्य पेड़ों की पूजा अर्चना करता आ रहा है। परन्तु पेड़ों की अंधा -धुंध कटाई के कारण केवल पर्यावरण को ही नुक्सान नहीं हुआ बल्कि जीव जंतु खत्म हो गए पेड़ों पर रहने वाले पक्षी अलोप हो गए।

इसीलिए वनों के मानव जाति को फायदे ही फायदे हैं वहीँ यदि मानव अपने स्वार्थ के लिए इसी तरह वृक्षों की कटाई करता रहा तो वो दिन दूर नहीं जब मानव खुद अपने विनाश का कारण बनेगा। वृक्षों की कटाई के कारण कुदरत इसका बदला हमसे ले रही है बाढ़ , सूखा ,फैलता हुआ प्रदूषण आदि के रूप में हमें परिणाम मिल रहे हैं।

इसीलिए मनुष्य को वृक्षों के महत्व को समझना चाहिए के वे उनके मित्र हैं जो सुख -दुख में उनकी मदद करेंगे और हमें सब को एक वृक्ष तो अवश्य लगाना चाहिए और उनकी देखभाल करें। भारत सरकार ने वृक्ष रक्षा हेतु कई कठोर नियम बनाये हैं ता जो वृक्षों की कटाई को रोका जा सके और हर वर्ष वन महोत्सव के दिनों में लाखों पेड़ -पौधे लगाकर लोगों को इनके प्रति जागरूक किया जाता है बस देर है हमें इनके महत्व को समझने की और हर वर्ष कम से कम एक पेड़ लगाने की।

वन महोत्सव पर निबंध संस्कृत में

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अस्मान् परितः यानि पञ्चमहाभूतानि सन्ति तेषां समवायः एव परिसरः अथवा पर्यावरणम् इति पदेन व्यवह्रीयते । अधुना पर्यावरणस्य समस्या न केवलं भारतस्य अपितु समस्तविश्वस्य समस्या वर्तते।

वन महोत्सव पर निबंध इन हिंदी

Van Mahotsav essay in kannada

ಚಾಮರಾಜನಗರ, ಜು.31: ಕಾಟಾಚಾರಕ್ಕೆ ಗಿಡನೆಟ್ಟು ಕ್ಯಾಮರಾ ಮುಂದೆ ಪೋಸ್ ನೀಡಿ ಪ್ರಚಾರ ಪಡೆದು ಮತ್ತೆ ಅತ್ತ ತಿರುಗಿ ನೋಡದ ಜನರ ನಡುವೆ ಶಾಲೆ ಆವರಣದಲ್ಲಿ ಗಿಡನೆಟ್ಟು ಅವುಗಳನ್ನು ಪೋಷಿಸಿ, ಬೆಳೆಸಿ ಅವುಗಳಿಗೆ ಹುಟ್ಟು ಹಬ್ಬ ಆಚರಿಸುವ ಮೂಲಕ ಪರಿಸರ ಕಾಳಜಿ ತೋರುತ್ತಿರುವ ಚಾಮರಾಜನಗರದ ಚನ್ನಿಪುರಮೋಳೆಯ ಸರ್ಕಾರಿ ಹಿರಿಯ ಪ್ರಾಥಮಿಕ ಶಾಲೆಯ ಮಕ್ಕಳು ಇತರರಿಗೆ ಮಾದರಿಯಾಗಿದ್ದಾರೆ.
ಕ್ರೀಡಾ ವಾರ್ತೆ
ಫೀಫಾ 2020: ಚಾಂಪಿಯನ್ನರಿಗೆ ‘ಶಾಪ’, ‘ಜರ್ಮನಿ’ ಹೊಸ ಸೇರ್ಪಡೆ
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ಜರ್ಮನ್ ನಂತೆ ಮುಖಭಂಗ ಅನುಭವಿಸಿದ ಪ್ರಮುಖ ತಂಡಗಳಿವು!
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ಫೀಫಾ ಸೆಮಿಫೈನಲ್‌ಗೆ ಬರುವ ತಂಡಗಳು ಯಾವುವು? ವರಾಹ ಭವಿಷ್ಯ
ಫೀಫಾ ಸೆಮಿಫೈನಲ್‌ಗೆ ಬರುವ ತಂಡಗಳು ಯಾವುವು? ವರಾಹ ಭವಿಷ್ಯ
ಶಾಲೆಯ ಆವರಣದಲ್ಲಿ ಕಳೆದ ವರ್ಷ ನ್ಯಾಯಾಧೀಶರಾದ ಮಲ್ಲಪ್ಪ ಸಮಾಜ ಸೇವಕ ಎಲ್. ಸುರೇಶ್ ಕೊಡುಗೆಯಾಗಿ ನೀಡಿದ್ದ ಗಿಡಗಳನ್ನು ನೆಟ್ಟಿದ್ದರು. ಆ ಮೂಲಕ ವನ ಮಹೋತ್ಸವಕ್ಕೆ ಚಾಲನೆ ನೀಡಿದ್ದರು. ಪ್ರತಿಯೊಂದು ಗಿಡಕ್ಕೂ ದೇಶದ ಮಹಾನ್ ನಾಯಕರ ಹೆಸರು ಇಡಲಾಗಿತ್ತು.

ಆದರೆ ವಿದ್ಯಾರ್ಥಿಗಳು ಗಿಡ ನೆಟ್ಟ ನಂತರ ಪ್ರತಿ ದಿನವೂ ಅವುಗಳಿಗೆ ನೀರು, ಗೊಬ್ಬರ ಹಾಕಿ ಪ್ರೀತಿ ಯಿಂದ ಬೆಳೆಸಿದ್ದರು. ಇದೀಗ ಗಿಡಗಳಿಗೆ ವರ್ಷ ತುಂಬಿದ್ದರಿಂದ ಹುಟ್ಟುಹಬ್ಬ ಆಚರಣೆಯ ಸಂಭ್ರಮ. ಶಾಲೆಯಲ್ಲಿ ಎಲ್ಲಿ ನೋಡಿದರಲ್ಲಿ ಹಬ್ಬದ ವಾತಾವರಣ…

ವಿದ್ಯಾರ್ಥಿಗಳಲ್ಲಿ ಏನೋ ಉತ್ಸಾಹ… ಗಿಡಗಳಿಗೆ ಹಸಿರು ತೋರಣ ಕಟ್ಟಿ ಹೂವಿನಿಂದ ಸಿಂಗರಿಸಿ… ಕೇಕ್ ಕತ್ತರಿಸಿ ಎಲ್ಲರಿಗೂ ಹಂಚುವ ಮೂಲಕ ಗಿಡಗಳಿಗೆ ನೀರು ಹಾಕಿದರು. ಶಾಲೆ ಮಕ್ಕಳ ಈ ಕಾಳಜಿ ಎಲ್ಲರಲ್ಲೂ ಮೂಡಿದ್ದೇ ಆದರೆ ವನಮಹೋತ್ಸವ ಆಚರಣೆಗೆ ಖಂಡಿತಾ ಅರ್ಥ ಬರುತ್ತದೆ.

10 Lines on Van Mahotsav in Hindi

  1. बंजर धरती करे पुकार, पेड़ लगाकर करो सिंगार.
  2. वन उपवन कर रहे पुकार, देते हम वर्षा की बोछार.
  3. सर साटे रूख रहे, तो भी सस्तो जाण.
  4. कहते हे सब वेद-पुराण, एक वृक्ष दस पुत्र सामान.
  5. धरती पर स्वर्ग हे वहाँ, हरे भरे वृक्ष हे जहाँ.
  6. जहां हरयाली है, वहीं खुशहाली है.
  7. वृक्ष प्रदूषण-विष पी जाते, पर्यावरण पवित्र बनाते.
  8. पेड़ लगाएं, प्राण बचाएं.
  9. कड़ी धूप में जलते हैं पाँव, होते पेड़ तो मिलती छाँव.
  10. पेड़ो से वायु, वायु से आयु.

Few Lines on Van Mahotsav in Hindi

  1. साँस के लिये ऑक्सिजन बनाते हैं.
  2. धूप की पीड़ा और ठंड के कष्ट से बचाते हैं.
  3. धरती का श्रृंगार कर सुंदर प्रकृति का निर्माण करते हैं.
  4. पथिकों विश्राम-स्थल, पक्षियों को नीड़, जीव जन्तुओं को आश्रय स्थल देते हैं.
  5. पेड़ अपना तन समर्पित कर गृहस्थों को इंर्धन, इमारती लकड़ी, पत्तो-जड़ों तथा छालों से समस्त जीवों को औषधि देते हैं.
  6. पत्ते, फूल, फल, जड़, छाल, लकड़ी, गन्ध, गोंद, राख, कोयला, अंकुर और कोंपलों से भी प्राणियों की अन्य अनेकानेक कामनाएँ पूर्ण करते है.

2020 update

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