माँ पीताम्बरा बीज मंत्र – Pitambara Seed Mantra

माँ पीताम्बरा बीज मंत्र

पीताम्बरा पीठ दतिया: माँ पीतांबरा को अपने भक्तो की रक्षा करने के लिए जाना जाता है| श्री पीताम्बर पीठ, मध्य भारत के दतिया शहर में स्थित हिंदू मंदिरों का एक परिसर है जिसकी बहुत मान्यता है |इसीलिए आज हम आपको बताएंगे माँ पीताम्बरा बीज मंत्र (माँ पीताम्बरा का बीज मंत्र) यानी की बगलामुखी बीज मंत्र बताएंगे जिसमे सबसे ज़्यादा कारगर बगलामुखी एकाक्षरी मंत्र व बगलामुखी माला मंत्र हैं | साथ ही आपको मंत्र की साधना का तरीका भी बताया जाएगा|

माँ पीताम्बरा का बीज मंत्र

पीताम्बरा बीज मंत्र को पीत वर्ण के कारण की वजह से माँ बगलामुखी भी कहा जाता है| इस मंत्र को जाप करने से आपके आंतरिक एवं बाह्य दुश्मनो का सर्वनाश हो जाता है| साथ ही आप गौरी पूजा मंत्र भी देख सकते हैं|

पीताम्बरा पीठ दतिया

Pitambara Beej Mantra

माँ पीताम्बरा बीज मंत्र साधना विधि को डाउनलोड करने के लिए नीचे दिए हुए डाउनलोड बटन पर क्लिक कर पीडीएफ फ़ाइल को डाउनलोड करें|

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एकाक्षरी मंत्र – ह्ल्रीं (ह्ल्रीम) 

विनियोग 

ऊँ अस्य श्री बगला-मुखी महा-मन्त्रस्य, श्री ब्रह्मा ऋषिः, गायत्री छन्दः, श्री बगलामुखि देवता, लं बीजं, ह्ल्रीं शक्तिः, ई कीलकं, श्री बगलामुखि-देवताम्बा-प्रीत्यर्थे जपे विनियोगः (जल पृथ्वी पर डाल दें)। Share on X
ऋष्यादि न्यास 
ऊँ ब्रह्मर्षये नमः शिरसि, गायत्री छन्दसे नमः मुखे, श्री बगला मुखी देवतायै नमः हृदि, लं बीजाय नमः गुह्म, ह्ल्रीं शक्तये नमः पादयोः, ई कीलकाय नमः सर्वाङगे। Share on X
कर न्यास 
ऊँ हल्रां अंगुष्ठाभ्यां नमः। ऊँ ह्ल्रीं तर्जनीभ्यां स्वाहा (दोनों प्रथम उंगली के ऊपरी सिरे आपस मंे मिलाएं। ऊँ ह्ल्रूं मध्यमाभ्यां वषट् (दोनों मध्यमा उंगली के सिरे आपस मंे मिलाए। ऊँ ह्ल्रैं अनामिकाभ्यां हुं (अनामिका उंगली के सिरे मिलाए) ऊँ… Share on X
अगङ न्यास – 
ऊँ हृा हृदयाय नमः (हृदय को दाहिने हाथ से छुए) ऊँ हृीं शिरसे स्वाहा (सिर को छुए) ऊँ हृं शिखायै वषट् (शिखा को छुए) ऊँ ह्रैं कवचाए हुं (सीने पर कवच बनाए) ऊँ हृौं नेत्र-लयाय वौषट् (आंखों को छुए) ऊँ हृः अस्त्राय फट् (सर पर दाया हाथ दाई तरफ से बांई तरफ… Share on X
ध्यान – 
वादी मूकति, रङकति क्षिति-पति वैश्वानरः शीतति, क्रोधी शाम्यति, दुर्जनः सुजनति, क्षि प्रानुग खञजति। गर्वी खर्वति सर्व विच्च जड़ति त्वद्-यन्त्रणा यन्त्रितः, श्री नित्ये! बगलामुखि! प्रति दिनं कल्याणि तुभ्यं नमः।। Share on X
भावार्थ
हे कल्याणि! आप के मन्त्र के द्वारा यंत्रित किया गया वादी-गूंगा, छत्रपति रंक, अग्नि शीतल, क्रोधी-शान्त, दुर्जन-सुजन, धावक लंगड़ा, गर्व युक्त छोटा और सर्वज्ञ-जड़ हो जाता है अतः एव हे लक्ष्मी स्वरूपे नित्ये माँ बगला! कल्याणी! मैं आप को प्रतिदिन नमन करता… Share on X
हवन सामग्री 
पीसी हल्दी - 1 किलो0 मालकांगनी - 500 ग्राम सुनहरी हरताल - 20 ग्राम पिसा सेंघा नमक - 1 चम्मच सरसों का तेल - 200 ग्राम लौंग - 50 ग्राम बेसन के लड्डू Share on X

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