पिता दिवस पर कविता 2022 -23 Father’s Day Par Kavita – Father’s Day Poem in Hindi pdf Download

पिता दिवस पर कविता 2018

किसी भी बच्चे के जीवन में पिता की भी उतनी ही अहमियत होती है जितनी माँ की होती है| पिता हमे जीवन जीना सिखाते है| वे हमे अलग अलग परिस्थितिओ से निपटने के लिए शिक्षा देते है| पिता दिन रात एक करके मेहनत करते है ताकि अपने बच्चो को संसार का हर सुख दे स्कोर उनकी साड़ी इच्छा पूरी कर सके| पिता दिवस यानिकि फादर्स डे हर जून महीने के तीसरे संडे यानिकि रविवार को पड़ता है| इस बार यह दिवस 17 जून को है| आज के इस पोस्ट में हम आपको पिता पर छोटी कविता, मेरे पापा पर कविता, पिता के जन्मदिन पर कविता, पिता को श्रद्धांजलि कविता, पिता और पुत्री पर कविता, पापा के जन्मदिन पर कविता, पिता की याद में कविता, आदि की जानकारी देंगे|

Happy Father’s Day Poem in Hindi

आइये अब हम आपको father’s day poem short, फादर्स डे पर निबंध, father’s day poem from a child, father’s day poem in marathi, Happy Fathers Day Wishes in Hindi, फादर्स डे स्पीच इन स्कूल इन हिंदी, father’s day shayari in Hindi, fathers day poem in punjabi language, फादर्स डे स्टेटस, father’s day best poem in hindi , father’s day par kavita in hindi, fathers Day Quotes in Hindi, mother’s day poem in urdu, Happy Father’s day Message, mother’s day poem for preschoolers कक्षा class 1, class 2, class 3, class 4, class 5, class 6, class 7, class 8, class 9, class 10, class 11, class 12 के बच्चो के लिए जानकारी देते है|

पापा मेरी नन्ही दुनिया, तुमसे मिल कर पली-बढ़ी
आज तेरी ये नन्ही बढ़कर, तुझसे इतनी दूर खड़ी
तुमने ही तो सिखलाया था, ये संसार तो छोटा है
तेरे पंखों में दम है तो, नील गगन भी छोटा है

कोई न हो जब साथ में तेरे, तू बिलकुल एकाकी है
मत घबराना बिटिया, तेरे साथ में पप्पा बाकी हैं

पीछे हटना, डरना-झुकना, तेरे लिए है नहीं बना
आगे बढ़ कर सूरज छूना, तेरी आंख का है सपना

तुझको तो सूरज से आगे, एक रस्ते पर जाना है
मोल है क्या तेरे वजूद का दुनिया को बतलाना है

आज तो पापा मंजिल भी है, दम भी है परवाजों में
एक आवाज नहीं है लेकिन, इतनी सब आवाजों में

सांझ की मेरी सैर में हम-तुम, साथ में मिल कर गाते थे
कच्चे-पक्के अमरूदों को, संग-संग मिल कर खाते थे
उन कदमों के निशान पापा, अब भी बिखरे यहीं-कहीं
कार भी है, एसी भी है, पर अब सैरों में मज़ा नहीं

कोई नहीं जो आंसू पोछें, बोले पगली सब कर लेंगे
पापा बेटी मिलकर तो हम, सारे रस्ते सर कर लेंगे

इतनी सारी उलझन है और पप्पा तुम भी पास नहीं
ये बिटिया तो टूट चुकी है, अब तो कोई आस नहीं

पर पप्पा ! तुम घबराना मत, मैं फिर भी जीत के आउंगी
मेरे पास जो आपकी सीख है, मैं उससे ही तर जाऊंगी

फिर से अपने आंगन में हम साथ में मिल कर गाएंगे
देखना अपने मौज भरे दिन फिर से लौट के आएंगे

Father’s Day Par Kavita

अब हम आपको पिता पर कविता पिता दिवस, parents day poem in hindi, fathers day poem in hindi download, father’s day 2017 poem in hindi, father’s day sad poem in hindi, happy fathers day poem in hindi from daughter, father day poem hindi me, father’s day related poem in hindi, फादर डे पोएम इन हिंदी, happy father day poem in hindi, father’s day emotional poem in hindi, short poem for father’s day in hindi, father’s day on hindi poem in hindi language,  फादर्स डे पर कविता, आदि की जानकारी देंगे|

मेरा साहस मेरी इज्जत मेरा सम्मान है पिता।
मेरी ताकत मेरी पूँजी मेरी पहचान है पिता।
घर की इक-इक ईट में शामिल उनका खून पसीना।
सारे घर की रौनक उनसे सारे घर की शान पिता।
मेरी शोहरत मेरा रूतबा मेरा है मान पिता।
मुझको हिम्मत देने वाले मेरा हैं अभिमान पिता।
सारे रिश्ते उनके दम से सारे नाते उनसे हैं।
सारे घर के दिल की धड़कन सारे घर की जान पित।
शायद रब ने देकर भेजा फल ये अच्छे कर्मों का।
उसकी रहमत उसकी नेमत उसका है वरदान पिता।

आज भी वो प्यारी मुस्कान याद आती है।
जो मेरी शरारतों से पापा के चेहरे पर खिल जाती थी।
अपने कन्धों पर बैठाकर वो मुझे दुनिया की सैर कराते थे।
जहां भी जाते मेरे लिए ढेर सारे तोहफे लाते थे।
मेरे हर जन्मदिन पर वो मुझे साथ मंदिर ले जाते थे।
मेरे हर रिजल्ट का बखान पूरी दुनिया को बताते थे।
मेरी जिंदगी के सारे सपने उनकी आँखों में पल रहे थे।
मेरे लिए खुशियों का आशियाना वो हर पल बन रहे थे।
मेरे सपने उनके साथ चले गए मेरे पापा मुझे छोड़ गए।
अब आँखों में शरारत नहीं बस आंसू ही दीखते हैं।
एक बार तो वापस आ जाओ पापा।
हैप्पी फादर्स डे तो सुन जाओ पापा।

Father’s Day Special Poem in Hindi

पापा तुम कितने अच्छे हो।
बड़े हो गए इतने लम्बे।
मगर अभी मन से बच्चे हो।
पापा तुम कितने अच्छे हो।
दीदी के प्यारे मास्टर जी।
भैया के हो जिगरी दोस्त।
घोड़ा बनकर हमें बिठाते।
और खिलाते मक्खन टोस्ट।
जीवन की खुशियाँ मिल जातीं।
जब मिल जाते मम्मी-पापा।
पिज्जा बर्गर आइसक्रीम संग।
जब हम करते सैर सपाटा।
मम्मी तुम कितनी अच्छी हो।
पापा तुम कितने अच्छे हो।

मेरे प्यारे पिताजी
माँ ममता का सागर है
पर उसका किनारा है पिताजी
माँ से ही बनता घर है
पर घर का सहारा है पिताजी
माँ आँखों की ज्योति है
पर आँखों का तारा है पिताजी
माँ से स्वर्ग है माँ से बैकुंठ
माँ से ही है चारों धाम
पर इन सब का द्वारा है पिताजी
देवांश राघव जी द्वारा रचित

Father’s Day Poem in Hindi from Daughter

प्यारे पापा सच्चे पापा
बच्चों के संग बच्चे पापा
करते हैं पूरी हर इच्छा
मेरे सबसे अच्छे पापा

पापा ने ही तो सिखलाया
हर मुश्किल में बनकर साया
जीवन जीना क्या होता है
जब दुनिया में कोई आया
उंगली पकड़कर सिखलाता
जब ठीक से चलना न आता
नन्हे प्यारे बच्चे के लिए
पापा ही सहारा बन जाता

प्यारे पापा सच्चे पापा
बच्चों के संग बच्चे पापा

पिता जीवन है, संबल है, शक्ति है।
पिता सृष्टि के निर्माण की अभिव्यक्ति है।
पिता उंगली पकडे तो बच्चे का सहारा है।
पिता कभी कुछ खट्टा, कभी खारा है।
पिता पालन है, पोषण है, परिवार का अनुशासन है।
पिता धौंस से चलने वाला प्रेम का प्रशासन है।
पिता रोटी है, कपड़ा है, मकान है।
पिता छोटे से परिंदे का बड़ा आसमान है।
पिता अप्रदर्शित अनंत प्यार है।
पिता है तो बच्चों को इन्तजार है।
पिता से ही बच्चों के ढेर सारे सपने हैं।
पिता है तो बाजार के सब खिलौने अपने हैं।
पिता से ही परिवार में प्रतिपल राग है।
पिता से ही माँ की बिंदी और सुहाग है

Poem on Father’s Day in Hindi From Son

खिल गई है मुस्कुराहट, उसके चेहरे पर आया है नूर
निहार-निहार चूमे माथा,लहर खुशी की छाया है सुरूर

गर्व से फूल गया है सीना ,बना है वह आज पिता
अंश को अपने गोद में लेकर, फूला न समाया, जग जीता
सपने नए लगा है संजोने, पाया है सुख स्वर्ग समान
तिनका-तिनका जोड़-जोड़, करने लगा नीड़ निर्माण

बीमा, बचत, बैंकों में खाते, योजना हुई नई तैयार
खेल-खिलौने,घोड़ा-गाड़ी, खुशियां मिली उसे अपार

सांझ ढले जब काम से आता ,लंबे-लंबे डग भरता
ममता, प्यार हृदय में रखता ,जगजाहिर नहीं करता

कंधों पर बैठा वो खेलता, कभी घोड़ा वह बन जाता
हं सी, ठिठोली, रूठ ,मना कर, असीम सुख वह पाता

ढलने लगी है उम्र भी अब तो, अंश भी होने लगा जवां
पैरों के छाले नहीं देखता,लेता चैन नहीं अवकाश

बच्चों की खुशियों की खातिर, हर तकलीफ़ रहा है झेल
जूतों का अपने छेद छुपाता, मोटर गाड़ी का तालमेल

अनंत प्यार का सागर है यह,परिंदे का खुला आसमान
अडिग हिमालय खड़ा हो जैसे,पिघले जैसे बर्फ समान

बड़ा अनोखा है ये जुलाहा, बुन रहा तागों को जोड़
सूत से नाते बांध रहा यह, लगा रहा दुनिया से होड़

होने लगी है हालत जर-जर, हिम्मत फिर भी रहा न हार
बेटी की शादी, बेटे का काम ,करने लग रहा जुगाड़

दर्द से कंधे लगे हैं झुकने,रीढ़ भी देने लगी जवाब
खुश है रहता अपनी धुन में, देख संतान को कामयाब

बेटी अब हो गयी पराई, बेटा भी परदेस गया
बाट जोहता रहता हर दिन,आएगा संदेस नया

खाली हाथ अब जेब भी खाली, फिर भी सबसे मतवाला
बन गया है धन्ना सेठ, ये जुलाहा, रखवाला…

फादर डे कविता मराठी

परमानंद उडाली आहे, त्याच्या चेहऱ्यावर नूर आला आहे
अचानक लहर चुंबन एक छाया आहे, आणि एक शॉवर आहे

शिवसेनाबद्दल अभिमान आहे, आज त्याला वडील बनविले आहे
आपल्या गोळीत अपूर्णांक घ्या, श्वास घेत नाही, पाया जिंकणे
स्वप्ने नवीन आहेत, प्रेम आपल्याला नंदनवन सारखे आहे असे आढळले आहे
टिंकरब्रेड

विमा, बचत, बँकेत खाते, नवीन योजना तयार
खेळणी, घोडेस्वारी, आनंदाने त्याला अमर प्राप्त

जेव्हा संध्याकाळ येते, तेव्हा कामाचा कालावधी बराच वेळ येतो
ममता, हृदयात ठेवलेले प्रेम, अर्थ नाही

तो खांदेवर खेळतो, कधी कधी घोडा तो एक होतो
त्याला भरपूर सुख आणि सुख मिळाले

आताही वय पडत गेले आहे, आता अगदी अपूर्णांक सुरु झाला आहे
त्वचेची त्वचा दिसत नाही, ती होत नाही

मुलांच्या आनंदाच्या प्रयत्नांत सर्व समस्या उद्भवल्या आहेत
शूज लपवितो लपविते, मोटर वाहन संयोजन

हे असीम प्रेम, चंद्र खुले आकाश महासागर आहे
हिमालय उभे राहून बर्फासारखं बर्फ आहे

हे अतिशय अद्वितीय आहे, हे जुळे जोडणे, माती विणणे
हे धागे बरोबर बांधले गेले होते, ते जगाशी स्पर्धा करणारे दिसत होते

धैर्याशिवाय आजार चालू आहे, अद्याप एकही पराभव नाही
मुलगीचा विवाह, मुलाचे काम, प्राणघातक हल्ला

खांदा हा मेरुदंडाच्या उत्तरला देखील उत्तर देत आहे
तुमचा मुलगा सुखी आहे, आनंदी आहे

मुलगी पोपट गेली आहे, मुलगाही पाठविला गेला आहे
रोज नवीन चंद्र तुमच्याकडून येणार आहे

रिक्त हात आता खिशा खाली आहे, परंतु सर्वात मद्यधुंद
पन्ना सेठ, ही जुल्हा, राखा …

2020 update

About the author

admin